सोमवार, 9 जनवरी 2012

कैसे होगा जल प्रदूषण प्रबंधन



0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . . 47
कैसे होगा जल प्रदूषण प्रबंधन

दो सालों में नहीं बन पाई वर्षा जल संरक्षण प्रणाली

प्रदूषण नियंत्रण मण्डल निगल रहा देखकर मख्खी



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। मध्य प्रदेश सरकार के प्रदूषण नियंत्रण मण्डल और केंद्र सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा देश के हृदय प्रदेश के सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य घंसौर तहसील में लगने वाले कोल आधारित पावर प्लांट में पर्यावरण प्रदूषण के नियम कायदों की खुलकर अनदेखी की जा रही है। देश के मशहूर उद्योगपति गौतम थापर जिनका इकबाल राजनैतिक तौर पर काफी हद तक बुलंद है के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड के पास न जाने कौन सी जादू की छड़ी है कि एमपी की भाजपा और केंद्र की कांग्रेसनीत सरकार भी इस मामले में आंखों पर पट्टी चढ़ाए बैठी है।
मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल के सूत्रों का कहना है कि संयंत्र प्रबंधन द्वारा पर्यावरण और प्रदूषण मानकों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, और आला अफसारन नीरो के मानिंद बांसुरी बजाने में लगे हुए हैं। संयंत्र प्रबंधन द्वारा प्रदूषण रोेकने या कम करने के लिए निर्धारित वृक्षारोपण न किए जाने के बाद भी मण्डल द्वारा संयंत्र प्रबंधन पर कोई शस्ति निरूपित न करना अपने आप में एक आश्चर्यजनक अजूबा ही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कूलिंग टॉवर बलोडाउन, डी.एम.प्लांट, फिल्टर बैक वॉश, बायलर ब्लोडाउन आदि के द्वारा उत्सर्जित होने वाली उष्मा काफी हद तक मानव के लिए हानीकारक बताई जा रही हैं। संयंत्र प्रबंधन का दाव है कि सभी स्ट्रीम्स से उपचारित जल को तालाब में एकत्रित किया जाएगा और उसका उपयोग धूल के दमन और हरित पट्टिका के विकास के लिए किया जाएगा। यक्ष प्रश्न आज भी यही बना हुआ है कि जब अब तक हरित पट्टिका कागजों में ही हरे रंग से विकसित हो रही है तो उसके लिए पानी की आवश्यक्ता शायद नहीं ही है।
संयंत्र प्रबंधन द्वारा तालाब कहां बनाया जाएगा यह बात भी अभी स्पष्ट नहीं हो सकी है। संयंत्र प्रबंधन को तालाब बनाने के लिए जमीन को खोदना आवश्यक होगा। सूत्रों का कहना है कि संयंत्र प्रबंधन को जमीन इस शर्त पर दी गई है कि वह जमीन की सतह का ही उपयोग करेगा। अगर उसमें वह खुदाई आदि करता है तो इसके लिए उसे प्रथक से अनुमति लेना होगा। तालाब खोदने के लिए संयंत्र प्रबंधन को खनिज विभाग से अनुमति की दरकार होगी, जो अब तक शायद ली ही नहीं गई है। कहा जा रहा है कि अवैध खनन के अनेक मामले भी प्रशासन के पास संयंत्र प्रबंधन के लंबित ही हैं।
सबसे अधिक आश्चर्य तो इस बात पर है कि संयंत्र प्रबंधन ने अब तक वर्षा जल संरक्षण प्रणाली ही विकसित नहीं की है। कुल मिलाकर सिवनी जिले की आदिवासी बाहुल्य तहसील घंसौर में पर्यावरण बिगड़े, प्रदूषण फैले, क्षेत्र झुलसे या आदिवासियों के साथ अन्याय हो इस बात से मध्य प्रदेश सरकार के प्रदूषण नियंत्रण मण्डल और केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को कुछ लेना देना नहीं है। यह सब देखने सुनने के बाद भी केंद्र सरकार का वन एवं पर्यावरण मंत्रालय, मध्य प्रदेश सरकार, मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, जिला प्रशासन सिवनी सहित भाजपा के सांसद के.डी.देशमुख विधायक श्रीमति नीता पटेरिया, कमल मस्कोले, एवं क्षेत्रीय विधायक जो स्वयं भी आदिवासी समुदाय से हैं श्रीमति शशि ठाकुर, कांग्रेस के क्षेत्रीय सांसद बसोरी सिंह मसराम एवं सिवनी जिले के हितचिंतक माने जाने वाले केवलारी विधायक एवं विधानसभा उपाध्यक्ष हरवंश सिंह ठाकुर चुपचाप नियम कायदों का माखौल सरेआम उड़ते देख रहे हैं।

(क्रमशः जारी)

ममता दे रहीं मन से चुनौती


बजट तक शायद चलें मनमोहन . . . 69

ममता दे रहीं मन से चुनौती

वजीरे आज़म पर भारी पड़तीं पश्चिम बंगाल की निजाम!



