शुक्रवार, 23 मार्च 2012

कांग्रेस से पींगे बढ़ रही हैं त्रिवेदी की


कांग्रेस से पींगे बढ़ रही हैं त्रिवेदी की

ममता और त्रिवेदी के बीच बढ़ चुकी है खटास

त्रणमूल के विभीषण बन सकते हैं त्रिवेदी
 
(लिमटी खरे)

नई दिल्ली (साई)। कांग्रेस के राजनैतिक प्रबंधकों ने त्रणमूल कोटे से बने पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी के माध्यम से ममता बनर्जी को झटका देने की तैयारियों को तेज कर दिया है। ममता बनर्जी द्वारा बड़े ही बेआबरू तरीके से रेल मंत्रालय से बाहर किए गए त्रिवेदी और कांग्रेस के राजनैतिक प्रबंधकों के बीच खिचड़ी पकती दिख रही है। त्यागपत्र देने के पहले दिनेश त्रिवेदी द्वारा ममता बनर्जी के खिलाफ पजाई गई तेज धार से इस बात के संकेत मिल रहे थे कि दिनेश त्रिवेदी ज्यादा समय तक रेल मंत्री नहीं रह पाएंगे साथ ही साथ उनकी त्रणमूल से बिदाई के मार्ग भी प्रशस्त हो चुके हैं।
त्रणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी के करीबी सूत्रों का कहना है कि दरअसल, दिनेश त्रिवेदी द्वारा रेल मंत्रालय में त्रणमूल कांग्रेस का प्रभुत्व समाप्त करने के काम की शिकायतें ममता बनर्जी को लगातार मिल रही थीं। सूत्रों ने बताया कि ममता बनर्जी के करीबी उद्योगपतियों को भी त्रिवेदी द्वारा घास नहीं डाली जा रही थी। दिनेश त्रिवेदी अपनी कार्पोरेट सोच के चलते कुछ व्यवसाई केंद्रीय मंत्रियों के हाथों की कठपुतली बन गए थे।
उधर, त्यागपत्र के पहले दिनेश त्रिवेदी के हवाले से जो जुमले मार्केट में आए वे ममता बनर्जी और दिनेश त्रिवेदी के बीच कड़वाहट और खुदी खाई को रेखांकित करने के लिए पर्याप्त माने जा रहे थे। दिनेश त्रिवेदी के हवाले से कहा गया कि ममता बनर्जी अगर उनका त्यागपत्र चाह रहीं हैं तो वे लिखित में दें। फिर यह बात सामने आई कि रेल मंत्रालय रायटर्स बिल्डिंग से नहीं चलता, वे सिर्फ अपनी अंतरात्मा की आवाज ही सुनते हैं।
कांग्रेस के सत्ता और शक्ति के शीर्ष केंद्र 10, जनपथ (सोनिया गांधी का सरकारी आवास) के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि ममता बनर्जी की धमकी से नाराज कांग्रेस की राजमाता के इशारों पर कांग्रेस के रणनीतिकारों ने दिनेश त्रिवेदी को त्रणमूल कांग्रेस में दो फाड करवाने की महती जवाबदारी सौंपी गई है।
सूत्रों के अनुसार दिनेश त्रिवेदी को यह आश्वासन दिया गया है कि उन्हें बरास्ता राज्यसभा संसदीय सौंध तक पहुंचाने का जिम्मा कांग्रेस का है, बशर्ते वे त्रणमूल में विद्रोह का बिगुल बजवा दें। वर्तमान में अगर त्रिवेदी त्रणमूल को छोड़ते हैं तो उन्हें दल बदल विधेयक के तहत सात सांसदों की आवश्यक्ता होगी।
उधर, त्रणमूल कांग्रेस में भी ममता बनर्जी की कथित हिटलरशाही से अनेक कार्यकर्ता और सांसद नराज हैं। कहा जा रहा है कि इन नाराज सांसदों की सूची भी कांग्रेस के रणनीतिकारों ने त्रिवेदी को मुहैया करवा दी गई है। कांग्रेस ने अपना विभीषण चुन लिया है। चर्चा है कि पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी इन दिनों त्रणमूल के ममता से नाराज सांसदों सुब्रतो बनर्जी, कबीर सुमन आदि के सतत संपर्क में हैं।

कोई टिप्पणी नहीं: