पूर्व विधायक
लोकेन्द्र यादव का देह दान अनुकरणीय: डॉ. रमन सिंह
(एन.के.श्रीवास्तव)
रायपुर (साई)।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य के बालोद क्षेत्र के पूर्व विधायक
लोकेन्द्र यादव के आकस्मिक निधन पर गहरा दुरूख व्यक्त किया है। यादव का आज सवेरे
जिला मुख्यालय बालोद स्थित उनके निवास पर हृदय गति रूक जाने से निधन हो गया। डॉ.
सिंह ने आज शाम यहां जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज पहुंचकर स्वर्गीय यादव को विनम्र
श्रध्दांजलि अर्पित की। इस अवसर पर मेडिकल कॉलेज परिसर में उनके पार्थिव शरीर के
समक्ष एक संक्षिप्त शोक सभा का आयोजन किया गया और दो मिनट का मौन धारण कर दिवंगत
आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई। मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय यादव के
परिवार के सदस्यों से मिलकर संवेदना प्रकट की।
शोक सभा में
मुख्यमंत्री ने कहा कि सहज-सरल स्वभाव के लोकेन्द्र यादव स्वच्छ छवि के कर्मठ
किसान नेता और सहृदय समाजसेवी थे। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि पूर्व विधायक स्वर्गीय
यादव ने मरणोपरान्त अपना पार्थिव शरीर मेडिकल कॉलेज को दान कर देश और समाज के
सामने एक प्रेरणादायक और अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है। शरीर छोड़ने के बाद भी उनकी
यह पार्थिव काया मेडिकल छात्रों की पढ़ाई में काम आएगी और उनके माध्यम से मरीजों की
बेहतर सेवा के साथ मानवता का कल्याण हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने यादव के निधन को
अपने लिए व्यक्तिगत क्षति बताया और उनके साथ अपने वर्षों पुराने मैत्रीपूर्ण
संबंधों को याद करते हुए कहा कि वह हमारे वरिष्ठ सहयोगी थे। समय-समय पर मेरी उनसे
मुलाकात होती रहती थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय यादव ने बालोद क्षेत्र के
विकास के लिए लगातार काम किया। शोक सभा में सर्वश्री सच्चिदानंद उपासने, रमेश यदु, डॉ. मन्नूलाल यदु
और विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।
लोकेन्द्र यादव का
जन्म 12 दिसंबर 1949 को बालोद तहसील के
ग्राम तरौद में हुआ था। उन्होंने एम.ए. और बी.एड. की शिक्षा प्राप्त की और
खेती-किसानी के साथ-साथ शिक्षकीय कार्य भी किया। स्वर्गीय यादव तत्कालीन
मध्यप्रदेश की विधानसभा के लिए वर्ष 1998 में छत्तीसगढ़ के बालोद क्षेत्र से
निर्वाचित हुए थे। वर्ष 2000 में राज्य निर्माण के बाद वह नवगठित छत्तीसगढ़ प्रदेश की
प्रथम विधानसभा के सदस्य रहे। स्वर्गीय यादव वर्ष 1991 से 1995 तक तत्कालीन दुर्ग
जिले की जिला अन्त्योदय समिति के भी सदस्य रह चुके थे।
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