मंगलवार, 13 दिसंबर 2011

नेताओं से परिपूर्ण है महाकौशल


0 महाकौशल प्रांत का सपना . . . 9

नेताओं से परिपूर्ण है महाकौशल

कद्दावर नेताओं की फौज भी नहीं बनवा पा रही महाकौशल प्रांत



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। आजादी के वक्त सेंट्रल प्रोवेन्सेस एण्ड बरार का हिस्सा रहा हो या आजादी के सालों बाद संयुक्त मध्य प्रदेश रहा हो अथवा छत्तीसगढ़ से टूटकर बचे मध्य प्रदेश का हिस्सा रहा हो सदा ही उपेक्षा का दंश झेला है महाकौशल प्रांत ने। इस प्रांत में शामिल जिलों की सरहदों के साथ केंद्र और राज्य सरकार ने हमेशा से ही उपेक्षात्मक रवैया अपनाया जाता रहा है।

इस प्रांत ने पंडित द्वारका प्रसाद मिश्र जैसी राजनैतिक सूझबूझ वाली हस्ती को दिया जो प्रदेश के भाल पर महाकौशल का प्रतीक पुरूष साबित हुआ। महाकौशल ने प्रदेश को स्व.द्वारका प्रसाद मिश्र जैसा सबल, सुलझा और शक्तिशाली मुख्यमंत्री दिया। इसके अलावा केंद्र में गार्गीशंकर मिश्र जैसे कद्दावर मंत्री दिए, जिनकी कर्मभूमि छिंदवाड़ा और सिवनी रही। राजनैतिक तौर पर बलात ही हाशिए में ढकेल दी गई प्रदेश और देश की तेज तर्रार मंत्री सुश्री विमला वर्मा की कर्मभूमि सिवनी ही रही है। सुश्री वर्मा के बनाए लोगों ने ही उन्हें पार्श्व में ढकेला, वरना आज वे किसी प्रांत की महामहिम राज्यपाल या देश की महामहिम राष्ट्रपति बनने की काबिलियत रखती हैं।

केंद्रीय परिदृश्य में अगर देखा जाए तो कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय महासचिव और अनेक विभागों के मंत्री रहे कमल नाथ का केंद्रीय राजनीति में अपना अलग ही महत्व है। इसके अलावा प्रदेश में राजनैतिक धुरी बन चुके हरवंश सिंह ठाकुर की जन्म भूमि छिंदवाड़ा तो कर्मभूमि सिवनी है। वे आज मध्य प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष पद पर विराज मान हैं। हिमाचल प्रदेश की राज्यपाल उर्मिला सिंह भी सिवनी जिले से ही हैं।

इसके अतिरिक्त दो दशकों तक स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष रहे रामेश्वर नीखरा, पूर्व मंत्री सत्येंद्र पाठक, दीपक सक्सेना, प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष विश्वनाथ दुबे, प्रवक्ता कल्याणी पांडे, रेखा बिसेन, पुष्पा बिसेन, दयाल सिंह तुमराची और न जाने कितने जनसेवक हैं जो प्रदेश और केंद्रीय राजनीति में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा रहे हैं।

भाजपा भी महाकौशल प्रांत में जबर्दस्त तरीके से सक्षम ही प्रतीत होती है। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल वर्तमान में केंद्रीय राजनीति में सक्रिय हैं। वे भाजपा के असंगठित मोर्चे के अध्यक्ष हैं। फग्गन सिंह कुलस्ते भी केंद्रीय राजनीति में हैं और वे भी भाजपा के एक अनुसूचित जनजाति मोर्चे के नेशनल प्रेजीडेंट हैं।

मंत्रियों में गौरी शंकर बिसेन, अजय बिश्नोई, देवी सिंह सैयाम, नाना माहोड़े तो पूर्व मंत्रियों में डॉ.ढाल सिंह बिसेन, चौधरी चंद्रभान सिंह आदि का शुमार है। महाकौशल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष नरेश दिवाकर भी दो बार विधायक रहे हैं। मध्य प्रदेश महिला मोर्चा की प्रदेशाध्यक्ष श्रीमति नीता पटेरिया सिवनी से विधायक भी हैं।

प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष अनुसुईया उईके, विनोद गोटिया, राकेश सिंह और न जाने कितनी विभूतियां भाजपा की झोली में हैं। इतना ही नहीं एनडीए के सबसे ताकतवर स्तंभ शरद यादव की राजनीति भी महाकौशल की संभावित राजधानी जबलपुर से ही आरंभ हुई। आश्चर्य तो इस बात पर होता है कि राजनैतिक रूप से इतना समृद्ध होने के बाद भी किसी जनसेवक ने अपनी इस धरा के विकास के मार्ग प्रशस्त करने के लिए प्रथक महाकौशल प्रांत की बात वजनदारी से क्यों नहीं रखी?

