पपीता कई खूबियों वाला फ़ल
(डॉ दीपक आचार्य)
अहमदाबाद (साई)। पपीता न सिर्फ़ एक फ़ल है बल्कि औषधिय गुणों का खजाना है। इस फ़ल में पपैन, प्रोटीन, बीटा- केरोटीन, थायमिन, रीबोफ़्लेविन और कई विटामिन्स पाए जाते है। पपीते के पेड से निकलने वाला दूध मुहाँसो पर लगाने से जल्दी ठीक हो जाते है। फ़लों से निकलने वाले दूध को बच्चों को देने से पेट के कीडे मर जाते है और बाहर निकल आते है।
पपीते की जड (१० ग्राम) और कुल्थी (५० ग्राम) का मिश्रण लेकर काढा बनाकर लेने से बवासीर में फ़ायदा होता है। पपीते के रस में दूध और मिश्री मिलाकर रात को पीने से अनिद्रारोग में फ़ायदा होता है। पपीता पित्त नाशक, वीर्यवर्धक और एक उत्तम पाचक फ़ल है।
पातालकोट के आदिवासी भुमकाओं के अनुसार पपीते के बीजों को चबाने से आँखों की रौशनी बढ जाती है। कच्चे फ़लों से निकलने वाले दूध को बताशे के साथ लेने से दिल के रोगियों को फ़ायदा होता है। डाँग- गुजरात के आदिवासी हर्बल जानकार जिन्हे भगत कहा जाता है, कच्चे पपीते को चीरा लगाकर उसका दूध एकत्र कर लेते है और इसे धूप में सुखाकर चूर्ण बनाते है।
इनके अनुसार इस चूर्ण का प्रतिदिन सेवन उच्च रक्तचाप में लाभकारी होता है और माना जाता है कि इसी चूर्ण के सेवन से अस्थिरोग में भी आराम मिलता है। विरेचक होने की वजह से पपीते का सेवन गर्भवती महिलाओं के लिये वर्जित माना जाता है।
(साई फीचर्स)
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