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छात्रवृत्ति: ट्रायवल में हो गए दो डीडीओ!
एसी ट्रायवल की लापरवाही से हजारों छात्रों की छात्रवृत्ति अधर में
(अय्यूब कुरैशी)
सिवनी (साई)। समाकेतिक छात्रवृत्ति योजना के तहत शिक्षा विभाग के साथ ही
साथ आदिवासी विकास विभाग में भी जमकर घालमेल की शिकायतें प्रकाश में आ रही हैं।
हालात देखकर लगने लगा है कि कल 25 मार्च तक
आदिवासी विकास विभाग के अधीन कार्यरत शालाओं में अध्ययनरत विद्यार्थियों को
छात्रवृत्ति दिए जाने के देयक शायद ही कोषालय भेजे जा सकें, क्योंकि अधिकांश शालाओं में दो-दो डीडीओ (आहरण संवितरण
अधिकारी) हो गए हैं।
सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया
को बताया कि सहायक आयुक्त कार्यालय की घोर लापरवाही और अर्कमण्य कार्यशैली के चलते
आदिवासी विकासखण्ड में प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में अध्ययनरत हजारों की तादाद
में विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति वितरण पर प्रश्न चिन्ह लग गए हैं।
वहीं, जिला कलेक्टरेट के सूत्रों ने साई
न्यूज को बताया कि गत दिवस जिला कलेक्टर भरत यादव की अध्यक्षता में संपन्न हुई
बैठक में जिला कलेक्टर ने भी सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग की कार्यप्रणाली पर
नाराजगी व्यक्त की थी। सूत्रों के अनुसार शासन के स्पष्ट आदेशों के तीन साल बाद भी
विकास खण्ड में कार्यरत नियमित शिक्षकों के वेतन निकालने हेतु आहरण संवितरण अधिकार
विकास खण्ड अधिकारी (बीडीओ) से वापस लेकर संकुल प्राचार्य को नहीं सौंपे गए हैं।
एक शिक्षक ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर अपनी पीड़ा बयान करते हुए कहा
कि एसी कार्यालय और विकास खण्ड कार्यालय में दलालों और चाटुकारों का जमकर बोलबाला
हो गया है। यहां बिना ‘चढ़ावे‘ के कोई भी कार्य नहीं होता है। आलम यह है कि अपना जीपीएफ, पेंशन एवं अन्य समस्याओं के लिए भी शिक्षकों को इन दलालों के
रास्ते से ही होकर गुजरना पड़ रहा है।
नहीं मिलेगी छात्रवृत्ति
एसी कार्यालय के सूत्रों ने आगे बताया कि सहायक आयुक्त श्री शेंडे की
लापरवाही के चलते इस सत्र में प्राथमिक और माध्यमिक स्तर के विद्यार्थी
छात्रवृत्ति से वंचित ही रहेंगे, जबकि प्रदेश के
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की यह महत्वाकांक्षी योजना शासन की सौ दिवसीय
कार्ययोजना में शामिल है। इस संबंध में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्री शेण्डे (9424678595) ने बताया कि ऐसा नहीं है। विद्यार्थियों को इस सत्र की
छात्रवृत्ति अवश्य मिलेगी। जब उनसे यह पूछा गया कि यह कब मिल पाएगी? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि छात्रवृत्ति के मामले में कुछ
गड़बड़ी अवश्य ही हुई है पर इसे जल्द ही सुधारकर देयक बनवाकर कोषालय भेज दिए जाएंगे।
दो-दो हैं डीडीओ
वहीं, सूत्रों ने आगे बताया कि आदिवासी
विकास विभाग के नियमित शिक्षकों के वेतन का आहरण विकास खण्ड अधिकारी (बीडीओ) के
द्वारा किया जा रहा है जबकि सहायक अध्यापक आदि के वेतन का आहरण संकुल प्राचार्य
द्वारा किया जा रहा है। इस तरह एक ही संकुल में दो-दो डीडीओ कार्य कर रहे हैं।
यह है परेशानी
सूत्रों के अनुसार हाल ही में संपन्न हुई प्राचार्यों की बैठक में यह
मामला प्रकाश में आया है। प्राचार्यों ने बताया कि आदिवासी विकास खण्ड में विभाग
द्वारा संचालित की जाने वाली प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में अध्ययनरत
विद्यार्थियों की मेपिंग एवं फीडिंग विकास खण्ड अधिकारियों के डीडीओ में लॉक एण्ड
सेव यानी सुरक्षित हो गई है। अब संकुल प्राचार्यों के समक्ष यह दुविधा है कि वे
बीडीओ के खाते से छात्रवृत्ति का आहरण कैसे करें?
हां, विसंगतियों के बारे में बात संज्ञान
में आई है,
पर इस तरह के कोई निर्देश उपर से नहीं आए
हैं और न ही हमारे द्वारा दिए गए हैं कि मेपिंग को बीडीओ के पास लॉक एण्ड सेव किया
जाए। यह मामला प्रकाश में आया है। ऊपर बात हो रही है। मार्च माह में छात्रवृत्ति
मिलना मुश्किल है पर बात हो चुकी है, आने वाले माहों
में बच्चों को इस सत्र की छात्रवृत्ति दिला दी जाएगी।
श्री शेण्डे,
सहायक आयुक्त आदिवासी विकास, सिवनी.