(क्रमशः जारी)

आदिवासियों का सीना छलनी कर रही झाबुआ पावर!


0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . . 30

आदिवासियों का सीना छलनी कर रही झाबुआ पावर!

कलेक्टर सहित डेढ़ दर्जन अफसरों पर एफआईआर की मांग



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। मशहूर उद्योग पति गौतम थापर के स्वामित्व वाले और औद्योगिक बुलंदियों को स्पर्श करने वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा केंद्र सरकार की छटवीं अनुसूची में अधिसूचित सिवनी जिले के घंसौर विकासखण्ड के सीने को जिस तरह छलनी किया जा रहा है और सांसद विधायकों ने इस मामले में जिस तरह अपने मुंह सिले हुए हैं उसे देखकर लगता है कि इस देश में कानून और व्यवस्था नाम की चीज ही नहीं बची है।



गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की सिवनी जिला इकाई द्वारा प्रेषित ईमेल में सिवनी जिले के तत्कालीन जिला कलेक्टर मनोहर लाल दुबे, वर्तमान जिलाधिकारी अजीत कुमार, अनुविभागीय दण्डाधिकारी के.एल.गर्ग, तहसीलदार देवेंद्र चौधरी, झाबुआ पावर लिमिटेड के महाप्रबंधक ए.एन.मिश्रा, संयंत्र के प्रोजेक्ट मेनेजर रंजीत शाह सहित 19 लोगों पर अवैध उत्खनन के संबंध में शिकायत कर पुलिस में प्राथमिकी दर्ज करवाने की मांग की है।

छटवी सूची में अधिसूचित घंसौर क्षेत्र के थाना प्रभारी को प्रेषित शिकायत में कहा गया है कि उपरोक्त समस्त लोग अवैध उत्खनन और अधिसूचित क्षेत्र में आदिवासियों के शोषण करने वालों के सहयोगी हैं। शिकायत में आगे कहा गया है कि अधिसूचित क्षेत्र घंसौर में पंचायत उपबंध अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार अधिनियम 1996 पेशा कानून लागू होता है। यहां मध्य प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन सिवनी द्वारा मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड कंपनी को पावर प्लांट लगाने की अनुमति प्रदान की गई है।

शिकायत में कहा गया है कि कंपनी ने अपने संयंत्र के निर्माण का काम आरंभ कर दिया गया है। कंपनी के भारी वाहनों ने घंसौर क्षेत्र की सड़कों के धुर्रे उड़ा दिए हैं। सड़कों की बदहाली के चलते यहां जब तब दुर्घटनाएं घटित होती रहती हैं। आलम यह है कि बसों का परिचालन ही बंद कर दिया गया है जिससे गरीब आदिवासियों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

गौंडवाना गणतंत्र पार्टी ने मशहूर उद्योग पति गौतम थापर के स्वामित्व वाले और औद्योगिक बुलंदियों को स्पर्श करने वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा केंद्र सरकार की छटवीं अनुसूची में अधिसूचित सिवनी जिले के घंसौर विकासखण्ड में लगाए जा रहे पावर प्लांट के लिए अवैध उत्खनन का आरोप लगाया है। पार्टी का कहना है कि झाबुआ पावर लिमिटेड ने आदिवासी बहुल्य घंसौर तहसील के सीने को खोद खोदकर छलनी कर दिया है।

(क्रमशः जारी)

अण्णा बन सकते हैं मनमोहन की बिदाई का कारण!


बजट तक शायद चलें मनमोहन . . . 52

अण्णा बन सकते हैं मनमोहन की बिदाई का कारण!

लोकपाल के बहाने साध रहे मन विरोधी अपने हित



(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह के विरोधी इन दिनों अण्णा हजारे के आंदोलन को खासी हवा देने में लगे हुए हैं। मनमोहन विरोधियों का प्रयास है कि किसी भी तरह से अण्णा हजारे और लोकपाल मसले में भ्रष्टाचार के ईमानदार संरक्षक डॉ.मनमोहन सिंह से मुक्ति पा ही ली जाए। इससे एक तरफ कांग्रेस मनमोहन को भ्रष्ट करार देकर उनसे पीछा भी छुड़ा लेगी वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचार का मुद्दा ही समाप्त कर लिए जाएगा।

अण्णा हजारे के एक बार फिर दिल्ली पहुचने पर कांग्रेस के रणनीतिकार नए सिरे से सर जोड़कर बैठ गए हैं। कांग्रेस के प्रबंधकों के जिम्मे अब अण्णा और मनमोहन से एक साथ निपटने की जिम्मेदारी आहूत होती लग रही है। कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी और भविष्य के प्रधानमंत्री राहुल गांधी को यह सुझाया गया है कि लोकपाल मामले से अण्णा और मनमोहन दोनों ही कांटों को निकाला जा सकता है।

दरअसल अण्णा हजारे की हुंकार पर उनके साथ लोक बहस में एक साथ एक मंच पर आए विपक्ष ने कांग्रेस की नींद हाराम कर दी है। कांग्रेस को अब डर लगने लगा है कि कहीं विपक्ष और अण्णा हजारे अगर गलबहिंया डाले नजर आने लगे तो आने वाले दिनों में कांग्रेस का नामलेवा भी नहीं बचेगा। यही कारण है कि कांग्रेस के अंदरखाने में अब अण्णा और लोकपाल मसले पर नई सटीक रणनीति की तैयारियां आरंभ हो गई हैं।

(क्रमशः जारी)

स्वास्थ्य जागरूकता के लिए प्रदर्शनी का आयोजन


स्वास्थ्य जागरूकता के लिए प्रदर्शनी का आयोजन

जनता के लिए लाभकारी है यह प्रदर्शनी: खोसला



(संदीप गुप्ता)

बालाघाट। जन जन को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से सूचना प्रसारण मंत्रालय के क्षेत्रीय प्रदर्शनी कायालय, भोपाल द्वारा जिला चिकित्सालय परिसर में एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत स्वस्थ्य ग्राम स्वस्थ्य राष्ट्रप्रदर्शनी का औपचारिक उद्यघाटन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.के.के.खोसला द्वारा किया गया। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ.आर.के.दवड़गांव भी उपस्थित थे।



इस अवसर पर डॉ.खोसला ने कहा कि इस तरह की इंफरमेटिव सचित्र प्रदर्शनियों से लोगों को बेहतर तरीके से जागरूक किया जा सकता है। इस तरह की प्रदर्शनियां समाज के लिए काफी हद तक उपयोगी साबित होती हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से स्वास्थ्य के प्रति लोगों में जो अंधविश्वास है उसे भी काफी हद तक दूर किया जा सकता है। गौरतलब है कि बालाघाट जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत विशेष जनजागरूकता प्रचार अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत इस प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है।



डीएवीपी द्वारा आयोजित इस प्रदर्शनी में शिशु एवं मातृत्व स्वास्थ्य के लिए रखी जाने वाली विशेष सावधानियों को चित्रों के द्वारा प्रदर्शित किया गया है। साथ ही किशोरी बालिकाओं, एनीमिया, परिवार नियोजन के अलावा धूम्रपान निषेध पर भी जानकारियां चित्रों के द्वारा प्रदर्शित की गई हैं। यह प्रदर्शनी जिला चिकित्सालय प्रांगण में जच्चा बच्चा वार्ड परिसर में सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक आम जनता के अवलोकनार्थ खुली हुई है। यह अगामी 16 दिसंबर तक चलेगी।

प्रदर्शनी के पहले ही दिन बड़ी संख्या में नागरिकों विशेषकर ग्रामीणों अंचलों से आए लोगों ने इस प्रदर्शनी का लाभ उठाया। उद्यघाटन अवसर पर क्षेत्रीय प्रदर्शनी अधिकारी श्री समीर वर्मा, क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी श्री संदीप चौकसे, वरिष्ठ अधिवक्ता श्री महेंद्र देशमुख सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

ये है दिल्ली मेरी जान



(लिमटी खरे)

सौ करोड़ से संवरेगी नेहरू गांधी परिवार की तस्वीर
भारत गणराज्य की स्थापना के बाद जितने भी प्रधानमंत्री हुए हैं उनमें से नेहरू गांधी परिवार (महात्मा गांधी नहीं) के योगदान को अविस्मरणीय बनाने और कांग्रेस की नजर में भविष्य के वजीरेआजम राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने के मार्ग प्रशस्त करने के लिए अंबिका सोनी के नेतृत्व वाला सूचना प्रसारण विभाग एक दो नहीं पूरे सौ करोड़ रूपए फूंकने की तैयारी में है। सूचना प्रसारण मंत्रालय का सांग एण्ड ड्रामा डिवीजन गांधी परिवार के तीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, श्रीमति इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को आजादी के उपरांत भारत गणराज्य के समग्र विकास का समूचा श्रेय देते हुए एक सीडी का निर्माण कराया गया है। इस सीडी में अटल बिहारी बाजपेयी और लाल बहादुर शास्त्री को महज तीन सेकन्ड का समय उनका फोटो दिखाते हुए दिया गया है। बाकी के वजीरे आजम का जिकर ही नहीं है इस सीडी में। जनता के गाढ़े पसीने की कमाई के सौ करोड़ रूपए फूंक दिए गए और विपक्ष मूकदर्शक बना बैठा है।

थापर की देहरी पर कत्थक करता एमपीपीसीबी
औद्योगिक घरानों की शान समझे जाने वाले गौतम थापर के स्वामित्व वाले आवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान झाबुआ पावर लिमिटेड के द्वारा छटवीं सूची में अनुसूचित सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य घंसौर तहसील में लगाए जाने वाले 1200 मेगावाट के मामले में मध्य प्रदेश का प्रदूषण नियंत्रण मण्डल (पीसीबी) पूरी तरह थापर मय ही दिखाई दे रहा है। जनसुनवाई के दौरान पीसीबी ने 1200 मेगावाट के कार्य सारांश की सुनवाई अचानक ही 1260 में तब्दील कर दी। अपनी ओर से अनेक बातों को जानबूझकर थापर को लाभ पहुंचाने की दृष्टि से छिपाया। इसकी कार्यवाही को सार्वजनिक भी नहीं किया। कहा जा रहा है कि लोकसुनवाई में भी पीसीबी ने थापर का ही साथ दिया। अगर इसी तरह से एकतरफा लोकसुनवाई करवाया जाना था तो इसकी औपचारिकता शायद नहीं ही थी। वन मंत्री जयंती नटराजन अगर इसकी जांच करवा लें तो लोकसुनवाई शून्य घोषित होने में समय नहीं लगने वाला।

बड़े घोटाले की महंगी जांच!
देश को शर्मसार कर देने वाले कामन वेल्थ घोटाले की जांच भी आम नहीं खास ही है। इसकी जांच के लिए पाबंद शुगलू कमेटी ने कर माह तकरीबन एक कराड़ रूपए खर्च किए हैं। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ बिजनेस स्टडीज के फैकल्टी मेंबर डॉ. नवेद खान ने इस संबंध में सूचना मांगी थी। कॉमनवेल्थ घोटाले की जांच के लिए 25 अक्टूबर 2010 को आदेश जारी किए थे।  23 मार्च तक कमेटी ने तनख्वाह पर 48.07 लाख, कार्यालय पर 14.18 लाख तो प्रोफेशनल एक्सपेंसेस पर तीन करोड़ 39 लाख 32 हजार 250 रुपये खर्च आया है। कमेटी ने अंतरिम रिपोर्ट 29 जनवरी-2011 को दाखिल की थी,। जाहिर है जब घोटाला इतना बड़ा है तो उसकी जांच करने वाली कमेटी का खर्च भी तो उसी के अनुरूप होना चाहिए।

