सेना के पास 20 दिनों की लड़ाई के लिए भी गोला बारूद नहीं
(रश्मि सिन्हा)
नई दिल्ली (साई)। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आर्मी, इंडियन आर्मी हथियारों की भारी कमी से जूझ रही है। यह कमी
टैंक, एयर सिक्योरिटी यूनिट और तोपखाने सहित कई चीजों में है।
हालांकि,
आर्मी ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हालत इतनी खराब
हो चुकी है कि उसके पास 20 दिनों की लड़ाई के लिए भी पर्याप्त गोला बारूद नहीं है।
रूल्स के मुताबिक, आर्मी के पास
उतने हथियारों के भंडार (वॉर वेस्टेज रिजर्व) होने चाहिए कि अगर जबर्दस्त वॉर जैसे
हालात पैदा हों तो कम से कम 40 दिनों तक मुकाबला किया जा सके।
नई गवर्नमेंट का इंतजार!
आर्मी चीफ जरनल बिक्रम सिंह ने हाल में ही कहा था कि अगर हथियारों के लिए
उचित बजट सपोर्ट मिलता है तो आर्मी के पास 2015 तक 50 परसेंट वॉर वेस्टेज रिजर्व
होना चाहिए। यानी अभी आर्मी के पास फिलहाल 50 परसेंट वॉर वेस्टेज रिजर्व भी नहीं
है। माना जा रहा है कि 2019 तक ही ऐसा हो पाएगा। अब आर्मी नई गवर्नमेंट के बनने का
इंतजार कर रही है, ताकि 19,250 करोड़
रुपये के गोला-बारूद की खरीद हो सके। इससे ही आर्मी पूरी लड़ाई लड़ने में समर्थ हो
सकेगी।
गोला-बारूद की कमी को तत्काल दूर करना इसलिए भी जरूरी हो गया है कि सेना
ने एक नया स्ट्राइक कॉर्घ्प्स तैयार करना शुरू कर दिया है जिसमें 90,000 जवान और
ऑफिसर्स होंगे। और सात साल में बनेगी. इसमें इंफैंट्री बटालियन, बख्तरबंदए तोपखाना और एयर डिफेंस यूनिट इत्यादि होंगे। इसके
लिए बड़े पैमाने पर गोला-बारूद की जरूरत होगी। नए तोपों, हेलीकॉप्टरों, ऐंटी-टैंक गाइडेड
मिसाइल के एडवांसमेंट का काम भी अभी अधूरा है।
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