रेल यात्री
सुविधाओं को तरसता राजस्थान
(शैलेन्द्र)
जयपुर (साई)। समूचा
राजस्थान इन दिनों रेल यात्री सुविधाओं के लिए केंद्र सरकार की ओर ही आस लगाए बैठा
है। आलम यह है कि जयपुर जंक्शन यात्रियों की भीड़ के आगे अब छोटा पड़ने लगा है। इस
साल गर्मियों की छुट्टियों में तो यहां साढ़े तीन लाख यात्री बढ़ गए, जो पिछले साल के
मुकाबले 34 प्रतिशत
अधिक थे। इतना यात्रीभार बढ़ने की रेलवे प्रशासन को भी उम्मीद नहीं थी।
ऐसे में रेलवे को
मौजूदा संसाधनों के भरोसे ही रहना पड़ा। इससे यात्री सफर के दौरान ट्रेनों में
परेशान होते रहे। बढ़े हुए यात्रीभार के हिसाब से कम से कम 15 नई ट्रेनों की
जरूरत थी, जबकि संसाधन
बढ़ाने के नाम पर केवल एक नई ट्रेन उपलब्ध कराई गई। इस साल रेल बजट में जयपुर को
सात नई ट्रेनें देने की घोषणा हुई थी। इनमें से तीन तो पहले से ही होली डे स्पेशल
के रूप में चल रही थीं। शेष चार ट्रेनों में से अभी तक केवल एक ट्रेन चलाई गई और 3 ट्रेनों के चलने का
इंतजार है। यात्रियों की भीड़ को देखते हुए अब कई मार्गाे पर और ट्रेन चलाने की
जरूरत है।
रेल्वे सूत्रों ने
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि पूर्व में घोषित बीकानेर-पुरी एक्सप्रेस वाया
जयपुर (साप्ताहिक),
अहमदाबाद-गोरखपुर एक्सप्रेस वाया जयपुर (साप्ताहिक) और
दरभंगा-अजमेर एक्सप्रेस वाया जयपुर (साप्ताहिक) अभी तक पटरी पर नहीं उतर सकी हैं।
सिर्फ बजट में घोषित ओखा-जयपुर एक्सप्रेस (साप्ताहिक) ही अभी तक पटरी पर दौड़ सकी
है।
सूत्रों ने बताया
कि यात्री भार को देखते हुए पिछले साल मई, जून और जुलाई में रेलवे ने 378 अतिरिक्त डिब्बे
लगाए थे। इस साल 523 अतिरिक्त
डिब्बे लगाए गए जो पिछले साल के मुकाबले 145 ज्यादा थे।
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