बुधवार, 25 अप्रैल 2012

यूपी की हार से बदलेंगे कांग्रेस के सियासी समीकरण


यूपी की हार से बदलेंगे कांग्रेस के सियासी समीकरण

नपेंगे अनेक व्हाईट कालर हाई प्रोफाईल्ड पर्सन्स

(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। उत्तर प्रदेश में बुरी तरह हारी कांग्रेस में हार के कारणों के मंथन के साथ ही साथ अब राज्य और केंद्र में सियासी समीकरणों के बदलने की उम्मीद जताई जा रही है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को संभालने का दावा करने वाले अनेक नेताओं पर कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमति सोनिया गांधी और युवराज राहुल गांधी की नजरें इनायत होने ही वाली है।
कांग्रेस मुख्यालय के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश को लेकर हाल ही में हुई चिंतन बैठक में कांग्रेस के सर्वशक्तिमान महासचिव राहुल गांधी ने साफ तौर पर कह दिया कि वे कांग्रेस के नेताओं की जवाबदेही (अकांउटेबिलिटी) तय करेंगे। इसका सीधा आशय यह लगाया जा रहा है कि कांग्रेस के जिन नेताओं के पास उत्तर प्रदेश में प्रभार थे उन पर कार्यवाही निश्चित है।
सूत्रों ने आगे कहा कि कांग्रेस महासचिव राजा दिग्विजय सिंह को उत्तर प्रदेश के प्रभार से मुक्त किया जा सकता है। कांग्रेस के नेता अविनाश पाण्डे को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाया जा सकता है। इतना ही नहीं अब यूपी की कमान रीता बहुगुणा से लेकर किसी अन्य के कांधों पर रखी जा सकती है।
जिन नामों की उत्तर प्रदेश कांग्रेस के निजाम बनने की चर्चा है उनमें आर.पी.एन.सिंह और इरफान का नाम सबसे आगे चल रहा है। राशिद मसूद के भतीजे इरफान की कार्यशैली और भाषण देने की अदा पर राहुल गांधी फिदा बताए जा रहे हैं। इरफान को अगर यूपी की कमान दी जाती है तो इससे मुस्लिमों में अच्छा संकेत जाने की उम्मीद जताई जा रही है। कांग्रेस का एक बड़ा धड़ा इरफान का विरोध यह कहकर विरोध कर रहा है कि इरफान अभी जुम्मा जुम्मा चार दिन पहले ही पार्टी में आए हैं।
इसके अलावा यूपी कैंपेन कमेटी में शामिल केंद्रीय मंत्री श्री प्रकाश जायस्वाल और मीडिया कमेटी के चर्चित चेहरे, रूपहले पर्दे के अदाकर राज बब्बर भी सियासी तस्वीर में अपने आप को लगाए रखने के प्रयास में दिख रहे हैं। कहा जा रहा है कि इन दोनों ही को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।

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