गुरुवार, 18 अक्टूबर 2012

बिना प्रिस्क्रिप्शन नहीं मिलेगा आक्सीटोसीन


बिना प्रिस्क्रिप्शन नहीं मिलेगा आक्सीटोसीन

(एम.रियाज)

सिवनी (साई)। दुधारू पशुओं विशेषकर गायों के लिये जहर साबित हो चुके आक्सीटोसीन के इंजेक्शन के दुरूपयोग को रोकने की दृष्टि से जिला कलेक्टर श्री अजीत कुमार द्वारा सराहनीय पहल की गयी है. श्री कुमार द्वारा सख्त शब्दों में स्पष्ट निर्देश दे दिये गये हैं कि अगर आँक्सीटोसीन का इंजेक्शन बिना डाक्टरी पर्ची के बेचा जाता है तो न केवल बेचने वाले पर कार्यवाही की जायेगी बल्कि खरीदने वाले पर भी सख्त एक्शन लिया जायेगा.
विदित हो कि आक्सीटोसीन का इंजेक्शन विशेषकर गाय भैसों पर प्रयोग किया जाता है. इस इंजेक्शन को दूध दोहने के समय के कुछ मिनिट पूर्व गाय की गर्दन या शरीर में लगा दिया जाता है. इसके प्रभाव से गाय का सारा दूध स्वतः ही उसके थन निकलकर बहने लगता है. इंजेक्शन के प्रभाव के कारण गाय का सारा दूध और प्रोटीन निचुड़ जाता है यहाँ तक की कई बार खून भी निकल आता है और गाय को काफी तकलीफ होती है. इसके कारण 10-12 वर्ष तक दूध देने वाली गाय 3-4 वर्ष में ही इतनी कमजोर हो जाती है कि दूध देना ही बंद कर देती है इसके  बाद गाय को  कत्लखाने भेज दिया जाता है.
उल्लेखनीय है कि  गायों के बहुत अधिक मात्रा में कत्लखाने जाने का एक बहुत बड़ा कारण आक्सीटोसीन का इंजेक्शन है. इसी के कारण गाय 3-4 का सारा दूध 3-4 वर्ष में निचोड़ लिया जाता है तब वह ग्वाले के  लिये बोझ बन जाती है जिसे वह कत्लखाने में बेच कीमत वसूल करता है और थोड़ी बहुत राशि लगा नयी गाय ले लेता है.
यह भी उल्लेखनीय है कि अक्सीटोसीन का इंजेक्शन लगा वाला दूध इंसान के लिये भी हानिकारक है. आक्सीटोसीन इंजेक्शन का मामला सबसे ज्यादा हाल ही में कुछ महीने पूर्व तब गर्माया था जब जबलपुर के रेल्वे स्टेशन में इसे भारी मात्रा में जप्त किया गया था.
इसके बाद यह तथ्य प्रकाश में आये थे कि आक्सीटोसीन का इंजेक्शन की सप्लाई ट्रेन के माध्यम से गया जी से सतना, कटनी, जबलपुर होती है. इसके बाद उक्त शहरों से आसपास के जिलों, कस्बों में होती है. यह तथ्य भी प्रकाश में आया था कि सबसे ज्यादा आक्सीटोसीन जबलपुर जिले में उतरती है और यहाँ से आस पास के जिलों में सप्लाई होती है.
इसके बाद ड्रग इंस्पेक्टरों द्वारा इंदौर, ग्वालियर भोपाल, शहडोल में छापामार कार्यवाही की गयी तो मेडिकल स्टोर से तो नहीं किन्तु किराना दुकानों से जरूर आक्सीटोसीन इंजेक्शन बरामद किये गये. इसी प्रकार भिंड में एक मेडिकल स्टोर में ये पाये गये. गायों के विनाश को रोकने के लिये पूरे प्रदेश में ये मुहिम चलायी जा रही है जिसमें विभाग को आम नागरिकों को सहयोग भी मिल रहा है.
इसी कड़ी में जिला कलेक्टर श्री अजीत कुमार द्वारा आज साप्ताहिक विभागीय समीक्षा बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया कि वे आक्सीटोसिन इंजेक्शन के दुरूपयोग पर सख्त अंकुश लगायें. आपने कहा कि  इस इंजेक्शन का उपयोग केवल विशेष परिस्थितियों में डाँक्टर द्वारा प्रिस्क्रीप्शन में लेख होने पर ही किया जाना चाहिये इसलिये बिना डाक्टरी पर्ची के आक्सीटोसिन इंजेक्शन बेचने वाले केमिस्ट/ड्रगिस्ट और खरीदने वाले, दोनों पर सख्त कार्यवाही की जाये.
जिला कलेक्टर श्री अजीत कुमार ने सी.एम.एच.ओ.  ठाकुर को   उपसंचालक, पशु चिकित्सा सेवायें के साथ मिलकर इस इंजेक्शन के दुरूपयोग को रोकने के लिये हर जरूरी कार्यवाही करने हेतु भी कहा है.

उत्तर भारत कांपा ठण्ड से

उत्तर भारत कांपा ठण्ड से

(आकाश कुमार)

नई दिल्ली (साई)। एनसीआर समेत उत्तर भारत में मौसम ने करवट ली है। हल्की बारिश के बाद रात में ठंड शुरू हो गई है। अगले 24 घंटे में जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हल्की बारिश के आसार हैं। फिर बारिश घटेगी लेकिन तापमान में 19 अक्तूबर तक 2-3 डिग्री की गिरावट दर्ज होगी।
मौसम विभाग के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि बारिश कम होने से ही सर्दी में देरी हो रही है। उत्तर-पश्चिम भारत में अक्तूबर के पहले 15 दिन में सामान्य से 95 फीसदी कम बारिश दर्ज हुई है जबकि दिल्ली में 23 मिमी की बजाय सिर्फ बूंदाबांदी दर्ज हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली, हरियाणा और चंडीगढ़ में औसत अक्तूबर के पहले पखवाड़े में 17.8 मिमी बारिश होती है लेकिन कहीं दर्ज नहीं हुई है।
वह जम्मू-कश्मीर में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का प्रभाव देखने को मिल रहा है। अगले 24 घंटे में बारिश/बर्फबारी हो सकती है। इससे एनसीआर समेत उत्तर भारत के मौसम में अचानक बदलाव आएगा। सोमवार रात तेज ठंडी हवाओं के साथ मंगलवार सुबह हल्की बारिश भी हुई है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अमूमन 15 अक्तूबर तक सर्दी शुरू हो जाती है लेकिन इस वर्ष थोड़ी देरी हो रही है। अब मौसम बदलेगा। अगले सप्ताह न्यूनतम तापमान 17-18 डिग्री तक आने की संभावना है। मंगलवार को दिल्ली का न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री नीचे 19.3 डिग्री और अधिकतम तापमान 31.8 डिग्री दर्ज किया गया।

गाजियाबाद में मेट्रो के दूसरे चरण को मंजूरी


गाजियाबाद में मेट्रो के दूसरे चरण को मंजूरी

(दीपाली)

नई दिल्ली (साई)। उत्तर प्रदेश सरकार ने गाजियाबाद जिले में दिल्ली मैट्रो के दूसरे चरण को मंजूरी दे दी है। सरकारी सूत्रों ने बताया है कि इससे दिल्ली मैट्रो का विस्तार दिलशाद गार्डन से नया बस अड्डा गजियाबाद तक हो जाएगा। सोलह सौ करोड़ रूपए की इस परियोजना को राज्य और केंद्र सरकार के सहयोग से ही निर्मित किया जाएगा।
शहरी विकास मंत्रालय के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार गाजियाबाद विकास प्राधिकरण  इस परियोजन पर लगभग एक हजार करोड़ रुपए व्यय करेगा जबकि परियोजना की कुल लागत लगभग सोलह सौ करोड़ रुपए में केंद्र सरकार और दिल्ली मेट्रो का योगदान लगभग छह सौ करोड़ रुपए का होगा।
दिलशाद गार्डन और गाजियाबाद न्यू बस स्टेशन के बीच लगभग नौ किलोमीटर लंबे मेट्रो लाइन पर शाहिद नगर, राजबाग, राजेन्द्र नगर, श्याम पार्क , मोहन नगर और अर्थला सहित सात स्टेशन बनाए जाएंगे। नई दिल्ली और गाजियाबाद को जोड़ने वाले आनंद विहार और वैशाली मेट्रो पहले से संचालित है। प्रस्तावित इस दूसरे मेट्रो लाइन से  लगभग १२ लाख लोगों के लाभान्वित होने का अनुमान है।

एलपीजी सिलेन्डर की जांच घर पर हो


एलपीजी सिलेन्डर की जांच घर पर हो

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। रसोई गैस की कालाबाजारी, कम वजन के सिलेंडर आदि से निजात पाने के मामले में अब देश की शीर्ष अदालत भी चिंतित नजर आ रही है। उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र सरकार से कहा है कि घरेलू एलपीजी  सिलेंडरों का वजन ग्राहकों के घर पर जांच करने की व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि कोई डीलर नाजायज फायदा न उठा सके।
अदालत ने यह आदेश पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के इस आश्वासन के बाद दिया कि सभी तेल कंपनियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जांएगे कि हर सिलेंडर की आपूर्ति के समय डिस्ट्रीब्यूटर के कर्मचारियों के पास वजन तोलने का उपकरण होना चाहिए और गैस  का वजन तोलने के बाद ही सिलेंडर ग्राहक को दिया जाना चाहिए।
न्यायमूर्ति जी एस सिंघवी और एस जे मुखोपाध्याय की पीठ ने सरकार से कहा है कि इस बारे में ग्राहकों को उनके अधिकारों की जानकारी देने के लिए दूरदर्शन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञापन दे।

सेन्य समझौतों पर आस्ट्रेलिया से होगी बात


सेन्य समझौतों पर आस्ट्रेलिया से होगी बात

(रश्मि सिन्हा)

नई दिल्ली (साई)। भारत और ऑस्ट्रेलिया, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई सहित सुरक्षा और रक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हो गए हैं। दोनों पक्ष असैन्य परमाणु ऊर्जा सहयोग पर समझौते के लिए बातचीत शुरू करने पर भी सहमत हो गए हैं। दोनों देशों ने अंतरिक्ष, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, शिक्षा, छात्रों के कल्याण, कौशल विकास और वस्त्र क्षेत्र में चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
भारत की यात्रा पर आई ऑस्ट्रेलिया की प्रधानमंत्री जूलिया गिलार्ड के साथ कल नई दिल्ली में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि दोनों देश ऊर्जा, सुरक्षा, जल प्रौद्योगिकी भागीदारी की स्थापना और सजायाफ्ता कैदियों को उनके देश में भेजने के लिए समझौता शुरू करने पर भी सहमत हुए।
उन्होंने कहा कि हम दोनों देशों के बीच शिखर स्तर के द्विपक्षीय या बहुपक्षीय सम्मेलनों में वार्षिक बैठक करने पर सहमति हुई है। दोनों देश ऊर्जा, सुरक्षा, जल प्रोद्योगिकी में भागीदारी के बारे में मंत्री स्तरीय वार्ता शुरू करने और सजायाफ्ता कैदियों को उसके देश में भेजने पर भी बातचीत शुरू करने पर सहमत हुए हैं।
सुश्री गिलार्ड ने कहा कि भविष्य में दोनों देश सुरक्षा-वार्ता और जल प्रबंधन के अलावा द्विपक्षीय असैन्य परमाणु समझौते पर भी बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि हम निकट भविष्य में असैन्य परमाणु सहयोग के बारे में बातचीत शुरू करने पर सहमत हो गए हैं। इस मामले में मेरी पार्टी और सरकार की नीति में परिवर्तन को देखते हुए यह स्वयं मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
वहीं दूसरी ओर भारत और ऑस्ट्रेलिया ने आपसी व्यापार बढ़ाकर २०१५ तक ४० अरब अमरीकी डॉलर करने का लक्ष्य रखा है। नई दिल्ली में कल भारतीय उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए ऑस्ट्रेलिया की प्रधानमंत्री जूलिया गिलाड् ने कहा कि एशिया में तेजी से हो रहे परिवर्तनों से भारत में विकास का एक नया ढांचा विकसित हो रहा है। हमारे संवाददाता ने बताया है कि दोनों देशों के बीच आपसी व्यापार फिलहाल २१ अरब डॉलर का है।
इससे पहले सुश्री जूलिआ गिलाड् ने कल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की और आपसी तथा विभिन्न बहुपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की।

