17 नवंबर को जम्मप-कश्मीेर मनाएगा अपना गणतंत्र दिवस!
(विनोद नेगी)
जम्मू (साई)। जम्मू और कश्मीर हाईकोर्ट की ओर से एक ऐसा कदम उठाया गया है
जिसके बाद पूरे देश में एक बहस छिड़ सकती है।
हाईकोर्ट ने एक याचिका को स्वीेकार किया है जिसमें याचिकाकर्ता की ओर से
17 नवंबर को इस राज्य का गणतंत्र दिवस
मनाने के लिए राज्यह सरकार से दिशा-निर्देश जारी करने को कहा गया है। हाईकोर्ट ने
इस याचिका को स्वीमकार करते हुए राज्य सरकार से इस पर अपनी स्थिति साफ करने को कहा
है।
जस्टिस डीएस ठाकुर की एक बेंच की ओर से जम्मू और कश्मीर सरकार के मुख्यड
सचिव और हाईकोर्ट के रजिस्टार की ओर से विधानसभा के स्पीकर और विधानपरिषद के
चेयरमैन को नोटिस भेजे गए हैं। हाईकोर्ट ने चार हफ्तों के भीतर इस नोटिस का जवाब
देने को कहा गया है। याचिकाकर्ता अब्दुरल कयूम खान की ओर से हाईकोर्ट के सामने
याचना की गई है कि राज्य की संवैधानिक संस्थओं को निर्देश दिया जाए कि वह राज्य के
आधिकारिक ध्वज को आधिकारिक वाहनों और अपने कार्यालयों में प्रयोग करें।
याचिकाकर्ता ने कहा है कि राज्य की संवैधानिक स्थिति और इसकी स्वाायत्त
भूमिका के बारे में अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं हैं। साथ ही राज्य का एक अलग संविधान
है और ऐसे में राज्य के ध्वज का ध्वकजारोहण न होना संविधान के खिलाफ है।
याचिकाकर्ता के मुताबिक राज्य के ध्वज का राज्यपाल, हाईकोर्ट के सम्मानित जजों की ओर से ध्वजारोहण न किया जाना
जम्मू एवं कश्मीार के संविधान के खिलाफ है। खान की ओर से दायर इस याचिका के
मुताबिक सभी संवैधानिक संस्थायओं को ध्वक का सम्मान करने के आदेश के साथ ही 17
नवंबर 1956 को राज्य के गणतंत्र दिवस के तौर पर घोषित कर इसे 17 नवंबर को इसके
मनाए जाने के निर्देश दिए जाएं।
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