सोमवार, 8 अप्रैल 2013

पांच सालों में हो जाएंगे तीस हजार जज


पांच सालों में हो जाएंगे तीस हजार जज

(शरद)

नई दिल्ली (साई)। देश में न्यायधीशों की कमी पर अब केंद्र सरकार ने भी संज्ञान लेना आंरभ किया है। देश में अगले पांच वर्षों में न्यायाधीशों के स्वीकृत पदों की संख्या लगभग दोगुनी कर ३० हजार कर दी जाएगी। इस फैसले से न्यायधीश और जनसंख्या के बीच अनुपात बढकर प्रति दस लाख की जनसंख्या पर तीस हो जाएगा। यह अनुपात अभी प्रति लाख की जनसंख्या पर १६ न्यायाधीश है।
मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के सम्मेलन के बाद कानूनी और न्यायिक सुधारों की व्यापक कार्यसूची का दस्तावेज जारी करते हुए उच्चतम न्यायालय के सीएफआर मुख्य न्यायाधीश अल्तमश कबीर और विधि और न्याय मंत्री अश्विनी कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जनसंख्या के अनुपात में न्यायाधीश बढाने के फैसले को सिद्धांत रूप से मंजूर कर लिया है।
उन्होंने कहा कि महिलाओ,ं बुजुर्गाे और बच्चों पर होने वाले जघन्य अपराधों की सुनवाई तेजी से करने के लिए और अधिक फास्ट ट्रैक अदालतें बनाई जाएंगी। कुमार ने बताया कि केन्द्र प्रायोजित योजना के तहत बुनियादी सुविधओं के लिए अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी जिसमें ७५ प्रतिशत हिस्सा केन्द्र का और २५ प्रतिशत राज्य सरकार का होगा। उन्होंने कहा कि छोटे मोटे अपराधों से निपटने के तरीकों पर सुझाव के लिए समिति गठित की जाएगी।
वहीं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने न्यायपालिका को महिलाओं संबंधी मुद्दो के प्रति संवेदनशील बनाने की आवश्यकता पर बल दिया है। पिछले वर्ष दिल्ली में सामूहिक दुष्कर्म की घटना के संदर्भ में उन्होंने कहा कि विधि और न्याय व्यवस्था को आत्म मंथन करना होगा। नई दिल्ली में मुख्यमंत्रियों और मुख्य न्यायाधीशों के सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद डा० सिंह ने कहा कि महिलाओं के प्रति अपराध रोकने के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना है।

असम में गेंडों की मौत की जांच शुरू


असम में गेंडों की मौत की जांच शुरू

(पुरबाली हजारिका)

गुवहाटी (साई)। असम में गेंडों की स्वाभाविक मौत हो रही है या फिर इनका शिकार हो रहा है, यह बात अभी भी भविष्य के गर्भ में ही है। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो-सीबीआई ने असम मे गैंडों की मौत की जांच शुरू कर दी है। राज्य के पर्यावरण और वन मंत्री रकीबुल हुसैन ने कहा कि केन्द्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने उन्हें इसकी जानकारी दी है।
उधर, प्रशासनिक सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि सीबीआई ने ऐसे कितने मामलों की जांच शुरू की है और यह जांच कब तक पूरी होगी। हुसैन ने कहा कि काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान की बेहतर निगरानी के लिए केन्द्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय आज से मानवरहित विमानों की परीक्षण उड़ान शुरू करेगा।
प्रशासनिक सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि ये उड़ाने ग्यारह अप्रैल तक चलेंगी। सूत्रों ने साई न्यूज को बताया कि काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में गैंडों के शिकार में पिछले वर्ष से तेजी आई है। पिछले वर्ष यहां पच्चीस गैंडे मारे गए जबकि इस वर्ष अब तक २० गैंडों का शिकार हो चुका है।

विकिलीक्स ने राजीव गांधी को दलाल बताया!


विकिलीक्स ने राजीव गांधी को दलाल बताया!

(महेश)

नई दिल्ली (साई)। कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री और इक्कसवीं सदी के भविष्यदृष्टा राजीव गांधी पर बोफोर्स में दलाली के उपरांत अब सनसनीखेज खुलासे करने वाली विकिलीक्स ने स्वीडिश कंपनी के लिए दलाली के आरोप लगाए हैं। इस मामले में कांग्रेस ने मौन साधा है पर भाजपा अंदर ही अंदर तलवार पजाती नजर आ रही है।
विकिलीक्स ने खुलासा किया है कि राजीव गांधी प्रधानमंत्री बनने से इंडियन एयरलाइंस के पायलट की नौकरी के दौरान स्वीडिश कंपनी साब-स्कॉनिया के लिए संभवतः दलाली करते थे। कंपनी 70 के दशक में भारत को फाइटर प्लेन विजेन बेचने की कोशिश कर रही थी। कांग्रेस ने फिलहाल इस खुलासे पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन पूरे आसार है कि विपक्षी पार्टियां इस मामले को तूल दे सकती हैं। बीजेपी नेता प्रकाश जावडेकर ने इस खुलासे पर कहा कि हर रक्षा सौदे में गांधी परिवार का नाम ही सामने क्यों आता है। उन्होंने कहा कि इस मामले में गांधी परिवार को जवाब देना चाहिए और तब के दस्तावेज सार्वजनिक होने चाहिए।
विकिलीक्स ने यह खुलासा हेनरी किसिंजर केबल्स के हवाले से किया है। हेनरी किसिंजर अमेरिका के सुरक्षा सलाहकार रह चुके हैं। श्द हिन्दूश् में छपी खबर के मुताबिक, हालांकि स्वीडिश कंपनी के साथ सौदा नहीं हो पाया था और ब्रिटिश जगुआर ने बाजी मार ली थी। विकिलीक्स केबल्स के मुताबिक, आपतकाल के दौरान जॉर्ज फर्नांडिस ने अंडरग्राउंड रहते हुए अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए से आर्थिक मदद भी मांगी थी।
ज्ञातव्य है कि राजीव गांधी 1980 तक राजनीति से दूर रहे थे। संजय गांधी के निधन के बाद इंदिरा गांधी उन्हें बतौर मिस्टर क्लीन राजनीति में लेकर आईं। हालांकि बतौर प्रधानमंत्री पहले कार्यकाल में ही वह एक दूसरी स्वीडिश कंपनी से बोफोर्स तोपों की खरीद के लिए हुए सौदे में घूसखोरी के आरोपों से घिर गए और इसकी वजह से 1989 के आम चुनावों में उनकी पार्टी को हार का सामना भी करना पड़ा।
सन् 1974 से 1976 के दौरान के जारी 41 केबल्स के मुताबिक, स्वीडिश कंपनी को इस बात का अंदाजा था कि फाइटर एयरक्राफ्ट्स की खरीद के बारे में अंतिम फैसला लेने में गांधी परिवार की भूमिका होगी। फ्रांसीसी एयरक्राफ्ट कंपनी दसो को भी इसका अनुमान था। उसकी ओर से मिराज फाइटर एयरक्राफ्ट के लिए तत्कालीन वायुसेना अध्यक्ष ओपी मेहरा के दामाद दलाली करने की कोशिश कर रहे थे। केबल में मेहरा के दलाल का नाम नहीं लिया गया है।
1975 में दिल्ली स्थित स्वीडिश दूतावास के एक राजनयिक की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, इंदिरा गांधी ने ब्रिटेन के खिलाफ अपने पूर्वाग्रहों की वजह से जगुआर न खरीदने का फैसला कर लिया है। अब मिराज और विजेन के बीच फैसला होना है। मिसेज गांधी के बड़े बेटे बतौर पायलट एविएशन इंडस्ट्री से जुड़े हैं और पहली बार उनका नाम बतौर उद्यमी सुना जा रहा है। अंतिम फैसले को परिवार प्रभावित करेगा। हालांकि, राजीव गांधी एक ट्रांसपोर्ट पायलट हैं और उनके पास फाइटर प्लेन के मूल्यांकन की योग्यता नहीं है, लेकिन उनके पास एक दूसरी योग्यताश् है।
दूसरे केबल में स्वीडिश राजनयिक के हवाले से कहा गया है, इस डील में इंदिरा गांधी की अति सक्रियता की वजह से स्वीडन चिढ़ा हुआ था। इसके मुताबिक, उन्होंने फाइटर प्लेन की खरीद की प्रक्रिया से एयरफोर्स को दूर रखा था। रजनयिक के मुताबिक, 40 से 50 लाख डॉलर प्रति प्लेन के हिसाब से 50 विजेन के लिए बातचीत चल रही थी। स्वीडन को भरोसा था कि भारत सोवियत संघ से और युद्धक विमान न खरीदने का फैसला कर चुका था।
6 अगस्त 1976 के एक दूसरे केबल से पता चलता है कि भारत को फाइटर प्लेन बेचने की कोशिश में जुटे स्वीडन को अमेरिकी दबाव में अपने कदम पीछे खींचने पड़े थे। अमेरिका ने साब-स्कॉनिया को भारत को विजेन निर्यात करने और देश में बनाने का लाइसेंस देने की अनुमति नहीं दी थी। अमेरिका की ओर से कहा गया था, गंभीरता से विचार करने के बाद हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि विजेन के किसी भी ऐसे संस्करण को भारत को निर्यात करने की अनुमति नहीं दे सकते हैं, जिसमें अमेरिकी कल-पुर्जे लगे हों। अमेरिका ने कहा था कि वह अमेरिकी डिजाइन और तकनीक से लैस इस विमान के भारत में उत्पादन का विरोध करेगा।

मध्यप्रदेश ग्राम न्यायालय स्थापित करने वाला देश का पहला राज्य


मध्यप्रदेश ग्राम न्यायालय स्थापित करने वाला देश का पहला राज्य

(प्रदीप चौहान)

नई दिल्ली (साई)। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जहां सबसे पहले और सबसे अधिक ग्राम न्यायालय स्थापित किये गये हैं और सभी 89 ग्राम न्यायालय वर्तमान में कार्यरत हैं। मध्यप्रदेश के विधि एवं विधायी कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा आज यहां आयोजित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधिपतियों को सम्बोधित कर रहे थे। केन्द्रीय विधि और न्याय मंत्रालय द्वारा आयोजित मुख्यमंत्रियों और मुख्य न्यायाधिपतियों के संयुक्त सम्मेलन की अध्यक्षता प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने की। सम्मेलन में केन्द्रीय विधि मंत्री अश्विनी कुमार और भारत के मुख्य न्यायाधीश अल्तमश कबीर सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों, विधि मंत्रियों और उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपतियों ने भाग लिया। मध्यप्रदेश के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति एस.ए. बोबडे़ ने भी भाग लिया।
विधि मंत्री मिश्रा ने न्यायिक प्रक्रिया को तहसील और ब्लॉक स्तर पर सुदृढ़ किये जाने पर जोर देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में कुल 20 हजार 10 ग्राम पंचायतें हैं और  सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर अलग से ग्राम न्यायालय स्थापित किया जाना संभव नहीं है। इसके बावजूद राज्य सरकार ने बहुत जल्दी और बड़ी संख्या में ग्राम न्यायालय स्थापित किये हैं। उन्होंने कहा कि अगर केन्द्र सरकार इसमें खर्च होने वाला सम्पूर्ण भार वहन करने को तैयार हो तो राज्य में सभी ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम न्यायालयों की स्थापना की जा सकती है। मिश्रा ने कहा कि 13वें वित्त आयोग के अधीन राज्य में सांध्य/प्रातःकालीन विशेष न्यायालय की स्थापना के लिए 204.91 करोड़ की आवंटित राशि राज्य में न्यायालयों की संख्या के मान से न्यायाधीशों एवं स्टाफ के पदों के लिए पर्याप्त नहीं है। उन्होंने न्यायालयों के कम्प्यूटराइजेशन (ई-कोटर््स) के लिए उपलब्ध कराई जा रही वित्तीय सहायता एवं सहयोग को जारी रखने का आग्रह किया।  फास्ट ट्रैक न्यायालय के लिए भी मिश्रा ने अतिरिक्त वित्तीय सहायता उपलब्ध कराये जाने की मांग की और कहा कि इससे महिलाओं के प्रति अपराधों के विचारण कार्य में तेजी आयेगी और अपराधियों को शीघ्र दंडित किया जा सकेगा।
श्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार समाज के कमजोर वर्गों को न्याय दिलाने के प्रति कृत-संकल्प है। उन्हांेने बताया कि पिछले 5 वर्षों के दौरान जिला न्यायाधीश स्तर पर 92 पद, सिविल जज प्रवेश स्तर के 129 पद और न्यायालय स्टाफ के लिए 2372 पद सृजित किये हैं। उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय के दिशा निर्देशानुसार विद्यमान कैडर के 10 प्रतिशत अतिरिक्त पदों को सृजन किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि 10 प्रतिशत अतिरिक्त पदोें का सम्पूर्ण व्यय भार का 50 प्रतिशत केन्द्र सरकार वहन करे।
श्री मिश्रा ने कहा कि राज्य में न्यायिक और अधोसंरचना विकास के लिए प्रदेश सरकार प्रयासरत हैं और इसी का परिणाम है कि न्यायालय एवं न्यायाधीशों के लिए भवनों का निर्माण किया जा रहा है। इस वित्तीय वर्ष 2013-14 के लिए राज्य ने न्यायिक अधोसंरचना के विकास के लिए 30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। उन्होंने केन्द्र प्रवर्तित योजना के तहत भारत सरकार के बकाया अंशदान की राशि 90 करोड़ रुपये प्रदेश को आवंटित करने पर बल दिया ताकि अधोसंरचना कार्यों में कोई बाधा न हो। 

बाबा के दरबार में फरारी काट रहा आरोपी बाबा


बाबा के दरबार में फरारी काट रहा आरोपी बाबा

(मणिका सोनल)

