जनसंपर्क का प्रभार
बिसेन को!
(नंद किशोर)
भोपाल (साई)। मध्य
प्रदेश में मीडिया बिरादरी में आजकल यह चर्चा तेज हो गई है कि आखिर प्रदेश का
जनसंपर्क मंत्री कौन है? सरकारी सूची के अनुसार तो जनसंपर्क का दायित्व लक्ष्मीकांत
शर्मा के पास है पर अगर किसी अखबारनवीस को विज्ञापन चाहिए तो उसे सहकारिता मंत्री
गोरी शंकर बिसेन की चिरौरी करने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
जनसंपर्क महकमे के
आला दर्जे के सूत्रों ने समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि मध्य प्रदेश सरकार
की योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने के लिए पाबंद इस महकमे के एक आला अधिकारी द्वारा
किए गए काम से साफ जाहिर हो रहा है कि मध्य प्रदेश का जनसंपर्क महकमा अपने विभागीय
मंत्री लक्ष्मी कांत शर्मा से ज्यादा तवज्जो सहकारिता मंत्री गोरी शंकर बिसेन को
दे रहा है।
जनसंपर्क विभाग के
एक अधिकारी ने नाम उजागर ना करने की शर्त पर कहा कि प्रदेश के एक समाचार पत्र को
विज्ञापन रोक दिए गए। इस पर उक्त समाचार पत्र के मालिक संपादक द्वारा जनसंपर्क के
आला अधिकारियों से इस बारे में गुहार लगाई। काफी दिनों तक जब इसका निकाल नहीं
निकला तो वह हताश हो गया, और एक अधिकारी से व्यक्तिगत तौर पर संपर्क करने जा पहुंचा।
चर्चा में आश्वासनों के अलावा और कुछ भी उस मालिक संपादक को नही मिला।
उक्त अधिकारी ने
कहा कि उक्त मालिक संपादक उस वक्त हैरान रह गया जब उसके मोबाईल पर जनसंपर्क विभाग
के एक उच्चाधिकारी का एसएमएस गया। बताते हैं कि उक्त एसएमएस की इबारत थी कि वी केन
नाट इग्नोर ओनरेबल मिनिस्टर, प्लीज कांटेक्ट श्री गोरी शंकर बिसेन एण्ड .
. .। कहा जा रहा है कि उक्त संपादक मालिक के समाचार पत्र से गौरी शंकर बिसेन बुरी
तरह खफा चल रहे हैं।
जैसे जैसे यह बात
मीडिया के बंदों के पास पहुंची सभी हत्प्रभ रह गए कि जनसंपर्क मिनिस्टर तो लक्ष्मी
कांत शर्मा हैं, फिर
जनसंपर्क विभाग के आला अधिकारी आखिर विज्ञापन के लिए शर्मा को छोड़कर गौरी शंकर
बिसेन की नाराजगी दूर करने की बात क्यों कर रहे हैं। पत्रकारों को अचानक लगा कि
कहीं हाल ही के मंत्रीमण्डल विस्तार में लक्ष्मीकांश शर्मा की जगह गौरी शंकर बिसेन
को तो जनसंपर्क की जवाबदारी नहीं सौंप दी गई?
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