हर्बल खजाना
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कोलेस्ट्रॉल को कम
करती है हल्दी
(डॉ दीपक आचार्य)
अहमदाबाद (साई)। हम
सभी हल्दी के बहुत से गुणों से चिरपरिचित है और रोजमर्रा की जिंदगी में इसका
इस्तेमाल न सिर्फ मसाले के तौर पर करते है बल्कि हल्दी आज भी पारंपरिक नुस्खों में
अपना एक महत्वपूर्ण स्थान लिये है। हल्दी का वानस्पतिक नाम करकुमा लोन्गा है।
हल्दी में उड़नशील
तेल, प्रोटीन,
खनिज पदार्थ, कारबोहाईड्रेट आदि के कुर्कुमिन नामक एक
महत्वपूर्ण रसायन के अलावा विटामिन। भी पाए जाता है। हल्दी मोटापा घटाने में सहायक
होती है। हल्दी में मौजूद कुर्कुमिन शरीर में जल्दी घुल जाता है। यह शरीर में वसा
वाले ऊतकों के निर्माण को रोकता है।
पारंपरिक हर्बल
जानकारों की मानी जाए तो यह शरीर के किसी भी अंग में होने वाले दर्द को आसानी से
कम कर देती है। यदि दर्द जोड़ों का हो तो हल्दी चूर्ण का पेस्ट बनाकर लेप करना
चाहिए। हड्डी टूट जाने, मोच आ जाने या भीतरी चोट के दर्द से निजात पाने के लिए गर्म
दूध में हल्दी मिलाकर पीना फायदेमंद है।
आधुनिक शोध से पता
चलता है कि हल्दी एल डी एल कोलेस्ट्रॉल को कम करती है जिससे हृदय संबंधी रोग होने
का खतरा कम हो सकता है। हल्दी त्वचा की रंगत बनाने में मदद करती है तथा चेहरे की
झांइयां दूर करने के लिए हल्दी पाउडर में खीरे या नीबू का रस मिलाकर 15 मिनट तक चेहरे पर
लगाया जाए फिर साफ पानी से धो लिया जाए तो बडी आसानी से फ़र्क महसूस किया जा सकता
है।
आदिवासी मानते है
कि रोज रात में कच्ची हल्दी का जूस पिया जाए तो यह महिलाओं मे आस्टियोपोरोसिस के
खतरों को कम करता है। पातालकोट के हर्बल जानकारों की मानी जाए तो पेट में कीड़े
होने पर १ चम्मच हल्दी चूर्ण रोज सुबह खाली पेट एक सप्ताह तक ताजे पानी के साथ
लेने से कीड़े खत्म हो सकते हैं।
यदि मुंह में छाले
हो जाएं तो गुनगुने पानी में हल्दी पाउडर मिलाकर कुल्ला करें या हलका गर्म हल्दी
पाउडर छालों पर लगाएं, इससे मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं। डाँग- गुजरात के
आदिवासियों के अनुसार हल्दी को सेंक कर रात में मुँह में दबाकर सोया जाए तो खाँसी
में आराम के साथ दंत रोगों मे भी फ़ायदा होता है। (साई फीचर्स)
(लेखक हर्बल मामलों के जाने माने विशेषज्ञ
हैं)
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