बुधवार, 22 मई 2013

धर्म के प्रति षणयंत्र घातक: जगतगुरू


धर्म के प्रति षणयंत्र घातक: जगतगुरू

(अखिलेश दुबे)

सिवनी (साई)। जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा है कि शिर्डी के साईं बाबा का वर्णन हमारे किसी भी वेद या पुराण में नहीं है। एवं किसी महापुरूष को भगवान के रूप में पूजा जाना हमारे सनातन धर्म में संभव नहीं है, तथा यह धर्म को भ्रष्ट करने का सीधा-सीधा षणयंत्र है। विभिन्न जगहों पर भंडारों में बांटे जाने वाले पुलाव आदि के बारे में बोलते हुए शंकराचार्य ने कहा कि यह सब हमारे सनातन धर्म को भ्रष्ट करने का प्रयास हो रहा है।
मातृधाम में शंकराचार्य ने कहा कि प्रसाद ग्रहण करने के पूर्व यह ज्ञात होना आवश्यक होता है कि प्रसाद बनाने वाले की मंशा क्या है, और प्रसाद को तैयार करते वक्त पवित्रता का ध्यान रखा गया अथवा नहीं। शंकराचार्य ने उपस्थित भक्तगणों से इस बात को समर्थन देने का निर्देश दिया कि वे न तो किसी ऐसे स्थल पर जायेंगे जहां मृत आत्मा को भगवान बनाकर पूजा जाता है। एवं प्रसाद के रूप में लहसुन प्याज से बना हुआ पुलाव बांटा जाता हो।

सद्भाव ने नहीं बनाया ट्रामा यूनिट!


सद्भाव ने नहीं बनाया ट्रामा यूनिट!

(पीयूष भार्गव)

सिवनी (साई)। सिवनी जिले से होकर गुजरने वाले चतुष्गामी मार्ग के निर्माण में एक के बाद एक घपले हुए हैं। पांच सालों तक सिवनी से नागपुर मार्ग को खस्ताहाल रखा गया तो निर्माण करने वाली सद्भाव कंस्ट्रक्शन कंपनी ने ट्रामा यूनिट की स्थापना करना ही मुनासिब नहीं समझा।
एनएचएआई के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि एनएचएआई और सद्भाव के बीच हुए करार में इस बात का उल्लेख किया गया था कि सद्भाव कंपनी को सड़क निर्माण के साथ ही साथ स्कूल, ट्रक ले वे, इसके दोनों ओर ढाबे, अस्पताल विशेषकर एक ट्रामा यूनिट की स्थापना सिवनी में करना था।
सद्भाव कंपनी ने शीलादेही में बनाए गए ट्रक ले बे में भी कोई सुविधाएं प्रदाय नहीं की हैं। इतना ही नहीं सिवनी में इस कंपनी ने ट्रामा यूनिट की स्थापना भी नहीं की है। इस संबंध में कंपनी के सूत्रों ने साई न्यूज को बताया कि तत्कालीन जिलाधिकारी के साथ ही साथ विधायक सांसदों ने यह दलील दी थी कि चूंकि ट्रामा यूनिट जिला चिकित्साल मे।प्रस्तावित है अतः इसे बनाने की आवश्यक्ता नहीं है।
अगर कंपनी के सूत्रों की बात सच है तो यक्ष प्रश्न यही खड़ा हुआ है कि क्या एनएचएआई के करार को बदलने के लिए जिला कलेक्टर और विधायक सांसद अधिकृत हैं! अगर, कंपनी ने सिवनी में ट्रामा यूनिट की आधार शिला नहीं रखी तो क्या जिला प्रशासन अब इस कंपनी पर शस्ति निरूपित करने की कार्यवाही करेगा?
बताया जाता है कि सिवनी जिले में एनएचएआई के इस फोरलेन मार्ग पर होने वाली दुर्घटनाओं में घायलों को जिला चिकित्सालय लाया जाता है जहां चिकित्सा सुविधा के अभाव में उन्हें नागपुर ही रिफर किया जा रहा है, जिससे नागरिक नागपुर में मंहगे इलाज में लुटने पर मजबूर हैं।

सफेदपोश धोखेबाज हैं दिनेश राय: भीष्म पेट्रोलियम


सफेदपोश धोखेबाज हैं दिनेश राय: भीष्म पेट्रोलियम

(संजीव प्रताप सिंह)

सिवनी (साई)। सफेदपोश खद्दरधारी नेता के रूप में दिनेश राय उर्फ मुनमुन एक बहुत ही बड़े धोखेबाज हैं। इन्होने धोखाधड़ी कर पेट्रोल पंप हासिल किया है, और हमारे पेट्रोल पंप को बंद कराने में भी इनका बहुत बड़ा हाथ है।उक्ताशय की बात आज दूरभाष पर चर्चा के दौरान भीष्म पेट्रोलियम के संचालक द्वारा हिन्द गजट के साथ चर्चा के दौरान कही गई।
संचालक ने कहा कि एनएचएआई का एक सर्कुलर है कि टोल नाके चौारहे या जहां से सड़क में डिवाईडर समाप्त हो रहा हो वहां से एक किलोमीटर की दूरी में कोई भी पेट्रोल पंप स्थापित नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि दिनेश राय के नाम से आवंटित राय पेट्रोलियम की स्थापना ही एनएचएआई के नियम कायदों के प्रतिकूल की गई है।
संचालक के अनुसार अगर लखनादौन बायपास और टोल प्लाजा से राय पेट्रोलियम की दूरी नाप ली जाए तो यह एक किलोमीटर से कम ही निकलती है। बावजूद इसके राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने दिनेश राय के पेट्रोल पंप को आखिर अनुमति किस आधार पर दी है, यह शोध का विषय है।
भीष्म पेट्रोलियम के संचालक ने बताया कि 26 नवंबर को एचपीसीएल का डिपो ड्राय होने वाला है, यह सूचना उन्हें राय पेट्रोलिय के संचालक दिनेश राय उर्फ मुनमुन ने ही दी थी। दिनेश राय उर्फ मुनमुन ने उनसे स्टाक में माल रखने की बात कही और यह भी कहा था कि एक टेंकर बुलवाकर आधा आधा स्टाक में रख लेंगे।
उन्होंने आगे कहा कि अगले ही दिन एचपीसीएल की टीम उनके प्रतिष्ठान पर आई ओर टीम ने उनकी एक ना सुनी। संचालक ने उनके पेट्रोल पंप में मौजूद स्टाक का कारण भी बताया पर टीम ने उनका पंप बंद कर सस्पेंड कर दिया। इस तरह एकतरफा कार्यावाही निश्चित तौर पर किसी व्यक्ति विशेष के कहने पर ही संपन्न हुई होगी।
चर्चा है कि इसके बाद उपरी दिखावा करते हुए दिनेश राय उर्फ मुनमुन ने भीष्म पेट्रोलियम के संचालक के साथ हमदर्दी दिखाई और एचपीसीएल के आला अफसरान को अपने राजनैतिक रसूख का हवाला देकर देख लेने की बात कही गई। बताते हैं कि भीष्म पेट्रोलियम के संचालक दिनेश राय उर्फ मुनमुन की चिकनी चुपड़ी बातों में आ गए।
उधर एचपीसीएल के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि जब भीष्म पेट्रोलियम को बंद कर दिया गया तो उसके बाद एचपीासीएल ने सिवनी जिले के अपने समस्त डीलर्स को पत्र लिखकर उनसे इस पंप को चलाने हेतु प्रस्ताव मांगे। सिवनी जिले के हर डीलर ने बिजनिस एथिक्स को ध्यान में रखकर एचपीसीएल को प्रस्ताव नहीं भेजा।
सूत्रों ने साई न्यूज को आगे बताया कि कल तक भीष्म पेट्रोलियम के साथ हमदर्दी दिखाने वाले पूर्व में शराब व्यवसाई रहे और वर्तमान में लखनादौन मस्जिद के सरपरस्त दिनेश राय उर्फ मुनमुन ने इस प्रतिष्ठान के संचालन के लिए अपनी सहमति देकर सभी को चौंका दिया। चर्चा है कि छपास के रोगी बन चुके उक्त नेता नुमा ठेकेदार और पेट्रोल पंप संचालक लखनादौन नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष दिनेश राय उर्फ मुनमुन एक ओर तो भीष्म पेट्रोलियम के संचालकों के साथ हमदर्दी जताने का नाटक करते रहे वहीं दूसरी ओर बिजनिस एथिक्स को तोड़कर उन्होंने भीष्म पेट्रोलियम के संचालकों की पीठ पर छुरा घोंप दिया।
एनएचएआई के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि एनएचएआई में पूर्व में पाण्डे सीजेएम पदस्थ रहे हैं जिनका कनेक्शन लखनादौन से काफी पुराना है। पाण्डे के आगे नतमस्तक होकर ही राय पेट्रोलियम को छूट प्रदान की गई है। अगर इसकी जांच करवा ली जाए तो आज भी राय पेट्रोलियम का लाईसेंस ही रद्द हो सकता है।

