शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2012

लोकसभा में गूंजेगा झाबुआ पावर का मामला!


0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . .  67

लोकसभा में गूंजेगा झाबुआ पावर का मामला!

झाबुआ पावर की सारी जानकारियां बुलवाईं कांग्रेस के एक संसद सदस्य ने



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल और मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले आवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा आदिवासियों के हितों पर कुठाराघात किए जाने का मामला मध्य प्रदेश के एक कांग्रेसी संसद सदस्य ने उठाने का मन पुनः बना लिया गया है। पूर्व में लोकसभा सत्र में उन्होंने इसे उठाने का मन बनाया था किन्तु प्रपत्रों की कमी के चलते वे इसे सदन में प्रस्तुत नहीं कर पाए थे। 12 मार्च से आहूत बजट सत्र में इस मामले के उठने की संभावनाएं प्रबल होती दिख रही हैं।
मीडिया के बीच चल रही चर्चाओं के अनुसार उक्त संसद सदस्य ने इस हेतु वे आवश्यक प्रपत्र एकत्रित करने का काम लगभग पूरा कर लिया गया हैं। आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि जिस स्थान पर यह संयंत्र संस्थापित होने वाला है वहां के कांग्रेस के सांसद बसोरी सिंह मसराम और पड़ोसी भाजपाई सांसद के.डी.देशमुख ने इस बारे में संसद में मौन साध रखा है।
साउथ ब्लाक परिसर में चहलकदमी कर रहे मध्य प्रदेश के एक संसद सदस्य ने मीडिया के एक वरिष्ठ सदस्य से इस बारे में चर्चा करते हुए कहा कि उन्हें विभिन्न माध्यमों से गौतम थापर द्वारा आदिवासियों के हितों के साथ खेलने की शिकायतें मिली हैं। उन्होंने कहा कि वे इस बारे में जानकारियां एकत्र कर रहे हैं और संसद में ध्यानाकर्षण में इस बात को उठाने का प्रयास करेंगे।
मीडिया के बीच चल रही चर्चाओं के अनुसार आदिवासियों के नाम पर सालों से राजनीति करने वाली कांग्रेस और भाजपा के क्षेत्रीय सांसदों द्वारा इस मसले को आखिर उठाया क्यों नहीं जा रहा है? गौरतलब है कि परिसीमन में समाप्त हुई सिवनी लोकसभा का आधा हिस्सा आरक्षित मण्डला और बाकी हिस्सा बालाघाट संसदीय क्षेत्र में मिला दिया गया है।
गौतम थापर के स्वामित्व वाले आवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा 1200 मेगावाट का प्रस्तावित जो कागजों पर अब 1260 मेगावाट का हो चुका है, का कोल आधारित संयंत्र आदिवासी बाहुल्य घंसौर तहसील में डाला जा रहा है। यह सिवनी जिले का हिस्सा है और मण्डला संसदीय क्षेत्र में आता है। मण्डला से आदिवासी समुदाय के कांग्रेस के सांसद बसोरी सिंह मसराम और जिले के शेष भाग के सांसद भाजपा के के.डी.देशमुख हैं।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि सिवनी जिले में परिसीमन के उपरांत बचे चार विधानसभा क्षेत्रों में एक में कांग्रेस और तीन पर भाजपा का कब्जा है। संयंत्र वाला हिस्सा लखनादौन विधानसभा का हिस्सा है यहां की भाजपा विधायक श्रीमति शशि ठाकुर खुद भी आदिवासी समुदाय से हैं। वहीं दूसरी ओर सिवनी से भाजपा की श्रीमति नीता पटेरिया, बरघाट से भाजपा के कमल मस्कोले तो केवलारी से कांग्रेस के हरवंश सिंह ठाकुर विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष हैं।
वर्तमान में लोकसभा के साथ ही साथ मध्य प्रदेश का विधानसभा का शीतकालीन सत्र भी चल रहा है। इसके वावजूद सिवनी जिले के चार विधायकों द्वारा इस मामले को विधानसभा में न उठाया जाना और दो सांसदों को अपने दामन में सहेजने वाले सिवनी जिले के आदिवासी हित के इस ज्वलंत मुद्दे को संसद में न उठाया जाना आश्चर्यजनक ही माना जा रहा है। यहां उल्लेखनीय होगा कि सिवनी जिले के हितों के लिए जिले के सांसदों ने कभी संसद में आवाज बुलंद नहीं की। नैनपुर से सिवनी छिंदवाड़ा अमान परिवर्तन का मामला भी 2005 में बिलासपुर के सांसद पुन्नू लाल माहौले ने ही उठाया था।

