महिला
कैदी ने लगाया जेल प्रशासन पर आरोप
(रश्मि
सिन्हा)
नई दिल्ली
(साई)। धोखाधड़ी और फर्जीवाड़ों के कई मामलों में आरोपित तिहाड़ जेल में बंद एक महिला
कैदी ने जेल वार्डन पर उससे पैसे ऐंठने के लिए एचआईवी पॉजीटिव महिला कैदियों की मदद
से उत्पीड़न का आरोप लगाया है। इस संबंध में महिला कैदी ने तीस हजारी अदालत का दरवाजा
खटखटाते हुए न्याय की गुहार लगाई है।
चीफ मेट्रोपॉलिटन
मजिस्ट्रेट विनोद यादव के समक्ष आवेदन दायर करते हुए महिला कैदी हनी शर्मा ने खुद को
एड्स होने की आशंका जताई है। उसने बताया है कि वह तिहाड़ की जेल नंबर छह में है। वह
पिछले तीन माह से यहां है और 11 मामलों में सुनवाई का सामना कर रही है।
उसके
साथ उसकी दो वर्षीय बेटी भी है। हनी शर्मा ने अदालत को बताया कि हेड वार्डन और वार्डन
धन को लेकर उसका उत्पीड़न कर रहे हैं। वार्डनों ने उसे बुरी तरह पीटा और एड्स मरीज से
अपने नाखून से उसे खरोंच लगाने को कहा। महिला ने आरोप लगाया कि जेल उपाधीक्षक और जेल
कर्मचारियों के समक्ष उसे करीब घंटे भर पीटा गया और ये अधिकारी मूकदर्शक बने रहे।
उसका
यह भी आरोप है कि उसकी बेटी के साथ भी बुरा बर्ताव किया गया और उसे अस्पताल जे जाने
के उसके अनुरोध को भी खारिज कर दिया। गौरतलब है कि हनी शर्मा अपने पति विपिन शर्मा
और अन्य व्यक्तियों सचिन शर्मा, हर्षद आलम, भूपेंद्र, अमन आलम के साथ धोखाधड़ी, फर्जीवाड़े और साजिश के अलावा पासपोर्ट एक्ट के तहत कई मामलों में आरोपी है।
उन पर दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में फर्जी पासपोर्ट और वीजा का रैकेट चलाने का आरोप है।
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