कैसे आए सिवनी की बिगडै़ल यातयात व्यवस्था पटरी पर!


कैसे आए सिवनी की बिगडै़ल यातयात व्यवस्था पटरी पर!

(लिमटी खरे)

जिला मुख्यालय सिवनी में यातायात का बुरा हाल है। हर दस कदम पर एक बस स्टेंड है। हर सड़क पर यात्री वाहन रेंगते चलते हैं। रास्ते में सवारी मिल जाने पर वाहन किनारे करने की जहमत तक नहीं उठाते हैं बस चालक। बीच सड़क पर ही बस रोककर सवारी भरी जाती हैं। यहां बस सड़क पर यातायात के नियमों को तोड़ती नजर आती है वहीं दूसरी ओर यातायात पुलिस के दरोगा सिपाही दस कदम की दूरी पर पूरी मुस्तैदी के साथ दुपहिया वाहन चालकों या फिर ट्रेक्टर टक्सियों से चौथ वसूली में लगे रहते हैं।
सिवनी की बिगड़ैल यातायात व्यवस्था की स्थिति दिन प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है। शहर की सड़कों का सीना रोंदती टेक्सी, ट्रेक्टर, भारी वाहन, बस, दुपहिया और अर्थमूवर्स भी आवागमन को बाधित करने के साथ ही साथ यातायात के नियमों को धता बताती नजर आती है।
सिवनी की सड़कें अब अतिक्रमण के चलते तंग गलियों में तब्दील हो गई हैं। रात होते ही चौड़ी सड़कें सूरज के निकलने के बाद सकरी गलियों में तब्दील होने लगती हैं। सड़कों के किनारों का फुटपाथ अतिक्रमण की भेंट चढ़ गया है। शहर के बाजार में बुरे हाल हैं। व्यापारियों ने अपने अपने प्रतिष्ठान के सामने की सड़क पर सामान बिखरा रखा है। सड़क का उपयोग पार्किंग के लिए किया जा रहा है।
हिन्द गजट को दिए पहले साक्षात्कार में जिला कलेक्टर भरत यादव एवं जिला पुलिस अधीक्षक मिथलेश शुक्ला ने शहर की यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए ठोस पहल का आश्वासन दिया था। इस संबंधमें यातायात व्यवस्था को लेकर एक अहम बैठक का आयोजन भी किया गया था, किन्तु दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि नतीजा सिफर ही रहा।
नेशनल परमिट पर अवैध रूप से स्टेट कैरिज के रूप में यात्री वाहनों का संचालन होता है। नेशनल या टूरिस्ट परमिट में एक स्थान से दूसरे स्थान तक यात्रियों को ले जाने के लिए अर्थात ओरिजनेशन टू डेस्टीनेशन के लिए होता है। स्टेट कैरिज में वाहन उन स्थानो।पर रूककर यात्रियों को उतार और चढ़ा सकता है जहां जहां का परिमट उसे परिवहन आयुक्त द्वारा दिया जाता है।
अवैध रूप से चलने वाली वीडियो कोच यात्री बसों के चलते मध्य प्रदेश सड़क परिवहन निगम का बट्टा बैठ चुका है। अस्सी के दशक के आरंभ के साथ ही अवैध टूरिस्ट परमिट बसों का संचालन सिवनी में आरंभ हुआ था। उस समय तारा ट्रेवल्स रीवा की नागपुर इलाहाबाद और प्रयाग ट्रेवल्स की परासिया इलाहाबाद बस संचालित होती थी। ये बस एक मिनिट को सिवनी में बस स्टेंड पर रूका करती थीं। उस दौर में इन पर कोई सख्ती नहीं की गई। आज ना जाने कितनी अवैध बसें सड़कों का सीना चीर रही हैं। यही कारण है कि मध्य प्रदेश सड़क परिवहन निगम तालाबंदी की ओर अग्रसर हुआ।
आज यातायात पुलिस की नजरों के सामने से बस स्टेंड पर एक दरवाजे वाली बस आती जाती हैं। इतना ही नहीं स्लीपर कोच भी अवैध रूप से ही संचालित हो रही हैं। बस स्टेंड परिसर के अंदर ही यातायात पुलिस की चौकी भी स्थापित है, क्या यातायात पुलिस के नुमाईंदों को एक दरवाजे वाली बस दिखाई नहीं देती है? अगर दिखाई दे रही है तो इस पर कार्यवाही क्यों नहीं की जाती? क्या जिला पुलिस अधीक्षक मिथलेश शुक्ल अपने मातहत यातायात प्रभारी से यह पूछने की जहमत उठाएंगे कि अब तक कितनी एक दरवाजे वाली बस के चालान किए गए?
यातायात पुलिस महज रस्म अदायगी के लिए दो पहिया वाहन चालकों का चालान बनाकर उनसे राजस्व वसूली का काम करती है। यात्री बसों का एक चालान हर महीने का तय है। क्या कारण है कि हर महीने बस एक चालान कर ही यातायात पुलिस मौन साध लेती है?
बस स्टेंड पर भी अराजकता साफ दिखाई देती है। जिसका जहां मन आता है वहां वाहन खड़ा कर देता है। सोहाने पेट्रोल पंप के पीछे की ओर मेक्सी कैब का कब्जा है तो मुख्य बस स्टेंड वैध और अवैध यात्री बसों का कोहराम मचा हुआ है। प्राईवेट बस स्टेंड पर नागपुर और जबलपुर जाने वाली अवैध बस धमाचौकड़ी मचाती रहती हैं।
शहर के उपनगरीय इलाकों में नाकों पर नगर सेना के जवान तैनात हैं जिन पर आरोप है कि दस बीस रूपए की रिश्वत में ही ये ट्रेक्टर ट्राली, ट्रक आदि को शहर के अंदर आने की इजाजत दे देते हैं। शहर के अंदर तेजी से दौड़ते डंपर दुर्घटनाओं को न्योता देते नजर आते हैं। गांधी चौक पर अहिंसा स्तंभ में दबकर नारायण नामक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के भृत्य का निधन बस से दबकर हो गया था। सब्जी मंडी के पास वैशाली का निधन भी इसी बिगड़ेल यातायात के चलते ही हुआ था।
शहर के पाश इलाके बारपत्थर में नवधनाड्य और अन्य लोगों के साहेबजादे तेज रफ्तार में दो पहिया वाहन उड़ाते दिख जाते हैं। यातायात पुलिस कभी कभार बारापत्थर के मुख्य चौराहे पर वाहनों की चेकिंग की रस्म अदायगी करते नजर आते हैं। गले में लाल पीले हरे नीले स्कार्फ डाले युवा बारापत्थर में तेजी से वाहन चलाते हुए युवतियों पर फब्तियां भी कसते नजर आते हैं। इन आताताईयों के चलते अनेक नवयोवनाएं डर के मारे घर से निकलने में भी कतराती हैं। जिला प्रशासन समय रहते उचित कदम उठाए वरना आने वाले समय में सिवनी की यातायात व्यवस्था को संभालना एक टेड़ी खीर ही साबित होगा।