बुधवार, 3 अक्टूबर 2012

जदयू - भाजपा का हनीमून ओवर

जदयू - भाजपा का हनीमून ओवर

(प्रियंका)

नई दिल्ली (साई)। कांग्रेस ने दावा किया कि बिहार में जदयू और भाजपा के बीच गठबंधन के ज्यादा दिन चलने की संभावना नहीं है और साथ ही संकेत दिया कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ तालमेल के खिलाफ नहीं है वशर्ते कि नीतीश कुमार के संबंध भाजपा से टूट जाते हैं.
पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने यहां संवाददाताओं कहा कि कुछ समय से जदयू जो कुछ भी कर रही है उससे यह स्पष्ट होता जा रहा है कि उसे बोझा ढोना है. हम नहीं समझते कि बोझा और बोझा ढोने के लिए मजबूरी के बीच सबकुछ ठीक ठाक है. यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस नीतीश कुमार को धर्मनिरपेक्ष नेता मानती है तिवारी ने कहा कि वह धर्मनिरपेक्षता का प्रमाणपत्र नहीं देते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि जो सांप्रदायिक ताकतों के साथ जुड़े हैं उन्हें यह आत्मचिंतन करना चाहिए कि उनके कार्यों से धर्मनिरपेक्षता को कितना नुकसान पहुंचा है.
तिवारी ने यह टिप्पणी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा सीपी ठाकुर के उस बयान पर की है जिसमें उन्होंने कहा है, ‘सभी प्रकार की संभावनाओं के मद्देनजर हमने बिहार में आगामी लोकसभा चुनावों में सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है. इन आशंकाओं में सहयोगी दल जदयू द्वारा गठबंधन से अलग होने की बातें भी शामिल है. हम इसे ध्यान में रखे हुए हैं.’
उधर, पटना से समाचार एजेंसी आॅफ इंडिया ब्यूरो से प्रतिभा सिंह ने खबर दी है कि बिहार में जदयू द्वारा राजग गठबंधन से अलग होने की आशंका की स्थिति में अपने पांव को मजबूत करने के लिए भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनावों में सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए कमर कस ली है.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी ठाकुर ने कहा, ‘सभी प्रकार की संभावनाओं के मद्देनजर हमने बिहार में आगामी लोकसभा चुनावों में सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है. इन आशंकाओं में सहयोगी दल जदयू द्वारा गठबंधन से अलग होने की बातें भी शामिल है. हम इसे ध्यान में रखे हुए हैं.’
हालांकि, उन्होंने कहा कि जदयू और भाजपा के रास्ते अलग-अलग होना केवल आशंका भर है. उन्हें विश्वास है कि बिहार में संबंधों में दरार नहीं आयेगी. भाजपा नेता ने कहा कि सभी सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहने की बात करना जायज है, क्योंकि भाजपा और जदयू का संबंध यदि अक्षुण्ण रहते है तो अंतिम समय में दोनों दल सीटों का आदान प्रदान भी कर सकते हैं. गठबंधन में ऐसा होता है.
ठाकुर ने कहा, ‘हम चुनाव की तैयारियों के मामले में पीछे नहीं रहना चाहते हैं. प्रदेश अध्यक्ष ने सूरजकूंड (हरियाणा) में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हुए रणनीतिक विचार विमर्श के बारे में अधिक खुलासा करने से इनकार कर दिया.’ उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय कार्यकारिणी में क्या चर्चा हुई इस बारे में सार्वजनिक मंच पर चर्चा करना ठीक नहीं होगा.’
भाजपा की तैयारियों के संबंध में पार्टी के एक वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा, ‘राज्य में विधानसभा की 243 सीटों और लोकसभा की 40 सीटों के लिए तैयार रहना किसी भी पार्टी के लिए बहुत जरूरी है. संगठन में नये सदस्यों को जोड़ने के साथ साथ चुनाव के लिए तैयार रहना जरूरी है, तभी हम अपने गठबंधन सहयोगी को भी मदद कर पायेंगे.’ उन्होंने कहा कि किसी भी पार्टी संगठन के लिए हमेशा अपनी तैयारियों को सुदृढ़ रखना बहुत आवश्यक है.
उल्लेखनीय है कि बीते कुछेक महीनों से भाजपा और जदयू के बीच संबंध सहज नहीं हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के रूप में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध के कारण दोनों दलों के नेताओं के बीच विरोध के बाण चले थे.
संबंधों में दरार की आशंका को लेकर दोनों ही पार्टियां आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर अपनी रणनीतियां बना रही हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा अधिकार यात्रा के दौरान पश्चिम चंपारण के बेतिया में दिये गये बयान से भी राजनीति गर्म हो गयी है. मुख्यमंत्री ने कहा था कि जदयू बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग जोर शोर से उठा रही है. आगामी लोकसभा चुनावों में 40 सीटें उनके दल को मिलेगी. जदयू केंद्र में उसी पार्टी को समर्थन देगा, जो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देगा.

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