गुरुवार, 7 मार्च 2013

महिलाओं का सच्चा हितेषी बना मध्य प्रदेश


महिलाओं का सच्चा हितेषी बना मध्य प्रदेश

(लिमटी खरे)

देश को आजाद हुए साढ़े छः दशक से अधिक का समय हो चुका है। सरकार भी पेंसठ साल में अपने कर्मचारी को सेवानिवृत कर देती है। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि देश ने सरकार के हिसाब से अपनी औसत आयु की नौकरी पूरी कर ली है, पर क्या देश सेवानिवृति के लिए तैयार है। कतई नहीं, इन पेंसठ सालों में देश ने तरक्की के आयाम अवश्य तय किए होंगे पर यह अनेक मामलों में रसातल की ओर भी अग्रसर हुआ है।
मातृशक्ति को सभी बारंबार प्रणाम करते हैं, पर कोई भी महिलाओं को आगे लाने या सशक्त बनाने की पहल नहीं करता है। देश पर आधी सदी से ज्यादा राज करने वाली कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के तौर पर स्व.श्रीमति इंिदरा गांधी, अपने अध्यक्ष के तौर पर श्रीमति सोनिया गांधी के बाद देश की पहली महामहिम राष्ट्रपति श्रीमति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल, पहली लोकसभाध्यक्ष मीरा कुमार दिए हैं, वहीं भाजपा ने मातृशक्ति का सम्मान करते हुए लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर श्रीमति सुषमा स्वराज को आसंदी पर बिठाया है।
इतना सब होने के बाद भी महिलाओं के लिए 33 फीसदी के आरक्षण का विधेयक लाने में कांग्रेस को नाकों चने चबाने पड रहे हैं, जाहिर है पुरूष प्रधान मानसिकता वाले देश में महिलाओं को बराबरी पर लाने की बातें तो जोर शोर से की जातीं हैं, पर जब अमली जामा पहनाने की बात आती है, तब सभी बगलें झाकने पर मजबूर हो जाते हैं।
मध्य प्रदेश में पिछले कुछ सालों से ‘‘मां तुझे सलाम . . .‘‘ का गीत जमकर बज रहा है। सूबे के निजाम शिवराज सिंह चौहान द्वारा मध्य प्रदेश में स्त्री वर्ग के लिए जो महात्वाकांक्षी योजनाएं लागू की गई हैं, वे आने वाले समय में देश के लिए नजीर से कम नहीं होंगी। निश्चित तौर पर इन योजनाओं को या तो जस का तसया फिर कुछ हेरफेर कर सभी राज्य लागू करने पर मजबूर हो जाएंगे।
सुप्रसिद्ध कवि मैथली शरण गुप्त की कविता की ये पंक्तियां
-‘‘अबला जीवन हाय तुम्हारी यह ही कहानी!,
आंचल में है दूध, और आंखों में है पानी!!‘‘
को शिवराज सिंह चौहान ने कुछ संशोधित कर आंखों के पानी को खुशी के आंसुओं में तब्दील कर दिया है।
कुल पुत्र से ही आगे बढता है, की मान्यता को झुठलाते हुए शिवराज सिंह चौहान ने लाडली लक्ष्मी योजना का आगाज किया। इस योजना में आयकर न देने वाले आंगनवाडी में पंजीकृत वे पालक जिन्होंने परिवार नियोजन को अपनाया हो, अपनी कन्या का नाम दर्ज करा सकते हैं। इसमें उन्हें तीस हजार रूपए का राष्ट्रीय बचत पत्र प्राप्त होता है। इस जमा राशि से मिलने वाले ब्याज से लाडली लक्ष्मी को दो हजार रूपए एक मुश्त दिए जाते हैं, जिससे वह पांचवी तक की शिक्षा प्राप्त कर सके।
इसके उपरांत आठवीं पास करने पर चार हजार रूपए, दसवीं में पहुंचने पर साढे सात हजार रूप्ए और ग्यारहवीं तथा बारहवीं कक्षा के लिए उसे हर माह दो सौ रूपयों की मदद मिलेगी। इतना ही नहीं जब वह सयानी हो जाएगी तो उसे एक लाख रूपए से अधिक की राशि मिलेगी जो उसकी शादी में काम आएगी। मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की यह योजना सुपरहिट साबित हुई है, अब तक साठ हजार से अधिक कन्याएं लाडली लक्ष्मी बन चुकी हैं।
इससे इतर बालिकाओं की शिक्षा के लिए शिवराज सिंह चौहान ने खासा ध्यान दिया है। सच ही है, अगर घर में मां शिक्षित और संस्कारी होगी तो आने वाली पीढी का भविष्य उज्जवल होना तय है। इसी तर्ज पर मध्य प्रदेश सरकार द्वारा संसाधन, साधन और धन के अभाव को शिक्षा में अडंगा न बनने की योजना बनाई है।
सरकार के अनेक महकमे अपनी अपनी महात्वाकांक्षी योजनाओं के माध्यम से बालिकाओं को कोर्स की किताबें, यूनीफार्म, छात्रवृत्ति तो मुहैया करा ही रहे हैं, साथ ही बालिकाओं के मन में पढाई के प्रति रूझान पैदा करने की गरज से सरकार ने जून 2008 से छटवीं कक्षा में प्रवेश लेने वाली हर कन्या को साईकिल देने का लोकलुभावना निर्णय भी लिया है।
सहज सुलभ व्यक्तित्व और सुलझे विचारों वाले सादगी पसंद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा महिलाओं के पिछडे होने के दर्द को समझा है। उन्होंने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने कमर कस ली है। महिलाओं में आत्मविश्वास जगाने का जिम्मा अपने कांधे पर उठाए शिवराज सिंह चौहान द्वारा एतिहासिक फैसले लेते हुए पंचायत संस्थाओं और नगरीय निकायों में पचास फीसदी, तो वन समितियों में एक तिहाई आरक्षण लागू करवा दिया है।
इतना ही नहीं 38 जिलों में महिला डेस्क, कार्यपालिक बल में सब इंसपेक्टर की भर्ती में तीस फीसदी, आरक्षक की भर्ती मंे दस फीसदी महिलाओं में रचनात्मकता को विकसित करने दो लाख रूपए के रानी दुर्गावती पुरूकार, समाज सेवा और वीरता के लिए राजमाता विजयाराजे सिंधिया और रानी अवंति बाई के नाम पर एक एक लाख रूपए के पुरूस्कार भी आरंीा किए गए है।
मातृ शक्ति का सम्मान करते हुए शिवराज ने वीरांगना रानी दुर्गावती के नाम पर बहुत समय से एक बटालियन की बहुप्रतिक्षित मांग को पूरा करते हुए 329 पदों का सृजन भी कर दिया है मध्य प्रदेश सरकार ने। इसके अलावा खेलों में महिलाओं को प्रोत्साहन देने हेतु ग्वालियर में राज्य महिला अकादमी की स्थापना भी कर दी गई है। हाकी के खिलाडियों को जब केंद्र सरकार की ओर से तिरस्कार मिला तब शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें सहारा दिया है।
इस मंहगाई के दौर में गरीब के घर सबसे बडी समस्या उसकी बेटी के कन्यादान की होती है। शिवराज सिंह चौहान ने इस दर्द को बखूबी समझा है। जब वे संसद सदस्य हुआ करते थे, तब से उनके संसदीय क्षेत्र विदिशा में सामूहिक विवाहों का आयोजन होता रहा है। अब मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कन्यादान योजना का ही आगाज कर दिया है।
इस योजना में गरीब, जरूरत मंद, निःशक्त, निर्धन, कमजोर परिवारों की न केवल विवाह योग्य, वरन् परित्याक्ता, विधवा महिलाओं के लिए पांच हजार रूपए और सामूहिक विवाह के आयोजनों हेतु संस्थाओं को एक हजार रूपए प्रति कन्या के हिसाब से राशि सरकार द्वारा मुहैया करवाई जाती है।
विवाह के उपरांत गर्भधारण करने पर भू्रण का लिंग परीक्षण वैसे तो केंद्र सरकार द्वारा ही प्रतिबंधित किया गया है, इस मामले में एक कदम आगे बढते हुए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा परीक्षण करने वाले चिकित्सक अथवा संस्था को दण्ड दिए जाने का प्रावधान करने के साथ सूचना देने वाले को दस हजार का ईनाम भी देने की घोषणा की है।
बिटिया जब गर्भ धारण करती है तो उसकी गोद भराई की जवाबदारी भी मध्य प्रदेश सरकार अपने कांधों पर उठाती है। इस योजना के तहत गोद भराई आयोजन में गर्भवती स्त्री को मातृ एवं शिशु रक्षा कार्ड, आयरन फोलिक एसिड की गोलियां आदि देकर उसकी गोद भराई में नारियल, सिंदूर, चूडियां और अन्य तोहफे भी दिए जाते हैं।
फिर आती है जननी सुरक्षा योजना की बारी। इसमें गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित कर आर्थिक सहायता मुहैया करवाई जाती है। इसमें प्रेरक को प्रोत्साहन राशि के अलावा स्त्री को समीपस्थ सरकारी अस्पताल पहुंचाने में होने वाले व्यय को भी दिया जाता है।
गरीब की बच्ची के अन्नप्राशन हेतु आंगनवाडी केंद्र में अन्नप्राशन संस्कार में बच्ची को कटोरी चम्मच और खाद्य पदार्थ तोहफे में दिए जाते हैं। इसके बाद पढाई के लिए लाडली लक्ष्मी योजना, आत्मनिर्भरता के लिए अनेक योजनाओं के बाद जब बेटी के हाथ पीले करने की बारी आती है तब भी मध्य प्रदेश सरकार इसे अपनी चिंता मानती है। जिस सूबे में मातृशक्ति को आत्मनिर्भर और आत्मविश्वास से लवरेज करने के प्रयास खुले दिल और दिमाग से हो रहे हों उस प्रदेश में राम राज्य आने में समय नहीं लगेगा। (साई फीचर्स)

