डाक्टरों की लापरवाही से बच्चे की मौत
(राजकुमार अग्रवाल)
कैथल (साई)। डाक्टरों की कथित लापरवाही
के चलते यहां मिनी पीजीआई में एक बच्चे की मौत हो गई। बच्चे की अचानक हुई इस मौत
के बाद परिजनों, मरीजों के साथ आए लोगों ने अस्पताल के बहार हंगामा किया और डाक्टरों के
खिलाफ जमकर नारेबाजी की। करीब 13 माह का बच्चा रोहित की मां शोभा देवी
निवासी डोहर का आरोप था कि उनके बच्चे की मौत के जिम्मेवार डाक्टर हैं। बच्चे की
मौत डाक्टरों की लापरवाही के कारण हुई है। अगर डाक्टर समय रहते उनके बच्चे को दाखिल
कर लेते तो उसका लाल इस समय उसकी गोद में खेल रहा होता। मृतक बच्चे की मां शोभा
देवी का रो-रोकर बुरा हाल था। उनके आंसू थम नहीं रहे थे। उनकी चीख पुकार व क्रदन
देखा नहीं जा रहा था। शोभा देवी व प्रत्यदर्शियों का कहना था कि वह सुबह आठ बजे
अस्पताल में आई थी। बच्चे के इलाज के लिए वह दिनभर इधर-उधर भटकती रही है। बहुत देर
बाद डाक्टरों ने उसके बच्चे का चौकअप किया। उसके बच्चे को रात से बुखार था।
डाक्टरों ने दवाई लिखकर अपना पल्ला झाड़ लिया। लोगों का आरोप था कि बच्चे की मौत
होने पर भी कोई डाक्टर बच्चे को देखने नहीं आया। लोग मृतक बच्चे को लेकर अस्पताल
के बाहर करीब दो घंटे तक खड़े रहे लेकिन किसी डाक्टर ने जहमत नहंी उठाई की आखिर
बच्चे को हुआ क्या है। इसी बात से क्षुब्ध होकर मौके पर उपस्थित लोगों ने डाक्टरों
के खिलाफ नारेबाजी की। मौके पर मौजूद देशराज काकौत, बिंदिया, दर्शन, निर्मला, किरण, सतेन्द्र, श्रृंगारी आदि का आरोप था कि यहां
मरीजों की कोई देखभाल नहीं है। डाक्टरों की लापरवाही का यह सबूत समाने है जिसके
कारण बच्चे की मौत हुई है। उनका आरोप था कि कहने को तो यहां मिनी पीजीआई है लेकिन
सुविधाओं के नाम पर यहां कुछ नहीं है। यहां सुविधाएं कम दुविधाएं ज्यादा है। एक
मरीज ने कहा कि यहां जो कुछ भी चल रहा है सब कमीशन का चक्कर है। इंदिरा गांधी
बहुउद्देश्यीय राजकीय अस्पताल में गरीब व्यक्ति की कोई सुनाई नहीं है। मृतक बच्चे
की मां रोते-रोते कह रही थी हम गरीब लोग है हमारी कहीं सुनाई नहीं है। यहां के
डाक्टर मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों की पर्ची बनाकर देते हैं। अकसर दवाइयां बाहर
की लिखी जाती है जबकि सरकार सबकों मुफ्त दवाइयां देने के दावे करती है। चिकित्सकों
की माने तो उनका कहना था कि जिस बच्चे की मौत हुई है। उनके परिजनों को उन्होंने
बच्चे को दाखिल करने की सलाह दी थी। उन्होंने दाखिल न करने की बात कहते हुए बच्चों
को दवाई देने को कहा। चिकित्सकों को कहना है कि उन्होंने पर्ची के ऊपर पर बच्चे को
दाखिल करने की बात लिखी हुई है। उधर अस्पताल परिसर में बच्चे की मौत से क्षुब्ध
लोगों द्वारा हंगामा किए जाने की सूचना पाकर सिविल लाइन थाना प्रभारी अश्वनी शर्मा
दलबल सहित मौके पर पहुंचे और मामले को शांत किया।
0 जांच के बाद करेंगे कार्रवाई
इस बारे में एस.एम.ओ. डा. डी.सी. ठुकराल
ने पीड़िता शोभा देवी व उसके परिजनों को आश्वासन दिया कि वह इस मामले में जांच के
बाद ही कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि मेडिकल स्लीप में चिकित्सक द्वारा बच्चे
को भर्ती करने के लिए कहा गया है, जबकि परिजनों द्वारा मना किया गया है।
उधर पीड़िता का आरोप है कि चिकित्सक ने बच्चे को भर्ती करने से मना कर दिया। ऐसे
में कमेटी बनाकर इस मामले की जांच करवाई जाएगी। अगर इलाज में लापरवाही बरती गई है
तो चिकित्सक के खिलाफ भी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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