कालोनी के नाम पर उड़ रहा छपारा में मजाक!
नियम कायदों की परवाह नहीं है किसी भी कालोनाईजर को
(गजेंद्र ठाकुर)
सिवनी (साई)। छपारा मे अवैध कॉलोनियों का मकडजाल जमकर फैला हुआ है। आम लोगों
को कॉलोनाइजर, विकास कराने का आश्वासन दे प्लाट बेच
रहे हैं। वर्तमान मे स्थिति यह है कि जिन लोगों ने पूर्व मे प्लाट खरीदकर मकान
बनवा लिया है वे अब मूलभूत सुविधाओं बिजली, पानी व सडक के
लिये तरस रहे है।
तीस हजार से अधिक आबादी वाले छपारा नगर मे कालोनियों के विकास का दौर
जबरदस्त चल रहा है। प्रतिस्पर्धा के चलते लोग सारे नियम कानून मापदंण्डों को भूलकर
प्लाट खरीदने मे लगे हुये हैं। शहरी क्षेत्र से सम्पर्क व विकास की द्वष्टि से जो
माहौल छपारा मे बना है, उसका फायदा
कालोनाईजर उठाने मे पीछे नही है।
समय को देखते हुये नगर के बीचों बीच कृषि भूमि के प्लाटों की बिक्री
जबरदस्त तरीके से की जा रही है, वही बिचौलिये भी
अपना हुनर दिखाने मे पीछे नही हैं। देखा जाए तो अब छपारा मे बिकने वाले प्लाट व
जमीनों की कीमतों मे भारी वृद्धि हुई है, वहीं कलोनाईजर
विकास कराए बिना अपनी कालोनियांे के प्लाट बेच रहे है।
सुविधाओं का अभाव
शहरी क्षेत्रों की तरह कालोनियों के निर्माण से आशान्वित क्षेत्र के लोग
उम्मीद लगा बैठे थे कि ऐसा ही कुछ माहौल यहा दिखाई देगा। कालोनी मे सब सूविधाएं
होगी, लेकिन यहां कालोनाईजर मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराए बिना लोगों
को प्लाट बेच रहे है।
नियम कायदे ताक पर प्रशासन चुप
छपारा नगर मे भूमि मालिकों ने कालोनियों के निर्माण को कराने की बजाय सारे
नियमों को ताक पर रख, प्लांिटंग कर बेच
डाला। जिस समय छपारा नगर कालोनी विकास की तरफ आगे बढ़ रहा था उस समय क्षेत्रीय
तहसीलदार सहित ग्राम पंचायत के पदाधिकारीयों को सक्रियता दिखाते हुये बन रही अवैध
कॉलोनियों पर शिंकजा कसना चाहिए था, लेकिन प्रशासनिक
लापरवाही के चलते छपारा नगर मे कालोनाईजर करोडों की जमीन बेचकर चुपचाप बैठे गये
है।
कॉलोनीवासी हो रहे परेशान
कॉलोनियां जब भी बनती है तो पहले कॉलोनाइजर सडक, नाली, बिजली, पानी की सुविधाएं मुहैया कराता है तब कहीं जाकर अनुविभागीय
अधिकारी प्लाट बेचने की अनुमति प्रदान करता है तथा स्थानीय निकाय उन आदेशों के
अनुरूप, कॉलोनाईजर को अपनी सहमति देता है। नगर में तो ऐसा कुछ नही हुआ
और प्लाट बेच दिये गये। अब कॉलोनीवासी मूलभूत सुविधाओं के अभाव मे परेशान नजर आ
रहे है इस संबंध मे कई शिकायतें स्थानीय ग्राम पंचायत, राजस्व अधिकारी, जिला प्रशासनिक
अधिकारियों को भेजी जा चुकी है।
एक दर्जन से अधिक अवैध कॉलोनी
देखा जाए तो छपारा नगर जहां विकास की ओर बढ रहा है वही लगभग 1 दर्जन अवैध कालोनियां अपना पैर पसार चुकी हैं। प्रमुख रूप से
एन एच 7 से लगे क्षेत्र मे फरेश कालोनी, महाराणाप्रताप कालेानी, चौरसिया कालोनी, हनुमान कालोनी, जैसवाल कालोनी, अग्रवाल कालोनी, डाक्टर कालोनी, दुर्गाकालोनी, मातावार्ड कालोनी, संजय कालोनी, गोबिंद धाम
कालोनी, के अलावा अनेक
कॉलोनियां ऐसी हैं जो कि अवैध है। कालोनाईजर या भूमि मालिक विकास का आश्वासन देकर
लोगों को गुमराह कर प्लाट बनाकर जमीन बेच रहे है।
राजस्व विभाग की शिथिलता
नगर मे अवैध कॉलोनी का संचालन कर रहे कालोनाइजरों पर नकेल कसने मे राजस्व