नई दिल्ली (साई)। बहुजन समाज पार्टी के नेता दीपक भारद्वाज के सनसनीखेज हत्या के मामले में आरोपी फरार 48 वर्षीय बाबा मछिद्रानंद उर्फ प्रतिभानंद नामदेव चोरमल के बारे में पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग मिल गए हैं। कहा जा रहा है कि बाबा ने दाढ़ी मूंछ कटवाकर अब आम आदमी की तरह शिरडी के बाबा के दरबार में शरण ली है।
बीएसपी नेता दीपक भारद्वाज के मर्डर केस में वॉन्टेड बाबा मछिद्रानंद उर्फ प्रतिभानंद नामदेव चोरमल (48) का सुराग मिल गया है। उम्मीद है कि वह जल्द ही पुलिस की पकड़ में आ जाएगा। बाबा का सुराग उसकी महिला मित्र से मिला। बाबा शिरडी में है। उसने दाढ़ी और बाल कटवा दिए हैं।
पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि साउथ डिस्ट्रिक्ट पुलिस को जानकारी मिली थी कि सैनिक फार्म की एक कोठी में रहने वाली महिला से बाबा ने फोन पर संपर्क किया है। एसटीएफ के इंस्पेक्टर राजेंद्र सिंह की टीम और महिला पुलिसकर्मी सैनिक फार्म से उस महिला को वसंत विहार थाने ले गई।
पुलिस सूत्रों ने साई न्यूज को आगे बताया कि महिला ने साधु के बारे में काफी जानकारी दी। उसने बताया कि बाबा ने फरार होने के बाद उसे फोन किया था। उसने महिला से अपने हालात के बारे में बताया था। पुलिस ने बताया कि सैनिक फार्म निवासी महिला को बाबा ने फोन कॉल महाराष्ट्र में पीसीओ से की थी। पुलिस को इस महिला ने बताया कि बाबा शिरडी में एक आश्रम में आएगा। फतेहपुर बेरी के एसएचओ वेदप्रकाश की टीम वहां पहुंची, लेकिन बाबा वहां से जा चुका था।
सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ ऑफ इंडिया को आगे बताया कि बाबा की महिला मित्र को यह हिदायत देकर छोड़ दिया गया कि वह बाबा को दिल्ली से कोई जानकारी न दे और उसकी लोकेशन का पता लगते ही पुलिस को खबर दे। महाराष्ट्र में मौजूद पुलिस टीम को वहां जानकारी मिली है कि बाबा जल्द ही एक ठिकाने पर आएगा। सीनियर पुलिस अफसर ने बताया कि जल्द ही बाबा पुलिस की पकड़ में होगा। उनके मुताबिक शिरडी में जानकारी मिली है कि बाबा ने अपनी दाढ़ी और बाल कटवा दिए हैं।
स्वामी मछिंद्रानाथ के पकड़ में आने के बाद रहस्यमयी बन चुके इस मर्डर केस का राज खुल सकेगा। पुलिस ने बताया कि इस वारदात के मुलजिमों ने आपस में भी खासी चीटिंग की थी। बाबा को साजिशकर्ताओं से दो करोड़ रुपये में दीपक भारद्वाज के मर्डर का कॉन्ट्रैक्ट मिला था। उसने अपने भक्त पुुरुषोत्तम राणा उर्फ मोनू को एक करोड़ रुपये में इस कॉन्टै्रक्ट की सब-लेटिंग कर दी। मोनू ने अपने साथियों सुनील मान और अमित को धोखा दिया। उसने सुनील को बताया कि उसे मर्डर के बदले 30 लाख रुपये मिलेंगे। इस तरह वह खुद कुल 80 लाख रुपये रखना चाहता था, हालांकि उसे पेशगी के तौर पर बाबा ने दो लाख रुपये ही दिए थे।
मोनू ने पुलिस को बताया कि भारद्वाज के मर्डर के बाद वह तीनों छावला के नजदीक नानकहेडी गए थे। वहां मोनू का मौसेरा भाई प्रदीप रहता है। वहां से अमित बस पकड़ कर वापस अपने घर चला गया, जबकि मोनू और सुनील चरखी दादरी चले गए थे। वहां से उन्होंने स्कोडा के मालिक राकेश को फोन कॉल कर उसे सैंट्रो लेकर आने के लिए कहा था। राकेश के आने पर दोनों ने उसे उसकी स्कोडा वापस कर दी और सैंट्रो लेकर जींद चले गए थे।
तब तक उन्हें यह एहसास नहीं था कि पुलिस को सीसीटीवी फुटेज में स्कोडा का असली नंबर मिल चुका है। इस नंबर से राकेश पकड़ा गया और उससे इन दोनों के नाम पता चले। टीवी पर अपनी फुटेज देखकर दोनों फरार हुए। पुलिस का दबाव पड़ने पर दोनों ने उधार वापस न मिलने पर भारद्वाज के मर्डर की कहानी तैयार की और सरेंडर करने आ गए।

कायस्थ महापरिषद का सम्मेलन 14 को


कायस्थ महापरिषद का सम्मेलन 14 को

(एडविन अमान)

नई दिल्ली (साई)। राष्ट्रीय कायस्थ महापरिषद की नेशनल एडवाईजरी कमेटी की बैठक 14 अप्रेल को उर्दू भवन में आयोजित की गई है, जिसमें अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जाएगी। उक्ताशय की जानकारी देते हुए महापरिषद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष इंजीनियर आचार्य संजीव वर्मा सलिल ने बताया कि इस सम्मेलन में सामाजिक हितों के संवर्धन पर चर्चाएं होंगीं।
श्री वर्मा ने आगे बताया कि रामलाल अग्रवाल चौक यानी आईटीओ के करीब कोटला मार्ग पर स्थित उर्दू भवन में यह सम्मेलन रविवार 14 अप्रेल को आहूत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसमें प्रमुख रूप से अंतरजातीय विवाहों को सामाजिक स्वीकृति देने, जाति मुक्त समाज की स्थापना करने, आरक्षण का समापन आदि विषयों पर चर्चा होगी।
संजीव वर्मा सलिल ने आगे बताया कि इसमें नेताजी सुभाष चंद बोस, लाल बहादुर शास्त्री जैसे नेताओं की मृत्यु के प्रकरणों में शासकीय जांच के परिणामों की घोषणा करने की मांग की जाएगी, साथ ही साथ कायस्थों को व्यवसाय करने के लिए सरकार से मदद की गुहार लगाई जाएगी। इसके अलावा इस अवसर पर विश्व कायस्थ संगठन का गठन भी किया जाना प्रस्तावित है।

नेताजी ने कराई मसाज, मामू बनाकर चलती बनी एस्कॉर्ट गर्ल


नेताजी ने कराई मसाज, मामू बनाकर चलती बनी एस्कॉर्ट गर्ल

(रश्मि सिन्हा)

नई दिल्ली (साई)। दक्षिण भारत से आए एक युवा राजनेता ने दिल्ली में एक एस्कॉर्ट गर्ल को हायर किया मसाज कराई पर अंत में उन्हें एहसास हुआ कि वह लड़की तो उन्हें मामा बनाकर फुर्र्र हो गई है, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। बाद में युवा नेता ने दिल्ली पुलिस को चेन स्नेचिंग की झूठी रिपोर्ट लिखवा दी पर मामला खुला तो युवा नेता माफी मांगते नजर आए।
हुआ दरअसल यूं कि मौज-मस्ती के शौकीन एक नेताजी को एस्कॉर्ट गर्ल बेवकूफ बनाकर रफूचक्कर हो गई। मुंबई से आए नेताजी ने नई दिल्ली इलाके के एक नामी गिरामी फाइव स्टार होटल में चेक-इन किया था। लड़की को उन्होंने वहीं रूम में बुलाया था। नेताजी की थोड़ी मसाज करने के बाद लड़की ने उनसे 10 हजार रुपये लिए और उन्हें थोड़ी देर में आने की बात कहकर चली गई। नेताजी होटल में लड़की का इंतजार करते रहे, मगर एस्कॉर्ट गर्ल वापस नहीं आई। अब नेताजी ने लड़की को सबक सिखाने के लिए पुलिस को चेन स्नैचिंग की झूठी कॉल कर दी और एसएचओ को भी धमकाया। सच सामने आने पर नेताजी पार्लियामेंट स्ट्रीट थाना पुलिस की गिरफ्त में आ गए।
नई दिल्ली के डीसीपी कार्यालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि घटना बुधवार रात की है, मगर एस्कॉर्ट लड़की शनिवार की शाम को पकड़ में आई। नेताजी ने पुलिस को बताया कि वह चेन्नै में एक बड़ी राजनीतिक पार्टी के यूथ विंग के जनरल सेक्रेटरी हैं। वह तीन दिन पहले मुंबई से किसी काम से दिल्ली आए थे। यहां वह एक फाइव स्टार होटल में ठहरे। इंटरनेट की मदद से एक एस्कॉर्ट गर्ल की सेवा लेने के लिए उससे कॉन्टेक्ट किया।
लड़की होटल में उनके रूम में आ गई। कुछ देर तक लड़की ने नेताजी की मसाज वगैरह की। इसके बाद लड़की ने नेताजी से 10 हजार रुपए मांगे। नेताजी ने कहा कि रुपए एटीएम से निकलवाने होंगे। लड़की अपनी कार में नेताजी को बैठाकर खान मार्केट ले गई। वहां से 10 हजार रुपये लेकर नेताजी होटल में पहुंचे। होटल की लॉबी में पहुंचकर एस्कॉर्ट लड़की ने नेताजी से कहा, आप रूम को सजाइए, मैं थोड़ी देर में आती हूं। नेताजी रूम में एस्कॉर्ट गर्ल का इंतजार करते रहे, लेकिन वह नहीं आई।
जब नेताजी को पता लग गया कि वह ठगे जा चुके हैं तो उन्होंने रात 2 बजे होटल से बाहर निकलकर पुलिस को 100 नंबर पर कॉल कर दी। नेताजी ने पुलिस को कहा कि एक कार में आई लड़की उनकी सोने की चेन झपटकर भाग गई। मौके पर पुलिस आई। नेताजी ने कार की नंबर प्लेट में लास्ट के चार नंबर बताए। 200 से ज्यादा कारों को सर्च करके आखिरकार पुलिस ने वह वैगन-आर कार खोज निकाली। इसके बाद लड़की को पकड़ा गया।
नेताजी ने पुलिस से कहा कि लड़की के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। इस पर एसएचओ ने कहा कि पहले लड़की से पूछताछ कर लें। मगर नेताजी ने एसएचओ को मामले में देरी करने के लिए धमकाना शुरू कर दिया और यहां तक कह डाला, अगर इसे अंदर नहीं किया तो मैं तुम्हारी वर्दी उतरवा दूंगा। एसएचओ ने नेताजी को समझाने की कोशिश भी की कि यह महिला का मामला है, इसमें हम जल्दबाजी नहीं कर सकते। मगर नेताजी भड़क उठे और एसएचओ से कहा, तुम मुझे जानते नहीं हो, मैं तुम्हें सस्पेंड करा दूंगा।
पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि मामले की गंभीरता को समझते हुए महिला पुलिस अधिकारी ने लड़की से अकेले में पूछताछ की तो सच का पता लग गया। नेताजी की एस्कॉर्ट गर्ल की चाहत वाली बात का पता लगते ही नेताजी एसएचओ से सॉरी बोलने लगे। लेकिन पुलिस ने फिर उनकी एक नहीं सुनी।