सिर्फ दस बार होता है रेल पटरियों का उपयोग दिन भर में!


0 सिवनी से नहीं चल पाएगी पेंच व्हेली ट्रेन . . . 13

सिर्फ दस बार होता है रेल पटरियों का उपयोग दिन भर में!

(संजीव प्रताप सिंह)

सिवनी (साई)। छिंदवाड़ा से नैनपुर का नेरोगेज रेलखण्ड अब रेल मंत्रालय के लिए बोझ बनता जा रहा है। इस रेलखण्ड का उपयोग चौबीस घंटों में महज दस बार ही होता है, वह भी पेसेंजर रेल गाडियों के लिए। घाटे में जाते इस रेल खण्ड के अमान परिवर्तन की बात सियासी बियावान में खो गई है। दस दस सांसद मिलकर भी इस रेलखण्ड के अमान परिवर्तन को अमली जामा नहीं पहना सके हैं।
रेल्वे बोर्ड के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सिवनी से होकर गुजरने वाले रेलखण्ड को भारतीय रेल ने बोझ मान लिया है। इस रेलखण्ड के अमान परिवर्तन में स्थानीय संसद सदस्यों के द्वारा दिलचस्पी ना लिए जाने से यह रेलखण्ड अब रेल्वे बोर्ड के लिए सफेद हाथी ही साबित हो रहा है।
ज्ञातव्य है कि इस रेलखण्ड से प्रातः पांच बजकर दस मिनिट पर सिवनी से जबलपुर से आकर नागपुर जाने वाली रेल गाडी छिंदवाड़ा तक, के अलावा आठ बजकर 51 मिनिट, बारह बजकर 51 मिनिट, शाम पांच बजकर 31 मिनिट और रात्रि बारह बजकर 55 मिनिट पर नैनपुर से छिंदवाड़ा तक रेल गाडी का संचालन होता है।
इसी तरह नागपुर से जबलपुर चलने वाली रेल का संचालन छिंदवाड़ा से जबलपुर तक रात्रि ग्यारह बजे, के अलावा सुबह साढ़े आठ बजे, दिन में ग्यारह बजे, दोपहर सवा तीन बजे एवं रात्रि सात बजकर 41 मिनिट पर छिंदवाड़ा से नैनपुर तक के लिए रेल का संचालन किया जाता है। इस तरह चौबीस घंटों में इस रेल खण्ड पर महज दस रेल गाडियों का ही संचालन होता है। यहां यह उल्लेखनीय होगा कि इस रेलखण्ड में माल गाडियों का संचालन सालों से नहीं किया जा रहा है।
(क्रमशः जारी)

थापर के गुर्गे कर रहे आदिवासियों से दुर्वयवहार


0 रिजर्व फारेस्ट में कैसे बन रहा पावर प्लांट . . . 13

थापर के गुर्गे कर रहे आदिवासियों से दुर्वयवहार

(एस.के.खरे)