विभाग की शिथिलता और कालोनी निर्माण के लिये बनाये गये नियम कानूनों का कहां तक
पालन हो रहा है यह तो छपारा नगर मे देखने को मिल सकता है जहां भीमगण रोड पर
गांेबिद धाम नाम पर कृषि भूमि, बिना लायसेंस के
धडल्ले से कलोनी हेेतु प्लाटिंग की जा रही है। बताया जाता है कि प्लाट विक्रेता
राहुल गुप्ता सिवनी निवासी ने छपारा निवासी गोदावरी नायक से सवा तीन एकड़ कृषि भूमि
खरीदी है। जहां कृषि भूमि मे प्लाटिंग की जा रही है। इस तरह उक्त कृषि भूमि को
बिना अकृृषि भूमि मंे बदले अवैध कलोनी तैयार की जा रही है व कृषि भूमि में बिना
डार्यवर्सन के प्लाट काटे जा रहे है
बरसात मेें बढी समस्यएं
विकास न होने से नगर की अनेक कॉलोनियां दुर्दशा का शिकार हैं। पहली ही
बरसात मे लोग सड़क न होने से कीचड़ मे सफर कर रहे हैं। यहां चिकनी मिटटी होने से
कीचड़ जबरदस्त हो जाता है। पैदल व वाहन चालक स्लिप होकर गिर रहे हैं।, पीने के पानी के लिये लोग इसी कीचड़ से होकर आना जाना कर रहे
हैं। यदि और बारिश होती है तो कीचड़ और अधिक हो जायेगा, जहां अनेक बीमारियां गंदगी के कारण फैलने की संभावना भी दिखाई
दे रही है।
मालामाल हुये भू-मालिक
अवैधानिक तरीके से कालोनाइजर व भू-मालिकों ने अपनी जमीन को, प्रत्येक मे 100 से अधिक प्लाट
काटकर बेच चुके है। प्लाट खरीदने वालों को इस तरह से आश्वासन दिया जाता है कि
प्लाट बिक जाने से आई राशि से विकासकार्य कराए जाएंगे लेकिन भू-मालिक प्लाट बेचकर
करोडों कमाकर बैठ गये। अब किसान के लिए प्लाट खरीदने वाले राह देख रहे है कुछ
प्लाट मालिक तो न्यायालय की शरण मे जाने की मंशा बना चुके है।
प्रशासन से अपील
अवैध कॉलोनियों के निर्माण व झूठे आश्वासन देने वाले भू-मालिकों के
विरूद्ध छपारा वासियों ने सिवनी कलेक्टर सहित राजस्व विभाग के अधिकारियों से मांग
की है कि क्षेत्र का निरीक्षण किया जाए। ताकि अवैध कॉलोनियों का खुलासा हो सके और
नियमानुसार विकास के रास्ते सुनिश्चित हो सकें।
कथन
सभी प्राईवेट कॉलोनियों के दस्तावेज देखकर ही बता पायंेगे कि कौन सी
कॉलोनी वैध है और कौन सी अवैध है। वैसे तो कॉलोनी से संबंधित सारे मामले पंचायत के
अंतर्गत आते हैं। मै आर.आई. और पंचायत को सूचित कर मामला दिखवाता हूं।
करतार सिंह बघेल तहसीलदार छपारा
कुछ कालोनियों के पंचायत को हेंडओवर करने से संबंधित दस्तावेज पंचायत मे आ
चुके हैं। कुछ कालोनी मालिकोे ने पंचायत की दस्तावेजी औपचारिकता पूर्ण नहीं की है
लेकिन फिर भी पंचायत द्वारा कीचड़ वाली सडकों पर मुरम व डस्ट डालने के लिये
प्रस्ताव पारित किया जा रहा है।
ललित शर्मा सचिव ग्राम पंचायत छपारा।
वार्ड की नाली की सफाई कभी भी नही होती बरसात मे नाली जाम हो गयी है जिससे
घरो मे गंदा पानी प्रवेश कर रहा है और सडक मे कीचड़ होने से सभी वार्ड वासी परेशान
है।
महमूद अली रहवासी संजय कालोनी वार्ड क्रं. 17
बटवारा न होने के कारण कालोनी पंचायत को हेेंडओवर नही हुई है, लेकिन पंचायत सभी रहवासीयों से मकान व नल टैक्स लेती है
इसलिये पंचायत ही सडक की मरमम्मत करवायेगी।
प्रतुल सोनी कालोनाईजर डॉक्टर कालोनी
सडकों पर बेहद कीचड़ हो गयी है। रहवासियों को चलना दूभर हो गया है।
कालोनाईजर और पंचायत दोनो ध्यान नही दे रहे है।
चेतराम डहेरिया रहवासी डॉक्टर कालोनी
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