ये है दिल्ली मेरी जान
(लिमटी खरे)
युवराज को पीएम बनाने पर आमदा भाजपा
कांग्रेस की नजर में भविष्य के प्रधानमंत्री राहुल गांधी की ताजपोशी के लिए कांग्रेस से ज्यादा भारतीय जनता पार्टी आतुर दिखाई पड़ रही है। जी हां, यह सच है भाजपा के महासचिव और प्रवक्ता रवि शंकर प्रसाद का कहना है कि कांग्रेस राहुल को तत्काल प्रधानमंत्री बनाए ताकि उनकी वास्तविक योग्यता जनता के सामने आ सके। प्रसाद का आरोप है कि कांग्रेस ने प्रधानमंत्री का पद मजाक बना दिया है। वैसे भी सियासी गलियारों में नेहरू गांधी परिवार के आंखों के तारों राहुल और वरूण गांधी में तुलना कर वरूण गांधी को राहुल से ज्यादा समझदार और परिपक्व करार दिया जाता रहा है। कहा जाता है कि दोनों ही भाईयों में अगर शास्त्रार्थ करवा दिया जाए तो अमूल बेबी राहुल निश्चित तौर पर अपने सलाहकारों और सहायकों के बिना बगलें झांकते ही नजर आएंगे।
लोकायुक्त को भी नहीं बख्शा कलमाड़ी ने
कामन वेल्थ गेम्स में अपनी सेहत तंदरूस्थ करने वाले आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी का साहस तो देखिए उन्होंने दिल्ली के लोकयुक्त को भी नहीं बख्शा। दिल्ली के लोकायुक्त न्यायमूर्ति मनमोहन सरीन आज भी राष्ट्रमण्डल समिति को किराए पर दिए अपने घर का किराया लेने लाईन में लगे हुए हैं। न्यायमूर्ति सरीन ने पंचशील एनक्लेव का अपना घर आयोजन समिति को विदेश महमानों के बसेरे के लिए दिया था। समिति ने इनकी जमानत राशि सवा आठ लाख रूपए में से पांच लाख 36 हजार रूपए अभी तक नहीं लौटाए हैं। समिति का हाजमा इतना तगड़ा है कि उसने बिजली, टेलीफोन बिल सहित लगभग चार लाख रूपए का किराया भी हजम कर लिया है। यह मकान पौने तीन लाख रूपए महीने के किराए पर लिया गया था। आयोजन समिति के हौसले और राजनैतिक रसूख की दाद देनी पड़ेगी क्यांेकि जो लोकायुक्त के साथ एसा कर सकता है वह तो आम आदमी को घोलकर पीने का माद्दा रखता ही होगा।
ब्रांडेड मिनरल वाटर के शौकीन बाबा रामदेव!
‘‘कोका कोला‘‘ मतलब टायलेट क्लीनर! अभी ज्यादा दिन नहीं हुए जब बाबा रामदेव ने एक कार्पोरेट घराने के शीतल पेय की बिकावली घटाने का बाकायदा अभियान छेड़ रखा था। बाबा रामदेव के इस जुमले से कोका कोला की कमर टूट गई। बाबा रामदेव जो कहते हैं वह करते नहीं यह भी जग जाहिर है। बाबा रामदेव ने कहा था कि वे मरते मर जाएंगे किन्तु सिले वस्त्र कभी धारण नहीं करेंगे। रामलीला मैदान में सभी ने बाबा रामदेव को रात में सिले हुए महिला के वस्त्रों में चुनरी के साथ भागते देखा। बाबा कहते हैं कि उनके वस्त्र उतर गए थे। बाबा चाहते तो चुनरी लपेट कर ही भाग लेते पर वे छिपकर मंुह छिपाकर भागना चाह रहे थे। बहरहाल होटल क्लेरिजेज में बाबा और मंत्रियों के बीच हुई चर्चा के कुछ लम्हे प्लांट कर मीडिया में भेज दिए गए हैं। चर्चा के दौरान बाबा ने पानी की मांग की तो वहां ‘‘किनले‘‘ का पानी लाया गया। बाबा ने नाक मुंह सिकोड़ा तो मंत्री जी ने आंख मारकर कहा कि ‘‘हिमालय‘‘ का पानी ले आओ। बाबा ने हिमालय का पानी पिया तब मंत्री जी समझ गए कि बाबा अब हिमालय कंपनी के अघोषित ब्रांड एम्बेसेडर बन गए हैं।
कांग्रेस ने की सांसद की उपेक्षा!
