गुरुवार, 7 मार्च 2013

थापर के गुर्गे कर रहे आदिवासियों से दुर्वयवहार


0 रिजर्व फारेस्ट में कैसे बन रहा पावर प्लांट . . . 13

थापर के गुर्गे कर रहे आदिवासियों से दुर्वयवहार

(एस.के.खरे)

सिवनी (साई)। देश के नामी गिरामी उद्योगपति गौतम थापर जिनका इकबाल सियासी तौर पर काफी बुलंद माना जाता है के स्वामित्व वाले अवंथा समूह के सहयोगी प्रतिष्ठान मेसर्स झाबुआ पावर लिमिटेड द्वारा मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में आदिवासी बाहुल्य घंसौर तहसील में डाले जा रहे पावर प्लांट में उनके गुर्गों द्वारा आदिवासियों से दुर्वव्हार की शिकायतें आम होने लगी हैं।
संयंत्र के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि संयंत्र में काम करने वाले आदिवासी मजदूरों के साथ संयंत्र में तैनात सुरक्षा कर्मियों द्वारा बुरा बर्ताव किया जा रहा है। यहां पहचान पत्र अब सबसे बड़ी परेशानी का सबब बनता जा रहा है। श्रमिकों का आरोप है कि उन्हें पहचान पत्र के नाम पर छला जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस संयंत्र में काम करने वाले श्रमिकों को वेतन संयंत्र द्वारा दिया जा रहा है पर जब उन्हें पहचान पत्र जारी करने की बारी आई तो उन्हें सुरक्षा के लिए पाबंद की गई निजी सुरक्षा एजेंसी के माध्यम से पहचान पत्र जारी करवा दिए गए। उल्लेखनीय है कि सुरक्षा एजेंसी सिर्फ अपने ही कारिंदों को पहचान पत्र जारी कर सकती है, संयंत्र में काम करने वाले श्रमिकों को वह किस आधार पर पहचान पत्र जारी कर रही है यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है।
संयंत्र के सूत्रों ने साई न्यूज को आगे बताया कि श्रमिकों की मांग है कि चूंकि वे संयंत्र में काम कर रहे हैं अतः उन्हें संयंत्र का ही पहचान पत्र जारी किया जाए पर वहीं दूसरी ओर संयंत्र प्रबंधन की लालफीताशाही के चलते संयंत्र प्रबंधन ने उनकी इस मांग को सिरे से खारिज कर सुरक्षा एजेंसी के माध्यम से ही पहचान पत्र जारी करने का अघोषित फरमान जारी किया है जिससे श्रमिकों में रोष और असंतोष बना हुआ है।
(क्रमशः जारी)

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