नया तुगलकी फरमान: शिक्षिकाओं के जींस पहनने पर रोक


नया तुगलकी फरमान: शिक्षिकाओं के जींस पहनने पर रोक

(जाकिया जरीन)

हैदराबाद (साई)। आंध्र प्रदेश में अब छात्राओं के साथ ही साथ शिक्षिकाओं पर भी सरकार का कहर बरप रहा है। आंध्रप्रदेश सरकार ने स्कूल शिक्षिकाओं का जींस पहनना और मोबाइल रखना बैन कर दिया है। प्राथमिक शिक्षा मंत्री और सर्व शिक्षा अभियान की ओर से निरीक्षण किये जाने के बाद यह दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। यह नियम सरकारी स्कूल और सरकार से संबंधित स्कूल के शिक्षकों पर लागू किये गये हैं।
नये नियमों के तहत करीब दो लाख विद्यालयों के शिक्षक अब स्कूल में टी-शर्ट, जींस, चप्पल आदि नहीं पहन सकेंगे। शिक्षा मंत्री का मानना है कि शिक्षक जींस और राउंड नेक टी-शर्ट पहनती हैं, यह प्रोफेशनल ड्रेस कोड नहीं है और इससे बच्चों का ध्यान भी भटकता है।
उन्होंने पुरूष शिक्षकों के लिए काली पैंट और सफेद शर्ट और महिला शिक्षकों के लिए पारंपरिक प्लेन कॉटन साड़ी या चूड़ीदार पहनने का सुझाव दिया है। मंत्री ने यह भी कहा कि कक्षा में मोबाइल के तेज रिंगटोन भी बच्चों का ध्यान भटकाती है, इसलिए उन्होंने क्लास में शिक्षकों को मोबाइल ले जाने से रोकने के लिए सरकार के निर्देश की मांग की है। उनके मुताबिक शिक्षक हैडमास्टर के केबिन में अपना फोन रखवा कर जा सकते हैं।

नूरजहां की बढ़ रही मांग


नूरजहां की बढ़ रही मांग

(विजय सिंह राजपूत)

इंदौर (साई)। मध्य प्रदेश में पैदा होने वाला नूरजहां आम अब देश दुनिया में तेजी से लोकप्रिय होता जा रहा है। अपने भारी वजन के चलते दुनिया भर में मशहूर आम प्रजाति नूरजहां के चाहने वालों के लिए अच्छी खबर है। जानकारों के मुताबिक बढ़िया मानसूनी बारिश से इस बार नूरजहां का औसत वजन पिछले वर्ष के मुकाबले एक किलोग्राम बढ़कर पांच किलोग्राम तक पहुंच सकता है।
अफगानिस्तानी मूल की यह भारी-भरकम आम प्रजाति मध्यप्रदेश के आदिवासी बहुल अलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा क्षेत्र में पायी जाती है। झाबुआ के कृषि विज्ञान केंद्र के कार्यक्रम समन्वयक डॉ आईएस तोमर ने बताया, पिछले साल नूरजहां आम प्रजाति के फलों का औसत वजन चार किलोग्राम के आस-पास था। इस साल कट्ठीवाड़ा क्षेत्र में बढ़िया मानसूनी बारिश के चलते इनका औसत वजन बढ़कर पांच किलोग्राम के स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि यहां से करीब 250 किलोमीटर दूर कट्ठीवाड़ा क्षेत्र में नूरजहां की फसल 15 जून तक पककर तैयार होगी। नूरजहां के फल तकरीबन एक फुट तक लंबे हो सकते हैं। इनकी गुठली का वजन ही 150 से 200 ग्राम के बीच होता है। यानी बस एक आम से एक छोटा परिवार बडे आराम से पेटपूजा कर सकता है।
नूरजहां का मौजूदा वजन आश्चर्यचकित करने वाला है। लेकिन यह बात दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर कर देती है कि दशक भर पहले इसका वजन सात किलोग्राम तक होता था। यानी फलों के राजा आम की यह भारी-भरकम मलिका भारत में अपनी इकलौती पनाहगाह में खासी दुबला चुकी है।
तोमर बताते हैं, जलवायु परिवर्तन के चलते तापमान में असामान्य उछाल और उचित देखभाल का अभाव इस आम प्रजाति का वजन घटने के प्रमुख कारणों में शुमार हैं।

एक जिलाबदर, सिवनी में शव मिला


एक जिलाबदर, सिवनी में शव मिला

(नंद किशोर)

भोपाल (साई)। मध्यप्रदेश के भोपाल में एक अपराधी को जिलाबदर आदेश जारी किया गया हैं और सिवनी में एक युवक का शव लटका मिला। अपर जिला मजिस्ट्रेट दक्षिण भोपाल ने एक अपराधी के खिलाफ जिलाबदर के आदेश जारी किया हैं। मध्यप्रदेश राज्य सुरक्षा अधिनियम के तहत यह कार्रवाई की गई है।
जारी आदेश के अनुसार आपराधिक गतिविधियों में लगातार लिप्त रहने, समाजविरोधी गतिविधियां में लिप्त रहने और तनाव के हालात पैदा करने के कारण लालू उर्फ करण सिंह आत्मज हयात सिंह को छह माह के लिए भोपाल जिले और इससे लगे सीहोर, विदिशा, रायसेन, राजगढ़ और होशंगाबाद जिले की राजस्व सीमाओं के बाहर चले जाने के आदेश पारित किए गए हैं।
जारी आदेश में खुलासा किया गया है कि इस अपराधी का अच्छा खासा आपराधिक रिकार्ड है और इसके खिलाफ अनेक गंभीर किस्म के मामले कायम हैं। पुलिस के बार-बार कार्यवाही करने के बावजूद इसकी आपराधिक गतिविधियों में कोई कमी नहीं आई। पुलिस को दिए गए प्रतिवेदन में इस अपराधी के खिलाफ मारपीट, अवैध शस्त्र रखने आदि के अपराध दर्ज किए जा चुके हैं।
वहीं दूसरी ओर पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सिवनी जिले के उगली थानान्तर्गत नेवरटोला के जंगल में पुलिस ने एक युवक का शव फांसी पर लटका हुआ बरामद किया। उगली पुलिस के अनुसार नेवरटोला निवासी 42 वर्षीय रूपचंद ठाकुर बीती शाम गांव से लगे जंगल में महुआ बीनने गया था और जब सुबह तक वापस नहीं आया तो परिजनों ने उसकी खोजबीन की।एक महुआ के पेड़ पर रूपचंद फांसी पर लटका दिखा, जिसकी सूचना पुलिस को दी गई। सूचना पर पहुंची पुलिस टीम ने पंचनामा बना शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया और मामला कायम कर मामले को विवेचना में लिया।

जिला पंचायत अध्यक्ष ने किया विभिन्न कार्याे का लोकापर्ण एवं भूमिपूजन


जिला पंचायत अध्यक्ष ने किया विभिन्न कार्याे का लोकापर्ण एवं भूमिपूजन

(अजय दीक्षित)

खण्‍डवा (साई)। जिला पंचायत अध्यक्ष राजपाल सिह तोमर द्वारा गत् दिवस १ करो$ड रूपये की लागत वाले कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकापर्ण किया गया। अध्यक्ष द्वारा छैगांवमाखन जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत छैंगावदेवी में ५६ लाख रूपये की लागत से निर्मित हाईस्कूल भवन के साथ-साथ दो पंच-परमेश्वर योजना पेेमार्गों, २ अतिरिक्त कक्ष, १ प्रधान पाठक कक्ष का लोकापर्ण किया गया। ग्राम पंचायत दोमा$डा में मुख्यमंत्री पेयजल योजना अंतर्गत पी.एच.ई विभाग द्वारा ९.८४ लाख राशि रूपये की लागत से किये गये कार्य का लोकापर्ण किया गया। ग्राम पंचायत भोजाखे$डी में जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा पंच-परमेश्वर योजना अंतर्गत एक मार्ग का भूमि पूजन व एक मार्ग का लोकापर्ण किया गया एवं ग्राम पंचायत छिरविर में भी पंच-परमेश्वर योजना अंतर्गत बने मार्ग का लोकापर्ण किया गया।
उक्त अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष के साथ, मिश्रीलाल पटेल, जनपद उपाध्यक्ष मुकेश पटेल, विधायक प्रतिनिधी राजेश पटेल, मं$डी उपाध्यक्ष वासुदेव पटेल, जनपद सदस्य राजेन्द्र राठौर, पूर्व सरपंच दोमा$डा सरदार सिंह, गजराज सिंह के साथ जनपद छैगांवमाखन के संबंधित अधिकारी भी उपस्थित रहे। 

दीक्षांत समारोह में जाने अण्णा का इंकार


दीक्षांत समारोह में जाने अण्णा का इंकार

(ब्यूरो कार्यालय)

सिरसा (साई)। जनतंत्र मोर्चा के मुखिया एवं प्रमुख समाजसेवी अन्ना हजारे ने आज पूर्व मुख्यमंत्री  औमप्रकाश चौटाला के सिरसा में बरनाला रोड़ स्थित शिक्षण संस्थान जेसीडी विद्यापीठ के ऑडीटोरियम में प्रस्तावित संस्थान के दूसरे दीक्षांत समारोह में जाने से इंकार कर दिया। इस समारोह में संस्थान प्रबंधन ने अन्ना हजारे को बतौर मुख्यातिथि आमंत्रित किया था जबकि पूर्व सेना प्रमुख वी.के. सिंह बतौर अध्यक्ष आने थे।
बताया जा रहा हैै कि अन्ना टीम को बीती देर पता चला कि उक्त संस्थान के चौयरमेन पूर्व मुख्यमंत्री औम प्रकाश चौटाला के बेटे डबवाली के विद्यायक अजय चौटाला है, जो फिलवक्त दिल्ली की तिहाड़ जेल में जे.बी.टी घोटाला प्रकरण में बंद है। भ्रष्टाचार के खिलाफ झंडा बुलंद करने वाले अन्ना हजारे ने संस्थान के इस समारोह से कन्नी काट ली। इस बात की भनक आज सुबह जब संस्थान प्रबधंक मंडल को लगी तो संस्थान की प्रबंधक निदेशक शमीम शर्मा अपने स्टॉफ के सदस्यों व सैंकड़ों की तादाद में छात्राओं को लेकर अन्ना हजारे के ठहराव स्थल पी.डबल्यू. डी. रेस्ट हाऊस आ पहुंची काफी समय तक मिन्नत मनुहार हुआ मगर अन्ना हजारे नहीं माने। तत्पश्चात वहां जुटी छात्राओं ने वी वांट अन्ना के नारे लगाते हुए जेसीडी संस्थान में जाने का अनुरोध किया मगर अन्ना टस से मस नहीं हुए और अपनी जनतंत्रा यात्रा  की गाड़ी में बैठकर जिला के कस्बा नाथूसरी चोपटा में सभा को सम्बोधित करने निकल पड़े। आखिरकार पूर्व सेना प्रमुख वी.के.सिंह अकेले ही कार्यक्रम में शिरक्त करने पहुंचे।

पूर्व विधायक लोकेन्द्र यादव का देह दान अनुकरणीय: डॉ. रमन सिंह


पूर्व विधायक लोकेन्द्र यादव का देह दान अनुकरणीय: डॉ. रमन सिंह

(एन.के.श्रीवास्तव)

रायपुर (साई)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य के बालोद क्षेत्र के पूर्व विधायक लोकेन्द्र यादव के आकस्मिक निधन पर गहरा दुरूख व्यक्त किया है। यादव का आज सवेरे जिला मुख्यालय बालोद स्थित उनके निवास पर हृदय गति रूक जाने से निधन हो गया। डॉ. सिंह ने आज शाम यहां जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज पहुंचकर स्वर्गीय यादव को विनम्र श्रध्दांजलि अर्पित की। इस अवसर पर मेडिकल कॉलेज परिसर में उनके पार्थिव शरीर के समक्ष एक संक्षिप्त शोक सभा का आयोजन किया गया और दो मिनट का मौन धारण कर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई। मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय यादव के परिवार के सदस्यों से मिलकर संवेदना प्रकट की।
शोक सभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि सहज-सरल स्वभाव के लोकेन्द्र यादव स्वच्छ छवि के कर्मठ किसान नेता और सहृदय समाजसेवी थे। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि पूर्व विधायक स्वर्गीय यादव ने मरणोपरान्त अपना पार्थिव शरीर मेडिकल कॉलेज को दान कर देश और समाज के सामने एक प्रेरणादायक और अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है। शरीर छोड़ने के बाद भी उनकी यह पार्थिव काया मेडिकल छात्रों की पढ़ाई में काम आएगी और उनके माध्यम से मरीजों की बेहतर सेवा के साथ मानवता का कल्याण हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने यादव के निधन को अपने लिए व्यक्तिगत क्षति बताया और उनके साथ अपने वर्षों पुराने मैत्रीपूर्ण संबंधों को याद करते हुए कहा कि वह हमारे वरिष्ठ सहयोगी थे। समय-समय पर मेरी उनसे मुलाकात होती रहती थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय यादव ने बालोद क्षेत्र के विकास के लिए लगातार काम किया। शोक सभा में सर्वश्री सच्चिदानंद उपासने, रमेश यदु, डॉ. मन्नूलाल यदु और विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।
लोकेन्द्र यादव का जन्म 12 दिसंबर 1949 को बालोद तहसील के ग्राम तरौद में हुआ था। उन्होंने एम.ए. और बी.एड. की शिक्षा प्राप्त की और खेती-किसानी के साथ-साथ शिक्षकीय कार्य भी किया। स्वर्गीय यादव तत्कालीन मध्यप्रदेश की विधानसभा के लिए वर्ष 1998 में छत्तीसगढ़ के बालोद क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे। वर्ष 2000 में राज्य निर्माण के बाद वह नवगठित छत्तीसगढ़ प्रदेश की प्रथम विधानसभा के सदस्य रहे। स्वर्गीय यादव वर्ष 1991 से 1995 तक तत्कालीन दुर्ग जिले की जिला अन्त्योदय समिति के भी सदस्य रह चुके थे।

वनाधिकार पत्र से ना रहे कोई वंचित: कलेक्टर


वनाधिकार पत्र से ना रहे कोई वंचित: कलेक्टर

(आंचल झा)

रायपुर (साई)। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी राजनांदगांव अशोक अग्रवाल ने कहा कि वन भूमि पर वर्षाे काबिज लोगों को अधिकार पत्र प्रदान करने का कार्य अतिमहत्वपूर्ण एवं संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि कोई भी पात्र व्यक्ति इससे वंचित न रहने पाए। उन्होंने कहा कि केवल वन अधिकार पत्र देना शासन का अंतिम लक्ष्य नहीं है, बल्कि मान्यता पत्र धारक परिवारों के सामाजिक,आर्थिक विकास के लिए उनकी क्षमता बढ़ाना और इसके लिए उन्हें हर संभव संसाधन दिलाना राय सरकार की प्राथमिकता है।
कलेक्टर ने जनपद पंचायत छुईखदान के सभाकक्ष में कल आयोजित वन, राजस्व और पंचायत विभाग की संयुक्त कार्यशाला में उक्त विचार व्यक्त किए। वनभूमि में 13 दिसम्बर 2005 के पूर्व से निवासरत पात्र लोगों को जिनकी जीविका वनों पर निर्भर हो वन अधिकार मान्यता पत्र प्रदान किए जाएंगे। वन अधिकार मान्यता पत्र प्रदान करने समयबध्द कार्यक्रम तय किया गया है, जिसके आधार पर ही तय समयसीमा में कार्य सम्पादित करना है। उन्होंने अनुविभागीय अधिकारी और वन विभाग के अधिकारियों को गांव-गांव में इसका व्यापक प्रचार-प्रसार कराने के साथ ही शिविर लगाए जाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि ग्राम स्तरीय वन समिति नए प्राप्त प्रत्येक प्रकरण का सुक्षमता से परीक्षण और सत्यापन कर अनुभाग स्तरीय समिति को भेंजे। वनभूमि में 13 दिसम्बर 2005 के पूर्व से निवासरत पात्र लोगों को जिनकी जीविका वनों पर निर्भर हो वन अधिकार मान्यता पत्र प्रदान किए जाएंगे। ऐसे अन्य परम्परागत वनवासी भी पात्र होंगे जो 13 दिसम्बर 2005 से पूर्व कम से कम तीन पीढ़ियों तक प्राथमिक रूप से वन या वनभूमि में निवासरत हों और जिनकी जीविका की वास्तविक आवश्यकता वनों पर निर्भर हैं। उन्हें ग्राम समिति के अनुमोदन के बाद अनुविभागीय समिति की अनुशंसा पश्चात जिला स्तरीय समिति के अनुमोदन के बाद वन भूमि का अधिकार पत्र प्रदान किया जाएगा।
कलेक्टर ने कहा कि वन अधिकार पत्र प्रदान करने किए गए पूर्व के आवेदन जो निरस्त कर दिए गए थे, उन आवेदनों को अपील के रूप में ग्रहण कर परीक्षण पश्चात ग्राम समिति अपनी अनुशंसा के साथ अनुविभागीय समिति को भेंजेगे और जिला स्तरीय समिति के अनुमोदन के बाद वन भूमि का अधिकार  पत्र प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वन भूमि पर किए गए नए कब्जा को स्वीकार न करें और आवेदन का सिल निरीक्षण और सत्यापन के लिए टीम गठित कर प्रतिवेदन लें। कलेक्टर ने कहा कि वनभूमि में 13 दिसम्बर 2005 के पूर्व से निवासरत पात्र लोग वनभूमि के पेड़ों की कटाई नहीं करें। इसके अलावा गांव की सामुदायिक आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए प्रयेक गावं में एक-एक हेक्टेयर जमीन आरक्षित कराना सुनिश्चित करें, जिससे भविष्य में स्कूल, आंगनबाड़ी, अस्पताल, सड़क, उचित मूल्य की दुकान, वर्षा जल संरचनाएंसंचयन, सिंचाई नहर का निर्माण कराया जा सके। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्र में चारागाह, जलाऊ लकड़ी बीनने और वनोपज संग्रहण करने के लिए सामुदायिक क्षेत्र में छुट दी जाएगी।
श्री अग्रवाल ने कहा कि गांव की सामुदायिक आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए जमीन आरक्षित कराने प्रस्ताव तैयार कर पारित किया जाए और अनुविभागीय स्तर की समिति को भेजा जाए। इसके तहत गांव की सामुदायिक आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए विद्यालय, अस्पताल, आंगनबाड़ी, उचित मूल्य की दुकान, बिजलीटेलिफोन लाईन, टंकियालघु जलाशय, पेयजल आपूर्ति पाइप लाईन, वर्षा जल संरचनाएंसंचयन, सिंचाई नहरें, अपारंपरिक ऊर्जा स्रोत, कौशल उन्नयन व्यावसायिक प्रशिक्षण, सड़कें और सामुदायिक केन्द्र के लिए वन भूमि को चिन्हित कर उनका प्रकरण तैयार कर ग्राम स्तरीय समिति से पारित कर एवं अनुभाग स्तरीय समिति से अनुमोदन कराकर जिला स्तरीय कमेटी को भेजा जाएगा। जिला स्तरीय समिति के अनुमोदन के बाद सामुदायिक आवश्यकता के लिए चिन्हांकित किए गए जमीन को राजस्व रिकार्ड में दर्ज किया जाएगा।
अनुविभागीय अधिकारी पी.एस.ध्रुव ने बताया कि अभी 1703 नवीन आवेदन प्राप्त हुए हैं और 54 प्रकरण सामुदायिक उपयोग के प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि पूर्व में इन निरस्त प्रकरणों को अपील के रूप में लिया जाएगा और पात्रताधारी व्यक्ति को वन अधिकार पत्र प्रदान किया जाएगा। सहायक आयुक्त आदविासी विकास आर. एस. भोई ने गांव की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए सामुदायिक उपयोग के लिए 3-3 प्रकरण ग्राम ग्राम समिति के अनुमोदन के लिए प्रस्तुत करें। इसी प्रकार सामुदायिक उपयोग के लिए दिए गए 13 बिन्दु पर भी भविष्य की आवश्यकता को ध्यान में रखकर प्रस्ताव देना सुनिश्चित करें, जिससे भविष्य में गांव की आवश्यकता के लिए जमीन आरक्षित कराया जा सके। अनुविभागीय अधिकारी वन ने प्रोजेक्टर के माध्यम से वनभूमि में 13 दिसम्बर 2005 के पूर्व से निवासरत पात्र लोगों को जिनकी जीविका वनों पर निर्भर हो वन अधिकार मान्यता पत्र प्रदान किए जाने संबंधी कार्यक्रम को प्रदर्शनकर कार्यशाला में उपस्थित लोगों का बारिकी से समझाया।

गेंहूं खरीद में हो रहा गड़बड़झाला


गेंहूं खरीद में हो रहा गड़बड़झाला

(राजकुमार अग्रवाल)

कैथल (साई)। गेहंू की खरीद को लेकर सेरधा अनाज मंडी के आढ़तियों में सरकार के प्रति व्यापक रोष दिखाई दिया। जिस पर आढ़तियों ने फैसला लिया कि वे अपनी मंडी में कोई भी एसोसिएशन नहीं बनाएंगे, बेशक से खरीद कोई भी एजैंसी करें। मंडी के प्रधान ऋषिपाल गुप्ता सेरधा ने बताया कि चंडीगढ़ मुख्यालय से उनकी मंडी से अब की बार भी हर वर्ष की भांति एफसीआई की ही खरीद स्वीकार होकर आई थी। परन्तु बाद में पता नहीं कैसे उनकी मंडी की खरीद एजैंसी बदल कर खाद्य निगम कर दिया गया। उन्होंने बताया कि मंडी में से खाद्य निगम द्वारा खरीद करना बहुत ही मुश्किल है। उन्होंने बताया कि वे अपनी खरीद पहले की तरह ही एफसीआई की करवाने के लिए दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। परन्तु फिर भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही। बाद में खाद्य निगम के निर्देशक अश्वनी गोड़ ने कहा कि वे पहले की तरह एफसीआई की खरीद करने के लिए पूरा प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी अनाज मंडी सड़क से काफी नीचे है। जिस कारण से मंडी में अक्सर 3-3 फूट पानी जमा हो जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि एफसीआई की खरीद होने पर मंडी के सभी खरीद बिल सीधे एजैंसी के नाम चले जाते है। परन्तु डीएफएससी की खरीद होने के कारण यह एजैंसी मंडी की एसोसिएशन के माध्यम से बिल लेगी। जिस कारण से उनको खरीद का ब्यौरा तैयार रखने के लिए अलग से अकाऊंटेंट व दो तीन अन्य लड़के रखने पड़ेंगे। जिससे एसोसिएशन बनाने पर मंडी का लगभग 1 लाख रुपया खर्चा आएगा। मंडी के अंदर लगभग 1 लाख 25 हजार के लगभग कट्टे गेहंू के आते है। इस हालत में इस खरीद एजैंसी द्वारा कमीशन के रूप में उनको लगभग 20 हजार रुपए ही मिल पाएंगे। ऐसा करने से मंडी को लगभग 80 हजार रुपए का नुकसान झेलना पड़ेगा। जिस कारण से उन्होंने मंडी के सभी आढ़तियों को बुलाकर यह फैसला लिया कि वे मंडी में अपनी एसोसिएशन नहीं बनाएंगे। कोई भी एजैंसी खरीद करें बारदाने का हिसाब किताब रखने, भरी बोरियों का हिसाब रखने व सीधा बिल लेने के लिए एजैंसी मजबूर होगी। यदि एजैंसी ऐसा करने से जवाब देती है तो वे किसी भी कीमत पर एसोसिएशन नहीं बनाएंगे। बेशक से सेरधा खरीद केंद्र ही बंद क्यों न हो जाएं। वे अपने किसानों को दूसरी मंडियों में गेहंू की फसल डालने के लिए कहेंगे। परन्तु किसी भी हालत में एसोसिएशन नहीं बनाएंगे। सभी आढ़तियों ने इस फैसले का पूरे जोर से स्वागत किया।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय सलाहकार अजीत सिंह हाबड़ी ने हरियाणा सरकार से मांग की है कि  प्रदेश में भी किसानों की हालत को देखते हुए दूसरे राज्यों की तरह 150 रुपए प्रति क्विंटल बोनस दिया जाएं। बलवान पाई के निवास पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश व राजस्थान की राज्य सरकारों ने अपने किसानों को 150 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देने की घोषणा की हुई है। जिस कारण से प्रदेश सरकार को भी इन राज्यों की तर्ज पर किसानों को कर्ज से बचाने के लिए 150 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों का क्या कसूर है। जो प्रदेश सरकार किसानों का हितैषी होने का दावा करती है परन्तु किसानों की ओर जरा भी ध्यान नहीं रखती। उन्होंने कहा कि सरकार को बोनस की घोषणा बहुत पहले ही कर देनी चाहिए थी। उन्होंने यह भी कहा कि गेहंू का सीजन शुरू हो चुका है, परन्तु अभी तक प्रदेश की मंडियों में न तो बिजली पानी का प्रबंध है और न ही साफ सफाई व सड़कों का। मंडी के फीड व सड़कें टूटी पड़ी है। कहीं पर भी अच्छे पेयजल का प्रबंध नहीं है। बिजली का प्रबंध तो कुछ कहना ही नहीं। पाई, सेरधा, करोड़ा व जाखौली, किठाना, राजौंद आदि अनेक मंडियों में किसानों को कच्चे में अपनी फसल डालनी पड़ती है। जिस कारण से किसानों की बहुत सी फसल मिट्टी में मिल जाती है। वर्षा होने पर किसानों की दुर्दशा बहुत बुरी हो जाती है। उन्होंने किसानों से अपील की है कि वे अपनी गेहंू की फसल सिर्फ सरकार को ही दें और प्राइवेट खरीद दारों को 1-2 रुपया अधिक मूल्य पर अपनी फसल न बेचे। उन्होंने यह भी कहा कि किसान अपनी फसल प्राइवेट खरीददारों को बेचते समय कम से कम 100 रुपए अधिक कीमत पर बेचे और आढ़ती से जे फार्म व तोल की पर्ची पर यह लिखवाकर ले कि यदि सरकार बोनस घोषित करती है तो इस फसल का बोनस भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे अब की बार हर हाल में बोनस लेकर रहेंगे।
0 मंडियों में किया गया उचित प्रबंध: राविश
इस बारे में मार्केट कमेटी सचिव सतवीर राविश ने बताया कि उन्होंने पाई मार्केट कमेटी के अधीन आने वाली सभी मंडियों वे खरीद केंद्रों में किसानों की सुविधा के लिए सभी उचित प्रबंध कर दिए गए है। प्रत्येक मंडी में बिजली, पानी आदि की उचित व्यवस्था की गई है। किसानों की फसल को वर्षा आदि जैसे नुकसान से बचाने के लिए उन्होंने आढ़तियों को पहले ही निर्देश दिए हुए है कि वे पावर का पंखा, प्रयाप्त संख्या में तरपालें व करेंटें रखें। ताकि किसान व खरीद एजैंसी को नुकसान न हो।

जानिए इस वर्ष के नवरात्र स्थापना के शुभ मुहूर्त


जानिए इस वर्ष के नवरात्र स्थापना के शुभ मुहूर्त

(पं.दयानंद शास्त्री)

