बुधवार, 3 अक्टूबर 2012

पितरों की श्रेणियां

पितरों की श्रेणियां

(पंडित दयानन्द शास्त्री)

नई दिल्ली (साई)। ।।अनन्तश्चास्मि नागानां वरुणो यादसामहम् ।
पितृणामर्यमा चास्मि यमः संयमतामहम् घ्29घ् - गीता
भावार्थ रू हे धनंजय! नागों में मैं शेषनाग और जलचरों में वरुण हूं; पितरों में अर्यमा तथा नियमन करने वालों में यमराज हूं।
पुराणों के अनुसार मुख्यतरू पितरों को दो श्रेणियों में रखा जा सकता है - दिव्य पितर और मनुष्य पितर। दिव्य पितर उस जमात का नाम है जो जीवधारियों के कर्मों को देखकर मृत्यु के बाद उसे क्या गति दी जाए, इसका निर्णय करता है।
इस जमात का प्रधान यमराज है। अतरू यमराज की गणना भी पितरों में होती है। काव्यवाडनल, सोम, अर्यमा और यम- यह चार इस जमात के सदस्य हैं।
यमे नाम वायव
पं. दयानन्द शास्त्री (मोब.-09024390067 ) के अनुसार वेदों में उल्लेखित है कि यम नाम की एक प्रकार की वायु होती है। देहांत के बाद कुछ आत्माएं उक्त वायु में तब तक स्थित रहती हैं जब तक कि वे दूसरा शरीर धारण नहीं कर लेतीं। श्मार्कण्डेय पुराणश् अनुसार दक्षिण दिशा के दिकपाल और मृत्यु के देवता को यम कहते हैं। वेदों में श्यमश् और श्यमीश् दोनों देवता मंत्रदृष्टा ऋषि माने गए हैं। वेदों के श्यमश् का मृत्यु से कोई संबंध नहीं था पर वे पितरों के अधिपति माने गए हैं।

यम के लिए पितृपति, कृतांत, शमन, काल, दंडधर, श्राद्धदेव, धर्म, जीवितेश, महिषध्वज, महिषवाहन, शीर्णपाद, हरि और कर्मकर विशेषणों का प्रयोग होता है। अंग्रेजी में यम को प्लूटो कहते हैं। योग के प्रथम अंग को भी यम कहते हैं। दसों दिशाओं के दस दिकपालों में से एक है यम। (साई फीचर्स)

महाकौशल के उपभोक्ता हैं आईडिया से त्रस्त!

एक आईडिया जो बदल दे आपकी दुनिया . . .  27

महाकौशल के उपभोक्ता हैं आईडिया से त्रस्त!

सिवनी में मची है आईडिया की मुगलई

(नन्द किशोर)

भोपाल (साई) अभिषेक बच्चन हैं आईडिया के ब्रांड एम्बेसेडर, और उनके ननिहाल वाले सूबे में आईडिया की हालत पतली ही नजर आ रही है। आईडिया के उपभोक्ता देश के हृदय प्रदेश में बुरी तरह त्रस्त हैं। प्रदेश में महाकौशल अंचल में आने वाले सात जिलों में आईडिया का करोबार जिस तरह से चल रहा है वह देखकर लोग आश्चर्य कर रहे हैं। एक उपभोक्ता द्वारा लिए गए नेट कनेक्शन को दो माह बाद भी उसे नहीं सौंपा जाना आश्चर्य का विषय ही माना जा रहा है। नेट के बेहद धीरे होने की शिकायत महाकौशल के हर जिले में आम हो गई है।
एक उपभोक्ता द्वारा दूरभाष पर बताया गया कि उसने आईडिया का नेट कनेक्शन लिया था। नेट तो आरंभ से ही इतनी धीमी गति में चल रहा है मानो आकाशवाणी का सवा तीन बजे का धीमी गति का समाचार हो। नेट पर सर्फिंग करने पर उसे साईट खोलने में घंटों ही लग जाते हैं। जैसे तैसे मेल चेक करने की बारी आती है तब लागिन करने पर ही कनेक्शन दम तोड़ देता है।
वहीं सिवनी जिले के एक उपभोक्ता ने बताया कि उसने आईडिया का नेट सैटर के साथ कनेक्शन लिया था। उसका सिम नंबर 89917851010105568677 एवं मोबाईल नंबर 9617664970 प्रदाय किया गया था। उसने सिम ली ओर नेट आरंभ किया एक दिन बाद वह बंद हो गया। इसकी शिकायत के लिए वह दर दर भटका अंत में दुकान जाकर उसने पूछा तो पता चला कि उसके दस्तावेज पूर्ण नहीं थे। जब उस उपभोक्ता ने बारीकी से जांच की तो ज्ञात हुआ कि उसके दस्तावेज तो पूर्ण थे। उसका नेट सेटर और सिम दोनों ही आईडिया के कारिंदों ने रख ली है जो उसे दो माह बाद भी नहीं मिल पाई है।