जयराम बने भूमिसुधार कार्यदल के अध्यक्ष


जयराम बने भूमिसुधार कार्यदल के अध्यक्ष

(प्रियंका)

नई दिल्ली (साई)। सरकार ने भूमि सुधार के मुद्दों पर काम करने के लिए एक कार्यदल बनाया है। ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश को इसका अध्यक्ष और जनजातीय मामलों के मंत्री किशोर चंद्र देव को इसका उपाध्यक्ष बनाया गया है। सरकार और राष्ट्रीय भूमि सुधार नीति के लिए आंदोलन करने वाले जन सत्याग्रह के कार्यकर्ताओं के बीच पिछले सप्ताह हुए समझौते के तहत यह कार्यदल बनाया गया है।
आंदोलन के नेता पी वी राजगोपाल, तृणमूल कांग्रेस के सांसद डी बंदोपध्याय, योजना आयोग के सदस्य मिहिर शाह, बी एन  युगेंद्र, अरूणा रॉय, प्रवीण झा, बीना अग्रवाल और विदेह उपाध्याय इस कार्यदल के सदस्य हैं।  राष्ट्रीय सलाहकार परिषद और भूमि संसाधन, पंचायतीराज,  जनजातीय कल्याण तथा कानून विभाग के सचिव भी इस समिति के सदस्य होंगे। कार्यदल की पहली औपचारिक बैठक अगले महीने की १६ तारीख को होगी।

पुलिस सुधार पर चला कोर्ट का डंडा


पुलिस सुधार पर चला कोर्ट का डंडा

(महेश रावलानी)

नई दिल्ली (साई)। उच्चतम न्यायालय ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि उसने पुलिस तंत्र में सुधारों के लिए छह साल पहले जो निर्देश दिए थे, उनके पालन में हुई प्रगति का ब्यौरा दें।
प्रधान न्यायाधीश अल्तमस कबीर और न्यायाधीश एस एस निज्जर तथा जे चेलामेश्वर की पीठ ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा है कि हलफनामा देकर बताएं कि उच्चतम न्यायालय ने २२ सितंबर, २००६ के अपने फैसले में पुलिस तंत्र में सुधार के जो कदम बताए थे वे किस हद तक लागू किए गए।
उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक ने अदालत को बताया था कि उसके आदेशों को राज्य सरकारों ने पूरी तरह लागू किया या नहीं इसके बारे में कुछ पता नहीं है। इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने यह आदेश जारी किए। श्री प्रकाश सिंह की जनहित याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने २००६ में पुलिस तंत्र में सुधार के लिए कई कदम उठाने के आदेश दिए थे।

गड़करी के दूत बने शरद!


गड़करी के दूत बने शरद!

शरद के सहारे लाल किले पर झंडा फहराने का स्वप्न देखते गड़करी!