सिवनी (साई)। देश के नामी गिरामी उद्योगपति गौतम थापर जिनका इकबाल सियासी तौर पर काफी बुलंद माना जाता है के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में आदिवासी बाहुल्य घंसौर तहसील में डाले जा रहे पावर प्लांट में उनके गुर्गों द्वारा आदिवासियों से दुर्वव्हार की शिकायतें आम होने लगी हैं।
संयंत्र के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि संयंत्र में काम करने वाले आदिवासी मजदूरों के साथ संयंत्र में तैनात सुरक्षा कर्मियों द्वारा बुरा बर्ताव किया जा रहा है। यहां पहचान पत्र अब सबसे बड़ी परेशानी का सबब बनता जा रहा है। श्रमिकों का आरोप है कि उन्हें पहचान पत्र के नाम पर छला जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस संयंत्र में काम करने वाले श्रमिकों को वेतन संयंत्र द्वारा दिया जा रहा है पर जब उन्हें पहचान पत्र जारी करने की बारी आई तो उन्हें सुरक्षा के लिए पाबंद की गई निजी सुरक्षा एजेंसी के माध्यम से पहचान पत्र जारी करवा दिए गए। उल्लेखनीय है कि सुरक्षा एजेंसी सिर्फ अपने ही कारिंदों को पहचान पत्र जारी कर सकती है, संयंत्र में काम करने वाले श्रमिकों को वह किस आधार पर पहचान पत्र जारी कर रही है यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है।
संयंत्र के सूत्रों ने साई न्यूज को आगे बताया कि श्रमिकों की मांग है कि चूंकि वे संयंत्र में काम कर रहे हैं अतः उन्हें संयंत्र का ही पहचान पत्र जारी किया जाए पर वहीं दूसरी ओर संयंत्र प्रबंधन की लालफीताशाही के चलते संयंत्र प्रबंधन ने उनकी इस मांग को सिरे से खारिज कर सुरक्षा एजेंसी के माध्यम से ही पहचान पत्र जारी करने का अघोषित फरमान जारी किया है जिससे श्रमिकों में रोष और असंतोष बना हुआ है।
(क्रमशः जारी)

विज्ञापन नीति का ही उल्लंघन कर रहा जनसंपर्क!


लाजपत ने लूट लिया जनसंपर्क ------------------ 68

विज्ञापन नीति का ही उल्लंघन कर रहा जनसंपर्क!

(राजेश शर्मा)

भोपाल (साई)। मध्य प्रदेश में सत्ता और मीडिया के बीच समन्वय बनने के साथ ही साथ शासन की जनकल्याणकारी नीतियों के प्रचार प्रसार के लिए पाबंद मध्य प्रदेश का जनसंपर्क महकमा अब अपनी ही बनाई नीतियों की मुखालफत करता नजर आ रहा है। मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा बनाई गई विज्ञापन नीति की कंडिका 11 का उल्लंघन साफ तौर पर होता प्रतीत हो रहा है।
मध्य प्रदेश जनसंपर्क की आधिकारिक वेब साईट एमपीइन्फो डॉट ओआरजी पर डाली गई एडव्टाईजमेंट पालिसी की पीडीएफ फाईल में अनेक कंडिकाओं का उल्लेख किया गया है जिनके उल्लंघन करने पर संबंधित मीडिया संस्थान को जनसंपर्क विभाग द्वारा अपनी विज्ञापन सूची में शामिल ना किए जाने या शामिल होने पर उसे हटाने की बात कही गई है।
इस विज्ञापन नीति की कंडिका नंबर 11 में साफ तौर पर उल्लेख किया गया है कि अनैतिक एवं समाज विरोधी अपराधों (मारल टार्पीटयूड) के न्यायालय द्वारा दंडित लोगों द्वारा प्रकाशति/मुद्रित अथवा संपादित समाचार पत्रों को विज्ञापन सूची में शामिल नहीं किया जाएगा। इसी प्रकार न्यायालय में जिन लोगों के खिलाफ इस तरह के प्रकरण विचाराधीन होंगे उन्हें भी सूची में शामिल नहीं किया जाएगा। सूची में शामिल एसे किसी पत्र के संबंध में शिकायत/जानकारी प्राप्त होने पर संबंधित व्यक्ति के शपथ पत्र प्राप्त करने के लिए कार्यवाही की जाएगी। निर्धारित अवधि में शपथ पत्र प्रस्तुत नहीं किए जाने पर आयुक्त संचालक जनसंपर्क द्वारा सूची से प्रथक कर दिया जाएगा।
इस कंडिका के अनुसार अगर देखा जाए तो मध्य प्रदेश में ना जाने कितने समाचार पत्रों के प्रकाशक मुद्रक और संपादकों के खिलाफ प्रकरण विचाराधीन हैं। सवाल यह उठता है कि कोई अपने आपराधिक चरित्र के बारे में कोई भला कैसे बताएगा और उसके बारे में किसी को पता कैसे चलेगा। होना यह चाहिए कि प्रत्येक छः माह में सूची में शामिल सभी समाचार पत्रों के संपादक प्रकाशक मुद्रक से शपथ पत्र लिए जाएं कि उन पर कोई आपराधिक मामले दर्ज नहीं है।

वृद्धि दर में होगी बढोत्तरी: मनमोहन


वृद्धि दर में होगी बढोत्तरी: मनमोहन

(महेश)

नई दिल्ली (साई)। केंद्र सरकार ने विश्वास व्यक्त किया है कि अगले दो-तीन वर्षों में देश सालाना सात से आठ प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल कर लेगा। संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर कल लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार को उच्च वृद्धि दर प्राप्त करने के लिए विशेषकर बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश बढ़ाना होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास घरेलू बचत में वृद्वि करना और निजी निवेश को बढ़ावा देना है। १२ वीं योजना के दौरान सरकार का लक्ष्य, ८ र्प्रतिशत की औसत विकास दर और ४ प्रतिशत के कृषि विकास को हासिल करना है लेकिन हमारा मुख्य बल समावेशी विकास पर होगा।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना- मनरेगा लागू करने में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर डॉक्टर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार ने इस पर काबू पाने के लिए कई उपाए किए हैं। विभिन्न ग्रामीण विकास योजनाओं के मूल्यांकन के लिए अलग कार्यालय बनाने पर भी विचार किया जा रहा है, ताकि इनमें सुधार किए जा सकें। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार महत्वपूर्ण योजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध है।
महिलाओं की सुरक्षा पर सदस्यों की चिंताओं से सहमति व्यक्त करते हुए डॉक्टर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार प्रत्येक महिला की गरिमा और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

पेंशनर्स की जन्मतिथि हो सकेगी संशोधित


पेंशनर्स की जन्मतिथि हो सकेगी संशोधित

(प्रदीप चौहान)