(क्रमशः जारी)

ब्लड प्रेशर की आशंका कम करता है सूरज मुखी

हर्बल खजाना ----------------- 27

ब्लड प्रेशर की आशंका कम करता है सूरज मुखी

(डॉ दीपक आचार्य)

अहमदाबाद (साई)। यह एक वार्षिक पौधा है जिसके बीजों से खाद्य तेल प्राप्त किया जाता है। भारत के अनेक हिस्सों में इसकी खेती की जाती है। सूरज की तरह दिखाई देने वाले फ़ूलों के इस पौधे का वानस्पतिक नाम हेलिएन्थस एनस है। माना जाता है कि इसके तेल के उपयोग से ब्लडप्रेशर की आशंका नहीं या कम के बराबर हो जाती है।
इसकी पत्तियों का रस निकाल कर मलेरिया आदि में बुखार आने पर शरीर पर लेपित किया जाता है, पातालकोट के आदिवासियों का मानना है कि यह रस शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करता है। जी मिचलाना और उल्टी होने जैसे विकारों में सूरजमुखी के बीजों का तेल (२ बूँद) यदि नाक में डाल दिया जाए तो आराम मिलता है।
कान में कीडे के प्रवेश कर जाने पर डाँग- गुजरात के आदिवासी सूरजमुखी तेल में लहसून की दो कलियाँ डालकर गर्म करते है और फि़र इस तेल की कुछ बूँदें कान में डालते है, इनका मानना है कि कीट बाहर निकल आता है। सूरजमुखी की पत्तियों को इसी के तेल के साथ कुचला जाए और बवासीर के रोगी को बाह्यरूप से लेपित किया जाए तो आराम मिलता है।
अपचन और पेट में गडबडी की शिकायत होने पर गर्म दूध में सूरजमुखी का तेल (४-५ बूँदें) डाल दी जाए और सेवन किया जाए तो समस्या दूर हो जाती है। शारीरिक दुर्बलता और कमजोरी में सूरजमुखी की पत्तियों का रस बडा गुणकारी है, इस हेतु लगभग ५ पत्तियाँ लेकर १०० मिली पानी में तब तक उबाला जाए जब तक कि यह आधा शेष बचे, और फि़र इसका सेवन किया जाए। (साई फीचर्स)

(लेखक हर्बल मामलों के जाने माने विशेषज्ञ हैं)

एमपी पर चढ़ेगा 41 हजार करोड़ का कर्ज

एमपी पर चढ़ेगा 41 हजार करोड़ का कर्ज

(सोनल सूर्यवंशी)

भोपाल (साई)। मध्य प्रदेश ने वल्र्ड बैंक से 41 हजार करोड़ रुपए (7888 मिलियन यूएस डॉलर) का कर्ज मांगा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने वाशिंगटन डीसी में वल्र्ड बैंक के अफसरों से प्रदेश के विकास पर चर्चा की। अधिकारिक जानकारी के अनुसार सरकार की योजनाओं पर दिन भर चले प्रजेंटेशन के बाद वल्र्ड बैंक ने पांच प्रस्तावों रुरल वॉटर सप्लाई प्रोजेक्ट, स्वच्छता अभियान, गैर पारंपरिक ऊर्जा, उच्च शिक्षा व सिंचाई परियोजनाओं पर सैद्धांतिक सहमति दी है।
हालांकि मुख्यमंत्री ने नई सड़कों का जाल बिछाने और मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की आवश्यकता पर जोर देते हुए आर्थिक सहायता देने का प्रस्ताव भी रखा। इस अवसर पर वल्र्ड बैंक की डायरेक्टर मुल्यानी इंद्रावती ने ई-प्रशासन और लोक सेवा की गारंटी देने की पहल की प्रशंसा करते हुए मप्र के प्रस्तावों का परीक्षण कर सकारात्मक सहयोग देने का आश्वासन दिया। इस चर्चा में मुख्यमंत्री के साथ प्रमुख सचिव वित्त अजय नाथ व योजना आयोग के सचिव एसआर मोहंती भी मौजूद थे।
अमेरिका में भारत की राजदूत निरुपमा राव ने बौद्ध यूनिवर्सिटी खोलने की मप्र सरकार की सराहना की। राव ने मंगलवार को सुबह मुख्यमंत्री को चाय पर बुलाया था। इस दौरान राव ने कहा कि बौद्ध यूनिवर्सिटी के बनने से भारत के दक्षिण एशियाई देशों से संबंध और अधिक मजबूत होंगे। मुख्यमंत्री ने अब्राहम लिंकन और मार्टिन लूथर किंग के मेमोरियल का भ्रमण भी किया।