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। कांग्रेस मंे अंदर ही अंदर वजीरे आजम मनमोहन सिंह के प्रबल विरोध के बाद अब पश्चिम बंगाल की निजाम ममता बनर्जी ने मनमोहन सिंह को सीधे सीधे टक्कर देना आरंभ कर दिया है। ममता बनर्जी के आगे नतमस्तक केंद्र सरकार का रूख देखकर अब सियासी गलियारों में मनमोहन सिंह से ताकतवर रूप में ममता बनर्जी को देखा जाने लगा है। ममता बनर्जी ने दूसरी बार साबित किया है कि वे मनमोहन सिंह से ज्यादा वजूद वाली नेता हैं।
गौरतलब है कि देश के वजीरे आज़म डॉक्टर मनमोहन सिंह संभवतः देश के पहले एसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने अब तक प्रत्यक्षतः कोई चुनाव नहीं जीता है। वे सदा ही पिछले दरवाजे से संसदीय सौंध जाने में विश्वास रखते आए हैं। प्रधानमंत्री बनने के उपरांत भी उनमें इतना नैतिक साहस नहीं आ पाया कि वे चुनाव के जरिए सीधे जनता का सामना कर सकें।
वहीं सवा सौ साल पुरानी और देश पर आधी सदी से ज्यादा राज करने वाली कांग्रेस के पास भी अब एसा कोई नेता नहीं बचा है जो जनता द्वारा सीधे चुना गया हो, जिसे प्रधानमंत्री बनाया जा सके। कांग्रेस की मजबूरी साफ झलक रही है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की थाप पर मुजरा करने वाले विपक्ष को भी इससे कोई लेना देना नहीं है।
कहा जा रहा है कि किसी को कांग्रेस की यह कमजोरी समझ में आई हो या ना आई हो पर त्रणमूल कांग्रेस सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की निजाम ममता बनर्जी इस बात को भली भांति समझ चुकी हैं। यही कारण है कि वे हर बार केंद्र सरकार की बांह मरोड़कर अपनी बात मनवाने का माद्दा रख रहीं हैं। आपस की धमकियों या गीदड़ भभकियों के बाद भी कांग्रेस चाहकर भी ममता का मोह नहीं छोड़ पा रही है।
पीएमओ के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि एफडीआई के उपरांत अब पैंशन बिल को भी ठण्डे बस्ते के हवाले करने के पीछे ममता बनर्जी का ही हाथ है। सूत्रों ने कहा कि हालात देखकर कहा जा सकता है कि केंद्र सरकार अब ममता बनर्जी के सामने पूरी तरह आत्मसमर्पण कर चुकी है। पिछले साल के अंतिम मंगलवार को वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी को ममता की पाती मिली, जिसमें उन्होंने पेंशन बिल का पुरजोर विरोध किया था।
प्रणव मुखर्जी के अंदरखाने से छन छन कर बाहर आ रही खबरों पर अगर यकीन किया जाए तो उस पत्र में ममता बनर्जी ने साफ लिखा था कि वे नहीं समझतीं कि पैंशन बिल से किसी का भला होने वाला है। पेंशन बिल की अनेक खामियां गिनाते हुए ममता बनर्जी ने इस पर अपनी आपत्ति भी दर्ज करवाई थी।
सूत्रों की मानें तो बुधवार को हुई मंत्रिमण्डल की बैठक की कार्यसूची में शामिल पैंशन बिल पर त्रणमूल के विरोध का साया इस कदर मण्डराया कि उस पर चर्चा करना भी वजीरे आजम ने मुनासिब नहीं समझा। बाद में ज्ञात हुआ कि त्रणमूल सुप्रीमो की तल्ख आपत्ति के बाद सरकार ने अपनी कार्यसूची को अंतिम समय में संशोधित कर उसमें से पेंशन बिल विलोपित कर दिया।

(क्रमशः जारी)

ममता ने बढ़ाई त्रिवेदी से दूरी


ममता ने बढ़ाई त्रिवेदी से दूरी



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। त्रणमूल कांग्रेस के कोटे वाले रेल मंत्रालय को जल्द ही कोई नया निजाम मिल सकता है। त्रणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो सुश्री ममता बनर्जी इन दिनों रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी से अच्छी खासी नाराज बताई जा रहीं हैं। रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी का कार्पोरेट चाल ढाल ममता बनर्जी को नागवार गुजर रहा है।
ममता बनर्जी के करीबी सूत्रों का कहना है कि त्रणमूल कांग्रेस सुप्रीमो सुश्री ममता बनर्जी इन दिनों केंद्रीय रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी से एक बार फिर खासी खफा नजर आ रही हैं। ममता के करीबी सूत्र कह रहे हैं कि वे इस बारे में भी विचार कर रही हैं कि केंद्र में चंद्राबाबू नायडू पेटर्न (नायडू ने एनडीए को बाहर से समर्थन दिया था) को अपनाया जाए। ममता भी बिना मंत्री पद लिए त्रणमूल का बाहर से केंद्र को समर्थन दे सकती हैं।
सूत्र बताते हैं कि ममता इस वक्त सबसे ज्यादा खफा केंद्रीय रेल मंत्री से हैं। केंद्रीय रेल मंत्री का कार्पोरेट चाल चलन उन्हें कतई रास नहीं आ रहा है। बताते हैं कि ममता की त्योंरियां तब चढ़ गईं जब उनके संज्ञान में यह लाया गया कि दिनेश त्रिवेदी के मंत्री बनते ही सबसे पहला फोन गुजरात के निजाम नरेंद्र मोदी का आया।
रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी के करीबी सूत्रों का कहन है कि पूर्व रेल मंत्री और त्रणमूल अध्यक्ष ममता बनर्जी और वर्तमान रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी के बीच रिश्तों में खटास आ चुकी है। ममता के संज्ञान में यह लाया गया है कि दिनेश त्रिवेदी जानबूझकर त्रणमूल के सांसदों को तवज्जो नहीं दे रहे हैं। दिनेश त्रिवेदी पर आरोप है कि उन्होंने ममता कोटरी को दूध में से मख्खी की तरह निकालकर बाहर कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक दिनेश त्रिवेदी ने ममता के करीबी रहे अशोक सुब्रहमण्यम, रतन मुखर्जी, जयंतो साहा आदि के लिए अपने मंत्रालय के दरवाजे बंद करवा दिए हैं। इतना ही नहीं दिनेश त्रिवेदी ने अपनी पीएस भी बंगाल काडर की एक भारतीय प्रशासनिक सेवा की महिला अधिकारी को बनाया है पर वे हैं पंजाबी। ममता को यह नागवार गुजर रहा है। उक्त अधिकारी भी त्रणमूल की सिफारिशों पर कान नहीं दे रही हैं।
उधर ममता के करीबी सूत्रोें का कहना है कि पिछले दिनों जब रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी पश्चिम बंगाल प्रवास पर थे तब उन्होंने कलकत्ता मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सोजन्य भेंट की थी। इस सोजन्य भेंट में ममता बनर्जी काफी उग्र नजर आईं। ममता ने दो टूक शब्दों में इस बात पर आपत्ति दर्ज कराई कि आखिर क्या वजह है कि दिनेश त्रिवेदी उद्योगपतियों से अपने रेल मंत्रालय के सरकारी कार्यालय में मिलने के बजाए अपने घर पर क्यों मिला करते हैं। सूत्रों ने संकेत दिए कि रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने अपना रवैया नहीं बदला तो उनकी रेल कभी भी पटरी से उतर सकती है।
कहा जा रहा है कि ममता ने अब त्रिवेदी और मोदी के बीच के कनेक्शन खोजने के लिए अपने बंदे पाबंद कर दिए हैं। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि रेल मंत्री रहते हुए ममता बनर्जी के करीबी अफसरान को भी उन्होंने पबांद कर दिया है कि वे इस बारे में पूरी मालूमात करें कि रेल मंत्रालय कहीं गुजरात से तो नहीं संचालित हो रहा है?

