रविवार, 15 जुलाई 2012

संसद भंग करने की याचिका खारिज


संसद भंग करने की याचिका खारिज

(साई इंटरनेशनल डेस्क)

काहिरा (साई)। मिस्र की सर्वाेच्च अपील अदालत ने संसद भंग किए जाने को चुनौती देने के लिए संसद द्वारा दायर याचिका सर्वसम्मति से खारिज कर दी है। अदालत ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेश की समीक्षा करना उसके दायरे में नहीं है। हमारे संवाददाता ने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने संसद के निचले सदन के चुनावों को अवैध घोषित कर दिया था।
ज्ञातव्य है कि मंगलवार को फिर से बहाल की गई संसद ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा राष्ट्रपति के आदेश को खारिज करने के खिलाफ सर्वाेच्च अपीली अदालत में याचिका दायर की। राष्ट्रपति मोहम्मद मर्सी ने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया था, जिसके तहत संसद को भंग कर दिया गया था।
इसके साथ ही उन्होंने संसद को फिर से बहाल कर नये सत्र को बुलाया था। अदालत के इस फैसले को राष्ट्रपति मुर्सी के लिए एक झटके के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि बुधवार को राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा था कि वे अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं मगर कोई बीच का रास्ता निकाला जाएगा।
उधर, अमरीका ने फिर कहा है कि वह मिस्र को लोकतांत्रिक प्रक्रिया सुचारू बनाने में पूर सहयोग देगा। मिस्र की यात्रा पर गई अमरीकी विदेशमंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कल काहिरा में राष्ट्रपति मोहम्मद मोरसी से मुलाकात में द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने मिस्र को अपने देश के राजनीतिक और आर्थिक समर्थन को दोहराया। बाद में मिस्र के विदेशमंत्री मोहम्मद अम्र के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अमरीका की विदेशमंत्री ने कहा कि उनका देश मिस्र के साथ अच्छा भागीदार बनना चाहता है।

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