मंगलवार, 15 मार्च 2011

अगले राष्ट्राध्यक्ष के लिए चल गया प्रणव मुखर्जी का नाम

 
दिग्गी के तीर से चित्त हुए प्रणव दा

पीएम इन वेटिंग की लिस्ट से बाहर हो रहे हैं प्रणव

सी.रंगाराजन या अहलूवालिया हैं वित्त मंत्री के तौर पर पीएम की पसंद

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी भले ही कांग्रेस के लिए संकट मोचक की भूमिका में सदा से रहे हों, किन्तु इक्कीसवीं सदी के कांग्रेस के चाणक्य राजा दिग्विजय सिंह के सामने वे कद में बोने ही नजर आ रहे हैं। डॉ.मनमोहन सिंह की बिदाई के लिए बिछाई जा रही बिसात के बाद पीएम के सबसे ताकतवर दावेदार प्रणव मुखर्जी को अगला राष्ट्रपति बनाने के लिए माहौल तैयार होने लगा है।
कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने मंत्रीमण्डल फेरबदल में गृह मंत्री के साथ ही साथ उप प्रधानमंत्री का ओहदा मांगा था। कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी ने इसके लिए सैद्धांतिक तौर पर सहमति भी दे दी गई थी। कांग्रेस प्रबंधकों को लगा कि अगर एसा हुआ तो अगले प्रधानमंत्री के तौर पर प्रणव मुखर्जी सशक्त दावेदार बनकर उभर सकते हैं।
सूत्रों ने आगे कहा कि मंत्री मण्डल फेरबदल के ऐन पहले सोनिया और राहुल गांधी के अघोषित राजनैतिक सलाहकार एवं ताकतवर महासचिव राजा दिग्विजय सिंह ने सोनिया गांधी को एक एसा मंत्र दे दिया कि प्रणव मुखर्जी चारो खाने चित्त ही नजर आए। सूत्रों ने बताया कि सोनिया को बताया गया कि चूंकि अगले साल महामहिम राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल सेवानिवृत्त होने वाली हैं, अतः उनके स्थान पर किसी न किसी को बिठाना ही होगा। प्रणव मुखर्जी चूंकि बहुत अनुभवी हैं, और कांग्रेस के प्रति उनकी निष्ठा और ईमानदारी पर कोई प्रश्न चिन्ह नहीं लगा सकता है, अतः बेहतर होगा कि प्रणव मुखर्जी को अगला राष्ट्राध्यक्ष बना दिया जाए।
सोनिया को यह मशविरा जमा, और उन्होंने अगले वित्त मंत्री का नाम सुझाने की बात भी की। बताते हैं कि इस मामले में प्रधानमंत्री की पसंद रिजर्व बैंक के गर्वनर सी.रंगाराजन और योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया हैं, जिन पर सोनिया गांधी ने अपनी सहमति भी जता दी है।
सूत्रों के अनुसार इस मामले में सोनिया गांधी ने अपनी मंशा से वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी को आवगत करा दिया है। थोड़ी ना नुकुर के बाद प्रणव मुखर्जी ने अपनी सहमति जता भी दी। प्रणव के करीबियों का कहना है कि प्रणव के प्रधानमंत्री बनने के मार्ग में काफी हद तक शूल ही शूल नजर आ रहे हैं, इसलिए उन्होंने भी रायसीना हिल्स पर पांच सालों के लिए कब्जा करने पर अपनी सहमति जता दी है। जानकारों का कहना है कि 7, रेसकोर्स रोड (प्रधानमंत्री का सरकारी आवास) को अपना आशियाना बनाने की तमन्ना अपने में रखने वाले कांग्रेस महासचिव राजा दिग्विजय सिंह ने अपने प्रधानमंत्री बनने की राह के एक एक शूल को चुनकर उनका शमन करना आरंभ कर दिया है।