धर्म के प्रति
षणयंत्र घातक: जगतगुरू
(अखिलेश दुबे)
सिवनी (साई)।
जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा है कि शिर्डी के साईं बाबा
का वर्णन हमारे किसी भी वेद या पुराण में नहीं है। एवं किसी महापुरूष को भगवान के
रूप में पूजा जाना हमारे सनातन धर्म में संभव नहीं है, तथा यह धर्म को
भ्रष्ट करने का सीधा-सीधा षणयंत्र है। विभिन्न जगहों पर भंडारों में बांटे जाने
वाले पुलाव आदि के बारे में बोलते हुए शंकराचार्य ने कहा कि यह सब हमारे सनातन
धर्म को भ्रष्ट करने का प्रयास हो रहा है।
मातृधाम में
शंकराचार्य ने कहा कि प्रसाद ग्रहण करने के पूर्व यह ज्ञात होना आवश्यक होता है कि
प्रसाद बनाने वाले की मंशा क्या है, और प्रसाद को तैयार करते वक्त पवित्रता का
ध्यान रखा गया अथवा नहीं। शंकराचार्य ने उपस्थित भक्तगणों से इस बात को समर्थन
देने का निर्देश दिया कि वे न तो किसी ऐसे स्थल पर जायेंगे जहां मृत आत्मा को
भगवान बनाकर पूजा जाता है। एवं प्रसाद के रूप में लहसुन प्याज से बना हुआ पुलाव
बांटा जाता हो।
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