दिल्ली के भाजपा मुख्यालय में कुछ भाजपाईयों के बीच इन दिनों हृदय प्रदेश की राजधानी भोपाल में हुए एयरपोर्ट टर्मिनल कार्यक्रम में भोपाल के सांसद को मंच पर न बिठाने पर कांग्रेस को कोसने का काम किया जा रहा है। भाजपाईयों का तर्क है कि हम तो भेदभाव नहीं करते। कांग्रेस के घोर विरोध के बाद भी भाजपा ने भोपाल में राजा भोज की प्रतिमा के अनावरण प्रोग्राम में कांग्रेस के नेता ठाकुर हरवंश सिंह को मंच पर स्थान दिया था, पर विमानपत्तन प्राधिकरण के इस प्रोग्राम में सांसद कैलाश जोशी को मंच पर स्थान नहीं दिया गया। भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री ही मंच पर रहे जबकि नैतिकता का तकाजा था कि इस प्रोग्राम में सांसद को मंच पर स्थान दिया जाना चाहिए था। भाजपा अपनी दरिया दिली की तारीफ करते नहीं थक रही है, तभी किसी ने चुटकी ली और कहा -‘‘भैये, कैलाश जोशी की कांग्रेस में अंदर तक पैठ कहां, यह तो ‘‘मन राखनलाल‘‘ हरवंश सिंह ही हैं जिनकी कांग्रेस से ज्यादा भाजपा में चलती है, सो उन्हें तो चाहे कांग्रेस का विरोध हो या समर्थन हर समय मंच पर ‘आसनी‘ मिलना तय ही है।
कौन बनेगा करोड़पति पीएम!
अमिताभ बच्चन ने करोड़पति के खेल में जान फूंक दी थी। आज भी लोग ‘आर यू श्योर? लाईलाईन इस्तेमाल कर लें? लाक कर दें?‘ जैसे जुमले दोहराते नजर आते हैं। सियासी गलियारों में अब कौन बनेगा करोड़पति पीएम? का खेल आरंभ हो गया है। मनमोहन और सोनिया के बीच गहराती दरार के बाद अब सत्ता और संगठन के शीर्ष आपस में दूर होते जा रहे हैं। अब कहा जा रहा है कि सोनिया जल्द ही मनमोहन की रूखसती की इच्छुक हैं। सोनिया के सामने मानमोहन के विकल्प का संकट आन खड़ा हुआ है। उनके विश्वस्त ए.के.अंटोनी ईसाई हैं। चिदम्बरम किसी काम के नहीं हैं। प्रणव मुखर्जी अब पीएम के विश्वस्त हो गए हैं। राहुल पीएम बनना नहीं चाह रहे हैं। अब सियासी समझ बूझ वाले बचते हैं राजा दिग्विजय सिंह। राजा का इतिहास देखकर सोनिया उन पर दांव लगाने से हिचक ही रहीं हैं। सोनिया को भरमाया गया है कि अगर राजा को पीएम बना दिया तो नेहरू गांधी परिवार का नाम लेने वाले भी नहीं बचेंगे एकाध साल में इस देश में।
खेत खा रही बाड़ को!
पुरानी कहावत है कि तब कुछ नहीं किया जा सकता है जब खेत को उसकी बाड़ (खेत की सीमा पर लगी कटीली झाड़ियां) खाने लगे। देश की सेवा के लिए सरकारी नौकरी में आने वाले या चुनाव जीतकर जनसेवक बनने वाले अपने आप को जनता के नौकर की बजाए शासक समझने लगंे तो जनता का कचूमर निकलना स्वाभाविक ही है। जब पुलिस खुद ही चोरी करने लगे तो फिर जनता का तो भगवान ही मालिक है। हाल ही में महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में एंटी नारकोटिक्स विभाग का अफसर ही एक रेव पार्टी में प्रतिबंधित नशीली दवाओं के स्टाक की रखवाली करते हुए पकड़ा गया। जिसके कांधों पर इन दवाओं के बाजार में उतरने से रोकने की जवाबदारी हो वे ही अगर इन दवाओं को बेचें तो फिर क्या कहा जा सकता है। इसमें गुजरे जमाने के अभिनेता विनोद खन्ना के बेटे के मिलने से हैरानी नहीं हुई हैरानी निरीक्षक अनिल जाधव के ड्रग्स के साथ मिलने से हो रही है।
. . . और लग गया लाट साहेब की रसोई में ताला!