हर राज्य में बनेंगी दो ‘स्मार्ट’ सिटी

हर राज्य में बनेंगी दो ‘स्मार्ट’ सिटी

(महेंद्र देशमुख)

नई दिल्ली (साई)। केंद्र सरकार की जवाहर लाल नेहरू नेशनल अर्बन रिन्यूअल मिशन (जेएनएनयूआरएम) के दूसरे चरण के तहत हर राज्य में दो स्मार्ट सिटी विकसित करने की योजना है। ये शहर इंटेलीजेंट ट्रांसपोर्ट और कार्बन न्यूट्रल स्टेट्स जैसी माडर्न फीचर से युक्त होंगे।
शहरी विकास मंत्री कमलनाथ ने यहां कहा कि केंद्र सरकार अर्बन रिन्यूअल मिशन के जरिए शहरों को फंड मुहैया कराती है। हमारे प्रोग्राम में से एक में हमने देश के हर राज्य में दो स्मार्ट सिटी विकसित करने का प्रस्ताव रखा है। मंत्री ने कहा कि इन स्मार्ट सिटी की जनसंख्या 5 लाख से 10 लाख के बीच होगी। इसके लिए ऑस्ट्रेलियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के विशेषज्ञों की सेवाएं लेने को कहा गया है।
इसके पहले कमलनाथ ने ऑस्ट्रेलिया के ट्रांसपोर्ट, इनोवेशन और टेक्नोलॉजी मंत्री से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के विकास के प्रस्ताव के लिए उज्जैन या जबलपुर जैसे मध्यम श्रेणी के शहरों पर भी विचार किया जाएगा।

राकेट लांचर से थाने में दहशत!

राकेट लांचर से थाने में दहशत!

(अभय नायक)

रायपुर (साई)। छत्तीसगढ के बस्तर क्षेत्र में नक्सलियों ने थाने को उडाने के लिए देशी राकेट लांचर से हमला किया. दूसरी एक अन्य घटना में पुलिस ने एक महिला नक्सली को मार गिराया है. राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने आज यहां समाचार एजेंसी आॅफ इंडिया को बताया कि बस्तर क्षेत्र के सुकमा जिले में नक्सलियों ने देशी राकेट लांचर से हमला कर थाना को उडाने की कोशिश की लेकिन इस घटना में कोई नुकसान नहीं हुआ है.
सुकमा जिले के पुलिस अधीक्षक अभिषेक शांडिल्य ने समाचार एजेंसी आॅफ इंडिया को बताया कि जिले के गोलापल्ली पुलिस थाना और पुलिस शिविर पर नक्सलियों ने राकेट लांचर नुमा हथियार से हमला किया लेकिन वह थाने के दूसरी ओर गिरा जिससे पुलिस को कोई नुकसान नहीं हुआ है.
शांडिल्य ने बताया कि गोलापल्ली पुलिस थाने की पुलिस को आज थाना से लगभग आधा किलोमीटर दूर से धमाके की आवाज सुनाई दी. इसके बाद थाना भवन के किनारे धुआं और बारुद का गुबार उडने लगा. उन्होंने बताया कि इस घटना के तत्काल बाद पुलिस दल रवाना किया गया लेकिन तब तक नक्सली वहां से फरार हो गए थे.

राष्ट्रपिता की प्रतिमा से छेड़छाड़

राष्ट्रपिता की प्रतिमा से छेड़छाड़

(स्वाति नाडकर्णी)

शिमला (साई)। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 143वीं जयंती पर मंगलवार को जहां देशभर में उनकी प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किए गए, वहीं हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला स्थित एतिहासिक टीले पर बनी गांधी की प्रतिमा को मंगलवार सुबह अपवित्र स्थिति में देखा गया.
पुलिस अधीक्षक चंद्र शेखर ने समाचार एजेंसी आॅफ इंडिया को बताया कि कुछ असामाजिक तत्वों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा को शीशे की खाली बोतलों की माला पहना दी. उन्होंने बताया कि उपायुक्त अरूणा शर्मा की शिकायत पर एक मामला दर्ज कर लिया गया है. समझा जाता है कि गांधी जयंती पर ‘ड्राइ डे‘ ( मद्यपान निषेध दिवस ) घोषित किए जाने से आक्रोशित नशे के आदी किसी व्यक्ति ने यह शरारत की होगी.

