सीएजी के मुद्दों
की जांच होगी: पीएम
(शरद खरे)
नई दिल्ली
(साई)। प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने
कहा है कि कोयला खण्ड आवंटन के बारे में नियत्रंक और महालेखा परीक्षक-सी.ए.जी. की
रिपोर्ट में उठाए गए मुद्दों को दबाया नहीं जाएगा और इन पर आवश्यक कार्रवाई की
जाएगी। कल संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित होने के
बाद, संसद के
बाहर संवाददाताओं से बातचीत में यह बात कही।
पीएम ने कहा कि वे
नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की संस्था का बहुत सम्मान करते हैं, लेकिन अगर वे इसका
सम्मान करते हैं तो इसकी रिपोर्ट पर लोक लेखा समिति या फिर संसद में बहस करना
चाहेंगे। हम हमेशा इसके लिए तैयार रहे हैं, लेकिन विपक्ष ने सीएजी की रिपोर्ट पर इस
स्थापित संस्था के संस्थागत तौर-तरीकों का फायदा न उठाने का फैसला किया और संसद के
काम-काज में बाधा डालता रहा।
संसद के इस सत्र में कामकाज न होने पर
अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि बाधा डालने की राजनीति, पूरी तरह से
लोकतंत्र के विरूद्ध है और यह आर्थिक विकास को फिर से पटरी पर लाने के प्रयासों को
नुकसान पहुंचा रही है और देश को कमजोर कर रही है। उन्होंने सही सोच वाले सभी
भारतीयों से अराजक और बाधा पहुंचाने वाली ताकतों के खिलाफ एकजुट होने तथा
लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों की जड़ों को मजबूत करने अपील की।
डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि नक्सलवाद, जातीय हिंसा, आतंकवाद और देश की
आर्थिक स्थिति जैसे ज्यादा महत्वपूर्ण मुद्दों पर संसद में चर्चा हो सकती थी।
उन्होंने कहा कि सरकार इस बात के पूरे प्रयास कर रही है कि देश पर विश्व के मौजूदा
आर्थिक संकट का असर न पड़े।
डॉ. मनमोहन सिंह ने अपने मंत्रिमण्डल के
सहयोगियों से प्रमुख आर्थिक चुनौतियों का सामना करने के लिए फैसले लेने की
प्रक्रिया को तेज करने को कहा ताकि देश को उच्च वृद्धि के रास्ते पर वापस लाया जा
सके। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसे सभी कदम उठाने चाहिए जो वह संसदीय मार्गदर्शन के
बिना उठा सकती है। उन्होंने कहा कि संसद का पूरा एक सत्र बेकार चला गया है।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि अगले सत्र में संसद में पूरी तरह से कामकाज हो सकेगा।
उधर, भारतीय जनता पार्टी
और लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण
जेटली ने संवाददाताओं से बातचीत में संसद में गतिरोध के लिए सरकार को दोषी ठहराया।
श्रीमती स्वराज ने कहा कि पार्टी का कोर ग्रुप १३ सितम्बर को इसे जनता के बीच ले
जाने के लिए चर्चा करेगा। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने आरोप लगाया है कि संसद
का मॉनसून सत्र सरकार और भारतीय जनता पार्टी की, एक-दूसरे से आगे
रहने की राजनीति की भेंट चढ़ गया।
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