फिल्म रिव्यू -
एक
था टाइगर
कलाकार - सलमान खान, कटरीना कैफ , रोशन सेठ, रणवीर शौरी, गिरीश कर्नाड
निर्माता - आदित्य
चोपड़ा
निर्देशक - कबीर
खान
महीने भर चला हॉट
और बोल्ड फिल्मों का सीजन एक था टाइगर के साथ इस हफ्ते खत्म हुआ। इस वीक बॉक्स
ऑफिस पर ऐसी फिल्म ने दस्तक दी, जिसे आप बेहिचक फैमिली के साथ देख सकते हैं।
सलमान ने अपने लंबे करियर में पहली बार यशराज बैनर की फिल्म की है। पहली बार कोई
हिंदी फिल्म दिल्ली-यूपी के पौने तीन सौ स्क्रीन पर रिलीज हुई। पहली बार किसी
फिल्म ने रिलीज से पहले देशभर में साढ़े पांच करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई सिर्फ
एडवांस बुकिंग पर की।
सलमान की इस फिल्म
की तुलना पिछली फिल्मों दबंग, रेडी और बॉडीगार्ड से नहीं की जा सकती।
दरअसल, फिल्म के
डायरेक्टर कबीर खान का फिल्म बनाने का नजरिया अलग है। कबीर की पिछली दोनों फिल्मों
काबुल एक्सप्रेस और न्यू यॉर्क में फिल्म के स्टार्स किरदार पर हावी नहीं हुए।
कबीर की इस फिल्म में सलमान ने भी अपनी पिछली मसाला फिल्मों में बनी इमेज से हटकर
कुछ अलग इमेज बनाने की कोशिश की है।
कबीर ने फिल्म में
दो पड़ोसी देशों (भारत-पाकिस्तान) की खुफिया एजेंसियों रॉ और आईएसआई के सीक्रेट
एजेंट की कार्यशैली को असरदार ढंग से पेश करने के बजाय कहानी को लव स्टोरी में बदल
दिया। करीब सवा दो घंटे की फिल्म में रॉ एजेंट टाइगर और आईएसआई एजेंट जोया की
प्रेम कहानी को ज्यादा फुटेज दी गई। टाइगर और जोया की इस लव स्टोरी के बीच टाइगर
का मिशन कहीं गुम होकर रह जाता है।
पाकिस्तान में फिल्म
के कुछ डायलॉग पर उठे विवाद के बाद लगता है कि कबीर ने कहानी में आईएसआई से जुड़े
कुछ डायलॉग को कट किया है। यशराज बैनर की यह पहली ऐसी फिल्म है, जो 50 करोड़ में बनी है।
सलमान और कटरीना पर फिल्माए गए एक्शन सीन हॉलिवुड के बेहतरीन एक्शन डायरेक्टर की
देखरेख में शूट हुए। वहीं, सलमान-कटरीना के लिए यह फिल्म बेहद खास है। इस जोड़ी की पिछली
फिल्म युवराज बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी थी।
अब जब बॉक्स ऑफिस
पर सलमान-कैट टॉप पर हैं, ऐसे में इन्हें बॉक्स ऑफिस पर साबित करना होगा कि दर्शकों में
इस जोड़ी का जबर्दस्त क्रेज है। इस्तानबुल, क्यूबा, लंदन कैपटाउन, टर्की की बेहतरीन
लोकेशन, दमदार
एक्शन, स्टंट सीन
सलमान के फैंस को थिएटर तक खींचने का दम रखते हैं।
फिल्म की कहानी
डबलिन में भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के जांबाज ऑफिसर टाइगर (सलमान खान) को एक
साइंटिस्ट (रोशन सेठ) पर नजर रखने के मिशन पर भेजा जाता है। इस मिशन में टाइगर के
साथ गोपी (रणवीर शौरी) भी है। दरअसल, रॉ को शक है कि यह साइंटिस्ट मिसाइल से जुड़ी
कुछ अहम जानकारियां दुश्मन मुल्क को दे रहा है। डबलिन रवाना होने से पहले टाइगर को
उसका बॉस (गिरीश कर्नाड) किसी तरह के खून खराबे से बचने की नसीहत देता है।
इससे पहले टाइगर
जिस मिशन पर गया, वहां से
खून खराबा करने के बाद ही लौटा। इस मिशन में टाइगर की मुलाकात जोया (कटरीना कैफ)
से होती है, जो उस
वैज्ञानिक के घर की केयर टेकर है। टाइगर वैज्ञानिक तक पहुंचने के अपने मिशन में
जोया की मदद लेता है। खैर, टाइगर अपने मकसद में कामयाब होता है और वैज्ञानिक के घर जा
पहुंचता है। यहीं उसका ऐसी हकीकत से सामना होता है, जिसकी कल्पना उसने
सपने में भी नहीं की थी।
एक्टिंग के मामले
में रॉ एजेंट के रोल में सलमान प्रभावित करते हैं। वहीं, उनकी बदली हुई इमेज
दर्शकों की उस क्लास को रास नहीं आएगी, जो सलमान की अपनी खास क्लास है। कटरीना कैफ
ने पहली बार कई अच्छे एक्शन सीन किए हैं, लेकिन क्लोज अप सीन्स में कटरीना और सलमान
की बढ़ती उम्र की झलक नजर आती है। रणवीर शौरी के लिए फिल्म में कुछ खास नहीं था।
रोशन सेठ जैसे काबिल एक्टर को ऐसा छोटा सा रोल मिला, जिसमें उनके करने
के लिए कुछ खास नहीं था। गिरीश कर्नाड बस ठीकठाक रहे।
रही बात संगीत की
तो माशा अल्लाह को छोड़कर फिल्म में ऐसा कोई गाना नहीं है, जो म्यूजिक लवर्स
की कसौटी पर खरा उतर सके। कभी, यशराज की फिल्मों का म्यूजिक फिल्म का प्लस
पॉइंट हुआ करता था,
लेकिन पिछली कुछ फिल्मों का संगीत इस कसौटी पर खरा नहीं
उतरता।
वैसे बेहतरीन
लोकेशन, ऐसे
बेमिसाल एक्शन सीन जिनकी तुलना आप हॉलिवुड फिल्मों के एक्शन सीन के साथ कर सकते
हैं। अतुल मिश्रा की बेहतरीन फोटोग्राफी इस फिल्म का प्लस पॉइंट है। वहीं, कमजोर स्क्रिप्ट के
बीच जोया-टाइगर की ठंडी प्रेम कहानी सलमान के फैंस की कसौटी पर शायद खरी न उतर
पाए।
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