इस साल हुई आठ फीसदी कम बारिश

इस साल हुई आठ फीसदी कम बारिश

(महेश रावलानी)

नई दिल्ली (साई)। मॉनसून सेशन में इस साल सामान्य से आठ प्रतिशत कम बारिश हुई। बारिश नहीं होने की वजह से सूखे के हालात बन रहे थे, लेकिन मॉनसून जाते-जाते मेहरबानी बरसा गया। आखिरी वक्त में हुई अच्छी बारिश ने सूखे की आशंका को खत्म कर दिया। मौसम विभाग के अनुसार, अल नीनो के खराब हालात की वजह से कम वर्षा की आशंका के बीच सितंबर में अधिक वर्षा हुयी।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, अल नीनो के प्रभाव की वजह से बारिश में काफी कमी की आशंका जताई जा रही थी। लेकिन सितंबर के महीने में सामान्य से 11 प्रतिशत ज्यादा यानी 192 मिलीमीटर तक बारिश हुई। सामान्य तौर पर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की शुरुआत एक जून से होती है और 30 सितंबर तक यह लौट जाता है। लेकिन इस बार मॉनसून की अवधि लंबी लग रही है। पूवोत्र्तर भारत के कई इलाकों में अभी भी बारिश हो रही है।
हालांकि, मौसम विभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी आॅफ इंडिया को बताया कि देरी नहीं हुई है। मॉनसून के लौटने की अवधि 15 अक्टूबर तक चलती रहती है। भारतीय मौसम विभाग का कहना है कि अगले तीन दिनों में असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा बुधवार को तमिलनाडु, तटीय आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में बारिश हो सकती है।
आंकडो के अनुसार सितंबर में औसत 173.5 मिलीमीटर के मुकाबले इस साल 192 मिलीमीटर वर्षा हुयी। ताजा आंकडो के अनुसार देश में इस बार 819.5 मिलीमीटर बारिश हुयी जबकि औसत वर्षा का स्तर 886.9 मिलीमीटर है. देश के 67 प्रतिशत इलाकों में सामान्य या अधिक वर्षा हुयी।
आमतौर पर केरल में वर्षा के साथ एक जून से मानसून शुरु होता है और 30 सितंबर को खत्म होता है। दक्षिण पश्चिम मानसून इस बार 24-25 सितंबर से ही वापसी के चरण में प्रवेश कर गया। हालांकि इस गतिविधि की भी रफ्तार कम है क्योंकि पूर्वी और पूर्वाेत्तर इलाकों में अभी भी मौसमी वर्षा हो रही है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले तीन दिनों में असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में बारिश होगी। विभाग का कहना है कि आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों, तमिल नाडु, रायलसीमा, तेलंगाना और कर्नाटक के अंदरुनी इलाकों में भी बारिश होगी।

अश्लीलता के साए में हुआ आईपीएल

अश्लीलता के साए में हुआ आईपीएल

(प्रीति सक्सेना)

चेन्नई (साई)। मद्रास उच्च न्यायालय का कहना है कि यह साबित करने के प्रथम दृष्टया सबूत हैं कि इस साल अप्रैल में चेन्नई में हुए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पांचवें सत्र के उद्घाटन समारोह के दौरान ‘अश्लील’ कार्यक्रम पेश किये गये. न्यायमूर्ति किरुबाकरन कल बालीवुड कलाकारों सलमान खान, प्रियंका चोपडा और अमिताभ बच्चन के अधिवक्ता की इस बात से संतुष्ट नहीं हुए कि कार्यक्रम तैयार करने का जिम्मा कोरियोग्राफरों का था और उन्होंने अनुबंध के अनुसार कार्यक्रम प्रस्तुत किये.
कलाकारों के अधिवक्ता ने कहा, ‘‘कार्यक्रम समझौते और कोरियोग्राफरों के निर्देशों के अनुसार पेश किये गये. पोशाक का चयन कलाकारों ने नहीं किया.’’ उन्होंने फिर कहा कि उनके द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम में कुछ भी अश्लील नहीं था. हालांकि न्यायाधीश ने पूछा कि अगर कोरियाग्राफर कहंेगे तो क्या किसी भी तरह की ड्रेस पहनना आपके लिए सही है? याचिकाकर्ता के वकील नीलमेगम की ओर से पेश फोटो देखने के बाद न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले में प्रथम दृष्टया सबूत हैं.
याचिकाकर्ता के जेबाकुमार ने अपनी याचिका में मांग की है कि आईपीएल पांच के उद्घाटन समारोह में ‘अश्लील’ कार्यक्रम के लिए बालीवुड कलाकारों, क्रिकेटरों और बीसीसीआई के पदाधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरु हो.