नई दिल्ली (साई)। सरकार ने परिवार पेंशनभोगियों को जन्म की तारीख से जुड़ा रिकॉर्ड ठीक करने की अनुमति दे दी है। अब दिवंगत सरकारी कर्मचारी के माता-पिता और पति या पत्नी अपनी जन्म तारीख को ठीक करने के लिए अनुरोध कर सकेंगे। इसका उद्देश्य उन्हें सामाजिक सुरक्षा लाभ समय पर उपलब्ध कराना है।
डीओपीटी के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के परिपत्र के अनुसार, जिस विभाग में दिवंगत कर्मचारी ने सेवा की हो, उस विभाग का प्रमुख परिवार पेंशनभोगी के जन्म की तारीख में बदलाव की मंजूरी दे सकता है। परिवार पेंशन के लाभार्थी को संबंधित विभाग के प्रमुख को अपनी आय के प्रमाण, पैन कार्ड, मैट्रिक प्रमाण-पत्र, मतदाता कार्ड, आधार संख्या तथा एक शपथ-पत्र प्रस्तुत करना होगा।

सिविल सेवा परीक्षा में बदलाव अधिसूचित


सिविल सेवा परीक्षा में बदलाव अधिसूचित

(मणिका सोनल)

नई दिल्ली (साई)। संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में बदलाव की अधिसूचना जारी कर दी गई है। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग की अधिसूचना के अनुसार, अब सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में नैतिक मूल्यों, सुव्यवस्था और अभिरूचि संबंधी प्रश्नपत्र होगा। इसमें सार्वजनिक जीवन में सत्यनिष्ठा, ईमानदारी तथा विभिन्न सामाजिक मुद्दों को सुलझाने के नजरिए की जांच के लिए प्रश्न पूछे जाएंगे।
पीएमओ के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि सिविल सेवा परीक्षा की रूपरेखा में इन सुधारों से विभिन्न विषयों में परीक्षा देने वाले लाखों उम्मीदवारों को समान अवसर उपलब्ध होंगे। इससे पहले सिविल सेवा परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों को दो भाषाओं अंग्रेजी और किसी क्षेत्रीय भाषा के प्रश्नपत्र उतीर्ण करने पड़ते थे। अब क्षेत्रीय भाषा का प्रश्नपत्र नहीं होगा।
सूत्रों ने साई न्यूज को आगे बताया कि प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले करीब छह से ग्यारह प्रतिशत उम्मीदवार मुख्य परीक्षा में भाषा के प्रश्नपत्रों को उतीर्ण नहीं कर पाते थे। संघ लोक सेवा आयोग ने सामान्य अध्ययन के प्रश्नपत्रों की संख्या बढ़ाकर चार कर दी है और वैकल्पिक प्रश्नपत्रों के अंक आधे कर दिए हैं। परीक्षा की नयी रूपरेखा से एक वैकल्पिक विषय हटा दिया गया है।
प्रधानमंत्री ने सिविल सेवा परीक्षा में बदलावों को हाल में मंजूरी दी थी। इस वर्ष सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा २६ मई को होनी है, जिसके लिए ऑनलाइन आवेदन करने की आखिरी तारीख चार अप्रैल है।

लखनऊ : टांडा में कर्फ्यू में ढील


टांडा में कर्फ्यू में ढील

(दीपांकर श्रीवास्तव)

लखनऊ (साई)। उत्तर प्रदेश में अंबेडकर नगर के टांडा में स्थिति सामान्य होने के बाद प्रशासन ने आज सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक कर्फ्यू में ढील देने का फैसला किया है। आज सभी सरकारी दफ्तर खुले रहेंगे। जिले के बाकी इलाकों में अगले आदेश तक के लिए निषेधाज्ञा जारी रहेगी। प्रशासन ने स्थानीय लोगों की शिकायतें और समस्या दर्ज कराने के लिए तहसील कार्यालय में चौबीसों घंटे की हेल्पलाइन शुरु की है। इसका नंबर ०५२७३-२२२-०३२ है।
प्रशासनिक सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के टांडा ब्यूरो को बताया कि कर्फ्यू में छूूट के दौरान सरकारी कार्यालयों बैंको और डाकखानों में कामकाज की अनुमति रहेगी। लेकिन बाहरी लोगों को टांडा कस्बे में प्रवेश र्प्रतिबंधित रहेगा। शिक्षण संस्थान अगले आदेशों तक बंद रहेंगी। बुधवार को दी गई चार घंटे की छूट के दौरान बाजार खुले रहे और लोगों ने अपनी दिन प्रतिदिन के जरूरतों के अनुसार खरीददारी की। कर्फ्यू प्रभावित इलाकों में सुरक्षाकर्मियों की गश्त बढ़ा दी गई है और संवेदनशील स्थानों पर मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारी तैनात किए गए है।

सुषमा बनीं नंबर वन!


सुषमा बनीं नंबर वन!

(शरद)

नई दिल्ली (साई)। भले ही इंटरनेशनल मीडिया मैनेजमेंट में माहिर कांग्रेस द्वारा अपनी अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी को फोर्ब्स और अन्य इंटरनेशनल मेग्जीन्स के कवर पेज पर ला रही हो पर स्वदेश में तो सोनिया गांधी को भाजपा की प्रखर नेत्री और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष श्रीमति सुषमा स्वराज ने पछाड़ दिया है।
देश में शादी लाल घरजोड़े के नाम से विख्यात एक भरोसेमंद निजी वेब साईट द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में यह खुलासा सामने आया है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कराए गए सर्वेक्षण में इस वेब साईट ने पाया कि महिला राजनेता के बतौर पहली पायदान पर सुषमा स्वराज, दूसरे नंबर पर सोनिया गांधी तो तीसरे नंबर पर तमिलनाडू की मुख्यमंत्री जयललिता रही हैं।
बताया जाता है कि सर्वेक्षण का मकसद उन सफल भारतीय महिलाओं का पता लगाना था जिन्होंने अपने कॅरियर और घर में बिल्कुल सटीक संतुलन बिठाया हो। सुषमा स्वराज को सबसे प्रशंसित महिला राजनीतिज्ञ के रूप में 36.28 फीसदी लोगों ने अपना मत दिया। सोनिया गांधी इससे कुछ ही कम 33.62 फीसदी मत के साथ दूसरे स्थान पर रहीं। इस मामले में जयललिता को 23.01 फीसदी मत मिला। सर्वेक्षण में 19,000 भारतीयों ने हिस्सा लिया था।

राजू के लिए कानपुर में बिछ रहा रेड कारपेट


राजू के लिए कानपुर में बिछ रहा रेड कारपेट

(के.प्रतीक)

