गुरुवार, 10 अप्रैल 2014

मतदाताओं को पैसे बांटते कमलनाथ के कार्यकर्ता पकड़ाए!


मतदाताओं को पैसे बांटते कमलनाथ के कार्यकर्ता पकड़ाए!

(नन्द किशोर)

भोपाल (साई)। छिंदवाड़ा में भाजपा के नेताओं ने मतदाताओं को पैसे बांटते हुए कमलनाथ के कार्यकर्ताओं को पकड़ने का दावा किया है। भाजपाईयों ने स्थानीय पुलिस थाने में तमाम साक्ष्य भी जमा कराएं हैं जो मतदाताओं को नोट बांटने का प्रमाण हैं।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सत्येन्द्र भूषण ने भोपाल में बताया कि आज छिंदवाडा लोकसभा अंतर्गत छिंदवाडा विधानसभा क्षेत्र के सोनाखार गांव में कांग्रेस के प्रत्याशी कमलनाथ के कार्यकर्ताओं द्वारा मतदाताओं को मतदान पर्ची, चुनाव प्रत्याशी फोटो, प्रत्याशी अपील और सादे कागज पर कितना पैसा किसको देना है और पैसे दिए हुए व्यक्तियों के चिन्हित नामों को बांटते हुए मौके पर पकड़कर स्थानीय कुंदीपुरा थाने में जमा कर मामला पंजीबद्ध किया गया है।
कमलनाथ द्वारा खुलेआम पैसा बांटना आदर्श आचार संहिता का खुला उल्लंघन है। इस प्रकार के निदंनीय कृत्य के लिए कांग्रेस प्रत्याशी कमलनाथ के खिलाफ निर्वाचन आयोग को संज्ञान लेकर सख्त कार्यवाही करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कमलनाथ द्वारा अपने कार्यकर्ताओं के हाथों मतदाताओं को पैसे पहुंचाना अपराध की श्रेणी में आता है। कमलनाथ पैसे के दम पर चुनाव जीतना चाहते है जो छिंदवाडा के मतदाताओं एवं लोकतंत्र के लिए घातक है।

मध्यप्रदेश में मतदान के महापर्व का पहला चरण आज


मध्यप्रदेश में मतदान के महापर्व का पहला चरण आज
(सोनल सूर्यवंशी)
भोपाल (साई)। मध्यप्रदेश में लोकतंत्र के महापर्व की पहली कड़ी के रूप में 9 संसदीय क्षेत्र में 10 अप्रैल को मतदान होगा। सतनारीवासीधीशहडोलजबलपुरमण्डलाबालाघाटछिन्दवाड़ा और होशंगाबाद संसदीय क्षेत्र में 16 हजार 592 मतदान केन्द्र पर सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान होगा।
इन संसदीय क्षेत्रों में एक लाख 32 हजार 736 मतदान कर्मी निर्वाचन संपन्न करवायेंगे। बालाघाट के परसवाड़ाबैहर और लांजी विधानसभा क्षेत्र में सुरक्षा की दृष्टि से सुबह 7 बजे से अपरान्ह 4 बजे तक वोट डाले जायेंगे। इन संसदीय क्षेत्रों में एक करोड़ 44 लाख 25 हजार 460 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। अनुसूचित जनजाति वर्ग के मण्डला एवं शहडोल के अलावा शेष 7 अन्य सामान्य वर्ग के क्षेत्र इसमें शामिल हैं।
उम्मीदवार
नौ संसदीय क्षेत्र में 118 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे हैं। बालाघाट संसदीय क्षेत्र में सबसे अधिक 16 तथा सबसे कम 8 उम्मीदवार होशंगाबाद से चुनाव लड़ रहे हैं। अन्य संसदीय क्षेत्रों में सतनारीवासीधीशहडोल में 14-14जबलपुर में 15मण्डला में 10 और छिन्दवाड़ा में 13 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है। वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में इन संसदीय क्षेत्र में 136 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे थे।
पहले चरण के निर्वाचन में राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त 6 राजनैतिक दलों के अलावा 22 अन्य रजिस्टर्ड राजनैतिक दल के उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में हैं। इनके अलावा 36 निर्दलीय उम्मीदवार भी अपना भाग्य आजमायेंगे। पहले चरण में भारतीय जनता पार्टीबहुजन समाज पार्टी और इण्डियन नेशनल कांग्रेस के 9-9कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इण्डिया के 2कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इण्डिया (मार्क्सवादी-लेनिनिस्ट) का एक उम्मीदवार चुनाव लड़ रहा है।
पंजीबद्ध अन्य राजनैतिक दलों में आम आदमी पार्टी के 9गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के 8भारतीय शक्ति चेतना पार्टी के 5बहुजन मुक्ति पार्टी के 4अम्बेडक्राइट पार्टी ऑफ इण्डियाछत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच और समाजवादी पार्टी के 3-3अपना दलरिपब्लिकन पार्टी ऑफ इण्डिया (ए) के 2-2 तथा बहुजन संघर्ष दलभारतीय सत्य संघर्ष पार्टीभारतीय श्रमिक दल सोशलिस्टदलित विकास पार्टी (भारत)इण्डियन यूनियन मुस्लिम लीगजय महाभारत पार्टीमायनॉरटीज डेमोक्रेटिक पार्टीनेशनल पीपुल्स पार्टीनया दौर पार्टीराष्ट्रीय अपना दलरिपब्लिकन पार्टी ऑफ इण्डिया (खोबरागड़े)समता पार्टी और समता समाधान पार्टी के एक-एक उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।
पहले चरण में चुनाव लड़ रहे 36 निर्दलीय उम्मीदवारों में सबसे अधिक 6 जबलपुर संसदीय क्षेत्र में शामिल हैं। इसके अलावा सतनारीवाछिन्दवाड़ा में 5-5सीधीशहडोल में 4-4बालाघाटहोशंगाबाद में 3-3 और मण्डला में मात्र एक निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।
मतदाता
अपने मताधिकार का उपयोग करने वाले एक करोड़ 44 लाख 25 हजार 460 मतदाता में से 75 लाख 12 हजार 750 पुरूष69 लाख 12 हजार 431 महिला एवं 279 अन्य शामिल हैं। इन्हीं में 18-19 आयु वर्ग के 4 लाख 44 हजार 82 मतदाता भी शामिल हैंजिनमें 2 लाख 60 हजार 525 पुरूष एवं एक लाख 83 हजार 538 महिला और 19 अन्य सम्मिलित हैं। वहीं 20-29 आयु वर्ग के 44 लाख 54 हजार 703 युवा मतदाताओं में पुरूष 23 लाख 99 हजार 161 और 20 लाख 55 हजार 430 महिला मतदाता एवं 112 अन्य शामिल हैं। पहले चरण के मतदाताओं में 10 हजार 103 सर्विस वोटर और दो एन.आर.आई. मतदाता भी शामिल है। मण्डला ऐसा संसदीय क्षेत्र है जहाँ सर्वाधिक 18 लाख 24 हजार 212 मतदाता हैं। जबकि सबसे कम 14 लाख 830 मतदाता छिन्दवाड़ा में हैं।
सुरक्षा
निर्वाचन वाले संसदीय क्षेत्रों में सुरक्षा की चॉक-चौबंद व्यवस्था की गई है। नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले में हेलीकॉप्टर से निगरानी रखी जायेगी। सूचना तंत्र के लिये पुलिस और निर्वाचन अमले द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी और अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जायेगा। अंतर्राज्यीय सीमाओं से जिलों को जोड़ने वाली सीमा पर भी कड़ी चौकसी एवं नाकाबंदी की गई है। बालाघाट में पुलिस प्रेक्षक सघन दौरा करेंगे। नौ संसदीय क्षेत्रों में सेन्ट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (सीएपीएफ) की 107 कम्पनियाँ और एसएएफ की 48 कम्पनियाँ तैनात होंगी। इसके अलावा 1912 पुलिस अधिकारी13 हजार 533 प्रधान आरक्षक/कांस्टेबल8 हजार 936 होमगार्ड और 16 हजार 591 विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) भी तैनात होंगे। संसदीय क्षेत्रों को दूसरे राज्यों से जोड़ने वाली सीमाओं को नाकाबंदी के जरिए सील कर दिया गया है। दूसरे राज्य से आवाजाही पर कड़ी नजर रखी जा रही है। अवैध शराबधनराशिहथियार आदि का परिवहन न हो इसके लिये कड़ी चौकसी रखी जा रही है। फ्लाइंग स्क्वाड टीमएस.एस.टी.और क्यू.आर.टी. (क्विक रिस्पांस टीम) की गतिविधियाँ तेज कर दी गई है।
नौ संसदीय क्षेत्र के सभी मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं की सुविधा के लिये पेयजलछायारैम्पबिजली आदि का इंतजाम किया गया है। मतदान केन्द्रों में सबसे अधिक 2334 मतदान केन्द्र मण्डला संसदीय क्षेत्र में स्थापित किये गये हैं। इसके अलावा सतना में 1567रीवा में 1635सीधी में 1863शहडोल में 1850जबलपुर में 1814बालाघाट में 1873छिन्दवाड़ा 1704 और होशंगाबाद में 1952 मतदान केन्द्र स्थापित किये गये हैं। इनमें सहायक मतदान केन्द्र भी शामिल है। पहले चरण के निर्वाचन में 20 हजार 341 बेलेट यूनिट (बीयू) और 18281 कन्ट्रोल यूनिट (सीयू) का उपयोग होगा। इनमें 10 प्रतिशत आरक्षित ईव्हीएम भी शामिल हैं। सभी ईव्हीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) को लेकर तैयारियाँ पूर्ण कर ली गई हैं। कड़ी सुरक्षा के बीच ईव्हीएम को स्ट्रांग रूम में रखा गया है। मतदान के दिन सुबह 6 बजे मॉक पोल होगा। मॉक पोल राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में किया जायेगा।

मतदाताओं को वैकल्पिक दस्तावेज प्रस्तुत करने की सुविधा


मतदाताओं को वैकल्पिक दस्तावेज प्रस्तुत करने की सुविधा

(संतोष पारदसानी)

भोपाल (साई)। प्रदेश में तीन चरण में होने वाले लोकसभा चुनाव के दौरान ऐसे मतदाता जिनका नाम एवं फोटो वोटर लिस्ट में शामिल है किन्तु उनके पास ऐपिक कार्ड नहीं है तो वे वैकल्पिक दस्तावेजों के जरिये मतदान कर सकेंगे।
भारत निर्वाचन आयोग ने ऐसे मतदाताओं को मतदान की सुविधा देने के लिये वैकल्पिक दस्तावेज प्रस्तुत किये जाने की सुविधा दी है। आयोग ने निर्देश में कहा है कि वैकल्पिक दस्तावेज प्रस्तुत करने की सुविधा उन्हीं मतदाताओं को होगी, जिनका नाम मतदाता सूची में दर्ज है।
वैकल्पिक दस्तावेज में मतदाता अपने स्वयं का पासपोर्ट, ड्रायविंग लायसेंस, केन्द्रीय, राज्य सरकार के कार्यालयों, सार्वजनिक सेक्टर इकाइयाँ, सार्वजनिक लिमिटेड कम्पनी का कार्मिक परिचय पत्र, बैंक अथवा डाकघर द्वारा फोटो सहित जारी पासबुक, पेन कार्ड, आधार कार्ड, एमपीआर के अधीन आरजीआई द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड, मनरेगा जाब कार्ड, श्रम मंत्रालय की योजना के अधीन जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड और फोटो सहित पेंशन दस्तावेज एवं अधिकृत वोटर स्लिप, जो आयोग के निर्देशानुसार जारी की गई, शामिल है। इनमें से कोई एक प्रस्तुत कर मतदाता मतदान कर सकता है।
इसके अलावा अप्रवासी भारतीय जो पासपोर्ट के आधार पर निर्वाचक नामावली में पंजीकृत हुए हैं को मतदान केन्द्र में केवल उनके मूल पासपोर्ट के आधार पर ही पहचाना जायेगा और किसी अन्य पहचान दस्तावेज से नहीं। पहले चरण में प्रदेश के 9 संसदीय क्षेत्र सतना, रीवा, सीधी, शहडोल, जबलपुर, मण्डला, बालाघाट, छिन्दवाड़ा और होशंगाबाद में 10 अप्रैल को प्रातः 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान होगा। बालाघाट संसदीय क्षेत्र के तीन विधानसभा क्षेत्र बैहर, परसवाड़ा और लांजी में प्रातः 7 बजे से अपरान्ह 4 बजे तक मतदान होगा।

आजम खान ने कहा, खून के दरिया में खड़े हैं मोदी


आजम खान ने कहा, खून के दरिया में खड़े हैं मोदी

(दीपांकर श्रीवास्तव)

