संजीवनी बनी संजीवनी
एक्सप्रेस
(आंचल झा)
रायपुर (साई)।
राज्य सरकार द्वारा सड़क दुर्घटना सहित किसी भी आपात परिस्थिति में मरीजों को
तत्काल अस्पताल पहुंचाने के लिए शुरू की गई 108 संजीवनी एक्सप्रेसश् मुसीबत में फंसे लोगों
के लिए वरदान साबित हो रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा 25 जनवरी 2011 को रायपुर और
बस्तर जिले से शुरू की गई इस योजना का आज सात
जिलों में विस्तार हो चुका है।
इस एम्बुलेंस सेवा
के माध्यम से अब तक 38 हजार 722 लोगों को आपात परिस्थितियों में अस्पताल
पहुंचाया गया है। इनमें सर्वाधिक प्रकरण प्रसव से संबंधित हैं। संजीवनी एक्सप्रेस
के रायपुर स्थित नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार योजना शुरू होने से
लेकर एक अक्टूबर तक कुल दस लाख 15 हजार 227 कॉल प्राप्त हुए
हैं।
इनमें से इमरजेंसी
कॉल केवल 45 हजार थे।
इमरजेंसी कॉल पर संजीवनी एक्सप्रेस द्वारा 38 हजार 722 लोगों को अस्पताल
पंहुचाया गया है। इनमें मेडिकल केश 35 हजार 395, पुलिस से संबंधित
प्रकरण दो हजार 675 और अग्नि
दुर्घटना से संबंधित 652 प्रकरण शामिल हैं।
संजीवनी एक्सप्रेस
के अधिकारियों ने बताया कि सर्वाधिक इमरजेंसी कॉल प्रसव से संबंधित होते हैं। अब
तक प्रसव पीड़ा से पीड़ित 13 हजार 690 महिलाओं को अस्पताल पहुंचाया गया है।
उन्होंने बताया कि महिलाओं को ना केवल अस्पताल पहुंचाया गया, बल्कि अस्पताल ले
जाने के दौरान महिला का ब्लड प्रेसर नियंत्रण सहित जरूरी उपचार भी किए गए हैं।
एम्बुलेंस में
तैनात तकनीकी सहायकों द्वारा लगभग एक दर्जन महिलाओं का आपात परिस्थिति में
एम्बुलेंस में ही प्रसव कराया गया है। उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटना के पांच
हजार एक सौ, आत्महत्या
के एक हजार पांच, श्वांस
संबधी बीमारियों के 851, हृदयाघात के 726 तथा चौदह हजार 23 अन्य आपात
परिस्थितियों से संबंधित है।
उल्लेखनीय है कि श्108 संजीवनी
एक्सप्रेसश् रायपुर और बस्तर के अलावा धमतरी, जशपुर, रायगढ़, बिलासपुर और कोरिया जिले में संचालित है।
रायपुर जिले में संचालित 25 एम्बुलेंस के माध्यम से 21 हजार 108,बस्तर में 11 एम्बुलेंस के
माध्यम से 12 हजार 404, धमतरी में पांच
एम्बुलेंस के माध्यम से डेढ़ हजार, जशपुर में सात एम्बुलेंस के माध्यम से एक
हजार 520, रायगढ़ में
नौ एम्बुलेंस के माध्यम से एक हजार 210, बिलासपुर में 16 एम्बुलेंस के
माध्यम से 750 और कोरिया
जिले में पांच एम्बुलेंस के माध्यम से 230 मरीजों को आपात परिस्थितियों में अस्पताल
पहुंचाया गया है।
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