यहां अजीब है
भारतीय रेल
(वर्षा अग्रवाल)
टाटानगर (साई)।
टाटानगर में भारतीय रेल का अलग ही चेहरा सामने आता है। टाटानगर से बादामपहाड़ जाने
वाली रेलगाड़ी कुछ अनोखे ही अंदाज में पटरी पर दौड़ती है। यह रेल हाथ देने पर रूक
जाती है और इसमें यात्री बसों के मानिंद ही रेल में चलित टिकिट परीक्षक यानी टीटीई
द्वारा किराया वसूला जाता है। यह भाड़ा भी टीटीई द्वारा खुद ही तय कर रखा हुआ है।
चक्रधरपुर रेल मंडल
में एक ट्रेन ऐसी भी चलती है, जिसमें सफर करने के लिए यात्रियों को टिकट
लेने की जरूरत नहीं पड़ती है। यह ट्रेन यात्री के हाथ देने पर कहीं भी रुक जाती है।
यात्री जब चाहें कभी भी इस पर चढ़ कर सफर कर सकते हैं। ट्रेन में सफर के दौरान बस
कंडक्टर की तरह टीटीइ यात्री से पैसे वसूलते हैं, पर टिकट नहीं देते।
यह अनोखी ट्रेन टाटानगर से खुलने वाली टाटा-बादामपहाड़ पैसेंजर है।
टाटानगर स्टेशन से
खुलने के बाद ट्रेन मक्खदमपुर रेलव क्रासिंग पार करती है। उसके बाद टीटीइ कोच में
टिकट चेकिंग शुरू करता है। चेकिंग के दौरान टीटीइ यात्रियों से पैसे वसूलता है।
इससे लगेगा कि यात्रा ट्रेन में नहीं, बस में हो रही हो। यात्रियों को इस बात की
पूरी गारंटी रहती है कि टिकट नहीं होने पर उनसे जुर्माना नहीं वसूला जायेगा। टाटा
नगर से ट्रेन खुलने के बाद इसका पहला पड़ाव हल्दीपोखर है, पर ट्रेन मकदमपुर
रेलवे क्रॉसिंग और करनडीह रेलवे क्रॉसिंग पर भी नियमित रुकती है।
यात्रा के दरम्यान
यात्रियों ने साई न्यूज से चर्चा के दौरान बताया कि टाटानगर से बादामपहाड़ के बीच
प्रत्येक स्टेशन का किराया तय है, लेकिन यह किराया रेलवे ने नहीं, बल्कि टीटीइ ने तय
किया है। किराया रेलवे के किराये से पांच से सात रुपये ज्यादा है। अगर कोई यात्री
ज्यादा सवाल-जवाब करता है, तो टीटीइ यात्री पर फाइन चार्ज करने की धमकी देते हैं।
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