पूर्वोत्तर में बाढ़
बरपा ही कहर
(पुरबालिका हजारिका)
गोवहाटी (साई)। असम
में बाढ़ की स्थिति में सुधार होने के बाद पिछले २४ घंटों में करीब ७७ हजार लोग
राहत शिविरों से चले गए हैं। ब्रह्घ्मपुत्र सहित सभी प्रमुख नदियों में पानी कम हो
गया है। बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में अब तक २७ लोग मारे गए हैं और छह लापता हैं।
मुख्यमंत्री तरुण गोगोई आज ऊपरी असम के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे।
सरकारी सूत्रों ने
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया को बताया कि राज्य के कृषि मंत्री ने बाढ़ प्रभावित
क्षेत्रों के किसानों के लिए कुछ उपायों की घोषणा की है। इसके तहत असम सरकार ने
चार लाख दस हजार कृषि भूमि पर दो सौ करोड़ रुपये की लागत से विशेष योजना की घोषणा
की है।
सूत्रों ने बताया
कि इस योजना से बाढ़ प्रभावित बारह लाख लोगों को फायदा होगा। प्रदेश के तीन लाख २८
हजार हैक्टेयर कृषि भूमि बाढ़ की चपेट में है। इस योजना के तहत किसानों को टैक्टर
और पावर टीलर खरीदने के लिए ५० प्रतिशत सब्सिडी भी दिये जाएंगे। साथ ही निचले असम
के हिंसाग्रस्त जि$लों के
किसानों को भी सरकार की तरफ से सुविधा मुहैया किया जाएगा।
उधर दिल्ली समाचार
एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो से रश्मि सिन्हा ने बताया कि सरकार, बाढ़ से होने वाली
तबाही को कम करने के लिए बाढ़ पूर्वानुमान तथा चेतावनी प्रणाली के विस्तार और
आधुनिकीकरण पर ध्यान दे रही है। नई दिल्ली में कल राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन
प्राधिकरण के आठवें स्थापना दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम में जल संसाधन विकास
मंत्री, पवन बंसल
ने बताया कि जल प्रबन्धन, विशेष तौर से बाढ़ से निपटने के काम में संबंधित राज्यों के
बीच सहयोग बढ़ाने के लिए नदी -थाला संगठनों को शामिल किया जाएगा।
गंगटोक से सिक्किम
समाचार एजेंसी ऑफ इंडिया के ब्यूरो ने बताया कि सिक्किम के उत्तरी हिस्से में बाढ़
और भूस्खलन का असर ११ गांवों के नौ हजार से अधिक लोगों पर पड़ा है। हमारे संवाददाता
ने बताया कि राज्य के मुख्य सचिव करमा ग्यात्सो ने वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में
स्थिति का जायजा लिया और प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा
की।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आपदा राहत बचाव
अभियान में जोरशोर से जुटी सीमा सड़क संगठन ने सिक्किम प्रशासन को आगामी दो हफ्तों
में राज्य के उत्तरी भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी सड़क सुविधा बहाल
करने का आश्वासन दिया है। दिगर इन इलाकों में घटना के बाद से पिछले करीब एक सप्ताह
से बंद पड़े सभी शिक्षा संस्थानों को फिर से खोल दिया गया है। इस बीच, जि$ला प्रशासन ने कहा
है कि उनके भंडारण में पर्याप्त खाद्यान उपलब्ध है।
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