(क्रमशः जारी)

चुनाव बाद नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाएं तेज


बजट तक शायद चलें मनमोहन. . . 89

चुनाव बाद नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाएं तेज

यूपी चुनाव तय करेगा मन और राहुल का भविष्य

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। कांग्रेस के अंदर इस बात का मंथन तेज हो गया है कि पांच राज्यों विशेषकर उत्तर प्रदेश के चुनावों के परिणामों के साथ ही देश की बागडोर अस्सी साल के बुजुर्ग (डॉ.मनमोहन सिंह) के कांधों से अपेक्षाकृत कुंवारे चालीस साल के युवा (राहुल गांधी) को कैसे हस्तांतरित की जाए। काफी समय से कयास लगाया जा रहा है कि मनमोहन सिंह की छुट्टी किसी भी वक्त हो सकती है।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा कि कांग्रेस ने अगर उत्तर प्रदेश में हाफ सेंचुरी (पचास से अधिक सीटें) मार लीं तो यह समय मनमोहन सिंह की बिदाई और राहुल गांधी की ताजपोशी के लिए मुफीद ही रहेगा। मनमोहन सिंह को पीएम की कुर्सी से उतारकर कहां एडजस्ट किया जाएगा इस बारे में भी अब चर्चाएं चल रही हैं।
उधर, सालों साल कांग्रेस के लिए ट्रबल शूटर बने रहे उमर दराज प्रणव मुखर्जी की सालों साल कांग्रेस की सेवा का सम्मान के बतौर उन्हें भी कहीं एडजस्ट करने पर विचार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि मनमोहन सिंह, प्रणव मुखर्जी, मोतीलाल वोरी सरीखे उमर दराज नेता अब अपनी आखिरी पारी ही खेल रहे हैं।
इधर, लोकसभाध्यक्ष मीरा कुमार के मन में भी 7, रेसकोर्स रोड़ (प्रधामनंत्री आवास) या फिर रायसीना हिल्स स्थित महामहिम राष्ट्रपति के आवास को आशियाना बनाने की हसरतें कुलांचे भर रही हैं। मीरा कुमार पहली महिला लोकसभाध्यक्ष तो बन गईं पर पहिला महिला महामहिम प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ही रहेंगीं। उर्जा मंत्री सुशील कुमार शिंदे की नजरें भी रायसीना हिल्स पर जाकर टिक गईं हैं।
उक्त पदाधिकारी ने आगे कहा कि सोनिया गांधी को यह भी बताया गया है कि अगर 2014 में कांग्रेस बहुमत मे ंनहीं आई और अगर संप्रग भी खेत रहा तो राहुल गांधी को आने वाले पांच सालों तक सत्ता से दूर रहना पड़ सकता है। इसलिए बेहतर होगा कि राहुल गांधी को देश का वज़ीरे आज़म बना दिया जाए और ढाई साल उनके नेतृत्व में देश को संचालित कर चुनाव कराए जाएं।
इससे राहुल को सरकार चलाने का अनुभव मिल जाएगा, साथ ही साथ अगर 2014 में कांग्रेस सत्ता में नहीं आती तो राहुल गांधी को विपक्ष का संसदीय अनुभव भी हो जाएगा, जो उनके लंबे राजनैतिक जीवन में काफी हद तक सहायक सिद्ध होगा। राहुल और सोनिया समर्थक इस राय पर दो भागों में विभक्त हैं। समर्थकों का एक धड़ा तत्काल ताजपोशी का पक्षधर है तो दूसरा जल्दबाजी में कोई कदम न उठाने का हामी है।

(क्रमशः जारी)

यादव वोट बैंक में सेंध लगाते गौर!


यादव वोट बैंक में सेंध लगाते गौर!

उमा भारती की राह में शूल बो रहे गौर

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। मूलतः यादव जाति के बाबू लाल गौर और लोधी समाज की उमा भारती के बीच द्वंद का खामियाजा उत्तर प्रदेश चुनावों में भाजपा भुगतने पर मजबूर है। वहीं उमा भारती की काफी करीब रहीं परिसीमन में समाप्त हुई सिवनी लोकसभा की अंतिम सांसद और सिवनी विधायक श्रीमति नीता पटेरिया की हरकतों का खामियाजा भी उत्तर प्रदेश में उमा भारती को कमजोर करने के लिए पर्याप्त माना जा रहा है।
हाल ही में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान स्थानीय शासन मंत्री जैसे जिम्मेदार ओहदे पर बैठे वयोवृद्ध भाजपा नेता बाबूलाल गौर ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा पहले दूसरे नहीं तीसरे नंबर पर रहेगी। गौर जो स्वयं उत्तर प्रदेश के नागौर जिले से हैं के इस कथन को सियासी हल्कों में बहुत ही गंभीरता से लिया जा रहा है।
एक तरफ तो उमा भारती के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता यहां तक कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (जो स्वयं उमा भारती के घुर विरोधी हैं) भी एड़ी चोटी एक किए हुए हैं। वहीं दूसरी ओर भाजपा के जीत के दावों की और कोई नहीं भाजपा के ही वरिष्ठ नेता बाबूलाल गौर द्वारा हवा निकाली जा रही है।
उल्लेखनीय होगा कि मध्य प्रदेश में राजा दिग्विजय सिंह के दस साल के राज को उमा भरती ने छीनकर उन्हें दस साल के लिए वनवास पर भेज दिया था। राजा का वनवास 2013 में पूरा होने को है। इसके बाद झंडा प्रकरण में फंसने के कारण उन्हें पद से त्यागपत्र देना पड़ा था, उमा भारती के बाद बाबूलाल गौर को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया था।
बाबू लाल गौर की हरकतों ने उमा भारती को खासा खफा कर दिया था और उसके बाद उमा की जिद पर ही गौर को हटाया जाकार शिवराज को नया निजाम बनाया गया था। विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि बाबूलाल गौर ने अपनी कुसी बचाने के लिए हवन पूजन में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने दिल्ली के छतरपुर स्थित मदन लाल राजस्थानी महराज के शनिधाम में जाकर हवन भी करवाया था।
दाती महराज खुद गौर पर इतने मेहरबान थे कि उन्होंने दिन में हुए हवन के उपरांत रात में जब बाबूलाल गौर विमान से दिल्ली से भोपाल वापसी की तैयारी कर रहे थे, तब बुरदलोई मार्ग स्थित मध्य प्रदेश भवन में सीएम सूट में सशरीर जाकर एक तावीज और अंगूठी दी थी। होनी को कोई नहीं टाल सका और अगले ही दिन गौर को जाना पड़ा था।
बहरहाल, बताते हैं कि इसके उपरांत गौर और उमा भारती में छत्तीस का आंकड़ा हो गया था। अब जबकि उमा भारती का चेहरा आगे कर भाजपा उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ रही है, तब बाबू लाल गौर का मुलायम सिंह यादव को प्रथम स्थान पर आने की घोषणा करना अपने आप में एक आश्चर्य से कम नहीं है।
सियासी जानकारों के अनुसार बाबू लाल गौर यादव जाति के हैं, उन्होंने भाजपा की जीत की कामना करने के बजाए मुलायम सिंह यादव की सपा को पहले स्थान पर बताया है। साफ है कि गौर से प्रभावित यादव का रूझान अब भाजपा के बजाए सपा की हो जाएगा।
इसके साथ ही साथ उत्तर प्रदेश में एक मामले को और हवा दी जा रही है। कहा जा रहा है कि एक समय उमा भारती के काफी करीब रहीं मध्य प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष श्रीमति नीता पटेरिया द्वारा अपने विधानसभा क्षेत्र के मुख्यालय सिवनी में विधायक निधि से बांटे गए लगभग सवा लाख रूपए (जिनकी लागत चालीस हजार रूपए से ज्यादा नहीं है) की लागत के लगभग ढाई दर्जन टेंकर वितरण समारोह में पुरोहित की थाली से दो सौ रूपए चुराने का आरोप है।
इन आरोपों के प्रमाण के बतौर टेंकर वितरण समारोह में प्रभारी मंत्री नाना भाउ माहोड के द्वारा पूजन की थाली में चढ़ाए गए दो सौ रूपए और उसके बाद श्रीमति नीता पटेरिया द्वारा नजरें बचाकर उन दो सौ रूपयों को अपने कार्डीगन की जेब में डालने के विज्जुअल दिखाए जा रहे हैं।
चर्चा है कि उमा भारती ने पहले बाबू लाल गौर पर दांव लगाया सो उनके बयान आज उमा को तीर की तरह चुभ रहे होंगे, वहीं दूसरी ओर उन्होंने नीता पटेरिया को गले लगाया तो आज नीता पटेरिया का यह वीडियो उमा के मुंह में कुनैन की तरह कड़वा ही साबित हो रहा होगा।