जदयू - भाजपा का हनीमून ओवर

जदयू - भाजपा का हनीमून ओवर

(प्रियंका)

नई दिल्ली (साई)। कांग्रेस ने दावा किया कि बिहार में जदयू और भाजपा के बीच गठबंधन के ज्यादा दिन चलने की संभावना नहीं है और साथ ही संकेत दिया कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ तालमेल के खिलाफ नहीं है वशर्ते कि नीतीश कुमार के संबंध भाजपा से टूट जाते हैं.
पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने यहां संवाददाताओं कहा कि कुछ समय से जदयू जो कुछ भी कर रही है उससे यह स्पष्ट होता जा रहा है कि उसे बोझा ढोना है. हम नहीं समझते कि बोझा और बोझा ढोने के लिए मजबूरी के बीच सबकुछ ठीक ठाक है. यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस नीतीश कुमार को धर्मनिरपेक्ष नेता मानती है तिवारी ने कहा कि वह धर्मनिरपेक्षता का प्रमाणपत्र नहीं देते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि जो सांप्रदायिक ताकतों के साथ जुड़े हैं उन्हें यह आत्मचिंतन करना चाहिए कि उनके कार्यों से धर्मनिरपेक्षता को कितना नुकसान पहुंचा है.
तिवारी ने यह टिप्पणी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा सीपी ठाकुर के उस बयान पर की है जिसमें उन्होंने कहा है, ‘सभी प्रकार की संभावनाओं के मद्देनजर हमने बिहार में आगामी लोकसभा चुनावों में सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है. इन आशंकाओं में सहयोगी दल जदयू द्वारा गठबंधन से अलग होने की बातें भी शामिल है. हम इसे ध्यान में रखे हुए हैं.’
उधर, पटना से समाचार एजेंसी आॅफ इंडिया ब्यूरो से प्रतिभा सिंह ने खबर दी है कि बिहार में जदयू द्वारा राजग गठबंधन से अलग होने की आशंका की स्थिति में अपने पांव को मजबूत करने के लिए भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनावों में सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए कमर कस ली है.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी ठाकुर ने कहा, ‘सभी प्रकार की संभावनाओं के मद्देनजर हमने बिहार में आगामी लोकसभा चुनावों में सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है. इन आशंकाओं में सहयोगी दल जदयू द्वारा गठबंधन से अलग होने की बातें भी शामिल है. हम इसे ध्यान में रखे हुए हैं.’
हालांकि, उन्होंने कहा कि जदयू और भाजपा के रास्ते अलग-अलग होना केवल आशंका भर है. उन्हें विश्वास है कि बिहार में संबंधों में दरार नहीं आयेगी. भाजपा नेता ने कहा कि सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहने की बात करना जायज है, क्योंकि भाजपा और जदयू का संबंध यदि अक्षुण्ण रहते है तो अंतिम समय में दोनों दल सीटों का आदान प्रदान भी कर सकते हैं. गठबंधन में ऐसा होता है.
ठाकुर ने कहा, ‘हम चुनाव की तैयारियों के मामले में पीछे नहीं रहना चाहते हैं. प्रदेश अध्यक्ष ने सूरजकूंड (हरियाणा) में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हुए रणनीतिक विचार विमर्श के बारे में अधिक खुलासा करने से इनकार कर दिया.’ उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय कार्यकारिणी में क्या चर्चा हुई इस बारे में सार्वजनिक मंच पर चर्चा करना ठीक नहीं होगा.’
भाजपा की तैयारियों के संबंध में पार्टी के एक वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा, ‘राज्य में विधानसभा की 243 सीटों और लोकसभा की 40 सीटों के लिए तैयार रहना किसी भी पार्टी के लिए बहुत जरूरी है. संगठन में नये सदस्यों को जोड़ने के साथ साथ चुनाव के लिए तैयार रहना जरूरी है, तभी हम अपने गठबंधन सहयोगी को भी मदद कर पायेंगे.’ उन्होंने कहा कि किसी भी पार्टी संगठन के लिए हमेशा अपनी तैयारियों को सुदृढ़ रखना बहुत आवश्यक है.
उल्लेखनीय है कि बीते कुछेक महीनों से भाजपा और जदयू के बीच संबंध सहज नहीं हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के रूप में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध के कारण दोनों दलों के नेताओं के बीच विरोध के बाण चले थे.
संबंधों में दरार की आशंका को लेकर दोनों ही पार्टियां आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर अपनी रणनीतियां बना रही हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा अधिकार यात्रा के दौरान पश्चिम चंपारण के बेतिया में दिये गये बयान से भी राजनीति गर्म हो गयी है. मुख्यमंत्री ने कहा था कि जदयू बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग जोर शोर से उठा रही है. आगामी लोकसभा चुनावों में 40 सीटें उनके दल को मिलेगी. जदयू केंद्र में उसी पार्टी को समर्थन देगा, जो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देगा.

