गड़करी के बाद
निशाने पर जेतली!
(महेश)
नई दिल्ली (साई)।
भारतीय जनता पार्टी में शीर्ष स्तर पर सब कुछ ठीक ठाक नजर नहीं आ रहा है। पूर्व
अध्यक्ष नितिन गडकरी की कारोबारी गतिविधियों की वजह से पहले फंस चुकी बीजेपी अब
अपने एक और सीनियर लीडर अरुण जेटली के पेशे की वजह से फंसती नजर आ रही है।
राज्यसभा के उपसभापति पी. जे. कुरियन के मामले में पार्टी को जवाब देना भारी पड़
रहा है। हालांकि पार्टी यह भी कह रही है कि कुरियन के केस के लिए अदालत में वकालत
करना जेटली का प्रोफेशन है लेकिन पार्टी के लिए मुसीबत यह है कि कुरियन ही बयान दे
रहे हैं कि जेटली को मालूम है कि वे बेकसूर हैं।
दरअसल, कुरियन पर जो आरोप
लगाए गए हैं, उन पर
अदालत में जेटली ही कुरियन के वकील के रूप में पेश हो चुके हैं। अब कुरियन का कहना
है कि जेटली को मालूम है कि वे बेकसूर हैं। उधर, पार्टी के लिए
मुसीबत यह है कि वह इसी वजह से कुरियन पर खुलकर हमले नहीं कर पा रही है। बीजेपी
प्रवक्ता निर्मला सीतारमन ने कहा कि अगर जेटली ने कुरियन की ओर से वकालत की है तो
यह उनका प्रोफेशनल मामला है लेकिन जहां तक बीजेपी का सवाल है, वह चाहती है कि जब
तक कुरियन पाक साफ साबित नहीं हो जाते, तब तक वे अपने पद से इस्तीफा दे दें।
हेलिकॉप्टर सौदे
में दी गई दलाली को लेकर अपने सीनियर लीडर जसवंत सिंह के बयान से अलग लाइन लेते
हुए बीजेपी ने साफ किया कि इस मामले में पूर्व वायुसेना अध्यक्ष त्यागी को पूरा
जवाब देना ही होगा। यही नहीं, त्यागी की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए।
बीजेपी प्रवक्ता का कहना है कि यह सही है कि जसवंत सिंह ने अपनी बात रखी है लेकिन
इस मामले को यूं ही नहीं छोड़ा जा सकता। इस मामले की जांच होनी चाहिए और यह साफ
होना चाहिए कि आखिर किन लोगों ने दलाली ली।
बीजेपी ने यूपीए सरकार
पर आरोप लगाया कि वह कोल ब्लॉक मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। पार्टी ने कहा
है कि जिस तरह से कोल ब्लॉक से जुड़े कागजात जानबूझकर सीबीआई को मुहैया नहीं कराए
जा रहे, उससे साफ
है कि सरकार इस मामले को टालने की कोशिश में है। 2006 से 2010 के बीच जो 142 कोल
ब्लॉक अलॉट किए गए,
उनमें ही घपला है लेकिन सरकार ने पहले इस मामले को टालने के
लिए 1993 से जांच कराने का आदेश दे दिया। लेकिन उस अवधि में सिर्फ 50 कोल ब्लॉक ही
आवंटित हुए थे। उन कोल ब्लॉकों के कागजात तो सरकार ने फौरन सीबीआई को दे दिए लेकिन
142 के कागजात अभी नहीं दिए।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें