सोमवार, 8 अप्रैल 2013

बाबा के दरबार में फरारी काट रहा आरोपी बाबा


बाबा के दरबार में फरारी काट रहा आरोपी बाबा

(मणिका सोनल)

नई दिल्ली (साई)। बहुजन समाज पार्टी के नेता दीपक भारद्वाज के सनसनीखेज हत्या के मामले में आरोपी फरार 48 वर्षीय बाबा मछिद्रानंद उर्फ प्रतिभानंद नामदेव चोरमल के बारे में पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग मिल गए हैं। कहा जा रहा है कि बाबा ने दाढ़ी मूंछ कटवाकर अब आम आदमी की तरह शिरडी के बाबा के दरबार में शरण ली है।
बीएसपी नेता दीपक भारद्वाज के मर्डर केस में वॉन्टेड बाबा मछिद्रानंद उर्फ प्रतिभानंद नामदेव चोरमल (48) का सुराग मिल गया है। उम्मीद है कि वह जल्द ही पुलिस की पकड़ में आ जाएगा। बाबा का सुराग उसकी महिला मित्र से मिला। बाबा शिरडी में है। उसने दाढ़ी और बाल कटवा दिए हैं।
पुलिस सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि साउथ डिस्ट्रिक्ट पुलिस को जानकारी मिली थी कि सैनिक फार्म की एक कोठी में रहने वाली महिला से बाबा ने फोन पर संपर्क किया है। एसटीएफ के इंस्पेक्टर राजेंद्र सिंह की टीम और महिला पुलिसकर्मी सैनिक फार्म से उस महिला को वसंत विहार थाने ले गई।
पुलिस सूत्रों ने साई न्यूज को आगे बताया कि महिला ने साधु के बारे में काफी जानकारी दी। उसने बताया कि बाबा ने फरार होने के बाद उसे फोन किया था। उसने महिला से अपने हालात के बारे में बताया था। पुलिस ने बताया कि सैनिक फार्म निवासी महिला को बाबा ने फोन कॉल महाराष्ट्र में पीसीओ से की थी। पुलिस को इस महिला ने बताया कि बाबा शिरडी में एक आश्रम में आएगा। फतेहपुर बेरी के एसएचओ वेदप्रकाश की टीम वहां पहुंची, लेकिन बाबा वहां से जा चुका था।
सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ ऑफ इंडिया को आगे बताया कि बाबा की महिला मित्र को यह हिदायत देकर छोड़ दिया गया कि वह बाबा को दिल्ली से कोई जानकारी न दे और उसकी लोकेशन का पता लगते ही पुलिस को खबर दे। महाराष्ट्र में मौजूद पुलिस टीम को वहां जानकारी मिली है कि बाबा जल्द ही एक ठिकाने पर आएगा। सीनियर पुलिस अफसर ने बताया कि जल्द ही बाबा पुलिस की पकड़ में होगा। उनके मुताबिक शिरडी में जानकारी मिली है कि बाबा ने अपनी दाढ़ी और बाल कटवा दिए हैं।
स्वामी मछिंद्रानाथ के पकड़ में आने के बाद रहस्यमयी बन चुके इस मर्डर केस का राज खुल सकेगा। पुलिस ने बताया कि इस वारदात के मुलजिमों ने आपस में भी खासी चीटिंग की थी। बाबा को साजिशकर्ताओं से दो करोड़ रुपये में दीपक भारद्वाज के मर्डर का कॉन्ट्रैक्ट मिला था। उसने अपने भक्त पुुरुषोत्तम राणा उर्फ मोनू को एक करोड़ रुपये में इस कॉन्टै्रक्ट की सब-लेटिंग कर दी। मोनू ने अपने साथियों सुनील मान और अमित को धोखा दिया। उसने सुनील को बताया कि उसे मर्डर के बदले 30 लाख रुपये मिलेंगे। इस तरह वह खुद कुल 80 लाख रुपये रखना चाहता था, हालांकि उसे पेशगी के तौर पर बाबा ने दो लाख रुपये ही दिए थे।
मोनू ने पुलिस को बताया कि भारद्वाज के मर्डर के बाद वह तीनों छावला के नजदीक नानकहेडी गए थे। वहां मोनू का मौसेरा भाई प्रदीप रहता है। वहां से अमित बस पकड़ कर वापस अपने घर चला गया, जबकि मोनू और सुनील चरखी दादरी चले गए थे। वहां से उन्होंने स्कोडा के मालिक राकेश को फोन कॉल कर उसे सैंट्रो लेकर आने के लिए कहा था। राकेश के आने पर दोनों ने उसे उसकी स्कोडा वापस कर दी और सैंट्रो लेकर जींद चले गए थे।
तब तक उन्हें यह एहसास नहीं था कि पुलिस को सीसीटीवी फुटेज में स्कोडा का असली नंबर मिल चुका है। इस नंबर से राकेश पकड़ा गया और उससे इन दोनों के नाम पता चले। टीवी पर अपनी फुटेज देखकर दोनों फरार हुए। पुलिस का दबाव पड़ने पर दोनों ने उधार वापस न मिलने पर भारद्वाज के मर्डर की कहानी तैयार की और सरेंडर करने आ गए।

कोई टिप्पणी नहीं: