गुरुवार, 5 अप्रैल 2012

ईमानदार वर्सेस ईमानदार की है जंग


ईमानदार वर्सेस ईमानदार की है जंग

सिंह, अंटोनी विवाद में सेना का पड़ला भारी

कांग्रेस से दो बार बगावत कर चुके हैं अंटोनी


(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। यूं तो राजनीति को काजल की कोठरी कहा जाता है, किन्तु इस कोठरी में रक्षा मंत्री अर्कापरोबिल कुरीन अंटोनी, (ए.के.अंटोनी) को सियासी गलियारों में बेहद ईमानदार समझा जाता है पर पहली बार उनका पाला सेना के एक अन्य अति ईमानदार जनरल विजय कुमार सिंह से पड़ा है। दोनों ही ईमानदारों के बीच छिड़ी जंग में देश की जनता सियासत का साथ देने के बजाए अब सेना के साथ खड़ी नजर आ रही है।
रक्षा मंत्री अंटोनी ने राजनीति की काजल भरी कोठरी में संभल संभल कर चलते हुए अनेक मुकाम हासिल किए हैं। अब तक उनकी घोषित संपत्ति कुल 37 लाख 30 हजार 961 रूपए की है। जिसमें से चल संपत्ति सात लाख तीस हजार नो सौ इकसठ और अचल तीस लाख रूपए की है। सालों साल सियासत में रहने के बाद भी अंटोनी की संपत्ति इतनी कम होना ही उनकी ईमानदारी का परिचायक माना जा सकता है।
मूलतः कट्टर कांग्रेसी समझे जाने वाले ए.के.अंटोनी ने कांग्रेस से बगावत का झंडा दो मर्तबा उठाया है। पहली बार 1978 में देवराज अर्स के नेतृत्व वाली कांग्रेस अर्स में अंटोनी, वायलर रवि, शरद पंवार और अंबिका सोनी जैसी हस्तियों ने कांग्रेस का दामन छोड़ दिया था। इसके बाद अंटोनी ने 1982 में कांग्रेस ए का गठन अपने ही नेतृत्व में किया। अमूमन पार्टी छोड़कर जाने वाले नेताओं की पूछ परख घर वापसी के बाद कम हो जाती है पर कांग्रेस में नेताओं की कमी का आलम यह है कि आज अंबिका सोनी, ए.के.अंटोनी, वायलर रवि कांग्रेस के कोटे से तो शरद पंवार राकांपा से मंत्री हैं।
उधर, दूसरी ओर अंटोनी से लगभग 11 साल छोटे जनरल विजय कुमार सिंह का अपना निराला अंदाज लोगों को अकर्षित किए बिना नहीं है। आयु विवाद में सरकार की नाक में दम करने वाले जनरल विजय कुमार सिंह के साथ देश के अधिकांश वाशिंदे खड़े नजर आ रहे हैं। हालात देखकर लगने लगा है कि मानो लोगों का जनसेवकों, राजनेताओं पर से विश्वास उठ गया हो। अंटोनी के करीबी भले ही उनके जबर्दस्त ईमानदार होने का दावा करें किन्तु उनके सामने खड़े ईमानदार जनरल के सामने अंटोनी को सरकार और जनता को जवाब देते नहीं बन पा रहा है।
रायसीना हिल्स स्थिति देश के सबसे ताकतवर और सत्ता के केंद्र साउथ ब्लाक में जनरल विजय कुमार सिंह और रक्षा मंत्री ए.के.अंटोनी का कार्यालय एक ही तल पर स्थित है। साउथ ब्लाक स्थित रक्षा मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि जबसे पत्र लीक हुआ है उसके बाद से जनरल सिंह और अंटोनी के बीच दुआ सलाम का आदान प्रदान भी नहीं हुआ है।
सत्ता और सेना के बीच खाई इस कदर खुद चुकी है कि वज़ीरे आज़म को पत्र लीक होने के मामले में जब संसद और प्रेस में रक्षा मंत्री अंटोनी सफाई दे रहे थे, तब सेना के प्रमुख उनके साथ ही नहीं थे। उस वक्त सेना प्रमुख जनरल विजय कुमार सिंह अपने तयशुदा प्रोग्राम के तहत जम्मू काश्मीर की वादियां निहार रहे थे। दोनों ही के बीच विरोधाभास उस वक्त भी नजर आया जब रक्षा मंत्री की प्रेस कांफ्रेंस के पहले ही जनरल के कार्यालय ने पत्र लीक होने के मामले में खण्डन जारी कर दिया।
रक्षा मंत्री अर्कापरोबिल कुरीन अंटोनी को सरवाईकल स्पोंडिलाईसिस की बीमारी है। उनकी गर्दन की इस बीमारी के चलते उन्हें बार बार चिकित्सकों से सलाह मशविरा करना पड़ता है, गर्दन की कसरत और गरदन में पट्टा भी बांधना पड़ता है। जब से जनरल विवाद आरंभ हुआ है तबसे अंटोनी को गर्दन के दर्द के लिए चिकित्सकों के पास जाने की फुर्सत भी नहीं मिल पाई है।
हर मामले में अपनी राय देने वाले कांग्रेस के अनेक क्षत्रपों की जनरल और अंटोनी विवाद में खामोशी भी रहस्यमय मानी जा रही है। कहा जा रहा है कि मनमोहन सिंह के बाद प्रधानमंत्री या महामहिम राष्ट्रपति पद के लिए सोनिया गांधी की पहली पसंद हैं अंटोनी। इस विवाद से अंटोनी का ग्राफ और विश्वसनीयता तेजी से गिरी है, जिसका लाभ कांग्रेस के अनेक क्षत्रप उठाने की जुगत में दिख रहे हैं।
उधर, रक्षा मंत्री अर्कापरोबिल कुरीन अंटोनी के करीबी सूत्रों का कहना है कि जनरल विजय कुमार सिंह ने अंटोनी की रातों की नींद और दिन का चैन उड़कर रख दिया है। अंटोनी को तब तक आराम नहीं मिलने वाला जब तक जनरल सिंह सेवा निवृत नहीं हो जाते या फिर उन्हें जबरिया अवकाश पर नहीं भेज दिया जाता है।

शिव ने मांगा पित्रोदा से सहयोग


शिव ने मांगा पित्रोदा से सहयोग

(विपिन सिंह राजपूत)

नई दिल्ली (साई)। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय ज्ञान आयोग के अध्यक्ष सैम पित्रोदा से भेंटकर मध्यप्रदेश में कोर्ट ऑफ टूमारो अवधारणा पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि यह अवधारणा न्यायालयों के कार्यों में सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग से ऑन लाइन व्यवस्था करना है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस अवधारणा को साकार रूप प्रदान करने के लिए मध्यप्रदेश पहल करना चाहता है।
उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश के उज्जैन में नोलेज सिटी विकसित करने पर पहल की जा रही है। इसे कैसे आदर्श रूप दिया जा सके इस संबंध में भी राष्ट्रीय ज्ञान आयोग के अध्यक्ष श्री पित्रोदा से चर्चा की गयी है। उन्हांेने मध्यप्रदेश को इन दोनों कार्यों में सहयोग करने के लिए सहमति व्यक्त की है।
श्री पित्रोदा ने बताया कि न्यायालयों के कार्यों में सूचना प्रौद्योगिकी उपयोग के अनुभवों का कोर्ट ऑफ टूमारो अवधारणा को साकार रूप देने के लिए मध्यप्रदेश में उपयोग करेंगे। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश के अधिकांशतय सभी क्षेत्रों में टेलीफोन नेटवर्क की उपलब्धता है इसका उपयोग करेंगे। उन्होंने बताया कि नेशनल नोलेज नेटवर्क से मध्यप्रदेश के सभी कालेजों को जोड़ेंगे। इसके साथ ही प्रदेश की सभी पंचायतों को भी आप्टीकल फाइबर केबल से (नेटवर्क) से जोड़ने का प्रयास करेंगे। इस अवसर मुख्यमंत्री के साथ वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तनखा एवं अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

मीडिया भय फैला रहा: प्रधानमंत्री


मीडिया भय फैला रहा: प्रधानमंत्री

(शरद खरे)

नई दिल्ली (साई)। प्रधानमंत्री ने सैनिक टुकड़ियों के दिल्ली की तरफ बढ़ने के बारे में मीडिया की खबरों को भय फैलाने वाली बताया है। कल नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में पद्म अलंकरण समारोह में डॉ० मनमोहन सिंह ने कहा कि रक्षामंत्री इस बारे में स्थिति स्पष्ट कर चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि सेनाध्यक्ष का पद बहुत प्रतिष्ठित है और ऐसा कुछ नहीं किया जाना चाहिए जिससे उसकी गरिमा कम हो। उधर रक्षामंत्री ने विशाखापत्तनम में एक प्रमुख समाचापत्र में छपी इस खबर को निराधार बताया कि जनवरी में सेना की दो महत्वपूर्ण इकाइयां किसी गलत इरादे से दिल्ली की तरफ बढ़ रहीं थी। उन्होंने कहा कि उस दिन सेना की गतिविधि सामान्य और सहज थी।
इस अवसर पर श्री एन्टनी ने सावधान किया कि सेनाओं की देशभक्ति, ईमानदारी और निष्ठा पर उंगली नहीं उठाई जानी चाहिए। रक्षामंत्री ने जोर देकर कहा कि उन्हें भारतीय सेनां पर गर्व है। अंटोनी ने कहा कि सैनिकों की देश भक्ति पर प्रश्न नहीं उठाया जाना चाहिए, जो छोटी उम्र में ही देश की रक्षा के लिए शहीद हो जाते है। रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्हें भारतीय सेना पर गर्व है। साथ ही साथ उन्होने कहा कि वे लोकतंत्र को कमजोर करने वाला कोई काम नहीं करेंगे, वे सच्चे देशभक्त हैं।

टूजी मामले में 13 को खुली अदालत में सुनवाई


टूजी मामले में 13 को खुली अदालत में सुनवाई

(प्रियंका श्रीवास्तव)

नई दिल्ली (साई)। उच्चतम न्यायालय ने टू-जी स्पैक्ट्रम के १२२ लाइसेंस रद्द करने के फैसले पर पुनर्विचार की केन्द्र की याचिका पर इस महीने की १३ तारीख को खुली अदालत में सुनवाई करने का फैसला किया है। लेकिन न्यायालय ने सात दूरसंचार कंपनियों और पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा की याचिकाओं सहित अन्य सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं।
न्यायालय ने केन्द्र की इस दलील को भी खारिज कर दिया है कि वह अपने उन निष्कर्षों पर भी फिर से गौर करें, जिनमें सरकारी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमे की मंजूरी शिकायतें दाखिल होने से पहले भी मांगी जा सकती हैं।

अभूषण निर्माताओं की बैठक कल


अभूषण निर्माताओं की बैठक कल

(महेश रावलानी)

नई दिल्ली (साई)। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कल नई दिल्ली में आभूषण निर्माताओं की बैठक बुलाई है, जो आम बजट में बिना ब्रांड वाले आभूषणों पर उत्पादन शुल्क में बढ़ोतरी का कड़ा विरोध कर रहे हैं। आभूषण निर्माताओं से कहा गया है कि वे बैठक के लिए अपने दो-दो प्रतिनिधि भेजें।
सरकार ने आम बजट में चांदी को छोड़कर अन्य कीमती धातुओं से बने बिना ब्रांड वाले आभूषणों पर एक प्रतिशत उत्पाद शुल्क लगाने की घोषणा की थी। कारीगरों और स्वर्णकारों सहित आभूषण निर्माताओं का कहना है कि यह उद्योग असंगठित और बिखरा हुआ है और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क कानून के प्रावधान लागू करने में उसे कठिनाई होगी।