मनरेगा को पलीता लगाते मन से
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र सरकार की महात्वाकाक्षी भी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून योजना में तबियत से पलीता लगाया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली अरबों रूपयों की इमदाद को शिवराज सिंह चौहान के संगी साथी मजे ले लेकर खा रहे हैं। भाजपा शासित राज्यों में मनरेगा के बेहद बुरे हाल हैं। कांग्रेस द्वारा केंद्र पोषित इस योजना की मानीटरिंग जिला स्तर पर नहीं की जा पाना संगठनात्मक अक्षमता का परिचायक माना जा सकता है। कांग्रेस केंद्र में भी सत्ता के मद में इतनी चूर है कि ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा बनाई गई विजलेंस मानीटरिंग कमेटी की बैठकें मध्य प्रदेश, गुजरात, बिहार, झारखण्ड, उत्तराखण्ड में पांच सालों से नहीं हुई और मंत्रालय को पता ही नहीं चला। आलम देखकर लग रहा है कि उपर से नीचे तक सर्वदलीय भ्रष्टाचार का नायब उदहारण बनकर रह गया है भारत गणराज्य।

गड़करी का कांटा निकालने गले मिल सकते हैं मोदी आड़वाणी!
केंद्र और सूबों में भ्रष्टाचार की आंधी को देखकर भारतीय जनता पार्टी का आंग अब भरने लगा है। भाजपा को लगने लगा है कि आने वाले समय में भ्रष्टाचार, घपले, घोटाले से लदी फदी अनगिनत छेदवाली नाव पर सवार कांग्रेसनीत संप्रग वैसे भी डूबने के कगार पर है। आने वाले आम चुनावों में अगर भाजपा ने दम मार लिया तो उसे सत्ता में आने से कोई नहीं रोक सकेगा। भाजपाध्यक्ष नितिन गड़करी की छवि साफ सुथरी तो है पर राष्ट्रव्यापी नहीं बन पाई है। दूसरी ओर आड़वाणी और नरेंद्र मोदी भाजपा के आज स्टार बन चुके हैं। भाजपा में एक हवा चली है जिसके मुताबिक गड़करी को हाशिए पर लाने के लिए मोदी और आड़वाणी हाथ मिला रहे हैं। उधर सुषमा स्वराज, शिवराज सिंह चौहान और अरूण जेतली भी पीएम बनने की संभावनाएं तलाशने में लगे हैं। देखा जाए तो आड़वाणी और मोदी में अभी मोदी का पड़ला ही भारी दिख रहा है।

दो दो रूपए में बिक रहे आधार फार्म
एक तरफ तो संसद की स्थाई समिति ने यूनिक आईडेंटी फिकेशन नंबर वाले आधार कार्ड के ओचित्य पर ही सवाल लगा दिए वहीं दूसरी ओर देश में अनेक स्थानों पर आधार के फार्म दो से पांच रूपए तक बिकने की खबरें आम हो गईं हैं। केंद्र सरकार द्वारा आधार कार्ड बनवाने के लिए देश की बड़ी फर्मों को ठेका दिया है। कहा जा रहा है कि इस ठेके में आधार कार्ड की फार्म से फोटो आदि खीचने की जवाबदेही ठेकेदार पर आहूत की गई है। एमपी के सिवनी में कर्वी नामक एक ठेकेदार सहित देश के अनेक हिस्सों में द्वारा फार्म दिखाकर उसकी फोटोकापी करवाने को मजबूर किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि ठेकेदार के गुर्गे आसपास ही दो से पांच रूपए प्रतिफार्म बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं। अधार पंजीयन के मामले में इस तरह आम आदमी लुट रहा है पर मौन साध रखा है केंद्र सरकार ने!

