मन के पत्ते फेंट
रहे युवराज
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली (साई)।
कांग्रेस में अब युवा तरूणाई की तूती बोलने का वक्त नजदीक आ रहा है। उमर दराज और
भ्रष्ट नेताओं से किनारा कर सकती है कांग्रेस। जी हां, इस तरह की चर्चाएं
अब राहुल गांधी के इर्द गिर्द होने लगी हैं। कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया
गांधी की रहस्यम बीमारी के रूटीन चेकअप से वापस आते ही कांग्रेस संगठन के साथ ही
साथ सत्ता में भी जबर्दस्त फेरबदल करने जा रही है।
कांग्रेस के नए
उभरते सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 12 तुगलक लेन (राहुल गांधी को बतौर सांसद
आवंटित सरकारी आवास) के भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति
सोनिया गांधी अमरीका में अपने नियमित चेकअप के लिए गई हैं। उनकी वापसी अगले सप्ताह
तक होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार सत्ता के हस्तांतरण की तैयारियों में
सोनिया गांधी ने राहुल गांधी को अब अपने मन माफिक टीम बनाने हेतु फ्री हेण्ड दिया
हुआ है।
कांग्रेस के
अंदरखाने से छन छन कर बाहर आ रही खबरों के अनुसार राहुल गांधी ने बड़ी जिम्मेदारी
उठाने की बात कह दी है, अतः राहुल गांधी खुद भी लाल बत्ती ले सकते हैं। कहा जा रहा है
कि राहुल गांधी को मानव संसाधन विकास जैसे अहम मंत्रालय का जिम्मा दिया जा सकता है, ताकि वे उनकी सोच
का असर देश की शिक्षा पर दिख सके।
वहीं दूसरी ओर
राहुल के करीबी सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी वर्तमान में सरकार में शामिल
होने को तैयार नहीं हैं। राहुल के समर्थकों की इस मामले में अलग अलग राय है। एक
धड़ा चाहता है कि राहुल को अभी सरकार में शामिल होकर अनुभव ले लेना चाहिए वहीं
दूसरों का मत है कि वर्ष 2014 के आम चुनावों में राहुल गांधी को अपनी उजली धवल छवि के साथ
धमाकेदार एंट्री मारना चाहिए।
सूत्रों के अनुसार
सोनिया गांधी की अनुपस्थिति में राहुल गांधी अपने भविष्य के रोड़ मेप को अंतिम रूप
देने में व्यस्त हैं। राहुल जुंडाली इन दिनों युवराज के निर्देश पर युवाओं विशेषकर
ईमानदार और कर्मठ युवाओं की सूची तैयार करने में व्यस्त हैं। अगर राहुल गांधी की
चली तो सत्ता और संगठन दोनों ही में उमर दराज नेताओं की आसनी पर युवा बैठे नजर
आएंगे। सरकार और संगठन दोनों ही में भ्रष्ट, चालबाज, कमीशनखोर नेताओं को
किनारे किया जा सकता है।
राहुल गांधी के
करीबी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि इस बार सरकार के फेरबदल में
मध्य प्रदेश में भी काफी हद तक बदलाव किया जाने वाला है। अगले साल होने वाले
विधानसभा चुनावों को देखकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को कैबनेट मंत्री बनाए जाने के
साथ ही साथ धार के आदिवासी सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी को लाल बत्ती से नवाजा जा
सकता है।
सूत्रों की मानें
तो इसके अलावा जतिन प्रसाद, आर.पी.एन.सिंह को पदोन्नति देकर उन्हें
कैबनेट मंत्री तो मनमोहन सिंह के खासुलखास मनीष तिवारी को राज्य मंत्री बनाया जा
सकता है। राज्य सभा के पूर्व उपसभापति रहमान खान को मंत्री बनाकर उन्हें अल्प
संख्यक कल्याण मंत्रालय की कमान सौंपी जा सकती है।
राहुल गांधी इन
दिनों गुलाम नवी आजाद पर रीझे हुए हैं इसलिए आजाद को मलाईदार महकमा मिलना तय माना
जा रहा है। उधर, कमल नाथ से
राहुल गांधी रिसाए हुए हैं, इसलिए कमल नाथ पर इस फेरबदल में गाज गिरने
की संभावनाएं जताई जा रही हैं। उत्तर प्रदेश में निराशाजनक प्रदर्शन और मुलायम
सिंह यादव के भारी दबाव के चलते बेनी वर्मा की लाल बत्ती छीनी जाने की खबरें हैं।
पीएमओ के सूत्रों
ने बताया कि रिलायंस से पेट्रोलियम पदार्थों के मामले में नाराजगी मोल लेना जयपाल
रेड्डी को बेहद भारी पड़ने वाला है। रेड्डी का मंत्रालय बदला जा सकता है। उन्हें
गुलाम नबी आजाद के स्थान पर देश का स्वास्थ्य मंत्री बनाया जा सकता है। उधर, स्वास्थ्य मंत्री
गुलाम नबी आजाद को पेट्रोलियम मंत्रालय अथवा शिंदे के गृह मंत्री बनने से रिक्त
उर्जा मंत्रालय का प्रभार का अतिरिक्त भार वायलर रवि से वापस लेकर आजाद को इसकी
जवाबदारी सौंप दी जाए। विलास राव देशमुख के निधन से भारी उद्योग मंत्रालय तो
दयानिधि मारन के कारण कपड़ा मंत्रालय रिक्त है। जिस पर डीएमके की नजर है।
उधर, पश्चिम बंगाल में
ममता बनर्जी के पर कतरने के लिए वहां वजन देना जरूरी हो रहा है। वैसे भी प्रणव
मुखर्जी के जाने के बाद अब पश्चिम बंगाल में कांग्रेस काफी कमजोर नजर आने लगी है।
दीपदास मुंशी, अधीर चौधरी, प्रदीप भट्टाचार्य
में से किसी को लाल बत्ती दी जा सकती है। केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा देश के नए
विदेश मंत्री हो सकते हैं। विदेश मंत्री सोमनहल्ली मलैया कृष्णा से लाल बत्ती लेकर
उन्हें कर्नाटक वापस भेजने की तैयारी में दिख रहे हैं युवराज।