पार्टी लाईन से भटके गड़करी

पार्टी लाईन से भटके गड़करी

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। भाजपा के निजाम नितिन गड़करी खुद ही अपनी पार्टी की लाईन से भटक गए हैं। मल्टि ब्रांड रिटेल का भाजपा द्वारा विरोध किया जा रहा है पर गड़करी हैं कि एफडीआई की हिमायत कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि कनाड़ा से बरास्ता लंदन भारत लौटते वक्त हाई टी में हुई चर्चाएं अभी भी गड़करी के जेहन में ही बसी रह गई हैं। मूलतः उद्योगपति किन्तु राजनेता गड़करी के इस बयान से पार्टी भी अचंभित है।
एक प्रोग्राम में शिरकत के दौरान अपने संबोधन में गड़करी ने कहा कि इस समय बाहर से तो देश में निवेश नहीं आ रहा है इससे उलट हमारे देश के ही उद्योगपति अपना धन लेकर विदेशों में जा रहे हैं। इसलिए आज के समय की महती जरूरत है एफडीआई। दरअसल हमारे देश में उद्योग के क्षेत्र में जो अकुशल और अधकचार प्रबंधन और मिसमेनेजमेंट है वही इसके लिए पूरी तरह जिम्मेदार माना जा सकता है।
गड़करी ने कायदे की बात कहते हुए कहा कि विडम्बना यह है कि देश में स्मारक तो बन जाते हैं पर कोल्ड स्टोेरज और भण्डारण के लिए गोदाम नहीं बन पाते हैं। अगर कोल्ड स्टोरेज और गोदाम सरकारी स्तर पर ही बन जाएं तो देश में अन्न की बर्बादी को काफी हद तक रोका जा सकता है।
गडकरी ने दावा किया कि इस साल 85 हजार करोड़ रुपये का अनाज सड़ जाएगा। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में परफॉर्मेंस का ऑडिट होना चाहिए। यहां तक की पार्टी में भी ऐसा होना चाहिए। ई-गवर्नेंस पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि अगर इसका उपयोग किया जाए तो 70 फीसदी तक करप्शन खत्म हो सकता है।
उधर, वाणिज्य और उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने स्पष्ट रूप से कहा है कि खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की मंजूरी देने संबंधी सरकार का फैसला वापस नहीं लिया जायेगा। नई दिल्ली में कल कांगे्रस पार्टी मुख्यालय में किसानों के एक दल से बातचीत में श्री शर्मा ने कहा कि यह फैसला अंतिम है, क्योंकि यह किसानों और उपभोक्ताओं के हित में है।
उन्होंने कहा कि ५१ फीसदी हम लगाएंगे विदेशी निवेश, उसका ५० फीसदी गांव में लगेगा, कोल्ड स्टोरेज बनेंगे, वेयर हाउसेज बनेंगे, नई टेक्नोलॉजी आएगी, एग्रो प्रोसेसिंग इंडस्ट्री लगेगी, फुड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज लगेगी। लाखों किसान के बेटे-बेटियों को गांव में रोजगार मिलेगा।

दहेज विरोधी कानून की धारा नहीं होगी रद्द

दहेज विरोधी कानून की धारा नहीं होगी रद्द

(महेंद्र देशमुख)