नई दिल्ली (साई)। चौत्र नवरात्रों का  शुभारम्भ इस वर्ष 11 अप्रैल 2013 ( गुरुवार ) के दिन से होगा। दिनांक 11अप्रैल 2013 से शुरू संवत -2070 के प्रारम्भ चौत्र शुक्ल पक्ष के नवरात्रों का आरंभ वर्ष 11 अप्रैल 2013 के दिन से होगा। ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानंद शास्त्री के अनुसार घट स्थापना का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त समय सुबह 622 से 750 तक रहेगा, उसके बाद सूर्याेदय से सुबह 920 बजे तक लाभ, अमृत के चौघड़िए में और सुबह 1049 से दोपहर 12 बजे तक, देवी पुराण में नवरात्र के दिन देवी का आह्वान, स्थापना व पूजन का समय प्रातरू काल माना गया है। मगर इस दिन चित्रा नक्षत्र व वैधृति योग वर्जित बताया गया है। हालांकि इस दिन वैधृति योग का संयोग तो नहीं हो रहा है लेकिन दोपहर 139 बजे चित्रा नक्षत्र आएगा। इसलिए प्रातरूकाल देवी का आह्वान कर घट स्थापना करना श्रेष्ठ रहेगा।
इस वर्ष की चौत्र नवरात्र तिथियाँ इस प्रकार होगी  ------
    पहला नवरात्र, प्रथमा तिथि, 11 अप्रैल 2013, दिन बृस्पतिवार
    दूसरा नवरात्र, द्वितीया तिथि  12 अप्रैल  2013, दिन शुक्रवार
    तीसरा नवरात्रा, तृतीया तिथि, 13 अप्रैल 2013, दिन शनिवार
    चौथा नवरात्र , चतुर्थी तिथि, 14 अप्रैल 2013 , दिन रविवार
    पांचवां नवरात्र , पंचमी तिथि , 15 अप्रैल 2013, दिन सोमवार
    छठा नवरात्रा, षष्ठी तिथि, 16 अप्रैल 2013, दिन मंगलवार
    सातवां नवरात्र, सप्तमी तिथि , 17 अप्रैल 2013,दिन  बुधवारढ
    आठवां नवरात्रा , अष्टमी तिथि, 18 अप्रैल 2013, दिन बृहस्पतिवार
    आठवां नवरात्रा , अष्टमी तिथि, 19 अप्रैल 2013, दिन शुक्रवार सुबह 06रू55 तक
    नौवां नवरात्रनवमी तिथि 20 अप्रैल, दिन शनिवार सुबह 08रू15 तक
दिनांक 11अप्रैल 2013 से शुरू संवत -2070 के प्रारम्भ में मई तक बनने वाला चार -पांच ग्रह संयोग राजनैतिक -सामाजिक -प्राकृतिक महोत्पात का कारण बनेगा । 11 अप्रैल 2013 से शुरू होने वाला पराभव संवत का फल शुभ होगा। संवत का वास माली के घर तथा रोहिणी का वास समुद्र में होने से उत्तम बारिश का योग बनेगा। संवत का वाहन मृग है। मंत्री शनि होने से सियासतदारों की अयोग्यता सिद्ध होगी।
ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानंद शास्त्री के अनुसार नौ दिनों तक चलने नवरात्र पर्व में माँ दुर्गा के नौ रूपों क्रमशः शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धदात्री देवी की पूजा का विधान है। नवरात्र के इन प्रमुख नौ दिनों में लोग नियमित रूप से पूजा पाठ और व्रत का पालन करते हैं। दुर्गा पूजा के नौ दिन तक देवी दुर्गा का पूजन, दुर्गा सप्तशती का पाठ  इत्यादि धार्मिक किर्या पौराणिक कथाओं में शक्ति की अराधना का महत्व व्यक्त किया गया है। इसी आधार पर आज भी माँ दुर्गा जी की पूजा संपूर्ण भारत वर्ष में बहुत हर्षाेउल्लास के साथ की जाती है। वर्ष में दो बार की जाने वाली दुर्गा पूजा एक चौत्र माह में और दूसरा आश्विन माह में की जाती है।
ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानंद शास्त्री के अनुसार दुर्गा पूजा के साथ इन दिनों में तंत्र और मंत्र के कार्य भी किये जाते है। बिना मंत्र के कोई भी साधाना अपूर्ण मानी जाती है। शास्त्रों के अनुसार हर व्यक्ति को सुख -शान्ति पाने के लिये किसी न किसी ग्रह की उपासना करनी ही चाहिए। माता के इन नौ दिनों में ग्रहों की शान्ति करना विशेष लाभ देता है। इन दिनों में मंत्र जाप करने से मनोकामना शीघ्र पूरी होती है। नवरात्रे के पहले दिन माता दुर्गा के कलश की स्थापना कर पूजा प्रारम्भ की जाती है।
ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानंद शास्त्री के अनुसार तंत्र-मंत्र में रुचि रखने वाले व्यक्तियों के लिये यह समय ओर भी अधिक उपयुक्त रहता है। गृहस्थ व्यक्ति भी इन दिनों में माता की पूजा आराधना कर अपनी आन्तरिक शक्तियों को जाग्रत करते है। इन दिनों में साधकों के साधन का फल व्यर्थ नहीं जाता है। मां अपने भक्तों को उनकी साधना के अनुसार फल देती है। इन दिनों में दान पुण्य का भी बहुत महत्व कहा गया है।
ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानंद शास्त्री के अनुसार 11 अप्रैल से पहले तक शुक्र ही राजा व मंत्री रहेगा। यह संयोग घातक जुनून की तरफ समाज को ले जाएगा। समाज व कानून एक तरफा महिलाओं का सहयोगी होगा। 18 साल बाद (23 दिसंबर) राहु व केतु अपनी राशि बदल कर तुला व मेष में आए हैं। राहु व केतु अब अप्रैल 2014 तक शनि के साथ साथ चलेंगे।
संवत 2070 में उत्साहजनक प्रदर्शन करेगा। विश्व के अन्य देशों के साथ इसके संबंध प्रगाढ़ होंगे तथा तकनीकी क्षेत्र में भारत का प्रभाव बढ़ेगा। सुरक्षा से जुड़े मामलों में विश्व स्तर पर भारत को सहयोग प्राप्त होगा। देश में धन-धान्य की वृद्धि होगी, खाद्य वस्तुओं में वृद्धि की संभावना बन रही है। राजनैतिक क्षेत्र में लगनस्थ राहु के कारण सत्तापक्ष व विपक्ष में मतभेद बने रहने की संभावना है।
ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानंद शास्त्री के अनुसार सत्ता के विरुद्ध जनता में विद्वेष बढ़ेगा। आंतरिक कलह एवं कुछ राज्यों में सत्ता के विरुद्ध जनता सड़क पर उतर सकती है। धर्मेश वृहस्पति होने के कारण देश में धार्मिक लोगों, संतों, महात्माओं का सम्मान बढ़ेगा। धर्म आधारित राजनीति में वृद्धि की पूर्ण संभावना है। आतंकवाद एवं सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। पड़ोसी राष्ट्रों से जुड़े शत्रु वर्ग पराजित होंगे। लग्न कुण्डली में शत्रु स्थान स्थित वृहस्पति शत्रुहंता योग उत्पन्न करेगा।
ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानंद शास्त्री के अनुसार 11 अप्रैल 2013 से अगस्त 2013 के मध्य देश के कई राज्यों में दैवीय प्रकोप व किसी भीषण दुर्घटना की संभावना बन रही है। नवम्बर 2013 से जनवरी 2014 के मध्य किसी बड़ी रेल दुर्घटना, भूकंप या समुद्र तटीय क्षेत्रों में जन-धन की हानि संभावित है। जून 2013 से दिसम्बर 2013 के मध्य कुछ आर्थिक सुधार होने की संभावना है। देश में धार्मिक कृत्य बढ़ेंगे। पापाचार करने वाले सावधान रहें, उन्हें कठोर दंड मिल सकता है।
ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानंद शास्त्री के अनुसार जुलाई के प्रथम सप्ताह तक अन्तरिक्ष में गुरु अतिचारी तो शनि वक्री गमन करेगा ,तब तो अंतर्राष्ट्रीय जगत में तहलका मचवायेगा ----

ष्ष्ष्अतिचारी गते जीवे वक्री भूते शनैश्वरे ।हा !हा !भूतं जगत्सर्वं रुण्डमाला महीतले ष्ष्ष्ष्
अमेरिका आदि देश तथा खाड़ी के देश त्रस्त रहेंगें ।युद्धोत्पाति भयान्तक से हा हाकार मचेगा ।किन्हीं देशों में रक्त की धारा वहेगी ।प्रजाजन दुखी होंगें ।शांति के सभी प्रयास निष्फल होंगें ।--
----जून -जुलाई 15 तक भयानक गर्मी पड़ेगी ।शनि के वक्रत्व काल में यातायात से सम्बंधित दुर्घटनाएँ बहुत होंगीं ।सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव बढ़ता है ।सक्रीय आंतंकवादी प्रबल होती
ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानंद शास्त्री के अनुसार नव वर्ष का प्रारम्भ हिन्दू, चौत्र शुक्ल प्रतिपदा से मानते हैं क्योंकि
ऽ इस तिथि से ब्रह्मा जी ने सृष्टि का निर्माण प्रारम्भ किया।
ऽ मर्यादापुर्षाेत्तम भगवान रामचन्द्र जी का इस दिन राज्याभिषेक हुआ।
ऽ इस दिन नवरात्रों का महान पर्व आरम्भ होता है।
ऽ देव भगवान झूले लाल जी का जन्म दिवस ।
ऽ महाराजा विक्रमादित्य द्वारा विक्रमी संवत का शुभारम्भ ।
ऽ राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के संस्थापक डा। केशव बलिराम हेडगेवार जी का जन्म दिवस।
ऽ महर्षि दयानन्द जी द्वारा आर्य समाज का स्थापना दिवस।
ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानंद शास्त्री के अनुसार चौत्र शुक्ल पक्ष के नवरात्रों का आरंभ वर्ष 11 अप्रैल 2013 के दिन से होगा। इसी दिन से हिंदु नवसंवत्सर का आरंभ भी होता है। चौत्र मास के नवरात्र को वार्षिक नवरात्रकहा जाता है। इन दिनों नवरात्र में शास्त्रों के अनुसार कन्या या कुमारी पूजन किया जाता है। कुमारी पूजन में दस वर्ष तक की कन्याओं का विधान है। नवरात्रि के पावन अवसर पर अष्टमी तथा नवमी के दिन कुमारी कन्याओं का पूजन किया जाता है।
ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानंद शास्त्री के अनुसार चौत्र नवरात्र  पूजन का आरंभ घट स्थापना से शुरू हो जाता है। शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन प्रातरू स्नानादि से निवृत हो कर संकल्प किया जाता है। व्रत का संकल्प लेने के पश्चात मिटटी की वेदी बनाकर जौ बौया जाता है। इसी वेदी पर घट स्थापित किया जाता है। घट के ऊपर कुल देवी की प्रतिमा स्थापित कर उसका पूजन किया जाता है। तथा ष्दुर्गा सप्तशतीष् का पाठ किया जाता है। पाठ पूजन के समय दीप अखंड जलता रहना चाहिए।