0 घंसौर को झुलसाने की तैयारी पूरी . . . 76]
संगठन को ताक पर रख शुक्ला ने रखी थापर की चिमनी की आधारशिला!
स्थानीय विधायक और जिला संगठन को दिखाया झाबुआ पावर ने ठेंगा!
भाजपा में दो फाड़ करवाने की जुगत में थापर
(महेंद्र सोलंकी)
घंसौर जिला सिवनी (साई)। मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर से महज सौ किलोमीटर दूर सिवनी जिले के आदिवासी बाहुल्य घंसौर विकासखण्ड के ग्राम बरेला में लगभग 6800 करोड़ रूपए की लागत से बनने वाले कोल आधारित पावर प्लांट के प्रथम चरण में निर्माणाधीन 275 मीटर (लगभग एक हजार फिट उंची चिमनी) एवं अन्य कामों की आधारशिला मध्य प्रदेश सरकार के उर्जा और खनिज मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने शनिवार को अपरान्ह रखी। इस कार्यक्रम में भाजपा की स्थानीय विधायक श्रीमति शशि ठाकुर सहित जिला भाजपा की अनुपस्थिति खासी चर्चा का विषय बनी रही।
उर्जा मंत्री राजेंद्र शुक्ल शनिवार अपरान्ह हेलीकाप्टर से बरेला स्थित पावर प्लांट के संयंत्र स्थल पहुंचे। संयंत्र स्थल पर जाकर उन्होंने संयंत्र प्रबंधन द्वारा पूर्व निर्धारित लगभग 1000 फिट उंची चिमनी एवं प्रेशर पार्ट इक्यूपमेंट की अधारशिला रखी। इसके अलावा उर्जा मंत्री ने संयंत्र स्थल पर वृक्षारोपण भी किया। गौरतलब है कि संयंत्र प्रबंधन पर आदिवासियों की उपेक्षा और पर्यावरण मानकों का माखौल उड़ाने के संगीन आरोप लग रहे हैं।
यहां यह उल्लेखनीय है कि इस कार्यक्रम में स्थानीय विधायक श्रीमति शशि ठाकुर सहित मध्य प्रदेश में सत्ता पर काबिज भाजपा के जिला संगठन के पदाधिकारी नदारत थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार भाजपा सरकार के इस कथित विकास के आयाम जुड़ने के दरम्यान स्थानीय विधायक श्रीमति शशि ठाकुर इस जबलपुर में किसी कार्यक्रम में व्यस्त रहीं। इतना ही नहीं जिला भाजपा संगठन के पदाधिकारी भी इस कार्यक्रम में उपस्थित नही रहे, जिसे लेकर तरह तरह की चर्चाएं व्याप्त हैं।
मशहूर उद्योगपति गौतम थापर के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा आदिवासी बाहुल्य घंसौर विकास खण्ड के ग्राम बरेला में स्थापित होने वाले इस संयंत्र में अनेक अनियमितताओं की शिकायत के बाद भी संयंत्र प्रबंधन द्वारा जिस तरह से सरकार को साधकर स्थानीय विधायक और जिला भाजपा की उपेक्षा की जा रही है उसे लेकर माना जा रहा है कि गौतम थापर द्वारा जिला भाजपा और स्थानीय विधायक को उपेक्षित कर भाजपा में दो फाड़ करने का प्रयास किया जा रहा है।
मौके पर जब मीडिया ने इस बात को उर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ल के संज्ञान में यह बात लाई गई तो बात को लगभग संभालते हुए उन्होंने कहा कि यह उनकी बिजनिस विजिट थी और इस संबंध में संगठन के पदाधिकारियों से उनकी चर्चा हुई है और भविष्य में संयंत्र में होने वाले कार्यक्रमों में संगठन की महती भूमिका रखी जाएगी। भाजपा सरकार द्वारा संगठन की जबर्दस्त उपेक्षा के परिणाम भविष्य में अगर भाजपा को देखने को मिलें तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
भाजपा की उपेक्षा सरकार द्वारा इस कदर की गई कि स्थानीय पदाधिकारियों द्वारा भी इस कार्यक्रम का लगभग बहिष्कार ही किया। कार्यकर्ताओं के रोष और असंतोष का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि संयंत्र प्रबंधन द्वारा क्षेत्र के आदिवासी बहुल्य समुदाय के बच्चों के लिए प्राईमरी, मिडिल, हाई या हायर सेकेन्डरी स्कूल खोलने के स्थान पर औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) में चालीस सीटें आरंभ कराई गईं हैं, के उद्यघाटन का कार्यक्रम कार्यकर्ताओं के विरोध के चलते रद्द करना पड़ा।
(क्रमशः जारी)