क्या आपने कभी सुना है कि किसी राजभवन में कुपित लाट साहेब अर्थात महामहिम राज्यपाल महोदय ने रसोईघर ताला लगवा दिया हो। जी हां यह सच है। चंड़ीगढ़ स्थित हरियाणा राजभवन का किचिन बंद है, राजभवन के एक सैकड़ा से अधिक कर्मचारी बाहर से चाय पान स्वल्पाहार का आनंद ले रहे हैं। बताते हैं कि लाटसाहेब जगन्नाथ पहाड़िया को रसोईयों ने बासा सड़ा हुआ खाना परस दिया, फिर क्या था, भड़क गए महामहिम। लग गया ताला किचिन में। एक रसोईए की छुट्टी हो गई और बाकी अपना खाना बाहर दहलान में बनाने पर मजबूर हैं। शनिवार को लाट साहेब वापस आएंगे फिर पता चलेगा कि आगे यह खुलेगा या नहीं। इस बात से नसीहत लेकर अब व्हीव्हीआईपीज को खाने के लिए ‘शबरी मंत्र‘ अर्थात चख चखकर देना ही उचित होगा रसोईयों के लिए।
जसवंत ने डाले द्रमुक पर डोरे
अपनी बयानबाजी के लिए चर्चा में रहने वाले भाजपा के मुखर नेता जसवंत सिंह ने अब एक बार फिर नया राग अलापा है। द्रमुक सांसद आदिमत्थू राजा और कनिमोझी के जेल मंे रखे जाने पर उन्होंने सवालिया निशान लगा दिया है। यद्यपि भाजपा ने यह बयान उनकी निजी राय करार दिया है, पर जसवंत के इस बयान से कांग्रेस और द्रमुक के बीच दूरी बढ़ने की संभावनाओं को नकारा नहीं जा सकता है। जसवंत का कहना है कि जब मामले की सुनवाई चल रही हो तब ये दोनों जांच को कैसे प्रभावित कर सकते हैं? जसवंत का कहना है कि दोनों पर जो आरोप लगे हैं वे डकैती या हत्या जैसे नहीं हैं। अब जसवंत सिंह को कौन समझाए कि इन दोनों पर जो आरोप आहूत हैं वे आरोप परोक्ष तौर पर जनता के पैसों पर डकैती के हैं।
खुल गई दिल्ली पुलिस की कलई
‘आपके लिए आपकी दिल्ली पुलिस‘ जुमले को ढेंगा दिखाते हुए नाबालिक बच्चों ने देश के सबसे ताकतवर पद पर बैठे प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार हरीश खरे की कार उठा ली। इसके साथ ही उनका लेपटाप और मोबाईल भी चला गया। बाद में हरीश खरे के घर के पास देना बैंक के एटीएम के फुटेज से चोर की शिनाख्त हो सकी। देना बैंक के एटीएम में भी सुरक्षा कर्मी तैनात होगा। अमूमन देश के नब्बे फीसदी एटीएम बिना ही सुरक्षा कर्मी के चल रहे हैं। उनकी कार में सांसद का स्टीकर लगा हुआ था एवं उनके लेपटॉप पर किस तरह की जानकारी थी यह पता नहीं लग सका है। संसद के स्टीकर का बेजा इस्तेमाल तो नहीं हो पाया पर उनके लेपटॉप की जानकारी का क्या होगा यह तो हरीश खरे ही बता सकते हैं। यह है गांधी तेरे देश का हाल . . .।
गोपनीयता भंग की तो होगी जेल
सावधान! अगर किसी की गोपनीयता भंग की जाती है और वह प्रमाणित होती है तो जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है। मानूसन सत्र में केंद्र सरकार द्वारा एक एसा विधेयक लाया जा रहा है जिसमें इन बातों का विशेष ध्यान रखा गया है। निजता विधेयक 2011 नामक इस विधेयक में अगर किसी की बीमारी के बारे में किसी अन्य को बताया जाता है तो इसमें एक लाख रूपए जुर्माने के साथ छः माह की सजा, फोन काल सुनने और बातचीत सार्वजनिक करने पर टेलीकाम कंपनी का लाईसेंस रद्द एवं गैरकानूनी तरीके से किसी की जासूसी करने पर पांच साल की कैद का प्रावधान किया गया है। इसकी मानिटरिंग और अमल में लाने के लिए डाटा प्रोटेक्शन अथाारिटी का भी गठन किया जा रहा है।
