एक आईडिया जो बदल
दे आपकी दुनिया . . . 28
दूरसंचार नीति में
उलझ गया आईडिया
एयरटेल ओर
वोडाफोन पर भी ट्राई की तिरछी नजर
(नन्द किशोर)
भोपाल (साई) थ्री
जी इंट्रा सर्किल रोमिंग के मामले में आदित्य बिरला के स्वामित्व वाली आईडिया
सेल्युलर और भारती एयरटेल एवं वोडाफोन ने अब सरकार को धमकाना आरंभ कर दिया है।
तीनों कंपनियों ने कहा है कि थ्री जी रोमिंग विवाद नहीं सुलटा तो वे उन्हें आवंटित
स्पेक्ट्रम को वापस कर देंगी। तीनों कंपनियों ने कहा है कि उन्हें उनके द्वारा जमा
की गई राशि ब्याज के साथ वापस दिलाई जाए।
तीन प्रमुख टेलीकॉम
कंपनियों भारती एयरटेल, आइडिया और वोडाफोन ने थ्रीजी रोमिंग समझौता विवाद का निपटारा
करने में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से दखल की मांग की है। उन्होंने चेताया है कि
यदि इस मुद्दे को नहीं सुलझाया जाता है तो वे आवंटित स्पेक्ट्रम को वापस कर देंगी।
तीनों कंपनियों ने एक पत्र में कहा है कि थ्री जी इंट्रा सर्किल रोमिंग (आईसीआर)
की अनुमति अब मुश्किल दिखती है।
पत्र में कहा गया
है कि ऐसे में यह उनके कांट्रैक्ट और नीलामी से पहले सरकार की ओर से दी गई सहमति
का उल्लंघन होगा। इस पत्र पर भारती एयरटेल के सुनील मित्तल, आइडिया के कुमार
मंगलम बिड़ला और वोडावान ग्रुप के सीईओ विटोरियो कोलाव के दस्तखत हैं। तीनों ने आगे
कहा है कि यदि ऐसा नहीं हो पाता तो हमारा आग्रह है कि स्पेक्ट्रम के लिए हमारी से
ओर से किया गया भुगतान ब्याज समेत वापस कर दिया जाए।
दूरसंचार मंत्रालय
और नियामक ट्राई ने तीनों कंपनियों के रोमिंग समझौते को अवैध करार दिया है। इनका
कहना है कि यह स्पेक्ट्रम साझा करने जैसा है, जबकि दूरसंचार नीति इसकी अनुमति नहीं देती।
पिछले साल हुई थ्रीजी स्पेक्ट्रम की नीलामी से सरकार को 68 हजार करोड़ रुपये हासिल
हुए थे। इनमें दूरसंचार कंपनियों को निश्चित सर्किल मिले थे, लेकिन बाद में
उन्होंने आपस में एक दूसरे से उन सर्किलों के लिए भी रोमिंग समझौता कर लिया, जहां के लिए नीलामी
में स्पेक्ट्रम हासिल नहीं हुआ था।
(क्रमशः जारी)
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