जोर पकड़ने लगी प्रथक महाकौशल की मांग
छोटे राज्य विकास के लिए मार्ग प्रशस्त करते हैं, इसी तर्ज पर देश के हृदय प्रदेश औषधीय संपदा आदि समेटे महाकौशल प्रांत के पास राजनैतिक तौर पर भी काफी समृद्धि है। महाकौशल का अगर निर्माण होता है तो इसकी राजधानी निश्चित तौर पर संस्कारधानी जबलपुर ही बनेगी। जबलपुर में भेड़ाघाट का जलप्रपात, कान्हा और पेंच नेशनल पार्क, भेडिया बालक मोगली की कर्मस्थली, तेज तपस्वी जगतगुरू शंकराचार्य स्वरूपानंद जी की जन्मभूमि, आध्यात्मिक गुरू रजनीश, महर्षि महेश योगी, आबू वाले बाबा, स्वामी प्रज्ञानंद, स्वामी प्रज्ञनानंद की तपस्थली,, रानी दुर्गावती, शंकरशाह, रघुनाथ शाह जैसे कुशल शासकों का राज्य, पातालकोट में भारिया जनजाति तो मण्डला डिंडोरी के आदिवासियों का रहनसहन, जबलपुर में सेना की वाहन निर्माणी, बारूद निर्माणी, न जाने क्या क्या नहीं है महाकौशल प्रांत में। अब प्रथक महाकौशल के लिए यहां के जनादेश प्राप्त नेता ही माटी का कर्ज नहीं उतार रहे हैं, वरना न जाने कब का हो चुका होता महाकौशल का निर्माण।

क्या है हमारी राष्ट्रभाषा?
भारत गणराज्य की स्थापना के साथ बीसवीं सदी तक तो देश की राष्ट्रभाषा हिन्दी ही थी, पर आज देश की राष्ट्रभाषा हिन्दी और अंग्रेजी का सम्मिश्रण हिंगलिशहै या हिन्दी इस बारे में आधिकारिक तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता है। कांग्रेस का नेतृत्व कितना शक्तिशाली है इस बात का उदहारण इसी बात से मिलता है कि आधी सदी से ज्यादा देश पर राज करने के बाद भी वह समूचे देश में राष्ट्रभाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा नहीं दिला पाई। आज भी उच्च और सर्वोच्च न्यायालय का काम ब्रितानी आंग्ल भाषा में ही संपादित होता है। अनेक प्रतियोगी परीक्षाओं का माध्यम अंग्रेजी ही है। हाल ही में गृह मंत्रालय की राजभाषा इकाई ने एक परिपत्र जारी किया है जिसमें कहा गया है कि विशुद्ध हिंदी के इस्तेमाल से आम जनता में अरुचि पैदा होती है। परिपत्र में अनुशंसा की गई है कि आधिकारिक कामों के लिए कठिन हिंदी शब्दों की जगह देवनागरी लिपि में अंग्रेजी के वैकल्पिक शब्दों का इस्तेमाल किया जा सकता है।

शीला ले सकती हैं सेवानिवृत्ति
कामन वेल्थ गेम्स की लपटों से झुलसीं दिल्ली की निजाम श्रीमति शीला दीक्षित अगर सीएम का पद छोड़ती हैं तो उनके पुत्र संदीप दीक्षित दिल्ली की कमान संभालने आतुर दिख रहे हैं। वे इस मामले में खासे आश्वस्त नजर आ रहे हैं कि दिल्ली में अगली सरकार कांग्रेस की बनने से कोई रोक नहीं सकता है। संदीप के करीबी सूत्रों का कहना है कि 70 सदस्यीय विधानसभा में संदीप दीक्षित का मानना है कि दो दर्जन से ज्यादा सीटें तो एसी हैं जो कांग्रेस का गढ़ हैं। यहां किसी को भी खड़ा कर दिया जाए ये कांग्रेस के पाले में ही जाएंगी। संदीप के करीबी सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पुत्र संदीप यह सोचकर गदगद हैं कि आने वाले विधान सभा चुनावों कांग्रेस की गिनती 24 से आंरभ होगी। उधर पिछले दिनों भोपाल एक्सप्रेस रेलगाड़ी में उनके पास से गुमे फिर मिले दस लाख रूपए के रहस्य पर से अभी पर्दा उठा नहीं है, भाजपा इस मामले को उनके खिलाफ ब्रम्हास्त्र की तरह इस्तेमाल कर सकती है।