कैबनेट में नहीं तो कहां रहते हैं मंत्री
यूपीए सरकार के मंत्री निरंकुश हो गए हैं, इस बात में दो मत नहीं है। प्रधानमंत्री की मंत्रीमण्डल पर पकड़ पूरी तरह ढीली हो चुकी है। उधर सोनिया गांधी भी मंत्रियों की मश्कें कसने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखा रही हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार मंत्री मण्डल की कुल 48 बैठकों में मंत्रियों की उपस्थिति काफी निराशाजनक ही रही है। प्रणव मुखर्जी 95 फीसदी के साथ पहले स्थान पर तो अंबिका सोनी, वीरप्पा माईली और ए.के.अंटोनी 85 फीसदी के साथ दूसरे एवं कपिल सिब्बल 83 फीसदी के साथ तीसरे नंबर पर हैं। जयपाल रेड्डी अस्सी, पलनिअप्पम चिदम्बरम 75, शरद पवार 66, एस.एम.कृष्णा 45 फीसदी ही उपस्थिति दर्ज करा सके हैं। सबसे कमजोर परफारमेंस एम.के.अलगिरी और पूर्व मंत्री ममता बनर्जी का रहा है जिन्होंने महज 17 फीसदी ही बैठकें अटेण्ड की हैं। यह है देश के नीति निर्धारकों का मंत्रीमण्डल की बैठकों का लेखा जोखा।
यह है शिव के घर का हाल सखे
मध्य प्रदेश में बच्चों के मामा शिवराज सिंह चौहान के राज में सुशासन चल रहा है। प्रदेश में राम राज्य है, चोरी डकैती, लूटपाट, मारामारी, कालाबाजारी आदि सब कुछ बंद है मध्य प्रदेश में। यह दावा भाजपाईयों का है, जबकि जमीनी हकीकत इससे ठीक उलट है। स्कूल चलें हम का विज्ञापन भले ही लाखों करोड़ों रूपयों खर्च कर छपवाया और दिखाया जाता हो पर बच्चे आज भी स्कूल कैसे जा रहे हैं, और पढ़ रहे हैं यह बात वातानुकूलित कमरों में बैठने वाले नहीं समझ सकते। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र बुधनी के अंतर्गत आने वाले अनेक गांवों के दिल दहला देने वाले हालात का बखान शिवराज विरोधी इन दिनों पार्टी के आला नेताओं के समक्ष कर रहे हैं। बताया जाता है कि रहेटी क्षेत्र की बोरी पंचायत के ग्राम डोंगरी के बच्चे आज भी भब्बड़ नदी में तैरकर ही शाला जाते हैं। साथ ही पिपलिया में भी बरसात में टापू जैसे हालात बन जाते हैं। शिवराज की भानजियां भी बरसात में नदी तैर कर शाला जाने को मजबूर हैं।
पुच्छल तारा
इन दिनों बाबा रामदेव और अण्णा हजारे के अनशन के दमन के किस्से बहुत तेजी से चल रहे हैं। इसी पर आधारित एक एसएमएस भेजा है मध्य प्रदेश से पिंकी उपाध्याय ने। पिंकी लिखते हैं कि सोनिया गांधी एक स्कूल मेें विजिट करने गईं। एक कक्षा में जाकर उन्होंने बच्चों से कहा कि कोई सवाल पूछना है तो पूछो। कक्षा का होनहार विद्यार्थी चीकू खड़ा हुआ और बोला मेडम मेरे तीन सवाल हैं।
पहला - ‘‘आप पीएम क्यों नहीं बनीं?‘‘,
दूसरा -‘‘रामलीला मैदान दिल्ली में पुलिस किसने भेजी?‘‘
और तीसरा आखिरी सवाल -‘‘स्विस बैंक में आपका कितना पैसा जमा है?‘‘
इसके पहले की सोनिया जवाब दे पातीं हाफ टाईम की घंटी बज गई।
छुट्टी के बाद भोलू खड़ा हुआ और बोला -‘मैडम मेरे पांच सवाल हैं। तीन तो चीकू वाले और चौथा -‘‘हाफ टाईम की बैल बीस मिनिट कैसे बजी?‘‘ और और . . .
आखिरी सवाल -‘‘चीकू कहां है?‘‘