बीमारी से कराह रहा है जिला चिकित्सालय
(पीयूष भार्गव)
सिवनी (साई)। लगातार बारिश से, मौसम में संक्रमण
तेजी से फैल रहा है, जिसके चलते बीमार
होने वालों की तादाद में विस्फोटक बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। लगातार बढ़ते मरीजों और
चिकित्सक तथा पॅरा मेडीकल स्टाफ की मटरगश्ती से जिला चिकित्सालय भी बुरी तरह कराह
रहा है।
एक अनुमान के अनुसार जिला चिकित्सालय में पिछले दिनों रोजाना लगभग पांच सौ
मरीज अपना इलाज करवाने पहुंच रहे हैं, जिसमें से चार
दर्जन से ज्यादा मरीज अस्पताल में दाखिल हो रहे हैं। अस्पताल में इतने मरीजों को
भर्ती करने की क्षमता नहीं है, जिसके परिणाम
स्वरूप वार्ड के फर्श पर मरीजों की रेलमपेल देखते ही बन रही है।
गंदगी से बजबजा रहे हैं संडास
जिला चिकित्सालय में मरीजों की बढ़ी तादाद से यहां के संडास पूरी तरह गंदगी
से बजबजा रहे हैं। आलम यह है कि शौचालयों के साफ ना होने से संडास में जहां तहां
मल पड़ा हुआ है। लेट्रिन भी पूरी तरह लबालब ही पड़ी हुई हैं। अस्पताल के कॉरीडोर में
भी सीलन की बदबू लोगों को परेशान कर रही है।
दरबार लगाते हैं सिविल सर्जन
जिला चिकित्सालय में सिविल सर्जन के पद पर पदस्थ डॉ.सत्य नारायण सोनी का
ध्यान भी जिला चिकित्सालय की व्यवस्थाओं की ओर कतई नजर नहीं आता है। बताया जाता है
कि आपरेशन के पहले बेहोश करने के एवज में मोटी रकम लेने के हजारों संगीन आरोप
डॉ.सत्यनारायण सोनी पर हैं। बताते हैं कि डॉ.एस.एन.सोनी को दरबार लगाने का शौक है।
जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन कक्ष में सदा ही कम से कम पांच चिकित्सक बैठे
मिलते हैं जो डॉ.सोनी की हां में हां मिलाकर राग मल्हार गाते दिखते हैं। वहीं
दूसरी ओर ओपीडी और वार्ड में मरीज कराहते पड़े रहते हैं।
लगातार बारिश बढ़ा रही मुसीबत
पिछले लगभग एक माह से लगातार होने वाली बारिश से लोग आजिज आ चुके हैं।
सूर्यनारायण की बादलों के बीच लुकाछिपी के चलते बारिश के मौसम में कीट पतंगे तेजी
से पनप रहे हैं। जानकारों का कहना है कि इस मौसम में नंगी आंखों से ना देखे जा
सकने वाले कीटाणु भी तेजी से ही पनपते हैं, जो रोगों के कारक
होते हैं।
एडवाईज़री जारी करने में असफल स्वास्थ्य विभाग
बारिश के मौसम में किन किन सावधानियों को बरता जाए यह बताने में स्वास्थ्य
विभाग पूरी तरह ना केवल असफल है वरन् स्वास्थ्य विभाग ने इसकी एडवाईज़री भी जारी
नहीं की है। केंद्र पोषित एनआरएचएम स्कीम के तहत करोड़ों रूपयों के आवंटन का
स्वास्थ्य विभाग द्वारा क्या किया गया है इस बारे में ना तो जिला प्रशासन को ही
जानकारी है और ना ही आम जनता को। एनआरएचएम की मद को ही अगर सही उपयोग किया जाए तो
शहर और जिले के हर व्यक्ति को घर बैठे पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकती हैं।
विडम्बना यही है कि स्वास्थ्य विभाग इस ओर ध्यान देने के बजाए अपनी उदर पूर्ति में
ही लगा हुआ है।
दूबरे पर दो आषाढ़ है डेंगू
पुरानी कहावत दूबरे पर दो आषाढ़ को डेंगू चरितार्थ कर रहा है। डेंगू के
लार्वा रोज मिल रहे हैं और स्वास्थ्य विभाग ने दस दिन बाद भी मीडिया के अथवा
पंपलेट्स या मुनादी पिटवाकर डेंगू की एडवाईज़री जारी नहीं की है। जानकारों की मानें
तो एडीज़ मच्छर का लार्वा लगभग 365 दिन यानी एक साल
तक प्रभावी रहता है। ठण्ड के मौसम में डेंगू का कहर तेज होने की आशंका से इंकार
नहीं किया जा सकता है।