समृद्ध और संस्कारित समाज का निर्माण सहकारिता से ही संभव है: देवांगन


समृद्ध और संस्कारित समाज का निर्माण सहकारिता से ही संभव है: देवांगन

(मनोज मर्दन त्रिवेदी)

सिवनी (साई)। समृद्ध और संस्कारित समाज का निर्माण सहकारिता से ही संभव है। आज जब दुनिया के पूँजीवाद, साम्यवाद और मार्क्सवाद के  पैर उखडऩे लगे हैं तब सभी की निगाहें सहकारिता की ओर ही लगी हुई है। भारत का हजारों लाखों वर्ष पुराना इतिहास इस बात का साक्षी है कि यहाँ के संस्कारों में सहकारिता अक्षुण्य रूप से विद्यमान रही। संस्कारित सहकारिता का स्वरूप स्वर्णिम भारत के स्वरूप की झलक दिखाता है। इस प्रकार के उद्गार सहकार भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री विजय देवांगन द्वारा केवलारी में सहकार भारती के विकासखंड स्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुये कही गई। विजय देवांगन ने केवलारी में आयोजित सहकार भारती के सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष एवं सहकार भारती के प्रांतीय महामंत्री अशोक टेकाम द्वारा की गई। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सहकार भारती के क्षेत्र संगठन प्रमुख अजीत जैन रहे। केवलारी विकासखंड मुख्यालय के मंगल भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में लगभग ५०० सहकार भारती के कार्यकर्ताओं की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। कार्यक्रम में डॉ. प्रमोद राय,भाजपा नेता देवीसिंह बघेल, मदन चौरसिया, सुभाष यादव, प्रमोद पटेल, लता पटले, भुवन ठाकरे, श्याम मिश्रा, मुकेश बघेल, नरेश सेन, बालसिंह बिसेन, कृष्ण कुमार चौहान, बाबा पांडे, श्रीमति लता पटले, भाजपा मंडल बरघाट के अध्यक्ष श्रीमति किरण वाहने, अजय बाबा पांडे, संजय खंडाईत, डॉ.संजू चौहान, दुर्गा ठाकुर, यदुनाथ गुमास्ता, रंजीत राय, फागूलाल, नवल श्रीवास्तव, जितेन्द्र आदि वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में यह गरिमामय कार्यक्रम आयेाजित था।
उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुये मुख्य वक्ता विजय देवांगन ने कहा कि सहकारिता में ही वह सार्मथ्य है कि समय अपने अनुकूल सामाजिक संस्कारों समाज की आर्थिक स्थिति का निर्माण कर सकता है, अन्य व्यवस्थाएँ इतनी अधिक सक्षम नही है। भारत में तेजी से सहकारिता का विकास हो रहा है। आज पूरे भारत वर्ष में ७० लाख स्वसहायता समूह संचालित हो रहे हैं। इन्हीं स्वसहायता समूह की महिलाएँ समाज का नेतृत्व कर रही हैं। आज पंचायती राज व्यवस्था से लेकर राष्ट्रपति के पद तक महिला नेतृत्व का परिणाम है सहकारिता का विस्तार। सहकारिता नेतृत्व की क्षमता प्रदान करता है। जो महिलाएँ सीमित दायरे में घूँघट डालकर काम करने वाली थी आज वे स्वसहायता समूह के माध्यम से समाज का नेतृत्व करने में सक्षम हुई हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियों का बाजार में जो एकाधिकार था उस एकाधिकार को सहकारिता के माध्यम से समाप्त करते हुये अनेक सहकारी समितियाँ अपने उत्पादों को कम मूल्य पर ग्राहकों को प्रदान करने में सक्षम हुई है साथ ही सहकारी समितियों में लाखों रोजगार के अवसर प्रदान किये हैं। विजय देवांगन ने उपस्थित जनसमुदाय को कहा कि सहकार भारती के माध्यम से हमारा प्रयास रहेगा कि हर क्षेत्र में सहकारी समितियाँ निर्माण कर ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं एवं बेरोजगारों को रोजगार के अच्छे अवसर प्रदान किये जायें और इन समितियों के माध्यम से उपभोक्ताओं को क्षेत्रीय संसाधनों की उपलब्धता के अनुसार उपभोग की वस्तुएँ निर्माण करने वाली संस्थाएँ स्थापित हों।
मुख्य वक्ता विजय देवांगन ने बताया कि हरियाणा में सहकारी संस्था जो महिलाएँ संचालित करती हैं उस सहकारी समिति की महिलाओं ने इतनी अधिक आर्थिक सक्षमता प्राप्त की है कि पूर्व अमेरिका के राष्ट्रपति बिलकिंटन ने भी उसकी आर्थिक सक्षमता की प्रशंसा की। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस वर्ष को सहकारिता वर्ष के रूप में घोषित किया गया है। सहकारिता की जानकारी और अध्ययन के लिये अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विद्धान भारत आ रहे हैं और मध्यप्रदेश में सहकारिता के हो रहे विकास की ओर आकर्षित हैं। मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों को एक प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण देने का जो वायदा किया है वह हमारी सहकारिता की उच्च कोटि का स्वरूप है। सहकारिता ही संपूर्ण समाज का समविकास करने की धारणा वाली सोच है। हमारे संयुक्त परिवार से लेकर देश की संसद तक जो कामकाज की परंपरा है वह भी सहकारिता का ही स्वरूप है, परंतु ग्रामीण सहकारी संस्थाओं की दुर्गति के कारण पूँजीवादी व्यवस्था हावी हो रही है जिसके कारण भ्रष्टाचार, गरीबी, अशिक्षा बढ़ रही है। इन अव्यवस्थाओं को सहकारिता के माध्यम से ही सुधारा जा सकता है।
कार्यक्रम में अध्यक्षीय उदबोधन अशोक टेकाम द्वारा दिया गया। कार्यक्रम की प्रस्तावना सहकार भारती के क्षेत्र संगठन प्रमुख अजीत जैन द्वारा रखी गई। मंच संचालन सचिन अवधिया द्वारा किया गया। आभार प्रदर्शन मुकेश बघेल द्वारा किया गया। कार्यक्रम में सारी व्यवस्थाएँ अजय डागोरिया के निर्देशन में संपन्न हुई।

बडे काम का नारियल


हर्बल खजाना ----------------- 27

बडे काम का नारियल



(डॉ दीपक आचार्य)

अहमदाबाद (साई)। नारियल का प्रयोग लगभग हर भारतीय घर में होता है। नारियल के पत्तों से लेकर तेल तक सब कुछ हमारे लिए बड़ा उपयोगी होता है। नारियल का वनस्पतिक नाम कोकस न्यूसीफेरा है। नारियल का पानी हल्का, प्यास बुझाने वाला, वीर्यवर्धक, अग्निप्रदीपक तथा मूत्र संस्थान के लिए बहुत उपयोगी होता है।
नारियल के पानी में दूध से ज्यादा पोषक तत्व होते हैं। बच्चों को कच्चा नारियल खिलाने से उनके पेट के कृमि निकल जाते हैं। ब्लड़ प्रेशर और दिल के मरीजों के लिए नारियल का पानी बहुत उपयोगी होता है क्योंकि इसमें इलेक्ट्रोलाइट और पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है जो दिल की गतिविधियों को सुचारू रूप से कार्य करने में सहायता करती है।
नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर सिर में मालिश करने से रूसी से छुटकारा मिलता है और बाल स्वस्थ और लंबे होते हैं। दक्षिण भारत में नारियल के तेल का प्रयोग खाना बनाने के लिए किया जाता है। नारियल तेल में पकाया गया भोजन अधिक देर तक ताजा रहता है और पोषक पदार्थों के अवशोषण में मदद करता है।
नारियल का पानी न केवल शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है बल्कि शरीर में मौजूद बहुत से वायरसों से भी लड़ाई करता है।  रात के भोजन पश्चात नियमित रूप से आधा गिलास नारियल पानी पीने से पाचन क्रिया में फायदा होता है और अनिद्रा जैसी बीमारियों से छुटकारा मिलता है।
सुबह नियमित रूप से ५० ग्राम नारियल की गिरी को चबाने से गर्भवती महिला को स्वास्थ्य में तो लाभ होता ही है। साथ ही गर्भस्थ बालक भी गौरवर्ण का एवं हृष्ट-पुष्ट होता है।  नारियल तेल की मालिश से मस्तिष्क ठंडा रहता है। गर्मी में लगने वाले दस्तों में एक कप नारियल पानी में पिसा जीरा मिलाकर पिलाने से दस्तों में तुरंत आराम मिलता है।

(साई फीचर्स)