गुरुवार, 16 अगस्त 2012

एमपी जनसंपर्क का नया धमाल

एमपी जनसंपर्क का नया धमाल
 
स्‍वतंत्रता संग्राम सैनानियों का नाम लेने से गुरेज है पब्लिसिटी डिपार्टमेंट को

(नन्द किशोर)

भोपाल (साई)। मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग द्वारा नित नए कारनामे किए जा रहे हैं। कभी वह मध्य प्रदेश सरकार को मिले पुरूस्कार के बारे में बाद में मन मसोसकर खबर जारी करता है तो कभी कुछ। गुरूवार को जारी समाचारों में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सम्मान की हास्यास्पद खबर जारी कर जनसंपर्क विभाग ने तो मानो सारे रिकार्ड ही ध्वस्त कर दिए हैं।
मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी खबर में कहा गया है कि स्वाधीनता दिवस के उपलक्ष्य में बुधवार को राजभवन में स्वागत समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में राज्यपाल श्री राम नरेश यादव एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने शाल, श्रीफल भेंटकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को सम्मानित किया। राज्यपाल श्री यादव ने सभी अतिथियों को स्वाधीनता दिवस की बधाई और शुभकामना दी।
स्वागत समारोह में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, नगरीय प्रशासन मंत्री श्री बाबूलाल गौर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री कांतिलाल भूरिया, निगम-मंडलों के पदाधिकारी शामिल हुए। मुख्य सचिव श्री आर. परशुराम, पुलिस महानिदेशक श्री नन्दन दुबे, भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति श्री एस.के. सिंह, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति श्री पीयूष त्रिवेदी, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल की कुलपति श्रीमती निशा दुबे भी समारोह में उपस्थित थीं। सेना, पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारी, विभिन्न धर्मों के धर्म गुरू, गणमान्य नागरिक तथा पत्रकार भी स्वागत समारोह में शामिल हुए।
इस अवसर पर राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री विनोद सेमवाल और विधि अधिकारी श्री सी.सी. द्विवेदी तथा राजभवन के सभी अधिकारी-कर्मचारी भी उपस्थित थे।
इस संपूर्ण समाचार में नेता और अधिकारियों के बारे में तो सविस्तार बखान किया गया है कि वहां कौन कौन मौजूद थे, किन्तु जनसंपर्क विभाग ने यह बताने की जहमत कतई नहीं उठाई कि किन किन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का वहां सम्मान किया गया है। गौरतलब है कि 1947 के पूर्व के स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों की तादाद अब चंद ही बची है। 65 साल पहले हुए संग्राम में शामिल सैनानियों की आयु आज अस्सी को पार कर चुकी होगी।
यह शर्म की ही बात है कि जनसेवकों और नौकरशाहों को महिमा मण्डित करने की चाटुकारिता वाली परंपरा का संवंर्धन करते हुए मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी खबर में एक भी स्वतंत्रता संग्राम सैनानी का नाम अथवा कितने सैनानियों का सम्मान किया गया है इस बारे में एक भी लाईन लिखना मुनासिब नहीं समझा है।

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