रामपुर (साई)। यूपी के शहरी विकास मंत्री आजम खान ने बुधवार को एक बार फिर नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. एक चैनल के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में आजम खान ने कहा, ‘पूरी दुनिया जानती है कि वह (मोदी) खून के दरिया में खड़े हैं. देशभर के मुस्लिम चिंतित हैं.
आजम खान ने कहा, ‘देखिए, मुजफ्फरनगर में क्या हुआ? मुजफ्फरनगर और गुजरात के दंगों में फर्क सिर्फ इतना है कि एक जगह राज्य सरकार दंगे रोकने में असफल रही, तो दूसरी जगह दंगे राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित थे.आजम खान ने यह भी कहा कि एसआईटी की ओर से मोदी को दी गई क्लीन चिट अंतिम सत्य नहीं है. उनका कहना है कि मोदी ने इस देश की एक बड़ी आबादी को पिल्लेके संबोधन से नवाजा. क्या यह गलत नहीं है? अगर मीडिया ने इसकी आलोचना की होती, तो मोदी को उम्मीदवार नहीं बनाया जाता.
इसके साथ ही आजम खान ने अपने विवादित बयान का बचाव किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि मुस्लिम सैनिकों की बहादुरी की वजह से करगिल जंग में फतह मिली थी. उनका कहना है, ‘हमारा मकसद मुस्लिम समाज द्वारा देश के लिए किए गए त्याग के प्रति मुल्क का ध्यान आकर्षित करना था.सेना में सिख रेजीमेंट और गोरखा रेजीमेंट हैं, तो मुस्लिमों के साथ भेदभाव क्यों? अगर मुस्लिम सैनिक देश के लिए अपने बलिदान दे रहे हैं, तो आपका रुख क्या है?
बातचीत में आजम खान मीडिया पर भी बरसे और कहा कि पूरी मीडिया को मोदी ने खरीद लिया. उन्होंने कहा, ‘1947 में देश और दिल का बंटवारा हो गया. लेकिन आज मीडिया की भूमिका संदेह के घेरे में है. जिस तरह से मुजफ्फरनगर के दंगों की रिपोर्टिंग हुई, उसने मरहम लगाने के बजाय जख्मों के कुरेदा. मीडिया ने बलात्कार तो दिखाए, लेकिन रेपिस्टों को नहीं दिखाया. बर्बादी को कवरेज मिला, तो पुर्नवास को नहीं और राज्य सरकार को विलेन के तौर पर पेश किया गया.

नगालैंड, मणिपुर, मेघालय और अरुणाचल में मतदान संपन्न

नगालैंडमणिपुरमेघालय और अरुणाचल में मतदान संपन्न

(सोनाली खरे)
नई दिल्ली (साई)। पूर्वाेत्तर के अरुणाचल प्रदेशनगालैंडमेघालय और मणिपुर की छह लोकसभा सीटों पर मतदान बुधवार को संपन्न हो गया। चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार नगालैंड में 81.47 फीसदीमणिपुर में 80 फीसदीमेघालय में 71 फीसदी और अरुणाचल प्रदेश में 55 फीसदी मतदान हुआ। अरुणाचल में विधानसभा की 60 सीटों के लिए भी मतदान हुआ है।
अरुणाचल प्रदेश के तीरप जिले में कोंसा रूडब्ल्यूरू विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में संदिग्ध उग्रवादियों ने कांग्रेस उम्मीदवार का अपहरण कर लियालेकिन बाद में कोई हानि पहुंचाए बिना छोड़ दिया। पश्चिमी और पूर्वी संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में कांग्रेसभाजपाराकांपा और पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल प्रदेश रूपीपीएरू तथा निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं । ये क्षेत्र सिर्फ 2004 को छोड़कर 1975 से पारंपरिक रूप से कांग्रेस का गढ़ रहे हैं । 2004 में भाजपा ने सेंध लगा दी थी।
पूर्वी संसदीय सीट पर अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री एवं कांग्रेस उम्मीदवार निनोंग एरिंग भाजपा उम्मीदवार तारीर गाओ तथा पीपीए के वांगमन लोवांगचा के खिलाफ मैदान में हैं। चुनाव आयोग में महानिदेशक आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश में लोकसभा की दो सीटों और विधानसभा की 60 सीटों के लिए आज साथ साथ मतदान हुआ। लोकसभा के लिए 11 उम्मीदवार और विधानसभा के लिए 166 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें से 11 सीटों पर उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिये गये हैं। यहां विभिन्न कारणों से सात स्थानों पर मतदान नहीं हो सका।

‘नक्सली हमले‘ में तीन जवानों की मौत


(अभय नायक)
रायपुर (साई)। छत्तीसगढ़ के बस्तर में संदिग्ध माओवादियों के हमले में सीआरपीएफ़ के तीन जवान मारे गये हैं. इसके अलावा बीजापुर और सुकमा ज़िले में माओवादियों और सुरक्षाबल के बीच मुठभेड़ की ख़बर है.
यह हमले ऐसे समय में हुए हैंजब बस्तर में एक दिन बाद लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होना है. पुलिस प्रवक्ता दीपांशु काबरा ने कहा, ‘सीआरपीएफ़ के जवान मतदान दल को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा कर लौट रहे थेउसी समय जगरगुंडा मार्ग में चिंतागुफा के पास बुरकापाल में माओवादियों ने हमला कर दिया.‘ माओवादियों के इस हमले में सीआरपीएफ़ की 85वीं बटालियन के तीन जवान मौक़े पर ही मारे गये. इसके अलावा तीन जवान घायल हो गए. घायलों में एक की हालत गंभीर हैजिसे इलाज के लिये हेलिकॉप्टर से रायपुर रवाना किया गया गया है.
एक दूसरी घटना एर्राबोर इलाक़े में हुई है. पुलिस के अनुसार माओवादियों ने एर्राबोर मार्ग में बिरला गांव के पास रोड ओपनिंग पार्टी पर भी हमला किया. इस हमले के बाद रोड ओपनिंग पार्टी ने भी जवाबी कार्रवाई की. इस हमले में कुछ माओवादियों के भी मारे जाने की बात कही जा रही है. हालांकि इस घटना का विस्तृत विवरण अभी नहीं मिल पाया है.

ममता ने चुनाव आयोग के खिलाफ खोला मोर्चा


(पी.के.बनर्जी)
कोलकता (साई)। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त कार्यालय द्वारा प्रदेश के पांच पुलिस अधीक्षकएक डीएम व दो एडीएम के तबादले के आदेश को मानने से इन्कार कर दिया है। तृणमूल प्रमुख ने आयोग को खुली चुनौती देते हुए कहा कि वे कोई आदेश नहीं मानेंगीं।
तबादले से क्षुब्ध मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव आयोग राज्य सरकार से बिना बात किए अधिकारियों का स्थानांतरण व नए अधिकारियों की नियुक्ति कैसे कर सकता हैआप केवल कांग्रेस की सुनेंगे..कांग्रेस व भाजपा को चुनाव जिताने के लिए आपको मेरा इस्तीफा लेना होगामैं किसी को भी नहीं हटाऊंगी। उन्होंने चेतावनी दी कि अधिकारियों को जबरन हटाने के बाद यदि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ती है तो इसकी जिम्मेदारी चुनाव आयोग की होगी। ममता ने चुनाव उपायुक्त व बंगाल के प्रभारी विनोद जुत्शी की भूमिका पर भी सवाल उठाया। कहाउनके विरुद्ध गैर जमानती वारंट है और 100 एकड़ भूमि घोटाले में जुत्शी ने सुप्रीम कोर्ट से स्थगनादेश लिया है। ऐसे दागी अधिकारी को बंगाल का प्रभारी बनाने का क्या तुक है। आयोग की भी एक सीमा हैजिससे बाहर नहीं जाना चाहिए। वह आयोग की दया से सत्ता में नहीं आई हैं। बंगाल के हुगली जिले के पंडुआ में आयोजित चुनावी सभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि वे चुनाव आयोग का सम्मान करती हैं लेकिन किसी के सामने सिर नहीं झुका सकतीं।

बंगाल का विभाजन नहीं होगार : ममता


(काजल बनर्जी)
कोलकता (साई)। गोरखा लोगों की मांग पर बीजेपी की ओर से सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का वादा किए जाने के एक दिन बाद आज पश्घ्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वह राज्य का बंटावारा नहीं होने देंगी और वह इसके लिए मरने को भी तैयार हैं.
ममता ने वर्धमान जिले में एक चुनावी सभा में कहा कि आपने देखा कि कैसे कांग्रेस और बीजेपी ने तेलंगाना के गठन के लिए हाथ मिला लिया. अब वे बंगाल का विभाजन करने के लिए कह रही हैं. यह उतना आसान नहीं है. मैं मरने के लिए तैयार हूंलेकिन विभाजन नहीं होने दूंगी. मैदानी और पर्वतीय इलाकों के लोगों के बीच एकता पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने दार्जीलिंग में शांति का आह्वान किया.
उन्होंने कांग्रेसबीजेपी और माकपा पर निशाना साधते हुए कहा कि दार्जीलिंग अब मुस्करा रहा है. शांति बहाल हो चुकी है और यह कुछ लोगों को पसंद नहीं आ रहा है.