बुधवार, 3 अक्तूबर 2012

इस साल हुई आठ फीसदी कम बारिश

इस साल हुई आठ फीसदी कम बारिश

(महेश रावलानी)

नई दिल्ली (साई)। मॉनसून सेशन में इस साल सामान्य से आठ प्रतिशत कम बारिश हुई। बारिश नहीं होने की वजह से सूखे के हालात बन रहे थे, लेकिन मॉनसून जाते-जाते मेहरबानी बरसा गया। आखिरी वक्त में हुई अच्छी बारिश ने सूखे की आशंका को खत्म कर दिया। मौसम विभाग के अनुसार, अल नीनो के खराब हालात की वजह से कम वर्षा की आशंका के बीच सितंबर में अधिक वर्षा हुयी।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, अल नीनो के प्रभाव की वजह से बारिश में काफी कमी की आशंका जताई जा रही थी। लेकिन सितंबर के महीने में सामान्य से 11 प्रतिशत ज्यादा यानी 192 मिलीमीटर तक बारिश हुई। सामान्य तौर पर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की शुरुआत एक जून से होती है और 30 सितंबर तक यह लौट जाता है। लेकिन इस बार मॉनसून की अवधि लंबी लग रही है। पूवोत्र्तर भारत के कई इलाकों में अभी भी बारिश हो रही है।
हालांकि, मौसम विभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी आॅफ इंडिया को बताया कि देरी नहीं हुई है। मॉनसून के लौटने की अवधि 15 अक्टूबर तक चलती रहती है। भारतीय मौसम विभाग का कहना है कि अगले तीन दिनों में असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा बुधवार को तमिलनाडु, तटीय आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में बारिश हो सकती है।
आंकडो के अनुसार सितंबर में औसत 173.5 मिलीमीटर के मुकाबले इस साल 192 मिलीमीटर वर्षा हुयी। ताजा आंकडो के अनुसार देश में इस बार 819.5 मिलीमीटर बारिश हुयी जबकि औसत वर्षा का स्तर 886.9 मिलीमीटर है. देश के 67 प्रतिशत इलाकों में सामान्य या अधिक वर्षा हुयी।
आमतौर पर केरल में वर्षा के साथ एक जून से मानसून शुरु होता है और 30 सितंबर को खत्म होता है। दक्षिण पश्चिम मानसून इस बार 24-25 सितंबर से ही वापसी के चरण में प्रवेश कर गया। हालांकि इस गतिविधि की भी रफ्तार कम है क्योंकि पूर्वी और पूर्वाेत्तर इलाकों में अभी भी मौसमी वर्षा हो रही है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले तीन दिनों में असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में बारिश होगी। विभाग का कहना है कि आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों, तमिल नाडु, रायलसीमा, तेलंगाना और कर्नाटक के अंदरुनी इलाकों में भी बारिश होगी।

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