मंगलवार, 7 अगस्त 2012

सामान्य हो रहा है असम में जनजीवन


सामान्य हो रहा है असम में जनजीवन

(पुरबालिका हजारिका)

गुवहाटी (साई)। असम के हिंसा प्रभावित चिरांग जिले में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। पिछले ४८ घंटे में वहां से किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं मिली है। जिले में एहतियात के तौर पर अनिश्चितकालीन कर्फ्घ्यू जारी है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा बलों ने पिछले २४ घंटों के दौरान चिरांग जिले में ५५ असामाजिक तत्वों को हिरासत में लिया है।
मंत्रियों का एक समूह भी आज कोकराझार, चिरांग और धुबरी जिलों में राहत शिविरों का दौरा करेगा। असम के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने स्वास्थ्य विभाग को गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए अलग शिविर स्थापित करने तथा उन्हें पोषक आहार उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
इसी बीच समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को मिली जानकारी के अनुसार पिछले महीने से अशांत कोकराझार जिले में फिर से हिंसा होने से 3 व्यक्तियों की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए। राज्य में हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़ कर 64 हो गई है।
आईजी (कानून और व्यवस्था) एल आर बिश्नोई ने बताया बोडो चरमपंथियों ने कोकराझार पुलिस थाने के अंतर्गत आने वाले रानीबुली गांव में बीती रात अंधाधुंध गोलीबारी की जिससे तीन लोगों की मौत हो गई और दो गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों घायलों को गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज ऐंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। यहां पिछले महीने शुरू हुई हिंसा में मरने वालों की आधिकारिक संख्या बढ़ कर 64 हो गई है। बिश्नोई ने बताया कि तीनों मृतक धुबरी जिले की सीमा से लगने वाले लाखीगंज के रहने वाले थे।
घटना के बाद कोकराझार जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया है। समीपवर्ती चिरांग जिले में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू जारी है। वहां फिर से आगजनी की खबरें हैं। बिश्नोई ने बताया कि चिरांग में रविवार रात कुछ मकानों को आग लगा दी गई थी लेकिन पुलिस ने समय पर कार्रवाई की और बड़ी घटना टल गई।
चिरांग में आगजनी की घटना के सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। कोकराझार, चिरांग और धुबरी तीनों जिलों में सोमवार सुबह सेना ने फ्लैग मार्च किया। इन जिलों में बोडो आदिवासियों और अल्पसंख्यक समुदाय के बीच झड़पों की वजह से हिंसा हो रही है।

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