गुरुवार, 27 सितंबर 2012

एमपी की मुक्त कंठ से प्रशंसा की गडकरी ने

एमपी की मुक्त कंठ से प्रशंसा की गडकरी ने

(यशवंत)

नई दिल्ली (साई)। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नितिन गडकरी ने सूरजकुंड में आयोजित राष्ट्रीय परिषद की बैठक में मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर में वृद्धि की सराहना की है। उन्होंने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि यू.पी.ए. के अड़ंगेबाजी के बावजूद मध्यप्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों ने कृषि विकास दर को बढ़ाने में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा कि जब देश की प्रगति का इंजन राज्य बन रहे हैं तब यह अफसोस है कि केन्द्र रोड़े अटका रहा है। श्री गडकरी ने कहा कि भाजपा-एन.डी.ए. सरकारों द्वारा विधानमंडलों में पारित बिल अटकाये रखने के लिए राज्यपाल जैसी संवैधानिक संस्था का दुरूपयोग और निधि उपलब्ध कराने में देरी से लेकर गेहूं की बोरियां देने में अडं़गेबाजी तक कितने सारे हथकंडे केन्द्र ने अपनाये है।
श्री गडकरी ने कहा कि विकास के लिए भाजपा की सरकारें बेहतर कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध एवं भारतीय ज्ञान विश्वविद्यालय की स्थापना करते हुए ऐतिहासिक कदम उठाया है।
श्री गडकरी ने मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर के साथ ही मध्यप्रदेश में सिंचाई क्षमता में हुई वृद्धि का विशेष तौर पर उल्लेख करते हुए प्रशंसा की। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2003 से 2011 तक 8.20 लाख हैक्टेयर की नयी सिंचाई क्षमता विकसित की गई। वर्ष 99 से 2003 तक यह वृद्धि 2.80 लाख हेक्टेयर थी। जो सिंचाई वर्ष 2002-03 तक 7.5 लाख हैक्टेयर में होती थी, वहीं वर्ष 2011-12 में बेहतर प्रबंधन से 22 लाख हेक्टेयर तक पहुंची है। पिछले 2 वर्षों में 723 लघु सिंचाई योजनाएं पूरी की है। अगले दो वर्षों में 500 नई लघु सिंचाई योजनाएं पूरी की जाएंगी। इस वर्ष रबी की खेती के लिए 16.5 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की गई हैं।
खेती को लाभ का काम बनाने के के उद्देश्य से मध्यप्रदेश में कृषि कैबिनेट का गठन किया गया है जिसमें कृषि, बागवानी, पशुपालन और डेयरी, मत्स्य, सहकारिता, जल संसाधन जैसे विभागों को शामिल किया गया है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार द्वारा रु. 100 का बोनस देकर 85 लाख टन से अधिक गेहूं का रिकार्ड उपार्जन किया गया है। प्रदेश देश में गेहूं उत्पादक वाले राज्यों में हरियाणा के साथ दूसरे नम्बर पर है।

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