नई दिल्ली (साई)। विधि आयोग ने दहेज विरोधी कानून की एक धारा को रद्द करने की मांग खारिज कर दी है। लेकिन आयोग ने इसके तहत अपराध को शमनीय यानी कम्पाउंडेबल बनाने की सिफारिश की है। जिसमें अदालत की अनुमति से समझौता होने की सूरत में पत्नी शिकायत वापस ले सके। १९वें विधि आयोग ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में कहा है कि दहेज प्रताड़ना संबंधी भारतीय दंड संहिता की धारा (४९८-ए) को रद्द करने की मांग अनुचित है।
लेकिन आयोग ने यह सुझाव भी दिया है कि दहेज के लिए प्रताडित किए जाने की शिकायत दर्ज होते ही पति और उसके रिश्तेदारों की तत्काल गिरफ्तारी न की जाए। आयोग ने सुझाव दिया है कि अभियुक्त की गिरफ्तारी से पहले सुलह के लिए तीस दिन की मोहलत देने के वास्ते अपराध प्रक्रिया संहिता में संशोधन किया जाना चाहिए।
आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि अदालतों और संसदीय समितियों द्वारा समय-समय पर इस बात पर जोर दिया जाता रहा है कि भारतीय दंड संहिता की धारा ४९८-ए के तहत मिले व्यापक अधिकारों का इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतने की जरूरत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस अधिकारी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दहेज के लिए शारीरिक या मानसिक यातना की शिकायत मिलते ही सुलह कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाए।

जीव जन्तुओं की सुरक्षा के लिए संजीदा हुए गोगोई

जीव जन्तुओं की सुरक्षा के लिए संजीदा हुए गोगोई
 
(पुरबालिका हजारिका)

गोवहाटी (साई)। असम सरकार ने काजीरंगा राष्ट्रीय अभयारण्य में जीव-जन्तुओं की सुरक्षा के लिए असम वन संरक्षण बल के पचास सदस्यों की टीम भेजी है। राज्य के वन मंत्री रोकीबुल हसन ने कल गुवाहाटी में संवाददाताओं को बताया कि पचास सदस्यों का एक अन्य दल विश्व विरासत स्थल काजीरंगा अभयारण्य में इस महीने की छह तारीख को भेजा जाएगा।
सरकारी सूत्रों ने समाचार एजेंसी आॅफ इंडिया को बताया कि सुरक्षा बल की तैनाती से काजीरंगा राष्ट्रीय अभयारणय की सुरक्षा स्थिति में सुधार होगा। ये बल जानवरों का शिकार रोकने में वन विभाग की मदद करेगा। इस साल शिकारियों ने काजिरंगा में ११ गैंडों को मार डाला।
सूत्रों ने यह भी बताया कि असम सरकार ने इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की है। वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो ने भी जांच के लिए अभयारणय का दौरा किया है। वन विभाग ने अभयारणय के आस-पा के इलाकों से अब तक कम से कम १४ शिकारियों को गिरफ्तार किया है।

झा की जगह प्रहलाद का हो सकता है प्रभात!

झा की जगह प्रहलाद का हो सकता है प्रभात!

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। भारतीय जनता पार्टी के नेशनल प्रेजीडेंट नितिन गड़करी को दूसरी पारी मिलने के बाद अभी इस बात पर से कुहासा नहीं हट सका है कि सूबाई निजामों को भी दूसरी पारी दी जाए या नहीं। हाल ही में दिल्ली में भाजपा के असंगठित मजदूर मोर्चे की रैली ने नितिन गड़करी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हाशिए धकेल दिए गए भाजपा के शक्तिशाली नेता प्रहलाद सिंह पटेल का उपयोग कहां और कैसे किया जाए।
ज्ञातव्य है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल को बहुमुखी प्रतिभा का धनी माना जाता है। लगन के पक्के, मां नर्बदा के भक्त, मूलतः किसान, आम गांव के बंदे की छवि, कार्यकर्ताओं में आसानी से घुलने मिलने वाले और सहज सुलभ उपलब्धता के कारण प्रहलाद पटेल के चाहने वालों की  कमी नहीं है।
प्रहलाद पटेल के साथ पार्टी सदा ही प्रयोग करती आई है। सबसे पहले सिवनी संसदीय क्षेत्र (जिसे बिना प्रस्ताव के ही कांग्रेस और भाजपा के षणयंत्र के चलते विलोपित कर दिया गया है) से निर्दलीय के बतौर जीत हासिल करने वाले पटेल को पार्टी ने बाद में बालाघाट संसदीय क्षेत्र से उतारा। बालाघाट में सफलता का परचम लहराने वाले पटेल को एक बार फिर पार्टी ने बली का बकरा बनाने का प्रयास किया और कांग्रेस के अजेय योद्धा कमल नाथ के सामने ले जाकर छिंदवाड़ा से खड़ा कर दिया।
छिंदवाडा़ में प्रहलाद सिंह पटेल ने कमल नाथ को नाकों चने चबवा दिए। पहला मौका ही रहा होगा जबकि कांग्रेस के स्टार प्रचारक कमल नाथ को प्रहलाद पटेल ने छिंदवाड़ा में ही बांध दिया था। जानकारों का कहना है कि वह चुनाव अपने आप में अद्भुत इसलिए भी कहा जा सकता है क्योंकि इस चुनाव में कमल नाथ ने छिंदवाड़ा की सीमा के बाहर प्रचार के लिए कदम भी नहीं रखा था। प्रहलाद पटेल का भय आज भी कमल नाथ के मन में सीलता होगा।
उमा भारती के साथ मिलकर प्रहलाद सिंह पटेल ने दस साल के राजा दिग्विजय सिंह के लगातार किए जाने वाले राज को ध्वस्त कर दिया। उमा भारती 2003 में मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं तो इसका पूरा पूरा श्रेय प्रहलाद सिंह पटेल के खाते में ही गया। उमा भारती के कार्यकाल में प्रहलाद सिंह पटेल ने कभी भी सीएम से नजदीकी का लाभ उठाने का जतन नहीं किया।
जब उमा भारती और भाजपा में अनबन हुई तब उमा की नई भाजश में प्रहलाद सिंह पटेल थिंक टेंक की भूमिका में आ गए। बाद में उमा भारती के अडियल रवैए से आहत प्रहलाद पटेल ने भाजश ने नाता तोड़ा तो तत्काल ही भाजपा ने उनकी वापसी के ना केवल मार्ग प्रशस्त किए वरन् प्रहलाद पटेल को राष्ट्रीय मानचित्र में ससम्मान वापसी करवाई।
भाजपा के आला दर्जे के सूत्रों ने समाचार एजेंसी आॅफ इंडिया को बताया कि प्रहलाद सिंह पटेल के लिए भाजपा के निजाम नितिन गड़करी ने एक अलग मोर्चे की स्थापना की। असंगठित कामगारों को एक बेनर तले लाने की जवाबदारी प्रहलाद पटेल को सौंपी गई। प्रहलाद पटेल ने इस जवाबदारी का निर्वहन बखूबी करते हुए अपनी संगठनात्मक क्षमता का परिचय भी गड़करी को दे डाला।
गड़करी के करीबी सूत्रों का कहना है कि 24 सितम्बर को दिल्ली में हुए महासंग्राम ने प्रहलाद पटेल का कद अनायास ही कई गुना बढ़ा दिया है। इस रेली की सफलता से गदगद भाजपाध्यक्ष नितिन गड़करी अब सोचने पर विवश हो गए हैं कि आखिर प्रहलाद पटेल की इस सकारात्मक उर्जा का उपयोग किस स्तर पर और कहां किया जाए। इस रेली में मरली मनोहर जोशी और संजय जोशी की उपस्थिति भी काफी कुछ कहती नजर आती है।
इस रैली को संबोधित करते हुए गड़करी ने प्रहलाद पटेल की जमकर तारीफ की। गड़करी ने उन्हें हनुमान कह दिया। उनका कहना था कि जिस तरह हनुमान जी को अपनी शक्तियों का आभास नहीं था, उन्हें बार बार उनकी शक्ति का स्मरण कराना पड़ता है। ठीक उसी तरह प्रहलाद पटेल को भी उनकी शक्तियों का स्मरण करना ही पड़ता है।
गड़करी के करीबी सूत्रों का कहना है कि पार्टी में प्रहलाद पटेल को महासचिव अथवा प्रवक्ता के बतौर काम करवाने की संभावनाओं पर विचार चल रहा है। वहीं दूसरी ओर इस तरह की संभावनाएं भी टटोली जा रही हैं कि मध्य प्रदेश में प्रभात झा के स्थान पर प्रहलाद पटेल को अगर पार्टी की कमान सौंप दी जाए तो सत्ता और संगठन का तालमेल बेहतरीन हो सकता है।