मध्य प्रदेश बारिश
से तरबतर: हालात हुए बेकाबू
(सोनल सूर्यवंशी)
भोपाल (साई)। देश
के हृदय प्रदेश में बारिश का आलम यह है कि लोग पांच दिनों से भगवान भास्कर के
दर्शन को तरस गए हैं। लोगों के घरों में सीलन भर गई है, और पहनने के कपड़े
सूख नहीं पाने से सड़ांध मार रहे हैं। कुदरत के इस कहर से लोग घबराए हुए हैं। तेज
वर्षा से उपजी बाढ़ की स्थित से हालत बेकाबू होते दिख रहे हैं।
हफ्तेभर के बाद फिर
मानसून पूरे प्रदेश पर छा गया है। नेशनल व स्टेट हाईवे सहित कई मार्गाे पर पुल
टूटने से ट्रैफिक बाधित है। नर्मदा उफान पर है। इंदिरा सागर बांध के 12 और ओंकारेश्वर के
सात गेट खोले गए हैं। होशंगाबाद में बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए सेना बुलाई गई
है।
मौसम विभाग के
सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि भोपाल (5.59 इंच), बैतूल (3.42), होशंगाबाद (6.86), रायसेन (3.77), पचमढ़ी (10.39) बारिश दर्ज की गई
है। इसके अलावा होशंगाबाद से साई संवाददाता विवेक गौर ने बताया कि नर्मदा-
होशंगाबाद में सेठानी घाट पर पानी खतरे के निशान को छू गया है। नेमावर में खतरे के
निशान से तीन फीट ऊपर (888 फीट) बह रहा है। धरमपुरी, कुक्षी और मनावर
तहसील के नर्मदा किनारे के क्षेत्रों में अलर्ट।
प्रदेश भर से
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के सूत्रों ने बताया कि हालात कामेबेश हर जगह बेकाबू ही
नजर आ रहे हैं। विदिशा और रायसेन में बेतबा का जलस्तर प्रति घंटे बढ़ रहा है। उधर,
कंदेली, पोपवती, ईदनाचांदनी, हथेड़, ताप्ती, माचना, सूखी, धार नदियां भी उफान
पर हैं। आलम यह है कि इटारसी क्षेत्र में 40 से अधिक गांवों में पानी भर गया है। वहीं
दूसरी ओर होशंगाबाद के 25 गांवों को खाली करने के आदेश दे दिए हैं।
मालवांचल से समाचार
एजेंसी ऑॅफ इंडिया के इंदौर ब्यूरो से विजय सिंह राजपूत ने बताया कि इंदौर में
पहले रिमझिम फिर तेज बारिश हुई। देर रात तक बादल बरसते रहे। देवास जिले में भी
बारिश का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। मौसम विभाग के मुताबिक ओडिशा और झारखंड में
बने कम दबाव के क्षेत्र के कारण आगामी 48 घंटे में भोपाल, होशंगाबाद, इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर
तथा चंबल संभाग में कुछ स्थानों पर अत्यधिक वर्षा होने का अनुमान है।
उधर समाचार एजेंसी
ऑफ इंडिया के भोपाल ब्यूरो से नंद किशोर ने बताया कि कलेक्टर मोहनलाल मीना के
मुताबिक, कल रात
ग्राम पोलहा में दो महिलाओं, एक बच्चे सहित पांच लोग लोग अपने खेत में सो
रहे थे। इस दौरान रात में हुई लगातार तेज वर्षा से बाढ़ की स्थिति निर्मित होने से
पानी ने इस गांव को चारों तरफ से घेर लिया। इससे यह पांच लोग खेत में फंसे रह गए।
उन्होंने बताया कि दाहोद के पास केरवा नदी में बाढ़ आ जाने से इस गांव को पानी ने चारों तरफ से घेर लिया।
वहीं पुलिस अधीक्षक
आईपी कुलश्रेष्ठ ने बताया कि बाढ़ के पानी में फंसे इन पांचों लोगों को बचाने के
लिए राहत एवं बचाव दल सुबह मौके पर पहुंच गया था। आखिरकार इन्हें सुरक्षित बचा