कानपुर (साई)। हास्य की दुनिया के बेताज बादशाह बन चुके राजू श्रीवास्तव की आगवानी के लिए कानपुर शहर उतावला नजर आ रहा है। सियासी दलों द्वारा कलाकारों की लोकप्रियता को भुनाने के क्रम में अब वालीवुड के सितारों में राजू श्रीवास्तव को समाजवादी पार्टी ने अपनी गोद में बिठा लिया है। उनकी लोकप्रियता का लाभ पार्टी अगले लोकसभा चुनाव में उठाने का जतन करती दिख रही है।
कानपुर से लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी बनने के बाद हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव नौ मार्च को यहां आ रहे हैं। उनके स्वागत की तैयारियां जोरो पर है। समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी ने बताया कि राजू के स्वागत की व्यापक तैयारियां चल रही है और शहर के सभी मुख्य चौराहों पर उनके स्वागत की होर्डिंग लगायी जा रही है। उनका काफिला रोड शो के रुप में निकलेगा जिस पर समाजवादी पार्टी के बैनर व पोस्टर लगाये जा रहे है।
उन्होंने बताया कि राजू रेलवे स्टेशन पर उतरेंगे वहां से उनका काफिला एक रोड शो के रुप में शहर के सभ मुख्य रास्तों से होता हुआ शिक्षक पार्क पार्टी कार्यालय आयेगा। इसके बाद उनकी एक जनसभा भी होगी। इस संबंध में पार्टी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को निर्देश दिये गये है कि रेलवे स्टेशन से जुलूस की शक्ल में साथ में चलें। उन्होंने दावा किया कि पहली बार पार्टी ने शहर को कोई ऐसा उम्मीदवार दिया है जो कांग्रेस के उम्मीदवार को जड से उखाड फेकेंगा।
गौरतलब है कि कानपुर से पिछले तीन बार से कांग्रेस के सांसद श्रीप्रकाश जायसवाल है, जो इस समय केंन्द्र सरकर में केंद्रीय कोयला मंत्री है। उनकी गिनती कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में होती है। उधर, राजू श्रीवास्तव ने बताया था, अभी लोकसभा चुनाव की कोई घोषणा नहीं हुई है। लेकिन कानपुर मेरा घर है, इसलिये मैं नौ मार्च को शहर आ रहा हूं।

सिरोंज : न्याय के लिए सड़कों पर उतरी मीडिया


न्याय के लिए सड़कों पर उतरी मीडिया

(जया श्रीवास्तव)