अभी और सहना होगा गलन भरी सर्दी को


अभी और सहना होगा गलन भरी सर्दी को

स्कूलों का समय बढ़ाने की मांग



(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। उत्तर भारत ने कोहरे और बर्फ की चादर ओढ़ ली है। पहाड़ी इलाकों से आने वाली गलन भरी हवाओं ने लोगों को घरों के अंदर कैद कर दिया है। इस पूरे हफ्ते दिल्ली वालों को ठंड के तीखे तेवर झेलने पड़ेंगे। मौसम के पूर्व अनुमानों के मुताबिक , इस वीकेंड तक मौसम का मौजूदा मूड बरकरार रहेगा। इसके साथ ही कोहरा भी कोहराम मचाने को तैयार है। ऐसे में दिन के साथ - साथ रात के पारे में भी 4 से 6 डिग्री की गिरावट दर्ज होगी। हवा के रुख में बदलाव के साथ कई बदलाव आएंगे। रूखापन और कोहरे की गहनता बढ़ेगी।
गौरतलब है कि पिछले तीन दिनों से दिल्ली एनसीआर में बादलों का डेरा है। ऐसे में धूप के दर्शन भी नहीं हो रहे। नतीजा यह है कि दिन का तापमान सामान्य से तीन डिग्री तक नीचे दर्ज हो रहा है। शनिवार को अधिकतम तापमान 17 डिग्री तो रविवार को 18.1 डिग्री दर्ज किया गया।
हिमाचल प्रदेश के बहुत से इलाकों में रुक-रुक कर हिमपात हो रहा है। कल शिमला में बीस सेन्टीमीटर और मनाली में चालीस सेन्टीमीटर बर्फ पड़ी। पंजाब के कुछ हिस्सों में भी बर्फ पड़ी है। उत्तराखंड के देहरादून में कल बारिश और ओले पड़ने से तापमान में कमी आई। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अधिकतम तापमान घटकर १८ डिग्री सेल्सियस रह गया।
इसके साथ ही पहाड़ों से होकर आने वाली ठंडी हवाओं ने काफी परेशान किया। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक , यूपी के उत्तर - पश्चिमी हिस्सों में एक चक्रवातीय सिस्टम तैयार हो गया है। साथ ही बंगाल की खाड़ी के ऊपर पिछले कई दिनों से सक्रिय चक्रवात अब अभी मौजूद है। इन कारकों के चलते पहाड़ों में बर्फबारी और बारिश का दौर आगे भी जारी रहेगा।
जम्मू - कश्मीर , हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ पहाड़ी इलाकों में भारी बर्फबारी होने की आशंका जताई गई है। दूसरी तरफ दिल्ली , उत्तर प्रदेश और बिहार के कुछ इलाकों में हल्की बारिश की भी आशंका है। मंगलवार से हवा के रुख में बदलाव का सिलसिला शुरू हो जाएगा। समूचे उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी जारी है। कश्मीर घाटी भीषण शीतलहर की चपेट में है। श्रीनगर में शून्य से पांच दशमलव पांच डिग्री सेल्सियस कम न्यूनतम तापमान के साथ कल इस मौसम की सबसे सर्द रात रही।
हवा के रुख में बदलाव से दिन के तापमान में बढ़ोतरी होगी , जबकि न्यूनतम तापमान में 4 से 6 डिग्री की गिरावट आ सकती है। पछुआ हवा अपने साथ गरमाहट लेकर आएगी , जबकि बीते दिनों हुई बारिश और पहाड़ों से आ रही ठंडी हवा के चलते दिल्ली सहित पूरे उत्तर - पश्चिमी भारत में काफी ठंड हो रही है। गरम और ठंडी हवाओं के मिलने से घना कोहरा बनेगा। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में घना कोहरा छाने का अलर्ट जारी कर दिया है। मौसम विभाग के मुताबिक रविवार को न्यूनतम तापमान 11.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हवा में नमी की मात्रा 93 फीसदी तक रही। सोमवार को न्यूनतम तापमान 8 डिग्री के आस - पास रहने के आसार हैं।
इलहाबाद से साई ब्यूरो निधि श्रीवास्तव ने बताया कि ठंड के बावजूद बड़ी संख्या में श्रद्धालु और कल्पवासी आज सुबह से ही पौष पूर्णिमा के पवित्र स्नान के लिए संगम और गंगा के विभिन्न विभिन्न घाटों पर पहुंच रहे हैं। संगम स्नान के बाद संगम के घाटों और यहां लगे तमाम शिवरों में परम्परागत धार्मिक पूजा-पाठ के कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। संगम की ओर जाने वाली सड़कों पर हर उम्र के तीर्थ यात्रियों के झुंड नजर आ रहे हैं। माघ मेला क्षेत्र में सुरक्षा के भी व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं।
काश्मीर से साई ब्यूरो ने बताया कि समूचे उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी जारी है। कश्मीर घाटी भीषण शीतलहर की चपेट में है। श्रीनगर में शून्य से पांच दशमलव पांच डिग्री सेल्सियस कम न्यूनतम तापमान के साथ कल इस मौसम की सबसे सर्द रात रही। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला घाटी में हिमपात के बाद उत्पन्न स्थिति पर व्यक्तिगत तौर पर निगार रखे हुए हैं और बिजली और अन्य सुविधाएं बहाल किए जाने के भरसक प्रयासों की समीक्षा कर रहे हैं। कड़ाके की ठंड में बिजली न मिलने से पानी की सप्लाई भी प्रभावित हुई है। इधर जम्मू, श्रीनगर, राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बहाल करने के भरसक प्रयासों में भी बाधा आ रही है और ये शाहराह आज चौथे दिन भी अभी तक यातायात के लिए बंद है।
देहरादून से साई ब्यूरो अमेय ने समाचार दिया है कि प्रदेष के विभिन्न पहाड़ी जिलों में जबरदस्त हिमपात के चलते पूरे राज्य के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में ठण्ड तेज हो गई है। मौसम विभाग के सूत्रों ने बताया कि पिछले तीन दिनों से रुक-रुक कर हो रही बर्फबारी के चलते पूरा प्रदेष शीतलहर की चपेट में आ गया है।
बर्फबारी के चलते ऋंिषकेष-बदरीनाथ मोटर मार्ग कल दो स्थानों पर बन्द हो गई, जिससे वाहनों की आवाजाही ठप हो गई, जबकि बर्फबारी के चलते जन-जीवन अस्त-व्यस्त रहा। पिथौरागढ़ में धारचूला-मुनस्यारी की पहाड़ियों में अधिक बर्फ पड़ने से बर्फीली हवाएं चलने से तापमान बहुत कम हो गया है। साई संवाददाता अमेय ने बताया है कि विधानसभा चुनावा में कई मतदान केंद्र ऐसे हैं, जहां पर अभी से बहुत अधिक बर्फ गिर गई है। संभावना है कि तीस जनवरी को वहां पर मतदान नहीं हो सकता है।
जिला प्रषासन मतदान कराने के लिए हैलीकाप्टर सेवा का उपयोग करने की तैयारी कर रहा है, लेकिन जिस हिसाब से बर्फ गिर रही है, उस हिसाब से चुनाव होना संभव नहीं लग रहा है। नैनीताल में आज भी बर्फबारी जारी है, जिससे आस-पास की पहाड़ियां सफेद बर्फ की चादर से ढक गई हैं। यहां लगभग दो से तीन इंच तक बर्फ पड़ी हुई है। पर्यटकों ने फोटोग्राफी कर बर्फबारी का आनन्द लिया।
लखनऊ से साई ब्यूरो दीपांकर श्रीवास्तव ने बताया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में पिछले चौबीस घंटों के दौरान हुई बूंदाबांदी से शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है।  शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है। हालांकि न्यूनतम और अधिकतम तापमान में अधिक गिरावट नहीं आई है। गोरखपुर में आज तड़के हल्की बारिश हुई, जिससे ठिठुरन बढ़ गई है।
पिछले चौबीस घंटों के दौरान आगरा और वाराणसी के अधिकतम तापमान में सामान्य से पांच डिग्री तक की कमी आई जबकि झांसी में तापमान सामान्य से छः डिग्री सेल्सियस कम रहा। विभिन्न स्थानों पर पड़ रहे घने कोहरे के कारण सड़कों पर वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई है जबकि रेलगाड़िया भी कई घंटे की देरी से चल रही है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले चौबीस घंटो ंके दौरान आसमान में बादल छाये रहेंगे जबकि कुछ स्थानों पर बूंदाबंादी हो सकती है। कड़ाके की ठंड के कारण लखनऊ और मुजफ्फरनगर जिलों में एक से कक्षा आठ तक के सभी स्कूल अगले दो दिनों तक के लिए बंद कर दिये गये हैं।
मध्य प्रदेश से साई ब्यूरो नंद किशोर जाधन ने खबर दी है कि कश्मीर और हिमाचलप्रदेश में हो रही भारी बर्फबारी और उत्तर भारत से आ रही सर्द हवाओं के चलते प्रदेश में शीतलहर जारी है। पिछले 24 घण्टों के दौरान इन्दौर, ग्वालियर और जबलपुर संभाग में ठंड का असर दिखाई दिया।
भिण्ड, झाबुआ, धार और आलीराजपुर में भी कम तापमान दर्ज किया गया। प्रदेश में कल न्यूनतम तापमान भिण्ड में 5 दशमलव चार डिग्री, झाबुआ में 6 डिग्री और धार में 7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया  गया। इन्दौर में भी दिन भर चली सर्द हवाओं के कारण लोग ठंड से ठिठुरते नजर आए।
राजधानी भोपाल में कल तापमान में 5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। तापमान के गिरने और कोहरा छाए रहने से शहरी क्षेत्रों में जहां हवाई, सड़क और रेल यातायात प्रभावित हुआ है, वहीं ग्रामीण इलाकों में खेती के काम पर विपरीत असर पड़ा है। मौसम विभाग ने आगामी दिनों में पारे में और कमी आने की संभावना व्यक्त की है।
जयपुर से साई ब्यूरो शैलेन्द्र ने बताया कि प्रदेश में पड़ रही कड़ाके की सर्दी और कोहरे से जनजीवन पर व्यापक प्रभाव पड़ा है। मौसम विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार सबसे कम न्यूनतम तापमान चूरु में शून्य दशमलव 9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। बीकानेर में दो दशमलव छह, जैसलमेर में तीन दशमलव सात, जयपुर, अजमेर, बाड़मेर और डबोक में करीब साढ़े पांच और जोधपुर में पांच दशमलव नौ डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान रहा।
मौसम विभाग ने फिलहाल तेज सर्दी का दौर बने रहने की संभावना जताई है। इस बीच धौलपुर में जिला कलेक्टर ने एक आदेश जारी कर पहली से आठवीें कक्षा तक के छात्रों के लिए 12 जनवरी तक अवकाश घोषित कर दिया है। बीकानेर में भी शीतलहर को देखते हुए सभी सरकारी और निजी स्कूलों में दो दिन का अवकाश घोषित कर दिया गया है।
उधर, छत्तीसगढ़ साई ब्यूरो से अभय नायक और आंचल झा ने बताया कि प्रदेश में इन दिनों मौसम में आए दिन बदलाव हो  रहे हैं। राज्य में अधिकांश जगहों पर बदली छाए रहने के समाचार मिले हैं, साथ ही कहीं-कहीं पर बारिश भी हुई है। बीते चौबीस घण्टों के दौरान कोरिया में बारिश के साथ ओले गिरने की खबर मिली है, जिससे इस इलाके के तापमान में गिरावट आई है। वहीं, रायपुर और जगदलपुर संभाग के कुछ स्थानों के तापमान में हल्की वृध्दि हुई है। मौसम विभाग ने अगले चौबीस घण्टों में कहीं-कहीं  हल्की बारिश होने अथवा गरज-चमक के साथ छीटें पड़ने की संभावना जताई है।
हिमाचल प्रदेश में मौसम काफी खराब बताया जा रहा है। साई ब्यूरो से स्वाति सिंह ने समाचार दिया है कि हिमाचल प्रदेश में रिकॉर्ड वर्षा और बर्फबारी के कारण अस्त-व्यस्त हुए जनजीवन के शीघ्र पटरी पर लौटने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार पिछले 72 घण्टों से सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ अब कुन्द पड़ रहा है और कल से मौसम में सुधार आ जाएगा।
विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार निचले हिमाचल में कल से मौसम सामान्य हो जाएगा जबकि मध्यम उंचाई वाले क्षेत्रों में दस जनवरी को मौसम में सुधार का अनुमान लगाया गया है। हालांकि अत्यधिक उंचाई वाले क्षेत्रों में 11 व 12 जनवरी को भी कुछ स्थानों पर वर्षा व बर्फबारी हो सकती है लेकिन शेष हिमाचल में अगले पूरे सप्ताह मौसम सामान्य रहने की उम्मीद है।
इसी बीच आज भी प्रदेश में रूक-रूक कर वर्षा व बर्फबारी का दौर जारी रहा। विशेषकर उपरी क्षेत्रों में बर्फबारी से हानेे वाली दिक्कतें लोगों को परेशान किए हुए हैं। जहां तीनों जनजातीय क्षेत्रों किन्नौर, लाहौल व पांगी की संपर्क व संचार व्यवस्था कटी हुई है। किन्नौर ज़िला में ज़िला मुख्यालय को छोड़ कर बाकी जगहों के लिए हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसें बंद कर दी गई हैं।
वहीं उपरी शिमला की ओर जाने वाले अधिकांश रास्ते अभी भी बंद हैं। सभी बर्फ प्रभावित ज़िलों के प्रशासन ने लोगों को फिलहाल एहतियात बरतने की सलाह दी है। पिछले तीन दिनों से जारी बर्फबारी के दौर के चलते अब तक शिमला में दस सेंटीमीटर, नारकण्डा में डेढ़ से दो फीट, डलहौजी में तीन से चार फीट, मनाली में दो फीट और चम्बा शहर में 18 सेंटीमीटर बर्फबारी दर्ज की गई है।
जबकि जनजातीय क्षेत्रों में तीन से लेकर आठ फीट तक बर्फबारी रिकॉर्ड की गई है। वर्षा व बर्फबारी के कारण प्रदेश लोक सेवा आयोग ने दस जनवरी को दन्त चिकित्सकों की नियुक्ति के लिए होेने वाला स्क्रीनिंग टैस्ट रद्द कर दिया है। आयोग के अतिरिक्त रजिस्ट्रार के अनुसार टैस्ट के लिए आगामी तिथियां अगले कुछ दिनों में घोषित की जाएंगी। 