लिया गया। जिले में तेज वर्षा के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग पर पगनेवर नदी के पुल पर
लगभग पांच फीट पानी उपर बहने से रायसेन का विदिशा से सड़क संपर्क टूट गया और शहर के
कई इलाकों में घरों में पानी घुसने से लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
इसके साथ ही रेहटी, औबेदुल्ला मार्ग पर
भी देलवाड़ी के पास रपटे के ऊपर से पानी बहने से मार्ग के दोनों तरफ वाहन की लंबी कतारें लग गईं। जिले में पिछले 12 घंटों के दौरान 96 मिली मीटर वर्षा
दर्ज की गई है। इस दौरान सर्वाधिक 200 मिलीमीटर वर्षा गौहरगंज तहसील में हुई।
निचली बस्तियों में
पानी भरारूपिछले 24 घंटे से
हो रही मूसलाधार बारिश से इटारसी शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए। सोमवार सुबह 5 इंच और शाम 4 बजे तक 8 इंच बारिश दर्ज की
गई। जिससे शहर के नाला मोहल्ला, पीपल मोहल्ला, बंगलिया, काबड़ मोहल्ल, मालवीयगंज, पुरानी इटारसी, सूरजगंज समेत पॉस
कॉलोनियों के मकानों में भी पानी समा गया।
इधर पथरौटा गांव का
तालाब लबालब हो गया। यहां से आसपास रहने वाले 30 परिवारों को राहत
शिविरों में शिफ्ट किया गया। लगतार बारिश से तवा डेम के 13 गेट 30-30 फीट तक खोलने पड़
गए। शहर के सब स्टेशन में पानी भर जाने से सुबह 11 बजे से पूरे शहर
की बिजली बंद रही। नेशनल हाईवे 69 पूरी तरह से बंद रहा। दो दर्जन गांवों में
पानी, 500 लोग बाढ़
में फंसे, एक युवती
की मौत हो गई बताई जाती है।
ब्लॉक में दो दर्जन
से अधिक गांवों में तवा नदी का पानी घुस गया। ग्राम बालाभेंट, झालसरसेठ, गुराडियामोती, रजौन, शुक्करवाड़ा फाम
समेत अन्य ग्रामों में 500 से अधिक लोग बाढ़ के पानी में फंसे हैं। बाढ़ से बचने के लिए
लोग पेड़ों पर चढ़े हुए हैं। कई जानवर भी बह गए हैं। तवा पुल अंचलखेड़ा के बीच 500 मीटर तक 4 फीट से अधिक पानी
मार्ग पर आ जाने के कारण रास्ता बंद है।
समाचार एजेंसी ऑफ
इंडिया के चम्बल ब्यूरो से राजीव सक्सेना ने खबर दी है कि लंबे अरसे से बारिश का
इंतजार अब समाप्त हो गया है। लेकिन दो घंटे हुई तेज बारिश ने दो घरों की खुशियां
छीन लीं और हजारों लोगों को बेहाल कर दिया। हालत यह थी कि शहर के प्रमुख मार्ग
पानी से लबालब थे। शहर मानो थम सा गया था। शहरवासियों को सबसे ज्यादा तकलीफ दे रही
थी निगम प्रशासन की लापरवाही।
शहर में सोमवार को
हुई तेज बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कैंसर पहाड़ी पर एक दीवार ढहने
से एक महिला की मौत हो गई और तीन लोग घायल हो गए। उधर, बिजली गिरने से
गोला पहाड़िया क्षेत्र में एक युवक की मौत हो गई। रविवार से शुरू हुआ बारिश का
सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा। सुबह से रिमझिम बारिश होती रही। दोपहर सवा दो बजे
से सवा चार बजे तक जमकर बारिश हुई। बारिश के कारण सड़कों पर पानी भरने से ट्रैफिक
अस्त-व्यस्त हो गया। निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के घरों में पानी भर
गया।
हालत यह थी कि
बारिश थमने के दो घंटे बाद भी लोग पानी निकालते रहे। सोमवार को दो घंटे के दौरान 75.1 मिमी बारिश
रिकॉर्ड की गई, जबकि
रविवार को 17.4 मिमी हुई
थी। अगस्त माह में अब तक 96 मिलीमीटर पानी गिर चुका है। शहर में अब तक कुल औसत बारिश से
आधा पानी ही गिरा है।
बारिश के कारण
पिछले दिन की तुलना में अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई।
अधिकतम तापमान 0.2 डिग्री
सेल्सियस गिरावट के साथ 30 डिग्री रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से 1.5 डिग्री कम था।
पिछले दिन की तुलना में न्यूनतम तापमान 2.1 डिग्री गिरावट के साथ 25 डिग्री रिकॉर्ड
किया गया।
संपूर्ण
ग्वालियर-चंबल अंचल,
दो दिन से जारी झमाझम बारिश से अंचल तरबतर हो गया है।
ग्वालियर में सोमवार को 75.1 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई जबकि दतिया में 81 मिमी। इस मानसून
सीजन में यह रिकार्ड एक दिनी बारिश है। भिंड और शिवपुरी में 20-20 एवं मुरैना में 10 मिमी बारिश हुई।
श्योपुरवासियों को रिमझिम बारिश से ही संतोष करना पड़ा।
ग्वालियर में
सोमवार को सुबह 8 बजे से
शाम 5 बजे तक 75 मिमी बारिश दर्ज
की गई। पिछले सात साल में यह एक दिन की सबसे तेज बारिश है। इससे पूर्व वर्ष 2006 में 24 जून को दो घंटे
में 116 मिलीमीटर
पानी गिरा था। वर्ष 2011 में भी 29 अगस्त को डेढ़ घंटे में 69 मिमी पानी गिरा
था। झमाझम बारिश से अंचल में किसानों के चेहरों पर छाई मायूसी काफी हद तक दूर हो
गई है। शहर में जहां सड़कें तो गांवों में खेत लबालब हो गए हैं।
प्रदेश भर से
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से मिली जानकारी के अनुसार अनेक रास्ते बंद, होने से जाम लग गया
है। रात भर से हो रही बारिश से नदी-नाले
उफान पर आ गए हैं,
जिससे विभिन्न शहरों का आपस में आवागमन अवरुद्ध हो गया है।
रायसेन जिले के ग्राम ताड़ी में बारना नदी उफनकर दर्जनभर घरों में घुस गई। इनमें
रहने वाले परिवारों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
उधर, इसी जिले में
सागर-भोपाल मार्ग पर दरगाह के पास नाले के उफान पर आने से यहां पर करीब चार घंटे
तक यातायाता थमा रहा। वहीं नेशनल हाईवे 86 रायसेन-सांची मार्ग कौड़ी नदी के पुल पर 12 फीट से ज्यादा
पानी होने से यह रास्ता भी बंद हो गया। जबकि सागर रोड पर टोल टैक्स नाका के पास
नाला चढऩे से सागर मार्ग भी सुबह से बंद है। बारिश का दौर जारी रहने से उक्त
रास्ते शुरू होने की संभावना कम बनी हुई है।
गौहरगंज और
औबेदुल्लागंज के आसपास के करीब दो दर्जन गांव भारी बारिश से प्रभावित हैं। इन
गांवों के रहवासियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा रहा है। कलेक्टर ने तहसील
में अलर्ट जारी कर दिया है। भारी बारिश के कारण पोलाहा गांव स्थित केरवा नदी में
पानी आने से आधा दर्जन लोग बाढ़ में फंस गए थे। जिन्हें दस घंटे की कोशिशों के बाद
सुरक्षित निकाल लिया गया। ग्राम वासियों ने आपदा प्रबंधन को लेकर प्रशासन पर
नाराजगी जताई है। आग लगने पर कुआं खोदने वाली कहावत केरवा में फंसे लोगों को
निकालने में चरितार्थ हुई। बीती रात तहसील में आठ इंच बारिश मापी गई।