सोमवार, 23 अप्रैल 2012

शिव के राज में नहीं होता मलेरिया


शिव के राज में नहीं होता मलेरिया!

मच्छरों के प्रति बेपरवाह है शिवराज

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। अगर आपको मच्छर जनित बीमारी मलेरिया से बचना है तो आप बेखौफ होकर देश के हृदय प्रदेश चले जाएं, वहां ना तो मच्छर हैं और ना ही उसके काटने से फैलने वाला मलेरिया। जी हां, केंद्र सरकार द्वारा मेडीकेटेड मसहरियों के लिए एमपी को दिए गए दस करोड़ 68 लाख रूपए रखे रखे लेप्स हो गए हैं और शिवराज सरकार को इसकी कतई परवाह नहीं है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि मार्च 2012 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष के लिए केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल जुलाई माह में 10 करोड़ 68 लाख रूपए की रकम प्रदान की थी, ताकि राज्य में विशेष तरह की मच्छरदानी को खरीद कर उसे लोगों में बांटा जाए।
सूत्रों की मानें तो इस तरह की विशेष मच्छरदानियों विश्व में तीन ही कंपनियां तैयार करती हैं। इस मच्छरदानियों को एलएनआई कहा जाता है। कहा जाता है कि इसमें उपयोग किए जाने वाले धागे से निकलने वाली गंध से ही मच्छर की इहलीला समाप्त हो जात है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि धोने पर भी इसका असर कम नहीं होता है।
सूत्रों ने आगे बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा महज 217 रूपए प्रति मसहरी की दर से 100 करोड़ रूपए की लगभग पचास लाख मच्छरदानियां खरीदी थीं। नियमानुसार मध्य प्रदेश सरकार को भी 217 रूपए प्रति मच्छरदानी की दर से लगभग पांच लाख मच्छरदानियां खरीदना प्रस्तावित था।
उधर दिल्ली में पदस्थ मध्य प्रदेश के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर कहा कि यह राशि इसलिए लेप्स हो गई क्योंकि कमीशनखोरी में आर्डर ही नहीं दिया जा सका। उन्होंने कहा कि उनके पास खबरें पुख्ता हैं कि एमपी के अधिकारी 465 रूपए प्रति मसहरी की दर से बिल बनवाकर लगभग 23 लाख मच्छरदानियां खरीदना चाह रहे थे। ज्यादा बिल बनवाने के चक्कर में राज्य के खाते में इस मद में जमा राशि लेप्स हो गई है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेसनीत केंद्र सरकार भी भाजपा के चेहरे अटल बिहारी बाजपेयी का पूरा सम्मान कर रही है, यही कारण है कि अटल बाल मिशन योजना के तहत इन मच्छरदानियों को छिंदवाड़ा, बालाघाट, डिंडोरी, मण्डला, बैतूल, रतलाम, धार, झाबुआ, बड़वानी, अलीराजपुर, शहडोल, अनूपपुर आदि पिछडे जिलों में वितरित किया जाना था।

हो रहे दस करोड़ मासिक खर्च

एक तरफ तो मध्य प्रदेश के हर बच्चे के मामा शिवराज सिंह चौहान द्वारा केद्र पोषित इस योजना की राशि लेप्स करवा दी वहीं दूसरी ओर वाणिज्यिक कर विभाग के सूत्रों का दावा है कि मध्य प्रदेश में मच्छरों से बचाव के लिए मच्छर स्मोक क्वाईल यानी मार अगरबत्ती, स्प्रे आदि प्रोडक्ट्स पर हर माह दस करोड़ रूपए से अधिक खर्च किए जा रहे हैं। मार्च माह में ही राजधानी भोपाल में इन उत्पादों की बिकावली पचास लाख रूपए से ज्यादा की दर्ज की गई है।