विदिशा (साई)। सिरोंज पुलिस के मनमाने रवैये के विरोध में शहर के पत्रकारोें का आक्रोष मंगलवार को एक बार फिर सड़को पर उतर आया। शाम को सभी पत्रकारों ने सामूहिक रूप से वाहन रैली निकालकर विरोध प्रदर्षन किया तथा थाना प्रभारी के विरूद्ध जबरदस्त नारेबाजी की। इसके पहले पत्रकार भवन में हुई सामूहिक बैठक में हुए निर्णय में पत्रकारों पर दर्ज किए झूठे मुकदमा वापस लेेने तथा सिरोंज थाना प्रभारी को निलंबित करने की मांग प्रभावी ढंग से उठाई गई। ज्ञात हो कि सिरोज में थाना प्रभारी राजेन्द्र  प्रसादा मिश्रा को आये लग भाग तीन वर्ष बीतने वाले और उनके संरक्षण मे ंयहा चल रहा जुआ सटटा आडा का कारोबार भी काफी फल फूल रहा है यहा तक  िकवह नई नई चार पहीया  वाहन भी खरीदकर पीली बत्ती लगाकर घूम रहे है यदि को ई पत्रकार उनके द्धारा किये जा रहे अस्माजिक तत्वो से प्यार व नगर के अस्माजिक तत्वो कि खबरे छापते है तो उनपर झूठा प्रकरण दर्ज कर लिया जाता है जिसका उदाहरण नगर वासीयो के सामने है परंतु हरतैिक बाद तो यह है कि यह  सारा माजरा जनसम्पर्क मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के गृह नगर का है जिस और वह ध्यान नही दे रहे है बल्कि थाना प्रभारी को और ढील दे रहे है और उन्ही के विभाग कि मीडिया को धरने पर बैठने पर मजबूर कर रहे है पूर्व में भी कई पत्रकारो के साथ ऐसे हादसे हो चुके है जिसको लेकर मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा से मिला गया परंतु आज तक उस मिलने का कोई फायदा नही रहा है इस तरह थाना प्रभारी पर कार्यवाही न करके माननीय मंत्री महोदय भी यह सिद्ध कर रहे है कि उनके ही संरक्षण से आज उनके ग्रह नगर कि मीडिया अपने हक के लिये और झूठे मुकदमे वापस लेने के लिय सडको पर बैठ रहे है जो कि उनके लिये शर्म कि बात है इसी क्रम में
शहर के एक वकील पर पुलिस द्वारा दर्ज किए गए छेडछाड़ का प्रकरण की खबर मीडिया में आने से नाराज एक वकील ने अपने साथी वकीलों के साथ पुलिस पर दबाव बनाकर सोमवार को शहर के दो पत्रकारों के विरूद्ध झूठी रिर्र्पाेर्ट दर्ज करवा दी थी। पुलिस द्वारा बिना कोई जांच किए पत्रकारों पर दर्ज किए गए प्रकरणों का सिरोंज के सभी पत्रकारों द्वारा सोमवार देर रात तक थाने के सामने प्रभावी विरोध किया गया था। पत्रकारों ने थाने के सामने करीब दो घंटे तक धरना देकर पुलिस की मनमानी के विरोध में जबरदस्त नारेबाजी की थी। जानकारी मिलने पर सिरोंज आए बासौदा एसडीओपी से मिले आष्वासन के बाद पत्रकारों ने अपना यह धरना प्रदर्षन समाप्त किया था। इसके बाद पत्रकारों के विरोध प्रदर्षन का क्रम मंगलवार को भी दिनभर चलता रहा। दोपहर में नया बस स्टेण्ड स्थित बालकष्ण विद्यार्थी भवन में सभी पत्रकारों की बैठक का आयोजन भी किया गया। करीब तीन घंटे तक चली मैराथन इस बैठक में पत्रकारों को लेकर सिरोंज पुलिस एवं स्थानीय प्रषासन द्वारा के रवैये की तीखी निंदा की गई। वरिष्ठ पत्रकार सुबुर खान का कहना था कि सभी पत्रकार पूरी निष्पक्षता के साथ अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे है। ऐसी स्थिति में कुछ लोगों द्वारा मनगढंत कहानियां बनाकर पत्रकारों के विरूद्ध झूठा प्रकरण दर्ज करना एक तरह से प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रहार है। पत्रकार राजीव जैन का कहना था कि पुलिस द्वारा इस तरह बिना जांच किए पत्रकारों पर प्रकरण कायम करना प्रेस की स्वतंत्रता का हनन है। जिसका हर स्तर पर जाकर विरोध किया जाएगा। इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार रोहिताष्व शर्मा, लक्ष्मणसिंह कटियार, मनोज  साईंनाथ तथा राजेष सहेले ने भी अपने विचार रखे। बैठक में पत्रकारों पर दर्ज झूठे मुकदमों के वापस न होने तथा सिरोंज थाना प्रभारी के निलंबन न होने तक आंदोलन का क्रम लगातार जारी रखने का निर्णय लिया गया है।
0 शहर में निकाली वाहन रैली
दोपहर एक बजे से शाम चार बजे तक चली इस मैराथन बैठक के बाद पत्रकारों ने पुलिस की मनमानी के विरोध में सामूहिक रूप से वाहन रैली भी निकाली। वाहन रैली में शामिल सभी पत्रकार हाथों पर काली पट्टी बांधे हुए थ तथा सिरोंज थाना प्रभारी एवं प्रषासन के मनमाने रवैये के विरोध में जोरदार नारेबाजी कर रहे थे। मण्डी बायपास, बासौदा नाका, लिंक रोड, छतरी चौराहा, कष्टम पथ, कठाली बाजार, सर्राफा बाजार, कपड़ा बाजार, चांदनी चौक, कोर्ट गेट, राज बाजार तथा पुराना बस स्टेण्ड, थाना परिसर होते हुए तहसील परिसर में पहुंचकर जोरदार नारेबाजी के बाद समाप्त हुई।
0 नहीं बटे अखबार
पत्रकारों पर दर्ज हुए मुकदमे के विरोध में मंगलवार को शहर में किसी भी अखबार का वितरण नहीं हुआ। सोमवार को सुबह सभी पत्रकार नया बस स्टैण्ड पर एकत्रित हुए तथा अखबारों का वितरण नही करने का निर्णय लिया। सभी हाकरों ने भी पत्रकारों के इस निर्णय का समर्थन करते हुए बस स्टेण्ड पर अखबारों के बंडल रखकर जोरदार नारेबाजी की।
0 थाना प्रभारी के खिलाफ भी लगें नारे
वही स्थानीय पत्रकारो ने थाना परिसर के सामने अपना विरोध दर्ज कराया साथ ही पुलिस प्रषासन व थाना प्रभारी राजेन्द्र प्रसाद मिश्रा के खिलाफ भी नारे बाजी कि गई गौरतलब हो कि पिछले तीन वर्षाे से नगर में अस्माजिक तत्वों का अड्ड्ा सिरोंज बनता जा रहा था जहा जुआ सट्ट्ा आड के साथ ही अन्य गैर कानूनी कार्य भी किये जा रहे है इन सब चीजो को स्थानीय पत्रकारो द्धारा अपने समाचार पत्रो मे छापने पर उनपर दबाव बनाया जाता था वही थाने मे बुलाकर धमकी तक दी जाती थी इसके साथ ही पत्रकारो को निष्पक्ष लिखने से रोकने के लिये उनकी गाडीया भी रोक कर न्यालय के चालान काटा गया जिसके बाद अब एक बार फिर निष्पक्ष लिखने वाले दो पत्रकारों के खिलाफ शडयंत्रपूर्वक प्रकर्ण कायम किया गया पहले भी पत्रकारेां पर झूठे प्रकर्ण कि कार्यवाही कि जा चुकी है जिसका सिलसिला अभी लगातार जारी है  धरने के दौरान यह नारे भी लगाये गये जिसमें होटो पर यह लाली है सट्टृे कि दलाली है चकिं नगर में पनप रहा जुआ सट्ट्े का कारोबार पर सिरोंज थाना प्रभारी आर.पी.मिश्रा रोक लगाने मे नाकाम रहे वही स्थानीय पत्रकारों ने थाना प्रभारी के स्थानंतरण कि मंाग की है ज्ञात हेा कि कुछ दिन पूर्व एक राजनेतिक दल के कार्यकर्ताओं ने भी थाना प्रभारी के स्थानंतरण कि मांग कि थी साथ ही सालो से पदस्थ आरक्षकों पर भी स्थानतरण कि बात कही थी जिस पर जिले के पुलिस कप्ताना द्धारा अब तक कोई कार्यवाही नही कि गई है धरनके दौरान ख्ूब लगे नारे जिसमें प्रमुख रहे अब तो यह स्पष्ट है थाना प्रभारी राजेन्द्र प्रसाद मिश्रा भ्रष्ट है, थाना प्रभारी के होटो पर जो लालीा है सटटे कि दलाली है स्थानाीय मीडिया द्धारा लगातार थाना प्रभारी के स्थानंतरण कि मांग कि जा रही है परंतु माननीय मंत्री महोदय इस और कोई सुध नही ले रहे है स्थानीय  पत्रकरो ने अपनी बात रखते हुऐ कहा कि यदि 24 घंटे में थाना प्रभारी का स्थानंतरण नही हुआ तो उग्र आंदोलन के लिये बाध्य हेांगें

सिरोंज : न्याय के लिए सड़कों पर उतरी मीडिया


न्याय के लिए सड़कों पर उतरी मीडिया

(जया श्रीवास्तव)

विदिशा (साई)। सिरोंज पुलिस के मनमाने रवैये के विरोध में शहर के पत्रकारोें का आक्रोष मंगलवार को एक बार फिर सड़को पर उतर आया। शाम को सभी पत्रकारों ने सामूहिक रूप से वाहन रैली निकालकर विरोध प्रदर्षन किया तथा थाना प्रभारी के विरूद्ध जबरदस्त नारेबाजी की। इसके पहले पत्रकार भवन में हुई सामूहिक बैठक में हुए निर्णय में पत्रकारों पर दर्ज किए झूठे मुकदमा वापस लेेने तथा सिरोंज थाना प्रभारी को निलंबित करने की मांग प्रभावी ढंग से उठाई गई। ज्ञात हो कि सिरोज में थाना प्रभारी राजेन्द्र  प्रसादा मिश्रा को आये लग भाग तीन वर्ष बीतने वाले और उनके संरक्षण मे ंयहा चल रहा जुआ सटटा आडा का कारोबार भी काफी फल फूल रहा है यहा तक  िकवह नई नई चार पहीया  वाहन भी खरीदकर पीली बत्ती लगाकर घूम रहे है यदि को ई पत्रकार उनके द्धारा किये जा रहे अस्माजिक तत्वो से प्यार व नगर के अस्माजिक तत्वो कि खबरे छापते है तो उनपर झूठा प्रकरण दर्ज कर लिया जाता है जिसका उदाहरण नगर वासीयो के सामने है परंतु हरतैिक बाद तो यह है कि यह  सारा माजरा जनसम्पर्क मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के गृह नगर का है जिस और वह ध्यान नही दे रहे है बल्कि थाना प्रभारी को और ढील दे रहे है और उन्ही के विभाग कि मीडिया को धरने पर बैठने पर मजबूर कर रहे है पूर्व में भी कई पत्रकारो के साथ ऐसे हादसे हो चुके है जिसको लेकर मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा से मिला गया परंतु आज तक उस मिलने का कोई फायदा नही रहा है इस तरह थाना प्रभारी पर कार्यवाही न करके माननीय मंत्री महोदय भी यह सिद्ध कर रहे है कि उनके ही संरक्षण से आज उनके ग्रह नगर कि मीडिया अपने हक के लिये और झूठे मुकदमे वापस लेने के लिय सडको पर बैठ रहे है जो कि उनके लिये शर्म कि बात है इसी क्रम में
शहर के एक वकील पर पुलिस द्वारा दर्ज किए गए छेडछाड़ का प्रकरण की खबर मीडिया में आने से नाराज एक वकील ने अपने साथी वकीलों के साथ पुलिस पर दबाव बनाकर सोमवार को शहर के दो पत्रकारों के विरूद्ध झूठी रिर्र्पाेर्ट दर्ज करवा दी थी। पुलिस द्वारा बिना कोई जांच किए पत्रकारों पर दर्ज किए गए प्रकरणों का सिरोंज के सभी पत्रकारों द्वारा सोमवार देर रात तक थाने के सामने प्रभावी विरोध किया गया था। पत्रकारों ने थाने के सामने करीब दो घंटे तक धरना देकर पुलिस की मनमानी के विरोध में जबरदस्त नारेबाजी की थी। जानकारी मिलने पर सिरोंज आए बासौदा एसडीओपी से मिले आष्वासन के बाद पत्रकारों ने अपना यह धरना प्रदर्षन समाप्त किया था। इसके बाद पत्रकारों के विरोध प्रदर्षन का क्रम मंगलवार को भी दिनभर चलता रहा। दोपहर में नया बस स्टेण्ड स्थित बालकष्ण विद्यार्थी भवन में सभी पत्रकारों की बैठक का आयोजन भी किया गया। करीब तीन घंटे तक चली मैराथन इस बैठक में पत्रकारों को लेकर सिरोंज पुलिस एवं स्थानीय प्रषासन द्वारा के रवैये की तीखी निंदा की गई। वरिष्ठ पत्रकार सुबुर खान का कहना था कि सभी पत्रकार पूरी निष्पक्षता के साथ अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे है। ऐसी स्थिति में कुछ लोगों द्वारा मनगढंत कहानियां बनाकर पत्रकारों के विरूद्ध झूठा प्रकरण दर्ज करना एक तरह से प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रहार है। पत्रकार राजीव जैन का कहना था कि पुलिस द्वारा इस तरह बिना जांच किए पत्रकारों पर प्रकरण कायम करना प्रेस की स्वतंत्रता का हनन है। जिसका हर स्तर पर जाकर विरोध किया जाएगा। इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार रोहिताष्व शर्मा, लक्ष्मणसिंह कटियार, मनोज  साईंनाथ तथा राजेष सहेले ने भी अपने विचार रखे। बैठक में पत्रकारों पर दर्ज झूठे मुकदमों के वापस न होने तथा सिरोंज थाना प्रभारी के निलंबन न होने तक आंदोलन का क्रम लगातार जारी रखने का निर्णय लिया गया है।
0 शहर में निकाली वाहन रैली
दोपहर एक बजे से शाम चार बजे तक चली इस मैराथन बैठक के बाद पत्रकारों ने पुलिस की मनमानी के विरोध में सामूहिक रूप से वाहन रैली भी निकाली। वाहन रैली में शामिल सभी पत्रकार हाथों पर काली पट्टी बांधे हुए थ तथा सिरोंज थाना प्रभारी एवं प्रषासन के मनमाने रवैये के विरोध में जोरदार नारेबाजी कर रहे थे। मण्डी बायपास, बासौदा नाका, लिंक रोड, छतरी चौराहा, कष्टम पथ, कठाली बाजार, सर्राफा बाजार, कपड़ा बाजार, चांदनी चौक, कोर्ट गेट, राज बाजार तथा पुराना बस स्टेण्ड, थाना परिसर होते हुए तहसील परिसर में पहुंचकर जोरदार नारेबाजी के बाद समाप्त हुई।
0 नहीं बटे अखबार
पत्रकारों पर दर्ज हुए मुकदमे के विरोध में मंगलवार को शहर में किसी भी अखबार का वितरण नहीं हुआ। सोमवार को सुबह सभी पत्रकार नया बस स्टैण्ड पर एकत्रित हुए तथा अखबारों का वितरण नही करने का निर्णय लिया। सभी हाकरों ने भी पत्रकारों के इस निर्णय का समर्थन करते हुए बस स्टेण्ड पर अखबारों के बंडल रखकर जोरदार नारेबाजी की।
0 थाना प्रभारी के खिलाफ भी लगें नारे
वही स्थानीय पत्रकारो ने थाना परिसर के सामने अपना विरोध दर्ज कराया साथ ही पुलिस प्रषासन व थाना प्रभारी राजेन्द्र प्रसाद मिश्रा के खिलाफ भी नारे बाजी कि गई गौरतलब हो कि पिछले तीन वर्षाे से नगर में अस्माजिक तत्वों का अड्ड्ा सिरोंज बनता जा रहा था जहा जुआ सट्ट्ा आड के साथ ही अन्य गैर कानूनी कार्य भी किये जा रहे है इन सब चीजो को स्थानीय पत्रकारो द्धारा अपने समाचार पत्रो मे छापने पर उनपर दबाव बनाया जाता था वही थाने मे बुलाकर धमकी तक दी जाती थी इसके साथ ही पत्रकारो को निष्पक्ष लिखने से रोकने के लिये उनकी गाडीया भी रोक कर न्यालय के चालान काटा गया जिसके बाद अब एक बार फिर निष्पक्ष लिखने वाले दो पत्रकारों के खिलाफ शडयंत्रपूर्वक प्रकर्ण कायम किया गया पहले भी पत्रकारेां पर झूठे प्रकर्ण कि कार्यवाही कि जा चुकी है जिसका सिलसिला अभी लगातार जारी है  धरने के दौरान यह नारे भी लगाये गये जिसमें होटो पर यह लाली है सट्टृे कि दलाली है चकिं नगर में पनप रहा जुआ सट्ट्े का कारोबार पर सिरोंज थाना प्रभारी आर.पी.मिश्रा रोक लगाने मे नाकाम रहे वही स्थानीय पत्रकारों ने थाना प्रभारी के स्थानंतरण कि मंाग की है ज्ञात हेा कि कुछ दिन पूर्व एक राजनेतिक दल के कार्यकर्ताओं ने भी थाना प्रभारी के स्थानंतरण कि मांग कि थी साथ ही सालो से पदस्थ आरक्षकों पर भी स्थानतरण कि बात कही थी जिस पर जिले के पुलिस कप्ताना द्धारा अब तक कोई कार्यवाही नही कि गई है धरनके दौरान ख्ूब लगे नारे जिसमें प्रमुख रहे अब तो यह स्पष्ट है थाना प्रभारी राजेन्द्र प्रसाद मिश्रा भ्रष्ट है, थाना प्रभारी के होटो पर जो लालीा है सटटे कि दलाली है स्थानाीय मीडिया द्धारा लगातार थाना प्रभारी के स्थानंतरण कि मांग कि जा रही है परंतु माननीय मंत्री महोदय इस और कोई सुध नही ले रहे है स्थानीय  पत्रकरो ने अपनी बात रखते हुऐ कहा कि यदि 24 घंटे में थाना प्रभारी का स्थानंतरण नही हुआ तो उग्र आंदोलन के लिये बाध्य हेांगें

कैथल : डाक्टरों की लापरवाही से बच्चे की मौत


डाक्टरों की लापरवाही से बच्चे की मौत

(राजकुमार अग्रवाल)

कैथल (साई)। डाक्टरों की कथित लापरवाही के चलते यहां मिनी पीजीआई में एक बच्चे की मौत हो गई। बच्चे की अचानक हुई इस मौत के बाद परिजनों, मरीजों के साथ आए लोगों ने अस्पताल के बहार हंगामा किया और डाक्टरों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। करीब 13 माह का बच्चा रोहित की मां शोभा देवी निवासी डोहर का आरोप था कि उनके बच्चे की मौत के जिम्मेवार डाक्टर हैं। बच्चे की मौत डाक्टरों की लापरवाही के कारण हुई है। अगर डाक्टर समय रहते उनके बच्चे को दाखिल कर लेते तो उसका लाल इस समय उसकी गोद में खेल रहा होता। मृतक बच्चे की मां शोभा देवी का रो-रोकर बुरा हाल था। उनके आंसू थम नहीं रहे थे। उनकी चीख पुकार व क्रदन देखा नहीं जा रहा था। शोभा देवी व प्रत्यदर्शियों का कहना था कि वह सुबह आठ बजे अस्पताल में आई थी। बच्चे के इलाज के लिए वह दिनभर इधर-उधर भटकती रही है। बहुत देर बाद डाक्टरों ने उसके बच्चे का चौकअप किया। उसके बच्चे को रात से बुखार था। डाक्टरों ने दवाई लिखकर अपना पल्ला झाड़ लिया। लोगों का आरोप था कि बच्चे की मौत होने पर भी कोई डाक्टर बच्चे को देखने नहीं आया। लोग मृतक बच्चे को लेकर अस्पताल के बाहर करीब दो घंटे तक खड़े रहे लेकिन किसी डाक्टर ने जहमत नहंी उठाई की आखिर बच्चे को हुआ क्या है। इसी बात से क्षुब्ध होकर मौके पर उपस्थित लोगों ने डाक्टरों के खिलाफ नारेबाजी की। मौके पर मौजूद देशराज काकौत, बिंदिया, दर्शन, निर्मला, किरण, सतेन्द्र, श्रृंगारी आदि का आरोप था कि यहां मरीजों की कोई देखभाल नहीं है। डाक्टरों की लापरवाही का यह सबूत समाने है जिसके कारण बच्चे की मौत हुई है। उनका आरोप था कि कहने को तो यहां मिनी पीजीआई है लेकिन सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ नहीं है। यहां सुविधाएं कम दुविधाएं ज्यादा है। एक मरीज ने कहा कि यहां जो कुछ भी चल रहा है सब कमीशन का चक्कर है। इंदिरा गांधी बहुउद्देश्यीय राजकीय अस्पताल में गरीब व्यक्ति की कोई सुनाई नहीं है। मृतक बच्चे की मां रोते-रोते कह रही थी हम गरीब लोग है हमारी कहीं सुनाई नहीं है। यहां के डाक्टर मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों की पर्ची बनाकर देते हैं। अकसर दवाइयां बाहर की लिखी जाती है जबकि सरकार सबकों मुफ्त दवाइयां देने के दावे करती है। चिकित्सकों की माने तो उनका कहना था कि जिस बच्चे की मौत हुई है। उनके परिजनों को उन्होंने बच्चे को दाखिल करने की सलाह दी थी। उन्होंने दाखिल न करने की बात कहते हुए बच्चों को दवाई देने को कहा। चिकित्सकों को कहना है कि उन्होंने पर्ची के ऊपर पर बच्चे को दाखिल करने की बात लिखी हुई है। उधर अस्पताल परिसर में बच्चे की मौत से क्षुब्ध लोगों द्वारा हंगामा किए जाने की सूचना पाकर सिविल लाइन थाना प्रभारी अश्वनी शर्मा दलबल सहित मौके पर पहुंचे और मामले को शांत किया।
0 जांच के बाद करेंगे कार्रवाई
इस बारे में एस.एम.ओ. डा. डी.सी. ठुकराल ने पीड़िता शोभा देवी व उसके परिजनों को आश्वासन दिया कि वह इस मामले में जांच के बाद ही कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि मेडिकल स्लीप में चिकित्सक द्वारा बच्चे को भर्ती करने के लिए कहा गया है, जबकि परिजनों द्वारा मना किया गया है। उधर पीड़िता का आरोप है कि चिकित्सक ने बच्चे को भर्ती करने से मना कर दिया। ऐसे में कमेटी बनाकर इस मामले की जांच करवाई जाएगी। अगर इलाज में लापरवाही बरती गई है तो चिकित्सक के खिलाफ भी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।