बजट तक शायद चलें मनमोहन . . . 52
अण्णा बन सकते हैं मनमोहन की बिदाई का कारण!
लोकपाल के बहाने साध रहे मन विरोधी अपने हित
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह के विरोधी इन दिनों अण्णा हजारे के आंदोलन को खासी हवा देने में लगे हुए हैं। मनमोहन विरोधियों का प्रयास है कि किसी भी तरह से अण्णा हजारे और लोकपाल मसले में भ्रष्टाचार के ईमानदार संरक्षक डॉ.मनमोहन सिंह से मुक्ति पा ही ली जाए। इससे एक तरफ कांग्रेस मनमोहन को भ्रष्ट करार देकर उनसे पीछा भी छुड़ा लेगी वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचार का मुद्दा ही समाप्त कर लिए जाएगा।
अण्णा हजारे के एक बार फिर दिल्ली पहुचने पर कांग्रेस के रणनीतिकार नए सिरे से सर जोड़कर बैठ गए हैं। कांग्रेस के प्रबंधकों के जिम्मे अब अण्णा और मनमोहन से एक साथ निपटने की जिम्मेदारी आहूत होती लग रही है। कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस की राजमाता श्रीमति सोनिया गांधी और भविष्य के प्रधानमंत्री राहुल गांधी को यह सुझाया गया है कि लोकपाल मामले से अण्णा और मनमोहन दोनों ही कांटों को निकाला जा सकता है।
दरअसल अण्णा हजारे की हुंकार पर उनके साथ लोक बहस में एक साथ एक मंच पर आए विपक्ष ने कांग्रेस की नींद हाराम कर दी है। कांग्रेस को अब डर लगने लगा है कि कहीं विपक्ष और अण्णा हजारे अगर गलबहिंया डाले नजर आने लगे तो आने वाले दिनों में कांग्रेस का नामलेवा भी नहीं बचेगा। यही कारण है कि कांग्रेस के अंदरखाने में अब अण्णा और लोकपाल मसले पर नई सटीक रणनीति की तैयारियां आरंभ हो गई हैं।
(क्रमशः जारी)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें