द्विवेदी, माकोड़े की सेवाएं कांट्रेक्ट पर लेगा जनसंपर्क
सरकार के बजाए संगठन की सेवा से उपकृत हो रहे सेवानिवृत अधिकारी
(लिमटी खरे)
नई दिल्ली (साई)। शिवराज सिंह चौहान को सरकार की छवि बनाने के लिए पाबंद जनसंपर्क विभाग के मौजूदा अधिकारियों के बजाए सेवानिवृत अधिकारियों पर ज्यादा भरोसा नजर आ रहा है। यही कारण है कि सेवानिवृत्ति के बाद भी अधिकारियों का मोह सरकार नहीं छोड़ पा रही है। दिल्ली स्थित राज्य सूचना केंद्र से सेवानिवृत हुए संयुक्त संचालक सुरेंद्र कुमार द्विवेदी को अब जनसंपर्क विभाग में एक साल के लिए कांट्रेक्ट पर लेने की कवायद की जा रही है।
मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग के आला दर्जे के सूत्रों का कहना है कि शिवराज सिंह चौहान सरकार की छवि चमकाने के बजाए भाजपा संगठन और विशेषकर मध्य प्रदेश भाजपा के निजाम प्रभात झा की चाकरी में ज्यादा समय बिताने वाले अधिकारियों को उपकृत करने की कवायद की जा रही है।
गौरतलब है कि देश की राजनैतिक राजधानी दिल्ली के मंहगे व्यवसायिक इलाके कनाट सर्कस के बाबा खड़क सिंह मार्ग पर स्थित मध्य प्रदेश सरकार के सूचना केंद्र के प्रभारी रहे सुरेंद्र कुमार द्विवेदी के कार्यकाल में सूचना केंद्र पर अघोषित तौर पर भाजपा कार्यालय बनने के आरोप मीडिया में जब तब लगते रहे हैं। कहा जाता है कि दिल्ली में मध्य प्रदेश बीट कव्हर करने वाले पत्रकारों को सूचना केंद्र द्वारा सुविधाएं सहूलियत देने के बजाए भाजपा के सांसद और विधायकों पर अपना ध्यान केंद्रित रखा गया था।
आरोप तो यहां तक भी हैं कि मध्य प्रदेश सरकार से अपात्र लोगों को अधिमान्यता की अनुशंसा भी सूचना केंद्र के तत्कालीन प्रभारी सुरेंद्र कुमार द्विवेदी द्वारा की गई है। चर्चा है कि चहेतों को रेवड़ी बांटने के चक्कर में सूचना केंद्र प्रभारी द्विवेदी द्वारा अपात्र लोगों को मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग से अधिमान्यता करवा दी गई। वहीं दूसरी ओर असल और पात्र मीडिया कर्मियों की अधिमान्यता के बारे में श्री द्विवेदी ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई।
दिल्ली में मध्य प्रदेश बीट कव्हर करने वाले पत्रकार उस वक्त हैरान रह जाते जब किसी मंत्री या मुख्यमंत्री की पत्रकार वार्ता की सूचना उन्हें दूसरे दिन समाचार पत्रों के माध्यम से उनके जाने के उपरांत मिलती। कहा जाता है कि भाजपा मानसिकता वाले मीडिया कर्मियों को ही सूचना केंद्र द्वारा पूरी तवज्जो, सहूलियत और सुविधाएं प्रदान की जाती रही हैं।
चर्चाएं तो यहां तक हैं कि श्री द्विवेदी के कार्यकाल में मध्य प्रदेश सूचना केंद्र द्वारा मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की छवि निखारने, सरकार की योजनाओं की जानकारी देने के बजाए इसे अघोषित तौर पर भाजपा और उसके अनुषांगिक संगठनों के क्रिया कलापों के प्रचार प्रसार का अड्डा बना दिया गया था।
भाजपा संगठन के सूत्रों का कहना है कि सरकार के बजाए संगठन की सेवा के सम्मान के पारितोषक के बतौर सुरेंद्र कुमार द्विवेदी को सेवानिवृत्ति के पहले ही उपकृत करने का ताना बाना बुना जाने लगा। सूत्रों के अनुसार पहले श्री द्विवेदी को माखन लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्व विद्यालय में भेजने की कवायद की गई किन्तु उनके भारी विरोध के चलते यह योजना परवान नहीं चढ़ सकी।
सूत्रों ने बताया कि इसके बाद संगठन के दबाव में सरकार ने सेवानिवृत्त संयुक्त संचालक सुरेंद्र कुमार द्विवेदी को दिल्ली स्थित संसदीय प्रकोष्ठ का प्रभारी नियुक्ति करने का मन बनाया। इस बार भी उनके मंसूबे इसलिए कामयाब नहीं हो पाए चूंकि यह सरकारी पद था और इसमें कांग्रेस के एक कद्दावर सांसद ने अपना पुरजोर विरोध दर्ज करवा दिया था।
सूत्रों ने बताया कि सरकार के बजाए संगठन पर ज्यादा ध्यान देने के उपहारस्वरूप अब भाजपा संगठन द्वारा शिवराज सिंह चौळान पर श्री द्विवेदी की सेवाएं जनसंपर्क विभाग द्वारा कांट्रेक्ट पर लेने की सैद्धांतिक सहमति बना दी गई है। सूत्रों ने कहा कि जल्द ही दिल्ली स्थित सूचना केंद्र के सेवानिवृत्त संयुक्त संचालक सुरेंद्र कुमार द्विवेदी एवं भोपाल के श्री माकोड़े की सेवाएं मध्य प्रदेश सरकार का जनसंपर्क विभाग एक साल के लिए कांट्रेक्ट पर लेने जा रहा है। सूत्रों की मानें तो श्री द्विवेदी की सेवाएं दिल्ली स्थित जनसंपर्क विभाग के सूचना केंद्र और श्री माकोड़े की सेवाएं भोपाल में ली जाएंगी।
(क्रमशः जारी)
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