आईडिया नहीं अभिषे को कोस रहे उपभोक्ता
आदित्य बिरला के स्वामित्व वाले आईडिया सेल्यूलर की विशेषकर ग्रामीण इलाकों में घटिया सेवाओं के चलते अब लोगों के मन में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के कुलदीपक सिने अभिनेता अभिषेक बच्चन के प्रति घ्रणा के भाव जगते जा रहे हैं। आईडिया की गलत नीतियों के कारण अब लोग आईडिया की सेवाओं के स्थान पर आईडिया के ब्रांड एम्बेसेडर अभिषेक बच्चन को ही कोसते नजर आ रहे हैं। गौरतलब है कि आईडिया सेल्युलर द्वारा अपने बिजनेस प्रमोशन के लिए मशहूर अभिनेत्री एश्वर्य राय के पति अभिषेक बच्चन को ब्रांड एम्बेसेडर के बतौर इंगेज किया है। सदी के महानायक अमिताभ बच्चन और अपने जमाने की मशहूर अभिनेत्री जया बच्चन के पुत्र तथा एश्वर्य राय के पति होने के नाते भी इन साभी के प्रशंसकों की आंखों का तारा बने अभिषेक बच्चन से प्रभावित होकर न जाने कितने लोगों के द्वारा आईडिया का कनेक्शन लिया गया। अब आईडिया ने अभिषेक को कोसने का नया आईडिया अघोषित तौर पर मार्केट में लांच कर ही दिया है।

शिव का सीना चौड़ा किया खाकी ने
मध्य प्रदेश पुलिस ने नेशनल लेबल पर अपनी उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल कर सूबे का नाम रोशन किया है। इंटरनेट की दुनिया में भारत का परचम लहरा रहा है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। इंटरनेट पर अपराधों की तादाद भी तेजी से बढ़ी है। इसी के मद्देनजर देश भर में सूबाई पुलिस ने साईबर सेल का गठन किया। मध्य प्रदेश पुलिस का साईबर सेल इस साल टॉप पर रहा है। मध्य प्रदेश के खाते में आई इस उपलब्धि से देश के हृदय प्रदेश में खाकी का सीना चौड़ा होना स्वाभाविक ही है। एमपी पुलिस के लिए यह गौरव की बात है कि देश में साइबर अपराधों पर लगाम लगाने में मध्य प्रदेश पुलिस इस साल अव्वल रही है। इसके लिए केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, नैसकॉम एवं डीएससीआई (डाटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया) ने नई दिल्ली में राज्य साइबर पुलिस, मप्र को देश के सर्वाेच्च सम्मान इंडिया साइबर कॉपअवॉर्ड दिया है।

अजहर करा सकते हैं यूपी में किरकिरी
पूर्व क्रिकेट कप्तान और कांग्रेस के उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के संसद सदस्य अजहरउद्दीन इन दिनों राहुल गांधी के लिए नासूर बनकर उभर रहे हैं। अजहर ने यूपी में चुनाव अभियान में शामिल होने से इंकार कर दिया है। देखा जाए तो अजहर केंद्रीय खेल मंत्री अजय माकन से खासे नाराज लग रहे हैं। माकन ने कह दिया था कि 1996 में कांबली के वर्ल्ड कप के सेमीफायनल में अजहर ने फिक्सिंग की थी। राहुल गांधी को यह भी बताया गया है कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का परफार्मेंस सुधरवाने में अजहर ने खासी मदद की थी। अब अजहर पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगा है और केंद्रीय खेल मंत्री ने भी इस आरोप की पुष्टि कर दी है। इन परिस्थितियों में अजहर को यूपी चुनाव में सामने रखना कांग्रेस के लिए आत्मघाती कदम ही साबित होने वाला है।

पुच्छल तारा
भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा भारत निर्माण के द्वारा नेहरू गांधी परिवार को महिमा मण्डित करने के लिए हजारों करोड़ रूपयों की होली जलाई जा रही है। इसके लिए तरह तरह के विज्ञापन, होर्डिंग, बेनर पोस्टर्स तैयार करवाए जा रहे हैं। आई एण्ड बी मिनिस्टर अंबिका सोनी को सुझाव देते हुए नागपुर महाराष्ट्र से उत्कर्षा घ्यार ने एक सचित्र ईमेल भेजा है। उत्कर्षा लिखती हैं कि भारत निर्माण अभियान की तर्ज पर अब कांग्रेस और केंद्र सरकार को भारत विनाश अभियान चलाया जाना चाहिए। इस अभियान की पंच लाईन होना चाहिए:-

भारत विनाश का सपना बुना!
घोटाले हुए कई गुना!!

दिल्‍ली डायरी


दिल्‍ली डायरी