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। भारतीय जनता पार्टी के निजाम नितिन गड़करी ने अगले आम चुनावों के लिए रोड मेप तैयार करना आरंभ कर दिया है। एक के बाद एक रूठे भाजपाईयों को मनाकर उनकी घर वापसी के बाद अब गड़करी की ने नाराज सहयोगी दलों को मनाने के लिए राजग संयोजक शरद यादव को अपना अघोषित दूत बना लिया है। उधर, अरविंद केजरीवाल की गड़करी के खिलाफ होती तेज धार ने अब शरद यादव को सोचने पर विवश अवश्य ही किया होगा।
भारतीय जनता पार्टी के नेशनल हेडक्वार्टर 11, अशोक रोड़ से छन छन कर बाहर आ रही खबरांें पर अगर यकीन किया जाए तो अगले आम चुनावों में सत्ता पर काबिज होकर 7, आरसीआर यानी रेस कोर्स रोड़ (भारत गणराज्य के वजीरे आज़म का सरकारी आवास) को अपना आशियाना बनाने की चाहत में दबे और सधे पांव चलने वाले नितिन गड़करी ने कुछ नए प्रयोग आरंभ किए हैं।
भाजपा में दूसरी पारी पाने वाले अध्यक्ष नितिन गड़करी के करीबी सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि गड़करी ने शरद पंवार को पाबंद किया है कि वे राजग के सहयोगी दलों के साथ मिलकर उन्हें एक सूत्र में पिरोने का काम करें। जिन दलों को राजग में भाजपा फूटी आंख नहीं सुहा रही है उन्हें भाजपा के साथ तालमेल करने को राजी किया जाए।
त्रणमूल कांग्रेस की नेत्री ममता बनर्जी के लिए पश्चिम बंगाल के अलावा अन्य राज्यों में कथित तौर पर आधार बनाने का काम शरद यादव द्वारा किए जाने का प्रोपोगंडाबहुत तेजी से किया गया है। इसके अलावा हैदराबाद में चंद्रा बाबू नायडू, और ओम प्रकाश चौटाला के लिए भी जनाधार जुटाने के लिए शरद यादव प्रयासरत दिख रहे हैं। कहा जा रहा है कि शरद यादव की पतवार से नितिन गड़करी इस बार वेतरणी पार करने के इच्छुक हैं।
शरद यादव के एक करीबी मित्र ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर समाचार एजेंसी ऑफ इंडियासे चर्चा के दौरान कहा कि शरद यादव द्वारा जिन प्रदेशों में ममता, चौटाला और नायडू के लिए माहौल बनाया जा रहा है वहां जदयू तो पूरी तरह प्रभावहीन ही है। बेहतर होता कि शरद यादव अपने घर को मजबूत करने का प्रयास करते ना कि अन्य सहयोगी दलों को।
शरद यादव द्वारा भाजपाध्यक्ष नितिन गड़करी के लिए दूत का काम करने से बिहार में नितीश कुमार की पेशानी पर पसीने की बूंदे साफ दिखने लगी हैं। दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार द्वारा नरेंद्र मोदी के मसले पर भाजपा से नाता तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। शरद यादव के इस कदम को नितीश समझ नहीं पा रहे हैं और एक कदम आगे दो कदम पीछे की तर्ज पर वे कदम ताल करते नजर आ रहे हैं।
अरविंद केजरीवाल को भाजपा द्वारा कांग्रेस का एजेंट बताने पर केजरीवाल बुरी तरह भडक गए हैं। हाल ही में उन्होंने भाजपाध्यक्ष नितिन गडकरी के खिलाफ सौ एकड़ जमीन के घोटाले का खुलसा किया है। इस घोटाले के बारे में जब शरद यादव से पूछा गया तो उन्होंने मौन साधते हुए बस इतना ही कहा कि गड़करी सक्षम हैं उनकी पार्टी इसका जवाब दे।
उधर, नितिन गड़करी चाह रहे हैं कि अटल बिहारी बाजपेयी के समय जिन दलों ने सरकार बनवाने में सहयोग दिया था वे सभी इस बार भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं किन्तु समस्या यह सामने आ रही है कि भाजपा का हिन्दुत्ववादी चेहरा ही इन दलों की राह में शूल बो रहा है। सहयोगी दलों के लिए सबसे बड़ी दिक्कत यह सामने आ रही है कि अगर वे भाजपा के पक्ष में खुलकर आती हैं तो उनका मुस्लिम वोट बैंक फिसल जाएगा।