यूपी निर्वाचन कार्यक्रम में फेरबदल


यूपी निर्वाचन कार्यक्रम में फेरबदल

(डॉ.प्रतीक खरे)

नई दिल्ली (साई)। निर्वाचन अयोग ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान कार्यक्रम में फेरबदल किया है।  आयोग ने बताया कि नई तारीखों की घोषणा जल्द की जाएगी और पहले चरण के मतदान की अधिसूचना कल जारी नहीं की जाएगी। यह फैसला बारावफात की तारीख पर अनिश्चितता के कारण किया गया है।
निर्वाचन आयोग के हाल की लखनऊ में हुई समीक्षा बैठकों के दौरान  कानून व्यवस्था से जुड़ी ईकाइयों और जिला निर्वाचन अधिकारियों ने इस मुद्दे को उठाया था। उन्होंने यह भी आशंका जाहिर की थी कि बारावफात के कार्यक्रमों में शामिल होने की वजह से लोगों के मतदान में शामिल नहीं होने की आशंका बनी रहेगी।
राज्य के पश्चिमी और तराई क्षेत्र के दस जिलों के साठ विधानसभा क्षेत्रों में चार फरवरी को प्रथम चरण में मतदान होना था। राज्य में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के तीन लाख से अधिक शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए निर्वाचन अधिकारियों ने साढ़े चार सौ से अधिक प्राथमिकी दर्ज करायी है। अभी तक तीन हजार से अधिक संवेदनशील इलाकों को चिन्हित किया गया है।

30 प्रत्याशियों ने भरे निर्वाचन फार्म


30 प्रत्याशियों ने भरे निर्वाचन फार्म

(अर्जुन कुमार)

देहरादून (साई)। प्रदेश में सामान्य विधान सभा निर्वाचन के तहत कल कुल तीस प्रत्याशियों द्वारा नामांकन कराया गया। प्राप्त सूचना के अनुसार मुख्य रूप से जनपद पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर से शूरवीर सिंह बिष्ट ने, चौबट्टाखाल से यशपाल बेनाम, लैंसडाउन से दिलीप रावत तथा मनीष सुंद्रियाल और नैनीताल जनपद के हल्द्वानी से डॉ. इंदिरा हृदयेश ने अपना नामांकन भरा। ऊधमसिंह नगर के रूद्रपुर से तजिन्दर सिंह और सितारगंज से नारायण पाल द्वारा अपने नामांकन भरे गए।
मसूरी से गणेश जोशी, जबकि जनपद रूद्रप्रयाग व चम्पावत से कोई भी नामांकन नहीं हुआ। अल्मोड़ा में आचार संहिता उल्लंघन के सात प्रकरण, ऊधमसिंह नगर में आचार संहिता के उल्लंघन के इकतीस मामलों पर सम्बन्धित रिटर्निंग अफसर द्वारा नोटिस जारी किये गये हैं।
राज्य के विभिन्न जिलों में कई प्रत्याषियों और उनके समर्थकों ने नामांकन की अंतिम सूची बनने से पहले ही घर-घर जाकर चुनाव प्रचार शुरु कर दिया है। जबकि नामांकन पत्रों की जांच के बाद अभी अंतिम सूची  जारी होना बाकी है। राज्य के देहरादून, हरिद्वार, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़, नैनीताल सहित कई जिलों में अब तक कुल पैंतालीस प्रत्याषियों ने नामांकन किए हैं और नामांकन करने के बाद ही इन प्रत्याषियों के समर्थकों ने लोगों से अपने प्रत्याषियों के समर्थन में वोट मांगने शुरु कर दिए हैं।
राज्य में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा मंत्री प्रकाष पन्त ने पिथौरागढ़ मंे अपना नामांकन शुक्रवार को किया था। उनके समर्थकों ने घर-घर जाकर श्री पंत की उपलब्धियों को गिनाते हुए उनके समर्थन में वोट मांगने शुरु कर दिए हैं। मसूरी विधानसभा के भाजपा के गणेष जोषी के समर्थक भी उनके समर्थन में जुट गए हैं। राज्य में मुख्य रूप से भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने सभी सत्तर सीटों पर अपने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है, जिसके चलते जिन टिकटधारियों ने अपने नामांकन नहीं भी किए हैं, वे भी अपने दल-बल के साथ प्रचार कार्य में जुट गए हैं।
उधर, ऊधमसिंह नगर के जिला निर्वाचन अधिकारी पीएस जंगपांगी ने मतदान के कार्य में लगाये जाने वाले लगभग छह हजार कर्मियों का प्रथम रैंण्डमाईजेषन किया। इस रैण्डमाईजेषन से कर्मियों की मतदान के लिये पीठासीन एवं मतदान अधिकारियों के पदों पर प्रथम नियुक्ति पत्र जारी किये जायेंगे।
उन्होंने बताया कि निर्वाचन में निष्पक्षता सुनिष्चित करने के लिये इस नियुक्ति पत्र में कार्मिकों को उनकी तैनाती और मतदेय स्थल का उल्ल्ेख नहीं किया जायेगा। जिला निर्वाचन अधिकारी ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देष दिये हैं कि वह अपने कार्यालय से सम्बन्धित मतदान कर्मियों के नियुक्ति पत्र तत्काल सम्बन्धित को तामील करना सुनिष्चित करें।
उन्होंने चेतावनी दी है कि निर्वाचन कार्य में किसी प्रकार की षिथिलता एवं निर्देषों की अवहेलना पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत सख्त कार्यवाही की जायेगी। उधर, जिले के प्रभारी अधिकारी, मतदान प्र्रषिक्षण, आरसी तिवारी ने बताया कि मतदान के लिये नियुक्त पीठासीन एवं मतदान अधिकारी प्रथम, को बारह एवं तेरह जनवरी को  विधान सभा क्षेत्रवार प्रथम प्रषिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने वताया कि मतदान कर्मी उसी विधान सभा क्षेत्र में प्रषिक्षण लेंगे जहां वर्तमान में उनकी विभागीय तैनाती है।
अल्मोड़ा के जिलाधिकरी डीएस गर्ब्याल ने बताया कि आचार संहिता उल्लघंन के नौ प्रकरण सामने आए हैं, जिसमें से छह का निस्तारण कर लिया गया है, जबकि तीन मामलों में जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय निर्वाचन आयोग से तैनात व्यय प्रेक्षकों तथा सहायक प्रेक्षकों ने अल्मोड़ा में प्रषिक्षण शुरु कर दिया है।
श्री गर्ब्याील ने बताया कि मतदाता शत-प्रतिषत मतदान करें, इसके लिए इस बार डोर-टू-डोर मतदाताओं तक मतदाता सूची पहंुचाई जाएगी। इसके अलावा महिलाओं और युवाओं को मतदान के लिए प्रेरित करने हेतु व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने अपील की है कि मतदाता अपने मतदान का शत-प्रतिषत उपयोग करें।
पिथौरागढ़ जिले में पिथौरागढ़, डीडीहाट, गंगोलीहाट और धारचूला विधानसभा क्षेत्रों मंे कई मतदान केंद्र अति संवेदनषील है। प्राप्त सूचना के अनुसार कुछ मतदान केंद्रों पर बहुत अधिक बर्फबारी होने की संभावना है, जिसका असर चुनाव में पड़ सकता है। जिला चुनाव प्रेक्षकों द्वारा अलग-अलग टीमें गठित कर दी गई हैं तथा अति संवेदनषील मतदान केंद्रों पर विषेष सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है।
उधर, टिहरी जिले की देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे प्रदेष के खाद्य मंत्री दिवाकर भट्ट को बेस अस्पताल श्रीनगर में भर्ती कराया गया है। उन्हें अचानक पेट दर्द और श्वास लेने में तकलीफ होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया। चिकित्सकों ने उन्हें कम से कम तीन का पूर्ण रूप से आराम करने की सलाह दी है।

टीटागढ़ वेगन को बदनाम करना उद्देश्य नहीं


टीटागढ़ वेगन को बदनाम करना उद्देश्य नहीं

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। हमने अपने ब्लाग में दिसंबर के पहले सप्ताह में ‘‘कार्पाेरेट सोच के धनी हैं दिनेश त्रिवेदी‘‘ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था, जिसका उद्देश्य कतई किसी की मानहानी और छवि पर बुरा प्रभाव डालने का कतई नहीं था। हमारा ब्लाग बहुत ज्यादा लोकप्रिय भी नहीं है कि जिसमें कोई सामग्री प्रकाशित हो तो उसका कोई व्यापक प्रभाव पड़े। फिर भी अगर हमारे उक्त शीर्षक से ब्लाग में लगाए गए समाचार से किसी का विशेषकर टीटागढ़ वैगन या उसके प्रबंधन और भागीदारोें की छवि पर इसका कोई प्रभाव पड़ा हो तो हम इसके लिए सार्वजनिक तौर पर खेद प्रकट करते हैं। उक्त समाचार हमारे ब्लाग में प्रकाशन के पूर्व राष्ट्रीय स्तर के अनेक समाचार पत्रों में जिनकी प्रसार संख्या लाखों करोड़ों में है एवं उनकी वेब साईट पर जिन्हें रोजाना लाखों लोग देखते हैं में प्रसारित किया जा चुका है।
ज्ञातव्य है कि हमारे ब्लाग पर ‘‘कार्पाेरेट सोच के धनी हैं दिनेश त्रिवेदी‘‘ शीर्षक एवं ‘‘ममता को रास नहीं आ रहा त्रिवेदी का नया खेल‘‘ उपशीर्षक से निम्न समाचार प्रकाशित किया गया था।