कलेक्टर के अपहरण से हिल गए रमन सिंह


कलेक्टर के अपहरण से हिल गए रमन सिंह

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। छत्तीसगढ़ में भारतीय प्रशासनिक सेवा के जिलाधिकारी के अपहरण ने साफ कर दिया है कि छग में प्रजातंत्र के नाम पर रमन सिंह जंगल राज चला रहे हैं। दो दो गनमेन साथ लेकर चलने वाले जिला कलेक्टर ही जिस राज्य में सुरक्षित ना हों वहां आखिर आम जनता की सुरक्षा की गारंटी मुख्यमंत्री रमन सिंह कैसे ले सकते हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार ने सुकमा के जिला कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन के अपहरण से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए मंत्रिमंडल की एक उप समिति का गठन किया है। चार सदस्यों की यह समिति माओवादियों द्वारा अपहृत श्री मेनन को सुरक्षित छुड़वाने के सभी पहलुओं पर विचार करेगी। इस समिति में राज्य के गृहमंत्री ननकीराम कंवर, लोक निर्माण मंत्री ब्रजमोहन अग्रवाल, अनुसूचित जाति, जनजाति कल्याण मंत्री केदार कश्यप और जल संसाधन मंत्री राम बिचार नेताम शामिल हैं।
कल रात मुख्यमंत्री रमण सिंह की अध्यक्षता में यह फैसला किया गया। इस बीच माओवादियों ने सुकमा के जिला कलेक्टर श्री मेनन को छोड़ने के बदले अपने आठ साथियों की रिहाई और नक्सलरोधी अभियान ग्रीन हंट रोकने की मांग की है। रायपुर में कल नक्सलरोधी कार्रवाई के अपर पुलिस महानिदेशक रामनिवास ने बताया कि यह मांग मीडिया को भेजे एक ऑडियो संदेश में अज्ञात नक्सली नेता ने की है। श्री रामनिवास ने बताया कि कोई भी माओवादी गुट अभी सरकार के सम्पर्क में नहीं है।
नक्सलियों ने अपनी मांग पूरी करने के लिए २५ अप्रैल तक की समय सीमा रखी है। उन्होंने कहा कि ऑडियो टेप की प्रामाणिकता की पुष्टि की जा रही है। श्री रामनिवास ने बताया कि श्री मेनन के अपहरण के संबंध में पुलिस को कुछ अहम सुराग मिले हैं। श्री मेनन सुरक्षित बताये जाते हैं। उनका शनिवार को माओवादियों ने अपहरण कर लिया था।
इस बीच सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश ने कलेक्टर अपहरण मामले में नक्सलियों और सरकार के बीच मध्यस्थता करने की इच्छा जाहिर की है। स्वामी अग्निवेश ने कहा है कि वे सरकार या नक्सलियों की किसी पहल का इंतजार कर रहे हैं।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमण सिंह और विपक्षी दल कांग्रेस ने सुकमा के कलेक्टर श्री मेनन को तुरंत छोड़ने की अपील की है।
श्री मेनन की पत्नी श्रीमती आशा ने नक्सलियों से अपील की है कि वे उनके पति को तुरंत छोड़ दें, क्योंकि वे दमे के मरीज हैं, और उनके पास पर्याप्त दवाएं नहीं हैं। आई ए एस अधिकारियों की ऐसोसिएशन ने कल रायपुर में बैठक की और माओवादियों से श्री मेनन को छोड़ने की अपील की।
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया ब्यूरो के अनुसार स्थानीय लोगों ने भी कल शांति मार्च का आयोजन किया और श्री मेनन को छोड़ने की अपील की। शांति मार्च में स्कूली बच्चों सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
सुकमा जिला कलेक्टर की रिहाई के लिए माओवादियों द्वारा रखी गई मांगों के बारे में मीडिया रिपोर्ट के परिप्रेक्ष्य में राज्य सरकार द्वारा मंत्रिमंडलीय उपसमिति के गठन के निर्णय को काफी अहम माना जा रहा है। हालांकि नक्सलियों की शर्तों के बारे में राज्य सरकार के पास अभी तक अधिकृत रूप से कोई जानकारी नहीं होने की बातें कही जा रही हैं। फिर भी इन मांगों के बारे में मीडिया के जरिये आ रही जानकारी को भी पूर्ण रूप से नकारा नहीं जा सकता। उम्मीद है कि आने वाले चौबीस घंटों में स्थिति और भी स्पष्ट हो जायेगी ताकी जिलाधीश श्री मेनन की सकुशल रिहाई का रास्ता साफ हो सके।
उधर, अपहरण के तीसरे दिन भी कलेक्टर मेनन का कोई सुराग नहीं लग पाया है। नक्सली नेता विजय के नाम से जारी करीब छह मिनट का यह ऑडियो टेप रविवार शाम को बीबीसी संवाददाता को मिला। इस टेप में नक्सलियों ने कलेक्टर को अगवा करने की बात स्वीकार की है।
एक अधिकारी ने इस पर विस्मय करते हुए कहा कि इसमें आश्चर्यजनक रूप से सेना को बस्तर से हटाए जाने का कोई जिक्र नहीं है। बस्तर में माओवादियों से संबंधित सभी मामलों के बंदी सुरक्षा कारणों से जगदलपुर की सेंट्रल जेल में ही हैं। इनकी तादाद 675 है और इनमें 50 से अधिक महिलाएं हैं। इनमें गोपन्ना, चंद्रशेखर रेड्डी और निर्मलक्का समेत आधा दर्जन प्रमुख माओवादी नेता हैं। वहीं पूरी सरकारी मशीनरी भी दिनभर कलेक्टर को मुक्त कराने की कवायद में लगी रही।
माओवादियों ने जिन नक्सलियों को छोड़ने की मांग राखी है, उनमें पहला गोपन्ना बस्तर में सक्रिय था। गरियाबंद जिले के आमागांव इलाके से पकड़ा गया था। उत्तर बस्तर रीजनल कमेटी से उसे गरियाबंद इलाके में बेस तैयार करने के लिए भेजा गया था। दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य था। इसके अलावा शांतिप्रिया उर्फ मालती नक्सलियों के सीनियर लीडर गुड़सा उसेंडी की पत्नी, रायपुर और भिलाई में उसे अरबन नेटवर्क तैयार करने का जिम्मा दिया गया था। सिटी कोऑर्डिनेटर की पोस्ट थी। सीपीआई माओवादी में।
तीसरी निर्मलक्का उर्फ विजय लक्ष्मी पश्चिम बस्तर में सक्रिय थी। क्रांतिकारी आदिवासी महिला संघ की अध्यक्ष। वेल्लूर अस्पताल से इलाज करवाकर लौटते समय 2007 में उसे पचपेढ़ीनाका रायपुर में पकड़ा गया था। डीएसजेके की अल्टरनेटिव मेंबर थी। इसके अलावा देवपाल चंद्रशेखर रेड्डी, निर्मलक्का का पति। नक्सलियों की प्रिंटिंग प्रेस का इंचार्ज था। बस में बस्तर जाते समय निर्मला के साथ गिरफ्तार।
सूची में शामिल मीना चौधरी नक्सलियों के रायपुर और भिलाई में फैले अरबन नेटवर्क का हिस्सा थी। रायपुर में जब्त हथियार-विस्फोटकों के मामले में उसे मालती के साथ पकड़ा गया था। असित कुमार सेन नक्सली साहित्य छापने के आरोप में 2007-08 में टिकरापारा रायपुर में उसे पकड़ा गया था। कोरसा सन्नी - मरकाम सन्नी और मरकाम सन्न के रिकार्ड पुलिस अभी खंगालने में जुटी हुई है।

26 को पेश होंगी कोनिमोझी


26 को पेश होंगी कोनिमोझी
(प्रियंका श्रीवास्तव)
नई दिल्ली (साई)। प्रवर्तन निदेशालय ने टू-जी स्पेक्ट्रम आवंटन में कथित वित्तीय गड़बड़ियों की जांच के सिलसिले में डीएमके सांसद कनीमोझी को २६ अप्रैल को पेश होने को कहा है। प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों ने बताया कि उनसे खुद पेश होने या प्रतिनिधि भेजकर वित्तीय दस्तावेज जमा कराने और बयान दर्ज कराने को कहा गया है।
सीबीआई ने कलंईग्नार टीवी को घुमा-फिराकर दो सौ करोड़ रुपये दिये जाने के सिलसिले में कनीमोझी और अन्य व्यक्तियों को आरोपी ठहराया है। कलंईग्नार टीवी में कनिमोझी और क्लंईग्नार टीवी के प्रबंध निदेशक शरद कुमार की २०-२० फीसदी की हिस्सेदारी है। प्रर्वतन निदेशालय टू-जी मामले में कुछ अन्य वित्तीय लेनदेन की भी जांच कर रहा है।

निर्मल बाबा के खिलाफ एकजुट हुए संत


निर्मल बाबा के खिलाफ एकजुट हुए संत

(विपिन सिंह राजपूत)

नई दिल्ली (साई)। कथित दरबारी शक्तियों के बल पर फकीर से ढाई सौ करोड़ की संपत्ति के मालिक बने निर्मल नरूला उर्फ निर्मल बाबा की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। देश भर के साधु संत भी अब निर्मल बाबा के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं। पूर्व में भी अनेक साधु संतों ने बाबा के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया जा चुका है।
देश भर के तीर्थ पुरोहितों ने निर्मल बाबा का बहिष्घ्कार करने का फैसला किया है। फिलहाल तय हुआ है कि किसी भी कीमत पर बाबा को कुंभ के दौरान इलाहाबाद नहीं घुसने दिया जाए। संगम नगरी इलाहाबाद में अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा की दो दिन तक चली बैठक में यह फैसला हुआ है। बैठक में तय हुआ कि इस तरह लोगों को ठगने वाले निर्मल बाबा जैसे किसी भी शख्स को कुंभ के दौरान इलाहाबाद में धर्म की दुकान चलाने की छूट नहीं दी जाएगी।
देश के सभी 84 तीर्थ स्थलों के पुरोहितों की ओर से निर्मल बाबा जैसे लोगों के इलाहाबाद कुंभ मेले में घुसने पर रोक लगाने की मांग प्रधानमंत्री तक से की जाएगी। पुरोहितों ने चेताया कि पहले तो वह शांतिपूर्वक यह मांग करेंगे, लेकिन अगर उनकी बात नहीं सुनी गई तो वह किसी भी हद तक जाकर निर्मल बाबा जैसों को कुंभ से दूर रखेंगे।
इलाहाबाद में तीर्थ पुरोहितों के महाधिवेशन में सभी 84 तीर्थ स्थलों के करीब 350 प्रतिनिधि शामिल हुए। इनका मानना है कि निर्मल बाबा जैसे लोग कुंभ मेले में आकर धर्म और अध्यात्म के नाम पर पैसे की वसूली करते हैं। तीर्थ पुरोहित महासभा के प्रवक्घ्ता दीपू मिश्रा ने कहा कि हम किसी कीमत पर ऐसा नहीं होने देंगे। देश भर के तीर्थ पुरोहितों का विरोध निर्मल बाबा पर भारी पड़ सकता है। पुरोहित महासभा के कड़े रुख के बाद सभी 84 तीर्थस्घ्थल वाले शहरों में बाबा के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है।

महिला कैदी ने लगाया जेल प्रशासन पर आरोप


महिला कैदी ने लगाया जेल प्रशासन पर आरोप

(रश्मि सिन्हा)

नई दिल्ली (साई)। धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ों के कई मामलों में आरोपित तिहाड़ जेल में बंद एक महिला कैदी ने जेल वार्डन पर उससे पैसे ऐंठने के लिए एचआईवी पॉजीटिव महिला कैदियों की मदद से उत्पीड़न का आरोप लगाया है। इस संबंध में महिला कैदी ने तीस हजारी अदालत का दरवाजा खटखटाते हुए न्याय की गुहार लगाई है।
चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट विनोद यादव के समक्ष आवेदन दायर करते हुए महिला कैदी हनी शर्मा ने खुद को एड्स होने की आशंका जताई है। उसने बताया है कि वह तिहाड़ की जेल नंबर छह में है। वह पिछले तीन माह से यहां है और 11 मामलों में सुनवाई का सामना कर रही है।
उसके साथ उसकी दो वर्षीय बेटी भी है। हनी शर्मा ने अदालत को बताया कि हेड वार्डन और वार्डन धन को लेकर उसका उत्पीड़न कर रहे हैं। वार्डनों ने उसे बुरी तरह पीटा और एड्स मरीज से अपने नाखून से उसे खरोंच लगाने को कहा। महिला ने आरोप लगाया कि जेल उपाधीक्षक और जेल कर्मचारियों के समक्ष उसे करीब घंटे भर पीटा गया और ये अधिकारी मूकदर्शक बने रहे।
उसका यह भी आरोप है कि उसकी बेटी के साथ भी बुरा बर्ताव किया गया और उसे अस्पताल जे जाने के उसके अनुरोध को भी खारिज कर दिया। गौरतलब है कि हनी शर्मा अपने पति विपिन शर्मा और अन्य व्यक्तियों सचिन शर्मा, हर्षद आलम, भूपेंद्र, अमन आलम के साथ धोखाधड़ी, फर्जीवाड़े और साजिश के अलावा पासपोर्ट एक्ट के तहत कई मामलों में आरोपी है। उन पर दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में फर्जी पासपोर्ट और वीजा का रैकेट चलाने का आरोप है।