मंगलवार, 27 अप्रैल 2010

कमल नाथ और कांग्रेसी सूबों के बीच ठनी रार

कमल नाथ और कांग्रेसी सूबों के बीच ठनी रार

सडक निर्माण में कांग्रेस शासित राज्य बने बाधक

भूमि अधिग्रहण बना सरदर्द

जयराम रमेश और नाथ का शीतयुद्ध बना अखाडा

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली 27 अप्रेल। राष्ट्रीय जनतान्त्रिक गठबंधन सरकार के कार्यकाल में तत्कालीन प्रधानमन्त्री अटल बिहारी बाजपेयी ने देश के गांव गांव को सडकों से जोडने का सपना देखा था। इसके बाद देश के ग्रामीण इलाकों में सडकों का जाल फैलना आरम्भ हो गया। सडक निर्माण में गफलत, भ्रष्टाचार, अनियमितताओं की शिकायतें आम हो गईं। इस सबसे बचने के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार द्वारा राजग शासित राज्यों से इस मामले में सहयोग न देने की आरोप लगाए जा रहे हों पर वास्तविकता यह है कि कांग्रेस शासित सूबों में सडकों के निर्माण में सबसे ज्यादा परेशानी महसूस की जा रही है।

कमल नाथ के नेतृत्व वाले भूतल परिवहन मन्त्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि राजमार्गों के निर्माण में हो रही देरी के पीछे केन्द्र की यूपीए सरकार नहीं वरन् राज्यों द्वारा भूमि अधिग्रहण में की जा रही देरी प्रमुख कारक बनकर उभरा है। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस शासित असम जिसके मुख्यमन्त्री तरूण गगोई की ताजपोशी पिछली मर्तबा कमल नाथ ने बतौर कंाग्रेस के असम सूबे के प्रभारी महासचिव की हैसियत से की थी में ही 18 मामले लंबित हैं। इसी तरह देश में राष्ट्रीय राजमार्ग के कुल 82 मामले आज भी लंबित ही हैं।

सूत्रों ने आगे बतायाि क राजमार्ग का काम आरम्भ होने में विलंब के अधिकतर ममाले भूमि अधिग्रहण से जुडे हुए हैं। अमूमन देखा गया है कि कृषि योग्य भूमि का अधिग्रहण सबसे अधिक तेजी से हो जाता है, पर उसकी प्रक्रिया पूरी होने में कम से कम छ: माह का समय लग जाता है। अगर कोई कानूनी बाधा आ जाती है तो मामला लंबा ही खिच जाता है। इसके अलावा राज्य सरकारों द्वारा सक्षम प्राधिकारों के नामांकन में विलंब, सक्षम भूमि अधिग्रहण प्राधिकारी का बारंबार स्थानान्तरण, संरचना में कमी, मुआवजा देने में देरी होने जैसी गफलतों के चलते विलंब हो जाता है।

राजग शासित दलों में मध्य प्रदेश में ही सात राष्ट्रीय राजमार्गों पर निर्माण काम बाधित पडा हुआ है। पंजाब में पांच, बिहार में चार, उत्तर प्रदेश में रिकार्ड 16 राजमार्गों का काम बाधित है। कुल मिलाकर देखा जाए तो लगभग एक हजार किलोमीटर सडक का काम रूका हुआ है। इनमें सबसे अधिक विलंब कांग्रेस शासित राज्यों में ही उभरकर सामने आ रहा है। कांग्रेस शासित राज्यों और केन्द्रीय भूतल परिवहन मन्त्री कमल नाथ के बीच समन्वय के अभाव के चलते केन्द्र सरकार की इस महात्वाकांक्षी परियोजना के काम में पलीता लगता जा रहा है।

रही सही कसर वन एवं पर्यावरण मन्त्री जयराम रमेश द्वारा पूरी की जा रही है। पिछली सरकार में तत्कालीन वाणिज्य मन्त्री कमल नाथ के मातहत रह चुके जयराम रमेश इस बार कमल नाथ के बराबरी वाले आसन पर विराजमान हैं। दोनों के बीच की तिल्खयां किसी से छिपी नहीं हैं। कमल नाथ के विभाग के कामों में वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा जमकर अडंगे लगाए जा रहे हैं। यही कारण है कि कमल नाथ के संसदीय क्षेत्र जिला छिन्दवाडा से सटे सिवनी जिले से होकर गुजरने वाले शेरशाह सूरी के जमाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक सात के हिस्से को जिसे एनएचएआई ने टेक ओवर कर लिया है, का निर्माण का काम बाधित हो रहा है

अक्षय को मदद चाहिए....

अक्षय को मदद चाहिए....

एक युवा जो जीवन जीने के लिये संघर्ष कर रहा है जी हां मैं अक्षय कात्यानी जिसके इलाज़ हेतु मात्र दो लाख रुपयों की ज़रूरत है विस्तृत जानकारी इन लिंक्स पर प्राप्त की जाए और अविनाश जी की तरह हम मदद कर सकतें है

अविनाश वाचस्पति - कुछ दिनों से देख पढ़ रहा हूं। पर आज इस पोस्‍ट में खाता संख्‍या संबंधी निम्‍न जानकारी मिल गई है।

Name- Sudhir Kumar Katyayani,

Account No.- 09322011002264,

Bank Name- Oriental Bank of Commerce,

Branch- Arera Colony Branch, Bhopal (M.P.)

कल मतलब मंगलवार को ही मैं इसमें एक हजार रुपये जमा कर रहा हूं। एक शुरूआत है। आप भी अगर आर्थिक रूप से सक्षम हैं तो ऐसा ही नेक कदम उठाएं। मैं अतुल पाठक से तो परिचित नहीं हूं परन्‍तु मदद करने के लिए परिचितता आवश्‍यक नहीं है। मुझे यह भी नहीं लगता कि कोई सरकारी मदद मिल सकती है, मिल सकेगी। पर उसकी उम्‍मीद क्‍यों करें हम, हम तो बस शुरू हो जाएं अभी।

जो भी सक्षम हैं और मदद करने का जज्‍बा रखते हैं। हम अपनी बेमर्जी से अपनी जेब तो कटवा सकते हैं। अपना वर्षों से संचित माल-असबाब तो लुटवा सकते हैं। पर ऐसे मौकों पर चुप्‍पी क्‍यों साध लेते हैं ? वैसे निश्चित रूप से मदद पहुंचना आरंभ हो चुकी होगी।

तो हाथ मत बांधिए

कतार बांधिए

और बांधिए बंधन ऐसा

जिस पर मानवता

कर सके गर्व

ऐसा निभायें धर्म

सबसे बड़ा मानवधर्म

इसे अनदेखा मत कीजिए

अपने मन से पूछिए

वो आपकी नेक विचारों की

अवश्‍य तस्‍दीक करेगा।

यह मत सोचिए कि मेरे एक हजार रुपये से क्‍या होगा ? एक हजार भी नहीं चाहिए सिर्फ एक हजार रुपये देने वाले 200 इंसान चाहिएं। नुक्‍कड़ पर अवश्‍य ही 50 इंसान तो मिल सकेंगे। चाहते तो सब होंगे मदद करना। पर 50 ने भी कर दी तो हो गई है शुरूआत। न भी हो, पर मैं क्‍यों रूकूं, मैं तो अपना कर्म करता चलूं। मालूम नहीं दिन कितने हैं, पर दिनों की प्रतीक्षा क्‍यों करें, आज ही इस नेक काम को क्‍यों नहीं करें

BLOGER MITRA GIRESH BILLORE SAYS :

मेरी सारी उम्र ले ले यम राज़ किंतु एक मां को संतान का तिल तिल जीवन रसता न दिखाये आज सारे ब्लागर्स जो जितना भी कर रहें है उनको प्रणाम . अक्षय कौन है किसका बेता क्या है सब सेकण्डरी हो गया बस लगता है धन्वंतरी कहें:”आयुष्मान भव:” 
टीवी पत्रकार अक्षय को बचा लीजिए, वह जीना चाहता है

अक्षय कात्यानी की मदद हेतु एकाउंट नम्बर  09322011002264 of ORIENTAL BANK OF COMMERSE में सहयोग राशि जमा कीजिये


योगेश पाण्डेय - 09826591082,

सुधीर कत्यानी (अक्षय के पिता) - 09329632420,

अंकित जोशी (अक्षय के मित्र) - 09827743380,09669527866

जब भोपाल भर के पत्रकार इस साथी की हालत को लेकर निद्रामग्न थे....एक चैनल के पत्रकार की स्टोरी को उस क्षेत्रीय चैनल ने ड्रॉप कर दिया....तब सीएनईबी के भोपाल संवाददाता ने इस ख़बर को न केवल कवर किया....बल्कि चैनल ने अपने नैतिक दायित्व को भली भांति निभाते हुए इस मार्मिक व्यथा गाथा को अपील के साथ प्रसारित किया...जिसका असर भी दिखना शुरू हो गया है....सीएनईबी न्यूज़ के संवाददाता...से....सम्पादक तक सभी इसके लिए बधाई के पात्र हैं.....