(एडविन अमान)
नई दिल्ली (साई)। केंद्र सरकार ने गुरुवार को सर्वाेच्च न्यायालय से कहा कि तमिलनाडु सरकार का राजीव गांधी हत्याकांड के आरोपियों की सजा में छूट देने का फैसला मनमाना और पीड़ितों के अधिकार पर आघात करने वाला है.
केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत में प्रधान न्यायाधीश पी. सतशिवम, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एन.वी. रमण की पीठ को बताया कि तमिलनाडु सरकार का सजा में छूट देने का फैसला न्यायसीमा की परिधि से बाहर, मनमाना और संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन भी है.
केंद्र ने कहा कि फैसले में इस बात का भी ध्यान नहीं रखा गया कि मानव बम के हमले में कम से कम 18 निर्दाेष लोगों की जान गई थी और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. केंद्र सरकार ने कहा कि राज्य सरकार की कार्रवाई भेदभावकारी और परिवार एवं पीड़ितों के अधिकार से संबंधित अनुच्छेद 21 का उल्लंघन भी है.
फैसले को हड़बड़ी में और बदनीयत से लिया गया करार देते हुए केंद्र ने शीर्ष अदालत से कहा कि वह राज्य सरकार के अनधिकृत कार्रवाई में हस्तक्षेप की मांग करता है. तमिलनाडु सरकार ने कहा कि उसने केंद्र सरकार से राजीव गांधी हत्या मामले के सात दोषियों को रिहा करने के अपने फैसले पर नजरिए की मांग की है और उसके इस प्रस्ताव को अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती.
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