कार्पाेरेट सोच के धनी हैं दिनेश त्रिवेदी

ममता को रास नहीं आ रहा त्रिवेदी का नया खेल

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। केंद्रीय रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी की पटरी अब अपनी ही पार्टी की सर्वे सर्वा सुश्री ममता बनर्जी से मेल नहीं खा पा रही है। ममता और त्रिवेदी के बीच के रिश्तों में आई खटास की वजहों पर से अब परतें उखड़ने लगी हैं। सादगी की प्रतिमूर्ति बनी ममता बनर्जी को रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी का कार्पाेरेट आचार विचार गले नहीं उतर पा रहा है। वैसे भी दिनेश त्रिवेदी पर त्रणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की उपेक्षा के आरोप लग चुके हैं।
पश्चिम बंगाल की निजाम सुश्री ममता बनर्जी के करीबी सूत्रों का दावा है कि उनके और केंद्रीय रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी के बीच खाई कम होने के बजाए बढ़ती ही जा रही है। सूत्रों ने कहा कि त्रिवेदी विरोधी नेताओं ने ममता के कान उनके खिलाफ भरने आरंभ कर दिए हैं। इतना ही नहीं रेल विभाग की कार्यप्रणाली के बारे में त्रिवेदी विरोधियों के साथ ही साथ रेल विभाग के ममता बनर्जी के करीबी आला अफसरान ही फीड बैक देने से नहीं चूक रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि रेल वैगन का काम बिना किसी निविदा के पब्लिक सेक्टर की कंपनी भारत हेवी इलेक्ट्रीकल लिमिटेड को दे दिया गया है। इसमें ही जबर्दस्त खेल हुआ है। भेल वैसे तो भारी उद्योग विभाग के अधीन आती है पर यह ठेका भेल को इसलिए दिया गया है क्योंकि भेल इस ठेके को सबलेट करेगी। अगर निविदा बुलाई जाती तो कहानी कुछ और बन जाती।
सूत्रों ने कहा कि भेल इस काम को पेटी या सब कांट्रेक्ट पर टीटागढ़ वैगन को दे चुकी है। इस निजी कंपनी के मालिक अक्सर ही केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल और दिनेश त्रिवेदी की चौखट चूमते दिख जाते हैं। सूत्रों ने आश्चर्यजनक खुलासा करते हुए कहा कि इस पूरी की पूरी डील में संचार क्रांति के जनक माने जाने वाले सैम पित्रोदा की महती भूमिका रही है।
दिनेश त्रिवेदी वैसे भी सैम पर मेहरबान हैं, त्रिवेदी ने पित्रोदा को रेल आधुनिकीकरण कमेटी का सर्वेसर्वा भी बनाया हुआ है। सूत्रों की मानें तो जब रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी की इस कारस्तानी को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और त्रणमूल कांग्रेस की चीफ सुश्री ममता बनर्जी के संज्ञान में लाया गया तो वे हत्थे से ही उखड़ गईं। अब लगने लगा है कि दिनेश त्रिवेदी की रेल जल्द ही पटरी से उतरने वाली है।

यूपी में आचार संहिता उल्लंघन और अवैध धन के मामले बढ़े


यूपी में आचार संहिता उल्लंघन और अवैध धन के मामले बढ़े

(दीपांकर श्रीवास्तव)

लखनऊ (साई)। प्रदेश में आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन तथा संहिता के उल्लंघन तथा अवैध धन पकड़े जाने के कई  अवैध धन पकड़े जाने के कई और मामले सामने आये ह और मामले सामने आये हैं। बहराइच जिले के मोतीपुर क्षेत्र में स्थित एक कॉ लेज के शिक्षक के खिलाफ पुलिस ने साइकिलें बांटने के आरोप में आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया है। शिक्षक के खिलाफ सामूहिक रूप से बीस साइकिले क रूप से बीस साइकिलें बांटने का आरोप है।
कुशीनगर में बांटने का आरोप है। कुशीनगर में बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वामी  के प्रदेश अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है। उनपर बिना अनुमति लिये ग्राम प्रधानों की बैठक तथा दावत आयोजित करने का आरोप है। उधर पुलिस की स्टैटिक सर्वेंलास टीमों ने चेकिंग के दौरान लखनऊ सहित विभिन्न जिलों से पचहत्तर  लाख रूपये से अधिक की नकदी बरामद की।
सहारनपुर जिले के गंगोह क्षेत्र से पच्चीस लाख रूपये बरामद किये गये। मैनपुरी और फर्रूखाबाद जिले में चेकिंग के दौरान ग्यारह लाख पन्द्रह हजार रूपये बरामद हुए। फतेहपुर में जहानाबाद क्षेत्र से पांच पांच लाख तेईस हजार रूपये, वाराणसी के लंका क्षेत्र से ग्यारह लाख पन्द्रह हजार रूपये, सोनभद्र के अनपरा से चार लाख पच्चासी हजार छः सौ अस्सी रूपये और एक लाइसेंसी हथियार बरामद किया गया।
महराजगंज जिले की पुलिस ने साढ़े आठ लाख रूपये से अधिक की नकद धनरा िपुलिस ने साढ़े आठ लाख रूपये से अधिक की नकद धनराशि बरामद की ह श बरामद की है। बरेली में पुलिस ने एक बसपा नेता की कार से पचास हजार रूपये की नकदी बरामद की। प्रदेश की पुलिस ने अबतक विभिन्न जिलों से ग्यारह करोड़ रूपये नकद और पच्चीस किलो चांदी बरामद की है।

विंटर कार्नीवाल को सज गया शिमला


विंटर कार्नीवाल को सज गया शिमला

(शैव कुमार)

शिमला (साई)। भारी बर्फवारी के बीच मनु की नगरी मनाली कल से आयोजित होने वाले विंटर कार्निवाल के लिए तैयार है। इस बार कार्निवाल को राष्ट्रीय आयोजन का दर्जा दिया गया है जिसके चलते प्रशासन ने मनाली विंटर कार्निवाल को आकर्षक बनाने के लिए विशेष प्रयास किए है।
मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल कल सुबह हिडिम्बा मंदिर में पूजा अर्चना के बाद इसका विधिवत उद्घाटन करेंगे। विंटर कार्निवाल का इतिहास 35 साल पुराना है व तत्कालीन मुख्यमंत्री वाई.एस परमार ने इसका उद्घाटन किया था। इस कार्निवाल को शुरू करने का मकसद शीतकालीन खेलों को बढ़ावा देना व घाटी की संस्कृति से पर्यटकों को रू-ब-रू करवाना था।
वर्ष 1993 में देश के विभिन्न कॉलेजोें व सांस्कृतिक दलों ने विंटर कार्निवाल में भाग लेना शुरू किया और तब से इसे राष्ट्रीय स्तर पर जाना जाने लगा और आज तक यह सिलसिला जारी है। विंटर कार्निवाल का एक मुख्य आकर्षण शरद सुन्दरी का चुना जाना भी है तथा इसके अलावा स्कींईग इत्यादि प्रतियोगिताएं भी सोलंग नाला में आयोजित की जाती है। विंटर कार्निवाल के दौरान घाटी की संस्कृति को दर्शाती झाकियां भी निकाली जाती है।
जिसमें स्थानीय महिला मंडल, युवक मंडल व देश-प्रदेश से आए अन्य प्रतिभागी भी भाग लेते हैं। इसके अलावा मनु रंगशाला में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते है, जिसमें देश-प्रदेश की संस्कृति का भरपूर प्रदर्शन होता है। इन कार्यक्रमों का स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटक भी आनंद लेते हैं। इस साल हालांकि मनाली में 2 फीट से भी ज्यादा बर्फवारी हुई है, परन्तु कार्निवाल को लेकर लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई है।
प्रशासन भी कार्निवाल की तैयारियों में जी जान से जुटा है। हिडिम्बा रोड से मनाली माल रोड तक तथा मनाली से सोलंग नाला के रास्ते से बर्फ हटाकर उसे छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया है। एसडीएम मनाली के अनुसार कार्निवाल में हिस्सा लेने के लिए 9 राज्यों के सांस्कृतिक दल मनाली पहुंच गये है, व शेष के कल सुबह तक पहुंचने की उम्मीद है।

नियमविरूद्ध संलग्लनीकरण कर रहे एसी ट्रायबल


नियमविरूद्ध संलग्लनीकरण कर रहे एसी ट्रायबल


(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। आदिवासी विकास विभाग में इन दिनों नियम विरूद्ध संलग्नीकरण का खेल खेला जा रहा है जिससे विभागीय शैक्षणिक संस्थाओं में शिक्षक और प्राचार्य अपना मूल काम छोड़कर लिपिक और लेखापाल के काम में लगे हुए हैं। वर्तमान में जिले के आधा दर्जन से ज्यादा स्कूलों के लेखापाल आश्चर्यजनक तौर पर आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त कार्यालय में संलग्न हैं। इन लेखापालों की फौज से सहायक आयुक्त क्या काम ले रहे हैं यह बात शोध का विषय ही मानी जा रही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक शाला गणेशगंज के लेखापाल पी.के.राय, शासकीय हाई स्कूल पीपर वानी की लेखापाल उषा फरबे, शासकीय हाई स्कूल देवगांव के लेखापाल सुधीर राजनेगी, शासकीय आदर्श शाला घंसौर के यशवंत एवं उत्कृष्ठ शाला घंसौर के लेखापाल हेमंत पटेल इन दिनों सहायक आयुक्त कार्यालय में प्रतिनियुक्ति पर हैं।
यहां उल्लेखनीय होगा कि पिछले शैक्षणिक सत्र में जबलपुर संभाग का परीक्षा परिणाम सबसे कम आया था। दूबरे पर दो असाढ़ की तर्ज पर सिवनी जिला इसमें भी सबसे निचली पायदान पर ही था। इनमें भी ट्रायबल विभाग की शालाओं का परीक्षा परिणाम सबसे कम था। लेखापालों के संलग्न हो जाने से प्राचार्य और शिक्षकों को बाबूगिरी का काम करना पड़ रहा है जिससे अध्ययन अध्यापन कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
चर्चाओं के अनुसार आखिर सहायक आयुक्त कार्यालय में एसा कौन सा बड़ा वित्तीय कार्य हो रहा है कि सहायक आयुक्त द्वारा आधा दर्जन लेखापालों को संलग्न कर रखा है। नियमानुसार लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण, शिक्षा एवं आदिवासी विकास विभाग में संलग्नीकरण की प्रथा बंद की जा चुकी है। गोरतलब है कि जिला पंचायत सिवनी में संलग्न शासकीय हाई स्कूल गोसांई खमरिया के बाबू को जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने आते ही तत्काल प्रभाव से वापस शाला में भेज दिया था।
कहा जा रहा है कि जितने भी लेखापाल एसी ट्रायबल कार्यालय में संलग्न हैं वे से सहायक आयुक्त को मासिक चढोत्री के दम पर सिवनी में नियम विरूद्ध पदस्थ हैं। विभागीय सूत्रों का कहना है कि एसी कार्यालय में पदस्थ लिपिक योगेश शर्मा इन दिनों एसी के मुंह लगे हैं और वे अपनी हुकूमत विभाग में चला रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार योगेश शर्मा को कोई काम नहीं दिया गया है। उनके जिम्मे एसी के लिए नेताओं से लाईजनिंग की अघोषित जवाबदारी सौंपी गई है।

पपीता कई खूबियों वाला फ़ल


पपीता कई खूबियों वाला फ़ल



(डॉ दीपक आचार्य)

अहमदाबाद (साई)। पपीता न सिर्फ़ एक फ़ल है बल्कि औषधिय गुणों का खजाना है। इस फ़ल में पपैनप्रोटीनबीटा- केरोटीनथायमिनरीबोफ़्लेविन और कई विटामिन्स पाए जाते है। पपीते के पेड से निकलने वाला दूध मुहाँसो पर लगाने से जल्दी ठीक हो जाते है। फ़लों से निकलने वाले दूध को बच्चों को देने से पेट के कीडे मर जाते है और बाहर निकल आते है।
पपीते की जड (१० ग्राम) और कुल्थी (५० ग्राम) का मिश्रण लेकर काढा बनाकर लेने से बवासीर में फ़ायदा होता है। पपीते के रस में दूध और मिश्री मिलाकर रात को पीने से अनिद्रारोग में फ़ायदा होता है। पपीता पित्त नाशकवीर्यवर्धक और एक उत्तम पाचक फ़ल है।
पातालकोट के आदिवासी भुमकाओं के अनुसार पपीते के बीजों को चबाने से आँखों की रौशनी बढ जाती है। कच्चे फ़लों से निकलने वाले दूध को बताशे के साथ लेने से दिल के रोगियों को फ़ायदा होता है। डाँग- गुजरात के आदिवासी हर्बल जानकार जिन्हे भगत कहा जाता हैकच्चे पपीते को चीरा लगाकर उसका दूध एकत्र कर लेते है और इसे धूप में सुखाकर चूर्ण बनाते है।
इनके अनुसार इस चूर्ण का प्रतिदिन सेवन उच्च रक्तचाप में लाभकारी होता है और माना जाता है कि इसी चूर्ण के सेवन से अस्थिरोग में भी आराम मिलता है। विरेचक होने की वजह से पपीते का सेवन गर्भवती महिलाओं के लिये वर्जित माना जाता है।

(साई फीचर्स)
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